खबर जो दबा दी गई। भले ही सरकार उनकी है पर सिस्टम तो अभी भी हमारा ही है यह प्रसिद्ध डायलॉग फिल्म द कश्मीर फाइल्स का है जो आज भी सत्य है और न जाने कब-तक रहेगा।तो यह मामला है सद्गुरु जग्गी वासुदेव जी से संबंधित। तमिलनाडु में कोयंबटूर में वेलियांगिरि की तलहटी में इनका एक
योग ध्यान केंद्र चलता है ईसा फाउंडेशन के नाम से जहां लोगो ध्यान योग जप तप सिखाया जाता है।अब इस आश्रम से तमिलनाडु में ईसाई मिशनरियों को बड़ी परेशानी हो रही है क्योंकि जब से सदगुरु जग्गी वासुदेव जी ने इसे खोला है तबसे हिंदू जन जागरण शुरू हो गया है बड़े पैमाने पर
Oct 1 • 8 tweets • 2 min read
#धर्मसंसद
रामचरितमानस की एक चौपाई में गोमती नदी का वर्णन कुछ इस तरह से आया है।
सई उतरि गोमती नहाए
तीजे दिवस अवधपुर आए।
जैसा कि एक दिन मैंने बताया था कि गंगा जी को पृथ्वी पर लाने वाले राजा भगीरथ सूर्यवंश के 46वें राजा थे जबकि गोमती नदी उसके पहले ही मौजूद थी।वैसे आजकल कई गोमती
नदिया मिलती हैं जैसे कि एक गोमती नदी तो उत्तराखंड में में जो आगे चलकर गंगा जी में वहीं मिल जाती है।एक गोमती नदी गंगा जी की डेल्टा क्षेत्र में पाई जाती है जो इस समय सूख गई है। एक और प्रसिद्ध गोमती नदी जो आकार में छोटी गुजरात ओखा जिले में स्थित है और विख्यात द्वारकाधीश
Sep 29 • 9 tweets • 2 min read
#धर्मसंसद
सबसे पहले तो आप लोगों की एक शंका दूर करना आवश्यक है जो कल के उत्तर में छूट गया था।आप लोग भी कभी-कभी सोचते होंगे कि गंगा जी को जब राजा भगीरथ पृथ्वी पर लाए थे जो कि सूर्य वंश की 46वीं पीढ़ी में थे तो फिर इस वंश की 35वीं पीढ़ी में उत्पन्न हुए राजा हरिश्चंद्र काशी में
जिस हरिश्चंद्र घाट पर कालू डोम के हाथ बिके थे वो घाट किस नदी के किनारे पर स्थित था।अब प्रमाण देखिए कि काशी को वाराणसी कहते हैं और इसका यह नाम इसलिए पड़ा था कि शिवजी के त्रिशूल पर बसी विश्व की सबसे पुरानी और जीवंत नगरी वरुणा नदी और असि नदी के बीचोंबीच बसी हुई थी इसलिए इसे मानने
Sep 28 • 12 tweets • 3 min read
लेबनान जो कभी एक सुखी संपन्न देश था। इसके इतिहास के बारे में सबको जानना चाहिए क्योंकि लम्हों ने खता की थी सदियों ने सजा पाई का सर्वोत्तम उदाहरण है लेबनान। प्रथम विश्वयुद्ध में आटोमन सामान्य के पतन के बाद फ्रांस के अधीन और मुख्यतः मोरोनाइट ईसाइयों को बसने के लिए एक देश
बनाया गया लेबनान जिसका नाम मुस्लिम शासन में आने के बाद अल जम्हूरिया अल लुबनियाह हो गया है। दुनिया इसे लेबनान के नाम से जानती है पर मुसलमान इसे लुबनन कहते हैं।
1975 तक यह बहुत विकसित और आधुनिक देश हुआ करता था। एकदम खुला खुला कोई परदा नहीं।पूरा देश यूरोपीय कल्चर में रंगा हुआ था
Sep 27 • 14 tweets • 3 min read
#धर्मसंसद
गंगावतरण की कथा बहुप्रचलित है और शायद ही कोई हिंदू होगा चाहे वह वामपंथी अर्बन नक्सली छद्म सेक्यूलर ही क्यों न हो। इस विषय में बहुत कुछ लिखा जा चुका है और आज भी हमारे विद्वान लेखकों ने संपूर्ण विस्तार से वर्णन किया है। सूर्यवंशी राजा सगर के साठ हजार पुत्रों को तारने के
