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Sep 11 10 tweets 3 min read
इन पांच स्थानो पर नहीं पड़ता ग्रहण का असर.....!!

1-महाकाल उज्जैन
यह मंदिर मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में पड़ता है। साथ ही यहां भगवान शिव का सबसे बड़ा ज्योतिर्लिंग है।

Thread 🧵🧵 Image आपको बता दें कि ग्रहण के वक्त महाकाल मंदिर के कपाट खुले रहेंगे। ग्रहण काल के दौरान भी महादेव के भक्त उनके दर्शन कर पाएंगे। क्योंकि इस ज्योतिर्लिंग पर ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं होता है। Image
Sep 10 16 tweets 4 min read
गरुड़ पुराण ज्ञान....!!

गरुण पुराण, वेदव्यास जी द्वारा रचित 18 पुराणो में से एक है। गरुड़ पुराण में 279 अध्याय तथा 18000 श्र्लोक हैं। इस ग्रंथ में मृत्यु पश्चात की घटनाओं, प्रेत लोक, यम लोक, नरक तथा 84 लाख योनियों के नरक स्वरुपी जीवन आदि के बारे में विस्तार से बताया गया है।

Thread 🧵🧵Image इसके अलावा भी इस ग्रन्थ में कई मानव उपयोगी बातें लिखी है जिनमे से एक है की किस तरह के लोगों के घर भोजन नहीं करना चाहिए।
क्योंकि एक पुरानी कहावत है, जैसा खाएंगे अन्न, वैसा बनेगा मन।
Sep 8 16 tweets 2 min read
आइए मैं आपको विस्तार से 14 मन्वंतर, उनके मनु और सप्तर्षि के बारे में बताते हैं.....!!

14 मन्वंतर और सप्तर्षि

हर कल्प (ब्रह्मा का एक दिन) में 14 मन्वंतर होते हैं।
हर मन्वंतर में एक अलग मनु, इंद्र, सप्तर्षि और देवताओं का समूह होता है।

Thread 🧵🧵 Image 1. स्वायंभुव मन्वंतर

मनु: स्वायंभुव मनु (ब्रह्मा के मानस पुत्र)

सप्तर्षि: मारीचि, अत्रि, अंगिरा, पुलह, क्रतु, पुलस्त्य, वशिष्ठ
Sep 6 14 tweets 4 min read
विज्ञान हमें कहां से कहां ले आया....!!
हम तो फिर भी कहेंगे और सब कहते हैं कि विज्ञान बहुत तरक्की कर रहा है पर बीमारी घटने के बजाय बढ़ कैसे रही है ?
हर घर में कोई ना कोई दवाई क्यों खा रहा है? नहीं पता न ?

Thread 🧵🧵 Image मैं बताती हूँ, हुआ ये है कि हमारे रसोई की मूलभूत चीजों में बहुत मिलावट, गिरावट और घटियापन आ गया है।
कौन कौन सी हैं वो चीजें ?
Sep 5 16 tweets 6 min read
माता सीता ने तो दिया था एक ही पुत्र को जन्म, फिर लव और कुश दो कैसे हो गए...!!

Thread 🧵🧵 Image बचपन से हीं हम राम और माता सीता के विषय में सुनते आए हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम और देवी सीता की कथा पर आधारित रामायण के कई संस्करण उपलब्ध हैं, लेकिन उस काल की सही जानकारी महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में ही मिलती है। Image
Sep 4 13 tweets 3 min read
हिन्दू सनातन धर्म में दूब अथवा दूर्वा घास का महत्व क्यों है...??
एक पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जब देवतागण अमृतकलश को लेकर जा रहे थे तो,

Thread 🧵🧵 Image उस अमृतकलश से छलक कर अमृत की कुछ बूंदें पृथ्वी के दूर्वा घास पर गिर गयी थी इसीलिए, दूर्वा घास अमर हो गई
Sep 4 15 tweets 2 min read
किस धातु के बर्तन में खाना खाना चाहिए......??
क्या आपने कभी सोचा है कि रसोई के बर्तन आपकी सेहत को बना भी सकते हैं और बिगाड़ भी?
आइए जानते हैं, कौन से बर्तन क्या फायदे और क्या नुकसान देते हैं

Thread 🧵🧵👇 Image सोना (Gold)
पुराने जमाने में राजा-महाराजा सोने के बर्तन में खाते थे।
लाभ:
शरीर मज़बूत बनता है
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
Sep 2 9 tweets 4 min read
एक बार एक ऋषि ने सोचा की पाप धोने के लिए सभी लोग गंगा जाते हैं। ऐसे में सारे पाप गंगा में ही समा जाते हैं। इस तरह तो गंगा भी पापी हो जाएगी। उस ऋषि ने यह जानने के लिए आखिर पाप जाता कहां है, तपस्या की।

Thread 🧵🧵👇 Image तपस्या करने के फलस्वरूप देवगण प्रकट हुए। तब ऋषि ने उनसे पूछा कि गंगा में जो पापा धोया जाता है वह कहां जाता है। तब भगवान ने कहा कि चलो गंगा जी से ही पूछते हैं इस बारे में। Image
Sep 1 16 tweets 6 min read
शिव जी के कैलाश पर्वत एक अनसुलझा रहस्य....!!

