हिन्दू मेरा परिचय || Nationalist || Views are Personal || Rt not Endorsement || Tweets in Media || जय श्री राम ||
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Jun 6 • 4 tweets • 3 min read
दुर्योधन की मृत्यु के समय श्रीकृष्ण ने किया था इस रहस्य का खुलासा,पांडव एवं उनकी सम्पूर्ण सेना सिर्फ एक दिन में ही हो सकती थी पराजित
महाभारत के युद्ध समाप्ति के बाद जब कुरुक्षेत्र के मैदान में दुर्योधन मरणासन अवस्था में अपनी अंतिम सासे ले रहा था तब भगवान श्री कृष्ण उससे मिलने गए. हालाँकि भगवान श्री कृष्ण को देख दुर्योधन क्रोधित नहीं हुआ परन्तु उसने श्री कृष्ण को ताने जरूर मारे.
श्री कृष्ण ने दुर्योधन से उस समय कुछ न कहा परन्तु जब वह शांत हुआ तब श्री कृष्ण ने दुर्योधन को उसकी युद्ध में की गई उन गलतियों के बारे में बताया जो वह न करता तो आज महाभारत का युद्ध वह जीत चुका होता.
कुरुक्षेत्र में लड़े गए युद्ध में कौरवों के सेनापति पहले दिन से दसवें दिन तक भीष्म पितामह थे, वहीं ग्याहरवें से पंद्रहवे तक गुरु दोणाचार्य ने ये जिम्मेदारी संभाली. लेकिन द्रोणाचार्य के मृत्यु के बाद दुर्योधन ने कर्ण को सेनापति बनाया.
Jun 5 • 7 tweets • 8 min read
पढ़िए एक हिन्दू बेटी के साथ हुए षडयंत्रों की वह सत्य कथा जिसने इंजीनियर दीपक त्यागी को स्वामी यति नरसिंहानन्द सरस्वती बनने पर विवश कर दिया !
मैं यति नरसिंहानंद सरस्वती डासना देवी मन्दिर का महंत हूँ।आज आप लोगो को वो कहानी सुनाना चाहता हूँ जिसने मुझे हिन्दू बनाया।
मेरे जैसे लोगो की कहानिया कभी पूरी नहीँ होती क्योंकि जीवन हम जैसो के लिए बहुत क्रू र होता है।मेरी बहुत इच्छा है कुछ किताबे लिखने की पर शायद ये कभी नहीँ हो सकेगा क्योंकि हमारे क्षेत्र के Mसलमानो ने जीवन को एक नर्क में परिवर्तित कर दिया है जिससे निकालने की संभावना केवल मृत्यु में है और किसी में नहीँ है।मैं धन्यवाद देता हूँ सोशल मीडिया को जिसने अपनी बात रखने के लिये मुझ जैसो को एक मंच दिया है और मैं अपने दर्द को आप लोगो तक पहुँचा पाता हूँ।आज मैं आपको अपने जीवन की वो घटना बताना चाहता हूँ जिसने मेरे जीवन को बदल दिया था।ये एक लड़की की दर्दनाक और सच्ची कहानी है जिसने बाद में शायद आत्मह त्या कर ली थी।इस घटना ने मेरे जीवन पर इतना गहरा प्रभाव डाला की मेरा सब कुछ बदल दिया बल्कि मैं सच कहू तो मुझे ही बदल दिया।
बात 1997 की है, जब मैं दीपक त्यागी ( मेरे सन्यासी जीवन से पूर्व का नाम ) विदेश "मॉस्को" से इस्टीट्यूट ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग से "एमटेक" Mtech की शिक्षा पूरी वापस अपने देश आया था । मैं कुछ बड़ा करना चाहता था और इसके लिये मुझे लगा की मुझे राजनीति करनी चाहिए । मेरा जन्म एक उच्च मध्यम वर्गीय किसान परिवार में हुआ था और मेरे बाबा जी आजादी से पहले बुलंदशहर जिले के कांग्रेस के पदाधिकारी थे और उन बहुत कम लोगों में से थे जिन्होंने पेंशन नहीँ ली आजादी के बाद स्वतंत्रता सेनानी के रूप में।मेरे पिताजी केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों की यूनियन के एक राष्ट्रीय स्तर के नेता थे।मेरा जन्म क्योंकि एक त्यागी परिवार में हुआ तो मुझे बाहुबल की राजनीति पसंद थी और मेरे कुछ जानने वालो ने मुझे समाजवादी पार्टी की युथ ब्रिगेड का जिलाध्यक्ष भी बनवा दिया था।जैसा की राजनीति में सभी करते हैं, मैंने भी अपने बिरादरी के लोगो का एक गुट बनाया और कुछ त्यागी सम्मेलन आयोजित किये।