लिए जो अश्वमेध यज्ञ के अश्व की सुरक्षा में गये थे जिन्हें मैं पुत्र के स्थान पर प्रजा मानता हूं कपिल मुनि के श्राप से भस्म हो गये थे के लिए गंगा जी पृथ्वी पर आना आवश्यक था।इसी का प्रयास राजा सगर की चार पीढ़ियों ने किया था। अंततः भगीरथ इस प्रयास में सफल हुए थे और गंगाजी पृथ्वी पर
Sep 26 • 10 tweets • 2 min read
#धरमसंसद
अपने अद्भुत दान देहदान के कारण ऋषि दधीचि को कौन नहीं जानता।आज तक जो काम किसी और ऋषि मुनि या सामान्य व्यक्ति ने नहीं किया था उसे करके अमर हो गए हैं ऋषि दधीचि।
ऊशीनर क्षितीश ने स्वमांस दान भी किया।
सहर्ष वीर कर्ण ने शरीर चर्म भी दिया।
क्षुधार्त रंतिदेव ने दिया करस्थ थालभी
तथा दधीचि ने दिया समस्त अस्थि जाल भी।
इस प्रकार हम देखते हैं कि चारों युगों में कुछ चुने हुए दानियों में सर्वोत्तम स्थान किसी का था तो वे महर्षि दधीचि जी ही थे।अथर्वण आंगिरस और चित्ति के पुत्र परम ज्ञानी और हठयोगी संत थे।इनकी ही हड्डियों से इंद्र के लिए तेजवान
Sep 25 • 15 tweets • 3 min read
#धर्मसंसद
आज का प्रश्न विस्तृत उत्तरीय था जिसका संक्षिप्त उत्तर देना संभव नहीं था इसलिए कहा था कि प्रश्न बड़ा है और उत्तर समझकर दीजियेगा। देखिए रामायण और महाभारत हमारे धर्मग्रंथ ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण इतिहास हैं। इन्हें षड्यंत्र पूर्वक अंग्रेजों ने मिथक कहा है
जब कि ये वास्तविक हैं।इनके रचयिताओं वाल्मीकि जी और वेदव्यास जी को कौन नहीं जानता। जिन्हें नहीं भी जानकारी थी उन्हें रामानंद सागर ने रामायण और बलदेव राज चोट ने महाभारत सीरियल बनाकर करा दिया है। ऋषि वेद व्यास जी महर्षि पाराशर और मत्स्य राज सुधन्वा की पुत्री
Sep 23 • 12 tweets • 3 min read
#धर्मसंसद
प्रजापति कर्दम ऋषि और मनु की पुत्री देवी देवहूति के पुत्र महर्षि कपिल सांख्य दर्शन के प्रणेता कहे जाते हैं। त्रिकालदर्शी ऋषि कपिल के विषय में श्रीमद्भागवत पुराण में स्वयं श्रीकृष्ण ने कहा है कि मैं सिद्धों में कपिल मुनि हूं। सांख्य दर्शन के विषय में और उनके
आध्यात्मिक पक्ष में बहुत सी बातें हमारे विद्वान लेखकों ने संपूर्ण विस्तार से बताया है इसलिए मुझे अधिक कुछ नहीं कहना है। वैसे तो मुख्य रूप से भगवान विष्णु के दश ही प्रमुख अवतार माने जाते हैं लेकिन कहीं कहीं विष्णु के चौबीस अवतार माने जाते हैं।हो सकता है कि यह अवधारणा जैन धर्म
Sep 21 • 13 tweets • 3 min read
#धर्मसंसद
गुरु गुड़ रह गये और चेले चीनी हो गये। वैसे गुरु होने का दावा मैंने कभी किया नहीं और विद्वान तो खैर मैं अपने को समझता नहीं। मैं तो केवल खोज खोज कर आपके लिए प्रश्न लाता हूं और उसकी व्याख्या आप सभी लोग करते हैं।आज तो आपने इतनी अच्छी अच्छी जानकारी दिया है और सुंदर वर्णन