कैलाश पर्वत के रहस्य : - कैलाश पर्वत, इस एतिहासिक पर्वत को आज तक हम सनातनी और भारतीय लोग शिव का वास स्थान मानते हैं.

Thread 🧵🧵👇 Image शास्त्रों में यही लिखा है कि कैलाश पर शिव का वास है. किन्तु वहीँ नासा जैसी वैज्ञानिक संस्था के लिए कैलाश एक रहस्यमयी जगह है. नासा के साथ-साथ कई रूसी वैज्ञानिकों ने कैलाश पर्वत पर अपनी रिपोर्ट पेश की है। Image
Aug 29 17 tweets 6 min read
जम्मू और कश्मीर की त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित, वैष्णो देवी मंदिर भारत के सबसे पवित्र और पूजनीय तीर्थ स्थलों में से एक है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहाँ आकर माता के दर्शन करते हैं। इस मंदिर का इतिहास पौराणिक कथाओं और एक महान भक्त की कहानी से जुड़ा हुआ है।

Thread 🧵🧵 Image पौराणिक कथा: माता वैष्णवी का जन्म

वैष्णो देवी की कहानी त्रेता युग से जुड़ी है, जब धरती पर राक्षसों का आतंक बढ़ गया था। मान्यता है कि उस समय माता महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती ने मिलकर एक दिव्य शक्ति का रूप धारण किया, जो वैष्णवी के नाम से जानी गईं। Image
Aug 28 18 tweets 3 min read
ऋषियों की संख्‍या सात ही क्यों....??
हर काल में अलग-अलग सप्तर्षि रहे है। जानिए कौन किस काल के है।

हर काल में अलग-अलग सप्तर्षि रहे है। जानिए कौन किस काल के है।

Thread 🧵🧵 Image आकाश में 7 तारों का एक मंडल नजर आता है। उन्हें सप्तर्षियों का मंडल कहा जाता है। इसके अतिरिक्त सप्तर्षि से उन 7 तारों का बोध होता है, जो ध्रुव तारे की परिक्रमा करते हैं। उक्त मंडल के तारों के नाम भारत के महान 7 संतों के आधार पर ही रखे गए हैं। वेदों में उक्त मंडल की स्थिति, गति, दूरी और विस्तार की विस्तृत चर्चा मिलती है।Image
Aug 27 14 tweets 3 min read
सनातन वैदिक धर्म मे क्यों है इतना जरूरी कर्ण भेदी संस्कार यानी कि कान छेदना आइये हम और आप इस रहस्य को क्लासिकल विज्ञान और सनातन धर्म के अध्यात्म विज्ञान दोनों से डिकोडिंग करते है...!!

Thread 🧵🧵 Image कर्ण वेध संस्कार, सनातन धर्म की एक प्राचीन और गहन परंपरा है, जो नवजात शिशु के कान छेदने से जुड़ी है। यह न केवल धार्मिक, बल्कि वैज्ञानिक और आध्यात्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। सनातन धर्म के शास्त्रों की यह खूबी अद्भुत है
Aug 26 13 tweets 5 min read
हनुमान जी और अंगद जी दोनों ही समुद्र लाँघने में सक्षम थे, फिर पहले हनुमान जी लंका क्यों गए....??

"अंगद कहइ जाउँ मैं पारा।
जियँ संसय कछु फिरती बारा॥"

Thread 🧵🧵 Image अंगद जी बुद्धि और बल में बाली के समान ही थे! समुद्र के उस पार जाना भी उनके लिए बिल्कुल सरल था। किन्तु वह कहते हैं कि लौटने में मुझे संसय है। Image
Aug 25 11 tweets 4 min read
महादेव जी को एक बार बिना कारण के किसी को प्रणाम करते देखकर पार्वती जी ने पूछा आप किसको प्रणाम करते रहते हैं..??

शिव जी पार्वती जी से कहते हैं कि हे देवी ! जो व्यक्ति एक बार "राम" कहता है उसे मैं तीन बार प्रणाम करता हूँ।

Thread 🧵🧵 Image पार्वती जी ने एक बार शिव जी से पूछा आप श्मशान में क्यूँ जाते हैं और ये चिता की भस्म शरीर पे क्यूँ लगाते हैं?