Jun 5 • 5 tweets • 2 min read
18 दिन के युद्ध ने द्रोपदी की उम्र को शारीरिक और मानसिक रूप से 80 वर्ष जैसा कर दिया था। शहर में चारों तरफ़ विधवाओं का बाहुल्य था। इक्का दुक्का पुरुष ही दिखाई पड़ता था। अनाथ बच्चे घूमते दिखाई पड़ते थे।
महारानी द्रौपदी हस्तिनापुर के महल में निश्चेष्ट बैठी हुई शून्य को निहार रही थी कि तभी श्रीकृष्ण कक्ष में दाखिल हुए है। द्रौपदी कृष्ण को देखते ही दौड़कर उनसे लिपट जाती है। कृष्ण उसके सिर को सहलाते रहते हैं और रोने देते हैं। थोड़ी देर में उसे खुद से अलग करके समीप के पलंग पर बैठा
देते हैं।
द्रोपती, यह क्या हो गया सखा..?? ऐसा तो नहीं सोचा था।
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कृष्ण, नियति बहुत क्रूर होती है पांचाली.. वह हमारे सोचने के अनुरूप नहीं चलती !
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हमारे कर्मों को परिणामों में बदल देती है.. तुम प्रतिशोध लेना चाहती थी और, तुम सफल हुई, द्रौपदी !
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तुम्हारा प्रतिशोध पूरा हुआ... सिर्फ दुर्योधन और दुशासन ही नहीं, सारे कौरव समाप्त हो गए !
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तुम्हें तो प्रसन्न होना चाहिए !
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द्रोपती, सखा, तुम मेरे घावों को सहलाने आए हो या, उन पर नमक छिड़कने के लिए ?
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कृष्ण, नहीं द्रौपदी, मैं तो तुम्हें वास्तविकता से अवगत कराने के लिए आया हूं।
Jun 4 • 4 tweets • 2 min read
बस 1 मिनट हाथ की ऊँगलियों को रगड़ने से शरीर का दर्द गायब हो जाता है।
संवेदनशीलता की प्राचीन जापानी कला के अनुसार, प्रत्येक ऊँगली विशेष बीमारी और भावनाओं के साथ जुड़ी होती हैं। हमारे हाथ की पाँचों ऊँगलियाँ शरीर के अलग-अलग अंगों से जुड़ी होती हैं। इसका मतलब आप को दर्द नाशक दवाइयाँ खाने की बजाए इस आसान और प्रभावशाली तरीके का इस्तेमाल करना करना चाहिए। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको जानेंगे, कि शरीर के किसी हिस्से का दर्द सिर्फ हाथ की ऊँगली को रगड़ने से कैसे दूर होता है।
हमारे हाथ की अलग-अलग ऊँगलियाँ अलग-अलग बीमारियों और भावनाओं से जुड़ी होती हैं।
शायद् आप को पता न हो , हमारे हाथ की ऊँगलियाँ, चिंता , डर और चिड़चिड़ापन दूर करने की क्षमता रखती है । ऊँगलियों पर धीरे से दबाव डालने से शरीर के कई अंगो पर प्रभाव पड़ेगा ।
आइये हम ये जानने की कोशिश करते हैं कि कैसे हाथ की ऊँगलियों को रगड़ने से, हो सकता है शरीर का दर्द दूर ?
