काश्यां सदैव वस्तव्यं स्नातव्योत्तरवाहिनी ।।
भवानीशंकरौ सेव्यौ प्राप्तव्ये भुक्तिमुक्तिके ।। 🌺
मैं जिंदा शहर बनारस हूं।💫
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय 📖
Sep 15, 2022 • 15 tweets • 3 min read
कैसी कैसी रामायण?
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वैदिक साहित्य में रामकथा के अनेक पात्रों का वर्णन मिलता है। उदाहरण के लिए इक्ष्वाकु (अथर्ववेद : 19-39-9) दशरथ (ऋग्वेद : 1-126-4), कैकेय (शतपथ ब्राह्मण : 10-6-1-2) तथा जनक (शतपथ ब्राह्मण) आदि।
संभव है तत्कालीन भारत में इस नाम के अन्य पात्र भी रहे हों।उनके साथ जुडे़ गुण उन्हें रामकथा से संबंधित करते प्रतीत होते हैं,परंतु यह उल्लेखनीय है कि राम जन्म की घटना वैदिक साहित्य के बहुत बाद कीहै।यह भी संभवहै कि कालांतर मेंइननामों से संबंधित अंश वैदिक साहित्य में जोड़ दिए गए हों।
Sep 5, 2022 • 17 tweets • 3 min read
शिवपुराणोक्त नवधा भक्ति
शिव उवाच---
श्रवणं कीर्तनं चैव स्मरणं सेवनं तथा।
दास्यं तथार्चनं देवि वन्दनं ममसर्वदा।।
सख्यमात्मार्पणंचेति नवाङ्गानि विदुर्बुधाः।
उपाङ्गानिशिवे तस्या बहूनि कथितानि वै।।
शिव जी सती से कहते हैं--
हे देवि श्रवण, कीर्तन स्मरण सेवन दास्य अर्चन सदा मेरा वन्दन सख्य और आत्मसमर्पण-विद्वानों ने भक्ति के ये नौ अंग माने हैं। इसके अतिरिक्त उस भक्ति के बहुत से उपांग भी कहे गए हैं।
Sep 3, 2022 • 10 tweets • 3 min read
अष्ट -शंकरुद्घोष -(१) श्री आद्य शंकराचार्य इस कलिकाल में सनातन हिन्दू धर्म के सर्वोच्च तथा प्रामाणिक जगद्गुरु हैं - ये धारणा प्रत्येक हिन्दू के हृदय मे सुदृढ हो !
(२) श्री आद्य शंकराचार्य ने जो कहा है उसी के अनुकूल किसी भी वर्त्तमान संन्यासी अथवा अन्य धर्मोपदेशक का कथन मान्य है
तद्विपरीत नही - ये धारणा प्रत्येक हिन्दू के हृदय मे सुदृढ हो !
(३) श्री आद्य शंकराचार्य का विरचित शांकर भाष्य ही सनातन धर्म का यथार्थ अभिप्राय व्यक्तकरता है , यह भाष्य सनातन वैदिक धर्म का प्रामाणिक सार -सर्वस्व है - ये धारणा प्रत्येक हिन्दू के हृदय मे सुदृढ हो !
लोलार्क कुंड...काशी के भदैनी मोहल्ले में स्थित है ये पौराणिक कुंड।
मान्यता है कि यहां स्नान और लोलार्केश्वर महादेव के दर्शन मात्र से निःसंतान दंपतियों को संतान प्राप्ति होती है। थोड़ा और गहरे उतरें तो पता चलता है कि इसके लिए एक विशिष्ट तिथि भी नियत है,
भाद्रपद मास की षष्ठी तिथि...जानकार बताते हैं कि इस दिन सूर्य की रोशनी में एक अलग प्रकार का कंपन होता है। इसे लोलन कहते हैं और यही लोलार्क कुंड या लोलार्केश्वर महादेव की महिमा है...मान्यताएं और भी हैं, कहते हैं कि यहां दर्शन भर से भी महादेव दंपतियों को उनका अभीष्ट देते हैं।
Sep 2, 2022 • 23 tweets • 4 min read
सनत्कुमारों द्वारा भागवत सप्ताह व उसकी विधि
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सनत्कुमारों ने भागवत कथा श्रवण की विधि बताते हुए कहते हैं कि मुहूर्त निकालना चाहिए, तैयारी करनी चाहिए, लोगों को आमंत्रण देना चाहिए।
बोलना चाहिए कि यहाँ कथा होने वाली है, आप अवश्य आइये।
श्रोता-वक्ता दोनों को भक्तिपूर्वक, श्रद्धापूर्वक आना चाहिए। वक्ता को बड़ी श्रद्धा से कथा कहनी चाहिए। और इसका ध्यान रखना चाहिए कि श्रवण में कोई बाधा न पड़ जाए।
इसलिए इतना अधिक भोजन नहीं करना चाहिए कि बैठ ही न सकें।