उसी समय शिवजी पार्वती जी को श्मशान ले गए। वहाँ एक शव अंतिम संस्कार के लिए लाया गया। लोग "राम नाम सत्य है" कहते हुए शव को ला रहे थे। Image
Aug 24 26 tweets 6 min read
शिव अर्जुन युद्ध.....!!

हिमालय पर्वतमाला में ‘इन्द्रकील’ बड़ा पावन और शांत स्थल था। ॠषि-मुनि वहां तपस्या किया करते थे। एक दिन पांडु पुत्र अर्जुन उस स्थल पर पहुंच गए।

Thread 🧵🧵👇 Image अर्जुन को अस्त्र-शस्त्रों से सज्जित देखकर मुनि कुमारों में खुसर-पुसर होने लगी। एक मुनि कुमार बोला, “यह अनजान व्यक्ति कौन है?”
“कोई भी क्यों न हो, इसे पवित्र स्थान पर अस्त्र शस्त्र नहीं लाने चाहिए थे। “दूसरा बोला। Image
Aug 20 25 tweets 7 min read
क्यों कब और कैसे डूबी द्वारिक....??

श्री कृष्ण की नगरी द्वारिका महाभारत युद्ध के 36 वर्ष पश्चात समुद्र में डूब जाती है। द्वारिका के समुद्र में डूबने से पूर्व श्री कृष्ण सहित सारे यदुवंशी भी मारे जाते है। समस्त यदुवंशियों के मारे जाने और द्वारिका के समुद्र में विलीन होने के पीछे मुख्य रूप से दो घटनाएं जिम्मेदार है।Image एक माता गांधारी द्वारा श्री कृष्ण को दिया गया श्राप और दूसरा ऋषियों द्वारा श्री कृष्ण पुत्र सांब को दिया गया श्राप। Image
Aug 20 11 tweets 2 min read
एक बार गणेशजी ने भगवान शिवजी से कहा:
पिताजी आप यह चिताभस्म लगाकर, मुण्डमाला धारणकर अच्छे नहीं लगते। मेरी माता गौरी अपूर्व सुंदरी और आप उनके साथ इस भयंकर रूप में...!!

Thread 🧵 Image पिताजी, आप एक बार कृपा करके अपने सुंदर रूप में माता के सम्मुख आएं जिससे हम आपका असली स्वरूप देख सकें
Aug 15 10 tweets 1 min read
10 दुर्लभ वास्तु: दिशा ज्ञान :-

1. जो पूर्व दिशा में सिर करके सोता है, वह बुद्धिमान बनता है और स्वस्थ रहता है | Image 2. जो दक्षिण दिशा में सिर करके सोता है, वह तन मन से स्वस्थ व दीघार्यु होता है
Aug 2 12 tweets 2 min read
चारपाई – हमारी सबसे सस्ती, सरल और वैज्ञानिक खोज...!!
कमर दर्द, सर्वाइकल, पीठ की परेशानियां
इन सबका इलाज हमारे पूर्वजों ने बहुत पहले ढूंढ लिया था चारपाई।

Thread 🧵👇👇 Image सोचिए! अगर हमारे पूर्वज लकड़ी को चीरकर डबल बेड बना सकते थे,
तो उन्होंने रस्सी से बुनने वाली खाट क्यों बनाई?

क्योंकि ये सिर्फ बिस्तर नहीं स्वास्थ्य, विज्ञान और समझदारी की कला थी।
Jul 31 23 tweets 4 min read
क्यूं कहते हैं कि "काशी जमीन पर नहीं है, वह शिव के त्रिशूल के ऊपर है....!!

क्योंकि काशी एक यंत्र है एक असाधारण यंत्र!!

Thread 🧵👇👇 Image मानव शरीर में जैसे नाभी का स्थान है, वैसे ही पृथ्वी पर वाराणसी का स्थान है.. शिव ने साक्षात धारण कर रखा है इसे!
Jul 21 16 tweets 3 min read
श्री राम की शपथ.....!!

एक बार की बात है। गोस्वामी तुलसी दास जी अवध में थे। वे सरयू नदी में स्नान करने आए। जब वे नदी में उतर कर अंदर की ओर जा रहे थे, उसी समय एक महिला भी वहां स्नान करने पहुंची।

Thread 🧵👇👇 Image उसे जल्दी स्नान करना था। उसने तुलसीदास जी को देख कर प्रणाम किया और कहा, “बाबा जी! मुझे शीघ्र स्नान करना अनिवार्य है। आप उस ओर मुख कर नदी में खड़े हो जाईए।आपको आपके राम जी की शपथ है,