Jun 3 • 6 tweets • 4 min read
🔹एक चुटकी ज़हर प्रतिदिन🔹
आरती नामक एक युवती का विवाह हुआ और वह अपने पति और सास के साथ अपने ससुराल में रहने लगी।
कुछ ही दिनों बाद आरती को आभास होने लगा कि उसकी सास के साथ पटरी नहीं बैठ रही है। सास पुराने ख़यालों की थी और बहू नए विचारों वाली। आरती और उसकी सास का आये दिन झगडा होने लगा।
दिन बीते, महीने बीते. साल भी बीत गया। न तो सास टीका-टिप्पणी करना छोड़ती और न आरती जवाब देना। हालात बद से बदतर होने लगे। आरती को अब अपनी सास से पूरी तरह नफरत हो चुकी थी।
आरती के लिए उस समय स्थिति और बुरी हो जाती जब उसे भारतीय परम्पराओं के अनुसार दूसरों के सामने अपनी सास को सम्मान देना पड़ता। अब वह किसी भी तरह सास से छुटकारा पाने की सोचने लगी।
एक दिन जब आरती का अपनी सास से झगडा हुआ और पति भी अपनी माँ का पक्ष लेने लगा तो वह नाराज़ होकर मायके चली आई।
आरती के पिता आयुर्वेद के डॉक्टर थे।
उसने रो-रो कर अपनी व्यथा पिता को सुनाई और बोली – “आप मुझे कोई जहरीली दवा दे दीजिये जो मैं जाकर उस बुढ़िया को पिला दूँ नहीं तो मैं अब ससुराल नहीं जाऊँगी…”
बेटी का दुःख समझते हुए पिता ने आरती के सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए कहा – “बेटी, अगर तुम अपनी सास को ज़हर खिला कर मार दोगी तो तुम्हें पुलिस पकड़ ले जाएगी और साथ ही मुझे भी क्योंकि वो ज़हर मैं तुम्हें दूंगा. इसलिए ऐसा करना ठीक नहीं होगा.”
Jun 3 • 5 tweets • 3 min read
एक आदमी ने एक बूढ़े पक्षी को एक जंगल में पकड़ लिया था।
उस बूढ़े पक्षी ने कहा: मैं किसी के भी काम का नहीं हूं, देह मेरी जीर्ण-जर्जर हो गई, जीवन मेरा समाप्त होने के करीब है, न मैं गीत गा सकता हूं, न मेरी वाणी में मधुरता है, मुझे ले जा कर करोगे भी क्या? लेकिन यदि तुम मुझे छोड़ने को राजी हो जाओ, तो मैं जीवन के संबंध में तीन सूत्र तुम्हें बता सकता हूं।
उस आदमी ने कहा: भरोसा क्या कि मैं तुम्हें छोड़ दूं और तुम सूत्र बताओ या न बताओ?
उस पक्षी ने कहा: पहला सूत्र मैं तुम्हारे हाथ में ही तुम्हें बता दूंगा। और अगर तुम्हें सौदा करने जैसा लगे, तो तुम मुझे छोड़ देना। दूसरा सूत्र मैं वृक्ष के ऊपर बैठ कर बता दूंगा। और तीसरा सूत्र जब मैं आकाश में ऊपर उड़ जाऊंगा तभी बता सकता हूं।
बूढ़ा पक्षी था, सच ही उसकी आवाज में कोई मधुरता न थी, वह बाजार में बेचा भी नहीं जा सकता था। और उसके दिन भी समाप्त प्राय थे, वह ज्यादा दिन बचने को भी न था। उसे पकड़ रखने की कोई जरूरत भी न थी। उस शिकारी ने उस पक्षी को कहा: ठीक, शर्त स्वीकार है। तुम पहला सूत्र मुझे बता दो।
Jun 3 • 30 tweets • 8 min read
पिछले कुछ सालों में दुनिया कैसे बदल गई है...दो मिनट की ये पोस्ट रौंगटे खड़े कर देगी..अंत तक जरुर पढ़े🧵
1. राम जन्मभूमि, अयोध्या 2. अप्रैल 1897 में जेरूसलम के जाफ़ा गेट का यह बहुत ही दुर्लभ दृश्य फिल्माया गया था, इसमें ईसाई, यहूदी और मुसलमान शांति से रहते हुए दिखाई देते हैं
Jun 3 • 14 tweets • 10 min read
पंचमुखी क्यों हुए हनुमानजी..?? दो मिनट की ये कहानी रौंगटे खड़े कर देगी..अंत तक जरुर पढ़े🧵