किया है कि मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि मैं क्या लिखूं।आप लोगों ने ऋषि भारद्वाज के वैज्ञानिक पक्ष में कुछ छोड़ा ही नहीं जिसकी समीक्षा मैं कर सकूं।
कबित बिबेक एक नहिं मोरे।
सत्य कहउं लिखि कागद कोरे।
ऐसा मत समझिएगा कि गोस्वामी तुलसीदास की चौपाई लिखकर मैं कोई
Sep 18 • 14 tweets • 3 min read
#धर्मसंसद
हमारे ऋषि मुनि केवल कोरे तपस्वी ही नहीं बल्कि उच्च कोटि के वैज्ञानिक भी थे और ऋषि विश्वामित्र उनमें से एक प्रमुख वैज्ञानिक थे। इसके बहुत से प्रमाण हैं।याद करें कि विश्वामित्र जी ने कोसल की राजसभा में क्या कहा था। उन्होंने राजा दशरथ से कहा था कि राजन राक्षस मुझे यज्ञ
नहीं करने देते हैं और उसमें बाधा उत्पन्न करते हैं तो इसका मतलब भी गूढ़ था। सामान्य रूप से यज्ञ उस क्रिया को कहते हैं जिसमें एक कुंड में अग्नि जलाकर उसमें घी गुड़ जौ चावल अगरु चंदन की लकड़ी आदि का हवन किया जाता है। पर ऋषियों महर्षियों का यज्ञ एक अन्य प्रकार का होता था। ऋषियों
Sep 17 • 13 tweets • 3 min read
#धर्मसंसद
मैं बहन शशिबाला राय की इस बात से सहमत हूं कि ऋषि विश्वामित्र एक समाज सुधारक न होकर एक समाज निर्माता थे और इसका बीजारोपण उनके जन्म के समय ही हो गया था।यह तो आप लोगों को पता ही होगा कि ऋषि विश्वामित्र परशुरामजी के सगे रिश्तेदार थे। परशुरामजी के पिता ऋषि
जमदग्नि के मामा थे। इनके जन्म की एक दिलचस्प कहानी है। महर्षि भृगु का विवाह विश्वामित्र की बुआ या फिर कहें कि कान्यकुब्ज नरेश महाराज गाधि की बहन के साथ हुआ था। काफी दिनों तक भृगु और गाधि के कोई संतान नहीं थी। पत्नी ने आग्रह किया कि मुझे और मेरी भाभी को पुत्र प्राप्ति
Sep 16 • 17 tweets • 4 min read
#धर्मसंसद
आप लोगों का लेख पढ़ा। अच्छा लिखा गया है।सबने एक से बढ़कर एक सुंदर वर्णन किया है।हो सकता है कि मैं उतना धाराप्रवाह न लिख सकूं क्योंकि सबके ज्ञान और लेखकीय क्षमता में अंतर होता है।ऋषि मुनि तो पौराणिक काल में बहुत हुए हैं और सनातन धर्म संस्कृति सभ्यता के प्रचार-प्रसार में
सबका अपेक्षित योगदान रहा है परंतु कुछेक ऋषि बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हुए हैं ऋषि अगस्त्य और विश्वामित्र भी उन्हीं में से एक हैं। जैसे कि ऋषि अगस्त्य के बहुत से आयामों में से चार मुख्य आयामों की चर्चा की गई थी ठीक उसी प्रकार ऋषि विश्वामित्र जी के चार आयामों पर चर्चा
Sep 15 • 6 tweets • 1 min read
ANI +एएनआई) क्या है शायद आप लोग नहीं जानते होंगे। अक्सर आपने समाचारपत्र में समाचार के नीचे लिखा देखा होगा एएनआई।इसका मतलब यह है कि यह समाचार एएनआई द्वारा दिया गया है।इसका पूरा नाम है एशियन न्यूज इंटरनेशनल जिसे संक्षेप में एएनआई अंग्रेजी में ANI कहते हैं। यह एक समाचार संग्रहण
और संप्रेषण संस्थान है। यह संस्था समाचार एकत्र करती है और इसके कंटेंट को अखबारों टीवी चैनलों को देती है। इसे प्रेमपाल ने सन् 1971
