जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल ने बोया था 'परिवारवाद का जहर' Thread🧵
बहन को राजदूत बनाने के लिए 'सब कुछ' खोने को तैयार थे नेहरू
घांडी को गाँधी बनाने से लेकर रेहान को 'राजीव' बनाने तक की कहानी
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भारत में जब भी परिवारवाद की बात होती है, नेहरू-गाँधी परिवार सबसे पहले चर्चा में आता है। सोनिया गाँधी (राज्यसभा सांसद), राहुल गाँधी (अमेठी सांसद), प्रियंका गाँधी (वायनाड सांसद) और रॉबर्ट वाड्रा की राजनीतिक महत्वाकांक्षा भी इसका उदाहरण है। यहाँ तक कि कॉन्ग्रेस का एक बड़ा वर्ग प्रियंका के बेटे रेहान को भी भविष्य का नेता मानता है। 2/10
Jul 21 • 10 tweets • 5 min read
पाकिस्तान के हिंदू मंदिर भाग: 1 | Thread🧵
कटासराज मंदिर में है भगवान शिव के आंसुओं का कुंड
यक्ष ने पांडवों से यहीं पूछे थे सवाल। वक्फ बोर्ड की करतूत से सूख रहा था कुंड, लेकिन फिर... Thread👇👇1/10
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इतिहास
भगवान शिव को समर्पित कटासराज मंदिर हिंदुओं के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है। पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव के मना करने के बाद भी माता सती अपने पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में चली गईं थीं। जहां दक्ष प्रजापति ने भगवान शिव का अपमान कर दिया। माता सती भगवान शिव का अपमान सहन नहीं कर सकीं और यज्ञ कुंड में कूदकर भस्म हो गईं।
इस घटना से भगवान शिव बेहद दुखी हुए। दुख के कारण उनके आँसू बहने लगे। इन्हीं आँसुओं की एक बूंद कटासराज में तो वहीं दूसरी बूंद राजस्थान के तीर्थ क्षेत्र पुष्कर में गिरी थी। भगवान शिव के अश्रु की बूंद कटासराज में गिरने से वहां एक कुंड का निर्माण हो गया था। इस कुंड को कटाक्ष कुंड के नाम से जाना जाता है। यह कुंड आज भी कटासराज में स्थित है। ऐसी मान्यता है कि इस कुंड में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं। 2/10
Jul 16 • 16 tweets • 6 min read
धर्मांतरण के सरगना छांगुर पीर का इतिहास और उसके काले कारनामे
एक भिखारी ने कैसे बनाई अरबों की संपत्ति
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छांगुर का बचपन गरीबी में बीता, उसने शुरू में भीख माँगकर अपना घर चलाया। कुछ समय तक मुंबई चला गया। वहाँ से वापस आने के बाद उसने लोगों से कहा कि वह एक पीर है। खुद को पीर बताने के चलते कई लोग छांगुर से जुड़ने लगे। नवीन रोहरा (जमालुद्दीन) और उनकी पत्नी नीतू रोहरा (नसरीन) भी इसी दौरान मुंबई में बाबा से मिले और पूरे परिवार के साथ इस्लाम अपना लिया था।
मुंबई से वापस आने के बाद बाबा ने गांव में प्रधान का चुनाव दो बार जीता। इसके बाद उसने लोगों से मिलने के लिए एक दरगाह के पास ही जगह बना ली। दूर-दूर से लोग उसके पास आने लगे। 2/15
Jan 21, 2023 • 5 tweets • 2 min read
बागेश्वर धाम पर प्रश्न उठाने वाले चैनलों में कम से कम दो घंटे ज्योतिष, टैरो रीडिंग आदि के प्रोग्राम होते हैं। क्यों? क्योंकि उसकी TRP है। यह आक्रमण अचानक नहीं, सुनियोजित है। धीरेन्द्र शास्त्री जी आदिवासी क्षेत्रों में धाम के खर्चे पर कथा कहते हैं, जहाँ कन्वर्जन सर्वाधिक है।
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इसलिए, उन पर आक्रमण आवश्यक हो जाता है। आपको पता है कि #BageshwarDhamSarkar के माध्यम से ₹400 करोड़ का कैंसर अस्पताल बन रहा है। तत्पश्चात्, एक संस्कृत विद्यालय बनवाने की योजना है। हिन्दू पुनर्जागरण के कार्य करने वालों पर आक्रमण नहीं होगा तो किस पर होगा?
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