ANOOP KR TIWARI Profile picture
UPSC Fail| IBPSPO& DSSSB-Resigned | PCS-(PES)| 90kid| ठेठ पुरबिया| Avid reader| Blogger| #Satarist| Sophisticated देहाती| विचार व्यक्तिगत
Jul 27, 2021 8 tweets 3 min read
गांधी हत्या के करीब 16साल बाद 12Oct 1964में गांधी हत्याके जुर्ममें आजीवन कारावास की सजा काट चुके गोपालगोडसे, बिष्णुकरकरे और मदनलाल पाहवा जेलसे रिहा हुए।पूना में गोडसे और करकरे का नायक की तरह स्वागत हुआ।इन्हें सम्मानित करने हेतु सत्य विनायक पूजाका आयोजन 12Nov1964 को किया गया... इस आयोजन में नाथूराम को देशभक्त कहा गया। आयोजन की अध्यक्षता बाल गंगाधर तिलक के नाती ऐवम "केशरी"के पूर्व संपादक G.V केतकर कर रहे थे। अपने भाषण में केतकर ने कहा कि उन्हें नाथूराम की गांधी हत्या करने की योजना के बारे में जानकारी थी। उन्होंने नाथूराम के इस क्षोभ को भी याद किया...
Jul 25, 2021 5 tweets 1 min read
सन 1950 में चंद्रशेखर ने इलाहाबाद विश्विद्यालय से MA के लिये पंजीकरण करवाया। उस वक़्त इलाहाबाद को पूरब का ऑक्सफ़ोर्ड कहा जाता था। शहर बुद्धिजीवियों और बड़े नेताओं का गढ़ हुआ करता था। शहर के कई विख्यात साहित्यिकार थे।
उस जमाने मे परास्नातक की परीक्षा में लिखित परीक्षा के साथ.. मौखिक परीक्षा/वाइवा भी शामिल था। अलीगढ़ मुस्लिम विश्विद्यालय के प्रो. तालुकेदार और इलाहाबाद के प्रो लाल को वाइवा के लिए नियुक्त किया गया जिनके अंतर्गत चंद्रशेखर को अपना वाइवा देना था। परीक्षार्थियों को की घबराहट को शांत करने और उन्हें आरामदायक स्थिति में लाने के लिए प्रो लाल...
Jul 23, 2021 6 tweets 2 min read
आज़ाद बिस्मिल और अन्य क्रांतिकारी काशी के एक मोहल्ले में एक उजाड़ से घर मे रहते थे। नाम था कल्याण आश्रम। आवारा लड़को की तरह गाना बजाना काम था। बाहर के कमरे में वाद्य यंत्र बिखरे। कोई भांप नही सकता था कि यहाँ क्रांतिकारी रहते है। अंदर के कमरे में क्रांतिकारियों की मीटिंग होती थी.. दो डकैतियां असफल हो चुकी थी। धन की जरूरत थी। सब चिन्तित की बिना धन के गतिविधियों को अंजाम कैसे दिया जाएगा। इसी बीच रामकृष्ण खत्री जो सन्यासी के वेश में रहते थे ने ज्यादा पैसे पाने का एक आइडिया बताया। उन्होंने बताया कि गाजीपुर का एक महंत जिसने बहुतपैसे इकट्ठा किये है मरनेवाला...
Jun 27, 2021 5 tweets 2 min read
प्राचीन सियालकोट में एक बार बौद्धों का बहुत बड़ा भिक्षुसंघ आया। इस संघ को एक ऐसे वेदपाठी ब्राह्मण के विषय में ज्ञात हुआ, जो इतना रूढ़िवादी था कि किसी अवैदिक पंडित की छाया भी स्वयं पर नहीं पड़ने देताथा। उसे सुधारने का बीड़ा एक भिक्षु ने उठाया। अगले दिन वह अपना भिक्षापात्र लेकर... ब्राह्मण के घर पहुँच गया और पूछा, ‘‘कुछ आहार-पानी की सुविधा है?’’ उसकी बात सुनकर घर के सभी लोग मौन रहे और उसकी ओर घृणा की दृष्टि से देखा। भिक्षु लौट आया। दूसरे दिन फिर गया और वही प्रश्न दोहराया। इस बार भी उसे चुप्पी और तिरस्कार का सामना करना पड़ा। वह पुनः लौट गया। एक दिन जब वह...