हमारे वर्तमान संविधान में छः मौलिक अधिकार हैं ।
आइये हम इन्हें एक बैंकर की वर्तमान परिस्थितियों के हिसाब से देखते हैं।
1. समानता का अधिकार - एक सा नियम, और एक ढंग से लागू , पर वेतन में CPC कहाँ है?
कर्मचारियों को उनके मेहनत के हिसाब से अन्य विभागों से बहुत ही कम वेतन मिलता है ।
काम के बोझ को अगर वेतन से जोड़ा जाए तो असमानता अतिशयोक्ति नहीं होगी । #WeDemandCPC
2. स्वतंत्रता का अधिकार : बैंकर्स के स्वतंत्र तथा उन्मुक्त विचारो का सदैव हनन ही हुआ है , उनकी बुलंद आवाज़ को
बैंक कर्मचारियों की सुरक्षा अभी भी हासिये पर ही है, बार बार होने वाली अप्रिय तथा हिंसक घटनायें इसका उदाहरण है , जो की लगातार और भी बढ़ती जा रही है ।
हाल ही में यू.पी. ग्रामीण बैंक में अधिकारियों के साथ हुआ अभद्र व्यवहार
इसका जीता जागता उदाहरण है , जो सफेद टोपी वाले नेता जी द्वारा किया गया ।
नेता जी का इतना ज्यादा दवाब होता है जैसे की बैंक उनकी है, कर्मचारी उनके है उसका उदाहरण आज की घटना