लंका में महा बलशाली मेघनाद के साथ बड़ा ही भीषण युद्ध चला. अंतत: मेघनाद मारा गया। रावण जो अब तक मद में चूर था राम सेना, खास तौर पर लक्ष्मण का पराक्रम सुनकर थोड़ा तनाव में आया।
रावण को कुछ दुःखी देखकर रावण की मां कैकसी ने उसके पाताल में बसे दो भाइयों अहिरावण और महिरावण की याद दिलाई। रावण को याद आया कि यह दोनों तो उसके बचपन के मित्र रहे हैं।
लंका का राजा बनने के बाद उनकी सुध ही नहीं रही थी। रावण यह भली प्रकार जानता था कि अहिरावण व महिरावण तंत्र-मंत्र के महा पंडित, जादू टोने के धनी और मां कामाक्षी के परम भक्त हैं।
Jun 2 • 7 tweets • 4 min read
केदारनाथ मंदिर एक अनसुलझी पहेली है।
केदारनाथ मंदिर का निर्माण किसने करवाया था इसके बारे में बहुत कुछ कहा जाता है। पांडवों से लेकर आदि शंकराचार्य तक।
आज का विज्ञान बताता है कि केदारनाथ मंदिर शायद 8वीं शताब्दी में बना था। यदि आप ना भी कहते हैं, तो भी यह मंदिर कम से कम 1200 वर्षों से अस्तित्व में है।
केदारनाथ की भूमि 21वीं सदी में भी बहुत प्रतिकूल है। एक तरफ 22,000 फीट ऊंची केदारनाथ पहाड़ी, दूसरी तरफ 21,600 फीट ऊंची कराचकुंड और तीसरी तरफ 22,700 फीट ऊंचा भरतकुंड है।
इन तीन पर्वतों से होकर बहने वाली पांच नदियां हैं मंदाकिनी, मधुगंगा, चिरगंगा, सरस्वती और स्वरंदरी। इनमें से कुछ इस पुराण में लिखे गए हैं।
यह क्षेत्र "मंदाकिनी नदी" का एकमात्र जलसंग्रहण क्षेत्र है। यह मंदिर एक कलाकृति है। कितना बड़ा असम्भव कार्य रहा होगा ऐसी जगह पर कलाकृति जैसा मन्दिर बनाना जहां ठंड के दिन भारी मात्रा में बर्फ हो और बरसात के मौसम में बहुत तेज गति से पानी बहता हो। आज भी आप गाड़ी से उस स्थान तक नही जा सकते।
फिर इस मन्दिर को ऐसी जगह क्यों बनाया गया?
ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियों में 1200 साल से भी पहले ऐसा अप्रतिम मंदिर कैसे बन सकता है?
Jun 1 • 20 tweets • 5 min read
दुनिया का भयानक ऐतिहासिक परिवर्तन...दो मिनट की ये पोस्ट रौंगटे खड़े कर देगी..अंत तक जरुर पढ़े🧵
1. तक्षशिला पहले भारत में और अब पाकिस्तान 2. गीज़ा, मिस्र
Jun 1 • 16 tweets • 4 min read
इसे सेव कर सुरक्षित कर लें, ऐसी पोस्ट कम ही आती है..
सुंदरकांड पाठ करने के नियम...बहुत ही ज्ञानवर्धक लेख अंत तक जरुर पढ़े🧵 1. ⚡⚔️🖤
Jun 1 • 11 tweets • 3 min read
7 घोड़ों की तस्वीर के वास्तु शास्त्र रहस्य: जीवन में सफलता और ऊर्जा का रहस्य।
वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जो दिशाओं, तत्वों और ऊर्जा संतुलन के आधार पर जीवन को सुखद, समृद्ध और शांतिपूर्ण बनाने के उपाय प्रदान करता है। वास्तु शास्त्र में कुछ प्रतीकात्मक वस्तुएं विशेष महत्व रखती हैं, और उनमें से एक है – सात दौड़ते घोड़ों की तस्वीर। यह न सिर्फ एक सजावटी चित्र है, बल्कि इसके पीछे छिपे हैं गहरे ऊर्जा सिद्धांत और आध्यात्मिक रहस्य।
May 31 • 30 tweets • 9 min read
इतिहास का सबसे दिलचस्प नजारा...दो मिनट की ये पोस्ट रौंगटे खड़े कर देगी..अंत तक जरुर पढ़े🧵
1. सद्दाम हुसैन के जीवन का अंतिम क्षण 2. कुछ क्षण पहले मोबाइल फोन पर कैद।
May 31 • 13 tweets • 7 min read
रामेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना के समय रावण कैसे बना प्रभु श्रीराम का पुरोहित...
