श्री रामचंद्रजी जगत्भर के आत्मा और प्राणों के स्वामी हैं। उनसे विमुख रहने वाला शांति कैसे पा सकता है?
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Nov 25, 2018 • 22 tweets • 3 min read
गोस्वामी तुलसीदास ने अपने रामचरितमानस रुपी मानसरोवर में छंद, सोरठा, और दोहा को कमल कुल कहा.
"छंद सोरठा सुंदर दोहा। सोइ बहुरंग कमल कुल सोहा॥"
उन्होने विभिन्न प्रकार के छंदो का प्रयोग रामचरितमानस में किया है. 1/n
हरिगीतिका छंद - मानस का पहला छंद इस प्रकार का है.
"मंगल करनि कलि मल हरनि तुलसी कथा रघुनाथ की॥
गति कूर कबिता सरित की ज्यों सरित पावन पाथ की॥"
ये हरिगीतिका (हरिगीति) छंद के दो चरण हैं. ऐसे चार चरणोंकी एक हरिगीति होती है.
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