में शुरू किया था जिसकी वर्तमान अध्यक्ष स्मिता प्रकाश हैं।इसी तरह विश्व में अनेक समाचार संस्थाएं हैं जैसे कि रायटर,एपी (एसोसिएटेड प्रेस)
Sep 13 • 6 tweets • 2 min read
आइए आपको बताते हैं कुछ मजेदार तथ्य। हमारे देश में आजकल जातियां जोर-शोर से बताई जाती हैं तो धर्म छिपाकर रखा जाता है।कारण यह है कि आरक्षण का लाभ केवल अनुसूचित जाति जनजाति को ही मिलता है। अगर कोई धर्मपरिवर्तन करके ईसाई धर्म अपना ले तो आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है। इसका लाभ मिलता रहे
इसके लिए लोगों को धोखा दिया जाता है। ऐसे में लोग धर्म तो बदल लेते हैं पर नाम और पुराने धर्म की जाति का टाइटिल नहीं बदलते। पहला चित्र है पूर्व राष्ट्रपति के आर नारायणन का। यह साहब जन्म से ईसाई थे पर हमेशा अपना हिंदू नाम लिखते रहे। आरक्षण का लाभ उठाते हुए पढ़ाई-लिखाई की
Sep 11 • 5 tweets • 2 min read
मर्ज बढ़ता गया ज्यों ज्यों दवा की। बेचारे सैम अंकल (वैसे सैम अंकल अमेरिकी राष्ट्रपति को कहा जाता है मजाक में पर सैम अंकल का मतलब है सैम पित्रोदा) बड़े परेशान हैं। बहुत सिखाया पढ़ाया अमेरिका ब्रिटेन तक में ले जाकर ट्यूशन दिलवाया पर राहुल गांधी का पप्पुत्व गया नहीं जो कि
रह रह कर उभर आता है। ऐसा ही हाल हुआ है अमेरिका में उनके भाषण जिसे वे कांक्लेव कहते हैं।कल कुछ ऐसा बोल गए कि उनके मौसेरे भाई अक्ललेश यादव की जबान को लकवा मार गया।न हंस पा रहे हैं और न रो पा रहे हैं। पत्रकार के पूछने पर कह दिया कि समय आने पर मैं देश में आरक्षण खत्म कर दूंगा।इस पर
Sep 11 • 6 tweets • 2 min read
राहुल गांधी पप्पू हैं कि नहीं अब इस प्रश्न पर विराम लगा दीजिए। वैसे भी उनके गुरु सैम पित्रोदा ने भी कहा कि अब राहुल गांधी पप्पू नहीं रहे।महाजनो येन गत: स पंथा (शर्त यह है कि अगर आप सैम पित्रोदा को महाजन माने अतिज्ञानी मानते हैं) । अब राहुल गांधी बड़े शातिर खिलाड़ी बन गए हैं।
ऐसा उनके अमेरिका में दिए गए भाषणों से स्पष्ट हो जाता है।कभी एक वरिष्ठ पत्रकार और हिंदुस्तान टाइम्स के संपादक शेखर गुप्ता ने कांग्रेस को मंत्र दिया था कि अगर मोदी को हटाना चाहते हैं तो खूब झूठ बोलिए अनर्गल बोलिए। धाराप्रवाह झूठ बोलिए। बेशर्मी से झूठ बोलिए। लगता है कि राहुल
Aug 26 • 7 tweets • 2 min read
जम्मू-कश्मीर के चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस के साथ कांग्रेस पार्टी ने गठबंधन किया है।जहिर है कि जब गठबंधन होता है तो दोनों पार्टियां अलग-अलग घोषणापत्र जारी नहीं करतीं और एक ही घोषणापत्र पर चुनाव लडती हैं। वहां भी ऐसा ही हुआ है कांग्रेस फारुख अब्दुल्ला की पार्टी के
घोषणापत्र पर चुनाव लडने जा रही है
नेशनल कांफ्रेंस का घोषणापत्र कहता है कि हम न केवल धारा 370 और
35A को वापस लागू करेंगे बल्कि जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस 1953 के पहले की स्थिति बहाल करेंगे।इसके अनुसार यह सब होगा।
