राष्ट्रभक्तो युवा च,
वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः (राष्ट्रहितचिन्तक हम सदा जागरूक रहें) - वेद
Apr 16, 2022 • 8 tweets • 2 min read
आज आदित्यब्रह्मचारी, अमितबलधारी, महापराक्रमी, परमविद्वान्, योगी श्री हनुमानजी की जयन्ती है तो उनके जीवन के शास्त्रज्ञानपरिचयात्मक कुछ प्रसंग सर्वजनहिताय श्रीमद्वाल्मीकीयरामायण से उद्धृत करना आवश्यक प्रतीत हुआ। श्रीहनुमानजी वेदवेदाङ्गों के ज्ञाता थे 1/8
अनेक शास्त्रों का उन्होंने अभ्यास किया था व योगी थे।
यह प्रसंग किष्किन्धाकाण्ड से है, जब श्रीराम अपने अनुज श्रीलक्ष्मण के साथ सीता जी का अन्वेषण कर रहे थे तब घूमते हुए दोनों भाइयों का परिचय प्राप्त करने श्रीहनुमानजी उनके पास गए और देवभाषा संस्कृत में उनके साथ वार्त्तालाप किया।2/8