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ॐ नमः शिवाय ॥ जय श्री राम ॥ धर्मो रक्षति रक्षितः॥ Traveller ॥ Views are strictly personal ॥ RP ≠ Endorsement.
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May 31 14 tweets 4 min read
A thread🧵: The Philosopher Queen Lokmata Maharani Ahilyabai Holkar!

Justice was such that she sentenced her son to death for his mistake, gave property rights to women Image Ahilyabai was born on 31 May 1725 in village Chandi of Jamkhed town in Ahmednagar district of Maharashtra. Now this district is called Ahilyanagar. Her father Mankoji Rao Shinde was a soldier in the Maratha army who later became a hero. Mother Sushila Bai also belonged to a simple farmer family of the village.
May 26 11 tweets 2 min read
Is “Satyam Shivam Sundaram” is taken from Bible’s “Truth Godliness and Beauty”?

Many Indian writers trace the Bible to the origin of "Satyam Shivam Sundaram", and claim it to be inspired by its "Truth Godliness & Beauty".

Let’s explore the truth in this thread 🧵 Image The general translation of the “Satyam Shivam Sundaram” is, "Truth, Godliness and Beauty". The accurate literal translation is "Truth, Like Shiva and Beauty".

Lot is lost when any saying is translated from one ancient language to another modern language.
May 20 13 tweets 5 min read
When did the destruction of Ravana's Lanka begin? This one minute thread 🧵 will give you good insight, please read it till the end Image Hanuman combated Surasa, Simhika, and Lankini and finally entered the city of Lanka. He used his powers to become very tiny so that Lanka’s asura guards would not notice him. Hanuman climbed up the golden walls and searched for Sita inside the houses, in the palace of Lanka, in the royal chambers, and finally reached Ashok Vatika – the beautiful garden in Lanka.Image
May 19 10 tweets 2 min read
🧵 An 8-year-old child went to a shop with a 1 rupee coin in his fist and said,

Will I find God in your shop? Image On hearing this, the shopkeeper threw the coin down and threw the child out.

The child went to a nearby shop and stood quietly with the 1 rupee coin!

Hey boy.. what do you want for 1 rupee?

I want God, is he in your shop?

The other shopkeeper also chased him away.
May 16 24 tweets 6 min read
It’s not the film where Heroes are born, but it is our defence which is the abode of Superheroes! A few moments of them full of swag 🧵

1. Har Har Mahadev 🔱 Image 2. With Love ❤️ Image
May 6 16 tweets 4 min read
"The Tale of Justice: A Dog's Voice in Ramrajya"

Justice Granted to a Dog in the Ramrajya Image The great poets of our time, such as Valmiki, who penned the Ramayana, and Vedavyasa, who authored the Mahabharata, are revered across ages for their remarkable poetic style. They convey moral lessons to society by presenting small anecdotes amid significant themes. Valmiki Maharshi, who composed the Ramayana, showcased minor events from that era as examples for us.
May 5 17 tweets 8 min read
क्या आपको पता है क्यों किया था भगवान शिव ने शंखचूड़ का संहार? क्यों तुलसी के बगैर शालग्राम की पूजा अधूरी होती है?

यह दो मिनट का थ्रेड🧵आपको अंत तक बांधे रखेगा, बस दो मिनट का समय निकाल कर अंत तक पढ़ें! Image प्रजापति महर्षि कश्यप की कई पत्नियां थीं| उनमें से एक नाम दनु था| दनु की संतान दानव कहलाई| उसी दनु के बड़े पुत्र का नाम दंभ था| दंभ बहुत ही सदाचारी और धार्मिक प्रवृति का था| अन्य दानवों की भांति उनमें न तो ईर्ष्या ही थी और न ही देवताओं से विद्वेष भावना| वह विष्णु का भक्त था और उन्हीं की आराधना किया करता था|

लेकिन उसे एक ही चिंता सताती रहती थी कि उसके कोई पुत्र न था|
Apr 28 7 tweets 2 min read
Why is so much respect given to women in the world?

This one minute thread 🧵 will give you good insight, please read it till the end Image One day, Lord Shiva and Goddess Parvati were discussing on Mount Kailash. During their conversation, Goddess Parvati asked Lord Shiva,

Swami, why is so much respect given to women in the world?

Smiling gently, Lord Shiva replied, Devi, to explain this question to the world, we must descend to Earth and conduct an examination.

