सदस्य, राष्ट्रीय कार्यकारिणी, भारतीय हिंदी परिषद, प्रयागराज। स. प्रोफेसर। शिक्षाविद्। स्तंभकार। लेखक।
May 24 • 5 tweets • 2 min read
जब मैं पहली बार कुंडा हरनामगंज रेलवे स्टेशन पर उतरा तो अपने सहपाठी से कहा कि यही रघुराज प्रताप सिंह का क्षेत्र है? तो उसने फुसफुसाते हुए कहा कि राजा भैया कहते हैं। नाम लेने पर कोई जाकर शिकायत कर देगा।
डर था। नाम लेने से डरते थे लोग। विरोधियों को मगरमच्छ को खिला देते थे वह।
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फिर भारत में सही मायने में लोकतंत्र आया। रघुराज प्रताप सिंह का बत्था मायावती ने अपने शासन में उतार दिया। हालांकि मुलायम सिंह ने उन्हें पुनः शक्ति प्रदान की लेकिन एक बार काठ की हांडी चढ़ जाए तो... की तर्ज पर उनका प्रभाव छीज गया।
फिर सोशल मीडिया आया। सच्चाई हर आंख के आगे थी।
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Apr 28 • 8 tweets • 2 min read
एक फिल्म आई है चमकीला नाम से। उसके गीत भी हिट हो गए हैं। फिल्म को जातिवादी कोण से इम्तियाज अली ने बनाया है जो चमकीला नाम के एक पंजाबी गायक के जीवन पर आधारित है। चमकीला अश्लील गीत गाता था, यह कहकर पंजाब में उनकी हत्या कर दी गई। निर्देशक ने इसे जातिवादी हिंसा की तरह परोसा है।
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इस फिल्म में परिणति चोपड़ा हैं, इसलिए इसका प्रमोशन भी हो रहा है।
चमकीला अश्लील बोल वाले गीत गाता था, वह अनुसूचित जाति का था। इसे नायक के मुंह से ही कहलवाया गया है।
चमकीला के अश्लील गीतों का बचाव करते हुए भोजपुरी गीतों में अश्लील गीत को लाया जा रहा है। अव्वल तो यह कहना है कि
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Jun 9, 2022 • 16 tweets • 7 min read
आज #गंगा_दशहरा है। मां गंगा का अवतरण दिवस। एक दिन वसु को गंगावतरण की कथा सुना रहा था। राजा सगर के पुत्रों की कथा। अश्वमेध यज्ञ, कपिल मुनि का शाप और फिर भगीरथ प्रयास! हरि चरणों से #गंगा का निकलना और भगवान शिव की जटाओं में उलझना। वहां से पृथ्वी पर।
वह मंत्रमुग्ध हो सुनते रहे।
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अयोध्या का इक्ष्वाकु वंश बहुत प्रतापी राजाओं से सम्बन्धित है। भगवान श्रीराम इसी वंश के महान राजा हैं। इक्ष्वाकु वंश में राजा सगर महापराक्रमी राजा हुए। वह महाराजा असित के पुत्र थे। एक बार राजा सगर ने अश्वमेध यज्ञ किया। इस यज्ञ में एक घोड़ा यज्ञकर्ता की सेना के आगे चलता है।
कानपुर के "आलम बेग" की खोपड़ी के साथ एक चिट्ठी भी दफ़्न थी। उस चिट्ठी में यह बात दर्ज है कि 32 वर्ष के न थकने वाले नौजवान को रानी विक्टोरिया के समक्ष सियालकोट में ब्रिटिश कमिश्नर हेनरी कूपर के आदेश पर तोप से उड़ा दिया गया था।
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आलम बेग 1857 की क्रांति में 46वीं रेजिमेंट बंगाल नार्थ इन्फैंट्री बटालियन का नेतृत्व कर रहे थे। रावी तट पर पकड़े गए और रानी के समक्ष तोप से उड़ा दिए गए। उनका सिर 1858 में इंग्लैण्ड ले जाया गया और दफ़ना दिया गया। एक ने यह सब ब्यौरा एक पत्र में करके खोपड़ी के भीतर रख दिया।
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Oct 16, 2021 • 11 tweets • 4 min read
निहंग सिखों का उदय दसवें गुरु गोविंद सिंह के समय में हुआ।
सिखों के नवें गुरु तेग बहादुर का औरंगजेब ने शिरोच्छेद करवा दिया था।उनका शव पहरे में रखा गया था। किन्तु सिखों का एक समुदाय उनका शीश लेकर भागा और करनाल होते हुए आनंदपुर साहिब पहुंच गया।
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जहां शिरोच्छेद किया गया, वह जामा मस्जिद, दिल्ली के पार्श्व में ही है, लाल किले के समीप। आजकल वहां शीशगंज गुरुद्वारा है। धड़ चुराकर एक प्यारा, लखी शाह वंजारा भागा और अपने घर में उनका संस्कार किया। उसने अपना घर जला डाला। जहां उनका धड़ जलाया गया, वहां रकाबगंज गुरुद्वारा है।
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Mar 8, 2021 • 7 tweets • 2 min read
नंदीग्राम प्रकरण में आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर तापसी मल्लिक पर बातें।
#नंदीग्राम से पहले 16 दिसम्बर, 2006 को कोलकाता के निकट सिंगूर में तापसी मल्लिक का पहले बलात्कार हुआ और उसके बाद उनकी हत्या हुई। उनका शव जली हुई अवस्था में खेत में मिला।
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तापसी मल्लिक हत्या और बलात्कार केस में कॉमरेड सुह्रद दत्त और देबू मलिक को दोषी पाया गया। यह दोनों कम्युनिस्ट पार्टी के नेता थे। सीपीएम ने सिंगुर में विपक्षी पार्टियों के विरोध को कुचलने की ज़िम्मेदारी सुह्रद दत्ता और उनके सहयोगी देबू मलिक को सौंपा था।
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Mar 7, 2021 • 8 tweets • 4 min read
नंदीग्राम +
आगामी बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम पुनः चर्चा के केंद्र में है। निवर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी परंपरागत सीट की बजाय #नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी। उनके समक्ष भाजपा से सुवेंदु अधिकारी रहेंगे। सीपीआई+काग्रेस का प्रत्याशी कौन? कोई जानना भी नहीं चाहता।
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2006 में हल्दिया विकास प्राधिकरण ने #नंदीग्राम में एसईजेड की घोषणा की थी। 2007 से वहां जमीनी प्रतिरोध शुरू हुआ था। तब वहां के विधायक थे- मोहम्मद इलियास। तमलुक लोकसभा के सांसद थे- मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के लक्ष्मण सेठ। यह क्षेत्र वामपंथ का गढ़ था।
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Feb 28, 2021 • 7 tweets • 2 min read
जब विद्योत्तमा ने सभी पंडितों को हरा दिया तो अपमानित पंडितों ने निश्चित किया कि इस विदुषी का अहंकार टूटना चाहिए। विद्वान को पराजित करने के लिए सभी विद्वानों ने मंत्रणा की। परिणामस्वरूप उचित व्यक्ति की तलाश शुरू हुई।
विद्वान को मूर्ख ही हरा सकता है - यह निश्चित है।
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उचित व्यक्ति मिला। वह आलू से सोना बना सकने की तकनीक जानता था और जिस डाल पर बैठा था, उसे ही कुल्हाड़ी से काट रहा था। डाल कटती तो वह भी निश्चित ही धराशायी होता। इससे उपयुक्त व्यक्ति कौन होगा? पंडितों ने निश्चित किया। यह कालिदास थे।