भगवान श्री राम ने रामेश्वरम में जब शिवलिंग की स्थापना की तब आचार्यत्व के लिए रावण को निमंत्रित किया था। रावण ने उस निमंत्रण को स्वीकार किया और उस अनुष्ठान का आचार्य बना। रावण त्रिकालज्ञ था, उसे पता था कि उसकी मृत्यु सिर्फ श्रीराम के हाथों लिखी है। वह कुछ भी दक्षिणा माँग सकता था। पर उसने क्या विचित्र दक्षिणा माँगी वह इस लेख में पढ़िए।
रावण केवल शिव भक्त, विद्वान एवं वीर ही नहीं, अति-मानववादी भी था..। उसे भविष्य का पता था..। वह जानता था कि श्रीराम से जीत पाना उसके लिए असंभव था..। जामवंत जी को आचार्यत्व का निमंत्रण देने के लिए लंका भेजा गया..। जामवन्त जी दीर्घाकार थे, वे आकार में कुम्भकर्ण से तनिक ही छोटे थे। लंका में प्रहरी भी हाथ जोड़कर मार्ग दिखा रहे थे।
May 30 • 23 tweets • 6 min read
कैमरे में कैद हुई भयावह दुर्घटनाओं की खबर...दो मिनट की ये पोस्ट रौंगटे खड़े कर देगी..अंत तक जरुर देखे🧵 1. यह कोई फिल्म का सीन नहीं, हकीकत है 😳
May 30 • 5 tweets • 2 min read
गंजेपन का सफल चमत्कारी इलाज...
मैं काफी दिनों से देख रही हूँ कि लोगों बालो की समस्या से काफ़ी परेशान हैं...जैसे की बाल झड़ना या बाल रहना ही ना.... तो उन सबके लिए एक बहुत ही आसान सा उपाय बता रही हूँ कृपया लाभ उठायें।
कनेर के 60-70 ग्राम पत्ते (लाल या पीली दोनों में से कोई भी या दोनों ही एक साथ ) ले के उन्हें पहले अच्छे से सूखे कपडे से साफ़ कर लें ताकि उनपे जो मिटटी है वो निकल जाये... अब एक लीटर सरसों का तेल या नारियल का तेल या जेतून का तेल ले के उसमे पत्ते काट काट के डाल दें. अब तेल को गरम करने के लिए रख दें. जब सारे पत्ते जल कर काले पड़ जाएँ तो उन्हें निकाल कर फेंक दें और तेल को ठण्डा कर के छान लें और किसी बोटल में भर के रख लें.....
May 30 • 6 tweets • 7 min read
इसे सेव कर सुरक्षित कर लें, ऐसी पोस्ट कम ही आती है..
याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें : जो आपको हमेशा स्वस्थ और सेहतमंद रखेंगी :-
1. दूध ना पचे तो - सोंफ
2. दही ना पचे तो - सोंठ
3. छाछ ना पचे तो - जीरा व काली मिर्च
4. अरबी व मूली ना पचे तो - अजवायन
5. कड़ी ना पचे तो - कड़ी पत्ता6. तेल, घी, ना पचे तो - कलौंजी
7. पनीर ना पचे तो - भुना जीरा
8. भोजन ना पचे तो - गर्म जल
9. केला ना पचे तो - इलायची
10. ख़रबूज़ा ना पचे तो - मिश्री का उपयोग करें
◾योग,भोग और रोग ये तीन अवस्थाएं है।
◆ लकवा - सोडियम की कमी के कारण होता है।
◆ हाई बी पी में - स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन करें तथा स्नान करते समय थोड़ा सा नमक पानी मे डालकर स्नान करें।
◆ लो बी पी - सेंधा नमक डालकर पानी पीयें।
◆ कूबड़ निकलना - फास्फोरस की कमी।
◆ कफ - फास्फोरस की कमी से कफ बिगड़ता है , फास्फोरस की पूर्ति हेतु आर्सेनिक की उपस्थिति जरुरी है। गुड व शहद खाएं।
◆ दमा, अस्थमा - सल्फर की कमी।
◆ सिजेरियन आपरेशन - आयरन , कैल्शियम की कमी।
◆ सभी क्षारीय वस्तुएं दिन डूबने के बाद खायें।
◆ अम्लीय वस्तुएं व फल दिन डूबने से पहले खायें।
◆ जम्भाई - शरीर में आक्सीजन की कमी।
◆ जुकाम - जो प्रातः काल जूस पीते हैं वो उस में काला नमक व अदरक डालकर पियें।
◆ ताम्बे का पानी - प्रातः खड़े होकर नंगे पाँव पानी ना पियें।
◆ किडनी - भूलकर भी खड़े होकर गिलास का पानी ना पिये। गिलास एक रेखीय होता है तथा इसका सर्फेसटेन्स अधिक होता है । गिलास अंग्रेजो ( पुर्तगाल) की सभ्यता से आयी है अतः लोटे का पानी पियें, लोटे का कम सर्फेसटेन्स होता है।
May 30 • 9 tweets • 2 min read
इसे सेव कर सुरक्षित कर लें, ऐसी पोस्ट कम ही आती है..