Thus, Lord Shiva and Goddess Parvati dressed as Brahmins and began their journey to Earth.
Apr 26 10 tweets 3 min read
Do you know why Shani Dev is called Shanaishchara? This story of Pippalad Rishi and Shani Dev will give you insight.

Read this thread 🧵 till the end: Image
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During the funeral rites of Sage Dadhichi, his wife, unable to bear the loss of her husband, sat on the pyre in mourning, placing their 3-year-old child in a nearby giant banyan tree's hollow. In this manner, Sage Dadhichi and his wife were sacrified. But, the child left in the banyan tree began to cry from hunger and thirst. He would fall into the tree's hollow and eat the banyan fruits.
Apr 6 11 tweets 3 min read
11 mind blowing wallpapers reminding Ram Navami beautifully: Image Vanaagman 🐾⛰️ Image
Mar 28 8 tweets 4 min read
हिन्दूओ को सेकुलर बनाने और धन बटोरने का षड्यंत्र और साई बाबा की मार्केटिंग

कृपया लेख ध्यानपूर्वक पूरा पढ़ें…..

आज से 25-30 साल पहले कोई साईं का नाम तक नहीं जानता था, तब शिर्डी सिर्फ एक खाली गाँव था जहाँ साईं की एक कब्र थी जहाँ पर 1972 में एक मूर्ति लगा दी गयी ताकि साईं की मार्केटिंग करके नया धंधा चमकाया जाए।Image तब साईं के भी एक्का दुक्का मंदिर होते थे, 1972 में जिस साईं कि कब्र के पास कोई मूर्ति नहीं थी वहां पर अब मूर्ति लगा कर धन बटोरने और हिन्दूओ को सेकुलर बनाने का षड्यंत्र चलने लगा, उनका एक ही उद्देश्य था कि किसी तरह से साईं हर हिन्दू के घर में पहुँच जाए क्यूंकि इससे एक तो मुसलमानो को लोग अच्छा समझेंगे और दूसरा साईं के कारण राम मंदिर आन्दोलन धीमा पड़ जायेगा, दुर्भाग्य से उनकी योजना सफल हो गयी

लेकिन 1990 के बाद चले राममंदिर आन्दोलन को कमजोर करने और हिन्दुओ को भटकाने के लिए ही तब साईं का प्रचार सबसे अधिक जोरदार तरीके से शुरू हुआ था ।

तब एक नया चलन सामने आया था…..

कुछ लोग जो की साईं की मार्केटिंग कागज़ के पर्चे छपवा कर करते थे …

उन पर लिखा होता था की अगर आप इस पर्चे को पढने के बाद छपवा कर लोगों में बांटेंगे तो दस दिन के अन्दर आपको लाखों रूपये का धन अचानक मिलेगा ।
Mar 25 14 tweets 5 min read
अर्जुन ने भगवान श्री कृष्ण से कहा: हे मधुसूदन!

चैत्र माह के कृष्ण पक्ष मे आने वाली एकादशी का क्या नाम है? तथा उसकी विधि क्या है? कृपा करके आप मेरी बढ़ती हुई जिज्ञासा को शांत करें। Image भगवान श्रीकृष्ण ने कहा: हे अर्जुन!

चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। एक बार की बात है, पृथ्वीपति राजा मान्धाता ने लोमश ऋषि से यही प्रश्न किया था, जो तुमने मुझसे किया है। अतः जो कुछ भी ऋषि लोमश ने राजा मान्धाता को बतलाया, वही मैं तुमसे कह रहा हूँ।

राजा मान्धाता ने धर्म के गुह्यतम रहस्यों के ज्ञाता महर्षि लोमश से पूछा: हे ऋषिश्रेष्ठ! मनुष्य के पापों का मोचन किस प्रकार सम्भव है? कृपा कर कोई ऐसा सरल उपाय बतायें, जिससे सभी को सहज ही पापों से छुटकारा मिल जाए।Image
Mar 17 12 tweets 3 min read
What are the benefits of visiting the 12 Jyotirlingas?

1. Kedarnath - you will get salvation Image 2. Mahakaleshwar - You will be free from all fears
Mar 10 10 tweets 3 min read
Why does Nandi always sit in front of Lord Shiva in the temple and why is his face always towards the Shivlinga?