१- जम्मू-कश्मीर एक पूर्ण स्वायत्त राज्य होगा जहां सारा प्रशासन राज्य
Aug 24 • 5 tweets • 2 min read
कोलकाता रेप मर्डर केस के दौरान ही ममता बनर्जी ने एक और कारनामा कर दिया है जिसके बारे में क्या आप जानते हैं? वास्तव में पहले से ही बंगाल में ओबीसी कोटे के लिए 17 % आरक्षण का विधान था। इसमें कोटे में कोटे का दो वर्गीकरण किया गया था। पिछड़ी जातियों को 10 प्रतिशत और अति
पिछड़ी जातियों को 7 प्रतिशत का नियम था। पहले ही इसमें 42 मुस्लिम जातियां शामिल थीं।2012 में सरकार में आने के बाद ममता बनर्जी ने इसमें
35 और जातियों को जोड़ दिया था।इसके अनुसार ओबीसी कोटे में कुल
77 जातियां हो गई। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इनमें से
Aug 14 • 7 tweets • 3 min read
आइए जानते हैं कि बंगलादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट का कारण क्या है। इसका मूल कारण है बंगलादेश के दक्षिण पूर्व में स्थित एक द्वीप जिसे सेंट मार्टिन द्वीप कहते हैं। बंगलादेश में दक्षिणी भाग में काक्स बाजार के दक्षिण में ९ किलोमीटर दूर स्थित इस द्वीप का सामरिक दृष्टि से
बहुत महत्व है। लगभग छः हजार की आबादी वाले इस द्वीप पर मुख्य रूप से चावल की खेती और मछलीपालन होता है। अमेरिका इस द्वीप पर अपना नौसैनिक अड्डा बनाना चाहता है। इसीलिए अमेरिका ने सितंबर 2023
में ही शेख हसीना से कह दिया था कि या तो हमें इस द्वीप को दे दो या फिर देश छोड़कर चली जाओ शेख
Apr 6 • 4 tweets • 1 min read
मुस्लिम शासकों वो चाहे तुर्क हों अफगान हों या फिर मुगल हों एक परंपरा चली आ रही थी कि सुल्तान का सबसे करीबी दोस्त या रिश्तेदार ही उसके लिए घातक होता है। अलाउद्दीन खिलजी मुहम्मद तुगलक और औरंगजेब इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। वैसे तो कमोबेश हर बादशाह के साथ ऐसा होता था
इसीलिए बाप बेटे की बेटा बाप की भाई भाई की भतीजे चाचा की हत्या करके गद्दी छीन लेता था।आम आदमी पार्टी में भी कुछ इसी तरह का संघर्ष चल रहा है। टिकट ब्लैकिया संजय सिंह जबसे जेल से बाहर आया है तभी मीडिया की फुटेज खा रहा है। साबित करने में लगा है कि अरविंद केजरीवाल के सत्ता
Jan 15 • 8 tweets • 2 min read
#धर्मसंसद
खाटूश्यामजी महाराज का ध्यान इसलिए आया कि मैंने अपने शहर और आस-पास के बड़े शहरों में खाटूश्यामजी की पूजा होते उनकी शोभायात्रा निकलते देखता हूं।इनका संबंध महाभारत युद्ध से है। भीम के पुत्र घटोत्कच का विवाह प्रागज्योतिषपुर के भौमासुर के सेनापति मूर की पुत्री मोरवी
के साथ हुआ था।इसी से वीर बर्बरीक का जन्म हुआ था।कथा तो विस्तार से आप सभी लोगों ने विस्तार से लिखा है इसलिए कथा बताने की जरूरत नहीं है। भगवान सबको कृतार्थ करते हैं। एक तो बर्बरीक एक असुर कुल का पुत्र था और दूजे अहंकारी भी था। अहंकार भगवान का आहार होता है। अपने