Trying to heal my scars, one story at a time.
And sharing those stories, so maybe, someone else heals, too. ♥️
#Writer
Nov 21, 2020 • 9 tweets • 2 min read
मुझे ऐसे मिले हो तुम,
जैसे किसी को मिले ही नहीं...
राधा के श्याम
सीता के राम..
किस्मत में
थे ही कहाँ
मीरा के घनश्याम..?
जैसे मिले माँ
अहिल्या को..
कुमाता कैकयी,
माता कौशल्या को...
पाँच पुत्रों की माँ को
कर्ण ही कहाँ मिले?
यशोदा को तो
मिल के भी तुम ना मिले..
मिले ही नहीं
भरत को भी वैसे,
जैसे तुम हनुमान को मिले.
विभीषण को तुम कहाँ मिले
जैसे अंगद के पाँव को मिले..
रुक्मणी की आँखों का
शून्य सही है कान्हा
उससे अधिक तो तुम
मौन सभा की द्रौपदी को मिले..
तुम मिले ही नहीं
दशरथ के अंतिम समय को
ना ही मिल पाए कभी
वृषभान कुमारी के इंतज़ार को
Nov 19, 2020 • 7 tweets • 4 min read
जानते हो, सबसे बुरा क्या होता है?
एहसासों का मर जाना... घुट घुट कर तड़प कर आत्महत्या कर लेना.. अंदर के इंसान का मर जाना, देह त्यागने से बहुत पहले ही..
जानते हो, सबसे अच्छा क्या होता है?
सबसे अच्छा होता है, मरे हुए जज़्बातों में जान फूँकना..
सबसे अच्छा होता है किसी और को उससे ही प्यार करना सिखाना..
सबसे अच्छा होता है, किसी का बचपन लौटाना.. बचपन याने वो बहती हुई नाक और आधे टूटे दाँतों से भी छन्न के आती हँसी वापस लौटना.. दुनिया की परवाह से अनजान...