Read this thread till the end,it will be worth your 2 minutes! Image Whenever we go for darshan of Bholenath all our attention is on Shivling and after that our attention goes to temple artwork and later on other things. We all have seen Nandi in the temple and before reaching the Shivling we bow our heads before Nandi and bow down to him. Image
Mar 7 11 tweets 6 min read
हत्या केस में गया जेल तो बना ईसाई, बाहर आकर करवाने लगा धर्मांतरण: दूसरी बार हुआ रेप का केस दर्ज।

जानें ‘यशु-यशु’ गाकर वायरल होने वाले पादरी बजिंदर सिंह की पूरी हिस्ट्री, दो मिनट का ये थ्रेड आपका होश उड़ा देगा, अंत तक पड़ें। Image पंजाब के कपूरथला में 22 साल की एक महिला ने पादरी बजिंदर सिंह पर उसकी किशोरावस्था में यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। पंजाब की जालंधर पुलिस ने ईसाई प्रचारक बजिंदर के खिलाफ यौन उत्पीड़न, आपराधिक धमकी देने और पीछा करने का मामला दर्ज कर लिया है। जालंधर पुलिस ने रविवार (2 मार्च) को इसकी जानकारी दी।

पीड़िता का कहना है कि वह दिसंबर 2017 में पादरी बजिंदर सिंह की मंडली में शामिल हो गई थी। इसके बाद 2020 में ‘वर्शिप टीम’ का हिस्सा बन गई। पीड़िता का आरोप है कि इस दौरान बजिंदर ने उसका फ़ोन नंबर ले लिया और उसे अश्लील मैसेज भेजना शुरू कर दिया। उस समय उसकी उम्र 17 साल थी। पीड़िता का आरोप है कि साल 2022 में बजिंदर ने उसके साथ गलत हरकत की।

FIR में कहा गया है, “साल 2022 में उसने (बजिंदर सिंह ने) मुझे रविवार को अपने केबिन में बैठाने लगा। जब मैं अकेली होती तो वह मुझे जबरन गले लगाता और गंदे तरीके से छूता था। जब मैं कॉलेज जाती थी तो वह अपनी कार से मेरा पीछा करने लगा। वह धमकी देता था कि अगर मैंने उससे शादी नहीं की या इस बारे किसीको बताया तो वह मेरे माता-पिता और भाई को मरवा देगा।
Feb 27 9 tweets 4 min read
इसे सेव कर सुरक्षित कर लें, ऐसी पोस्ट कम ही आती है..

कैसे पहचानें कि दैवीय शक्ति आपकी मदद कर रही है...?? अंत तक जरुर पढ़े🧵 Image इन 11 संकेतों से कर सकते हैं आभास दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें उनके जीवन में दैवीय सहायता मिलती है। किसी को ज्यादा तो किसी को कम। कुछ तो ऐसे हैं जिनके माध्यम से दैवीय शक्तियां अच्छा काम करवाती हैं। सवाल यह उठता है कि आम व्यक्ति कैसे पहचानें कि उसकी दैवीय शक्तियां मदद कर रही है या उसकी पूजा-पाठ-प्रार्थना का असर हो रहा है? इन 11 संकेतों से हम इसको महसूस कर सकते हैं-
Feb 23 9 tweets 3 min read
औरंगजेब भारतीय इतिहास में सबसे बड़ा दुष्ट, क्रूर लेकिन भगोड़ा था

ऐसे दुष्ट की महिमामंडन करने वाले मूर्खों को शिक्षित करने का समय आ गया है, जिनके पूर्वज संभवतः औरंगजेब की क्रूरता के शिकार थे।

यह एक मिनट का थ्रेड👇आपको सच्चाई से अवगत करा देगा बस एक मिनट का समय निकालिए और अंत तक पढ़िए।Image 🔹 अपने ही साम्राज्य को नष्ट कर दिया

औरंगजेब को दुनिया का सबसे अमीर साम्राज्य (₹40 करोड़ वार्षिक राजस्व, 24 करोड़ लोग) विरासत में मिला। 1707 में उसकी मृत्यु हो गई और उस साम्राज्य को दिवालिया, बिखरा हुआ और विद्रोहों से भरा छोड़ दिया। उनके अपने बेटों ने उनके मरने से पहले ही सिंहासन के लिए लड़ाई लड़ी।
Feb 23 11 tweets 4 min read
क्या आप जानते हैं की धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज की मृत्यु का बदला कैसे लिया गया और किसने लिया ?

यह दो मिनट का थ्रेड👇आपके रोंगटे खड़े कर देगा! बस दो मिनट का समय निकालिए और अंत तक पढ़िए। Image छत्रपति संभाजी की हत्या के बाद औरंगजेब के सेनापति जुल्फिकार खान ने रायगढ़ पर कब्जा कर छत्रपति संभाजी की पत्नी येसु बाई और उनके पुत्र को भी कैद कर लिया जिसके बाद छत्रपति संभाजी महाराज के छोटे भाई राजाराम जी महाराज छत्रपति के पद पर विभूषित हुए।

छत्रपति संभाजी महाराज को औरंगजेब ने 40 दिनों तक भयंकर यातनाएं देकर मारा था। इस हाहाकारी मृत्यु ने मराठों के सीनों में आग लगा दी। उनके सारे मतभेद खत्म हो गए और सिर्फ एक ही लक्ष्य रह गया राक्षस औरंगजेब का सर्वनाश।
Feb 22 12 tweets 10 min read
सनातन में कुप्रथाएं "एक सफेद झूठ"

क्या सती प्रथा का वास्तविक रूप वही है जैसा आज तक हमने पढ़ा या फिर कुछ और? अगर वास्तविक रूप कुछ और है तो फिर हमें गलत क्यों पढ़ाया गया और हमारी किताबों में गलत लिखा किसने?

सच जानने के लिए इस थ्रेड🧵को अंत तक जरूर पढ़ें। Image सती प्रथा को जानने से पहले हमें यह जानना पड़ेगा कि वामपंथी इतिहासकारोंऔर लेखकों द्वारा इस प्रथा के पीछे क्या तर्क दिया जाता था और क्या-क्या कारण बताए जाते थे, यह जानना ज्यादा जरूरी है।

पहला तर्क: सती प्रथा के पीछे जो तर्क दिया जाता है उसमें पहला तर्क है माता सती का, जिन्होंने स्वयं को यज्ञ की अग्नि में भस्म कर लिया था। इस प्रथा का नाम जिनके नाम पर रखा गया वह थीं माता सती।
Feb 19 9 tweets 2 min read
क्या आप जानते हैं कि महाराज छत्रपति शम्भाजी राजे को उनके ही रिश्तेदारों के विश्वासघात के कारण मुगलों ने पकड़ लिया था

यह दो मिनट का धागा आपके रोंगटे खड़े कर देगा! बस दो मिनट का समय निकालिए और अंत तक पढ़िए Image छत्रपति संभाजी महाराज का 1689 में संगमेश्वर में पकड़ा जाना उनके ही रिश्तेदार के विश्वासघात का सीधा परिणाम था

वे अपने विश्वसनीय सलाहकार कवि कलश, अपने सेनापति म्हालोजी घोरपड़े, अपने बेटे संताजी घोरपड़े और खांडो बल्लाल के साथ स्वराज्य की सेवा करने वाले दो यादव भाइयों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए संगमेश्वर में थे।
Feb 17 17 tweets 9 min read
भगवान शंकर ने दक्ष को बकरे का सिर क्यों लगाया?

स्वायम्भुव मनु की तीन पुत्रियाँ थीं – अकुति, देवहूति और प्रसूति।

इनमें से प्रसूति का विवाह दक्ष नाम के प्रजापति से हुआ। दक्ष को 16 कन्याओं की प्राप्ति हुई। इनमें से एक थी ‘सती’ जिनका विवाह भगवान शिव के साथ हुआ था, उनको किसी संतान की प्राप्ति नहीं हुई, क्योंकि उन्होंने युवावस्था में ही अपने पिताजी के यहाँ देह का परित्याग कर दिया था।Image विदुर जी ने कहा- कोई महिला ससुराल में देह त्याग करे तो बात समझ आती है, उसको प्रताड़ना दी गई होगी। लेकिन पिता के घर में आत्मह'त्या कर ले, ये बात समझ में नहीं आती।

मैत्रय जी कहते हैं – एक बार देवताओं की बड़ी सभा लगी हुई थी। दक्ष जो सती के पिता हैं, उस सभा के सभापति थे। दक्ष जब सभा में आये, सभी लोग उठकर खड़े हो गये। दो लोग उठकर खड़े नहीं हुए। ये थे भगवान शंकर और ब्रह्मा जी।