गंगा में विसर्जित अस्थियां आखिर जाती कहां हैं ??..बहुत ही ज्ञानवर्धक लेख अंत तक जरुर पढ़े🧵
पतितपावनी गंगा को देव नदी कहा जाता है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार गंगा स्वर्ग से धरती पर आई है। मान्यता है कि गंगा श्री हरि विष्णु के चरणों से निकली है और भगवान शिव की जटाओं में आकर बसी है..
May 29 • 5 tweets • 2 min read
12अगस्त 1997 को T- series के मालिक गुलशन कुमार की H त्या कर दी गईं,,इस H त्या का साजिशकर्ता देश छोड़कर भाग गया इसके ठीक छः महीने के बाद ही..1998 में एक "बाबा" का परिवर्तन "भगवान" के रूप में हो गया,,,,,,,
इसके बाद 28 मई 1999 में एक फिल्म आई "बीवी नंबर - 1"
जिसमें पहली बार साँईं के नाम के साथ राम को जोड़कर एक गाना डाला गया...और ,"ऊँ साँईं राम" का उच्चारण किया गया और तब से इन्हें बाबा से भगवान का दर्जा मिल गया ...यानी की "ऊँ साँईं राम" उच्चारित होने लगा,,,,,
अब प्रश्न आपके लिए...बताएँ कि क्या आप जब उस फिल्म को देख रहे होंगे और यह गाना सुन रहे होंगे..तब क्या ये बात आपके दिमाग में आई होगी कि मात्र अठारह सालों के बाद ही यह "बाबा"... , राम , कृष्ण एवं शिव के नाम से पुकारा जाने लगेगा ???
यानी कि इसे भगवान कहा जाने लगेगा..?...और इसी "भगवान" को ..भगवान ना कहने पर ..शंकराचार्य जी के उपर FIR ठोक दिया जाएगा..?..
और फिर जिस व्यक्ति को सनातन धर्म के शिर्ष पर बैठाया गया है,,, उसे ये कहना पड़ेगा कि - "मैं जेल चला जाऊँगा पर इसे भगवान नहीं कहुँगा"...?
May 29 • 5 tweets • 3 min read
शरीर की सभी नसों को खोलने का आयुर्वेदिक समाधान....
कपूर और नींबु कितने उपयोगी है...दिन में सिर्फ़ एक बार यह साधारण सा उपाय करके देखिए, सिर के बाल से पैर की उंगली तक सारी नसें मुक्त होने का आपको स्पष्ट अनुभव होगा कि सिर से पैर तक एक तरह से करंट का अनुभव होगा, आपके शरीर की नसें मुक्त होने का स्पष्ट अनुभव होगा। हाथ–पैर में होने वाली झंझनाहट (खाली चढ़ना) तुरंत बंद हो जाती हैं,
◾पुराना घुटनों का दर्द और कमर, गर्दन या रीड की हड्डी (मणके) में कोई नस दबी या अकड़ गई है तो वह पूरी तरह से ठीक हो जाएगी, पुराना एड़ी का दर्द भी ठीक हो जाएगा।
◾इस उपाये से बहुत से लोगों के लाखों रुपए बच सकते हैं। पैर में फटी एड़ियां और डैड स्किन रिमूव हो जाती है और पैर कोमल हो जाते हैं और इसके पीछे जो विज्ञान और आयुर्वेद है.
◾यह उपाय करने के लिए हमें घर में ही उपलब्ध कपूर और नींबू, ये दो चीजें चाहियें। इस उपाय को करने के लिए डेढ़ से दो लीटर गुनगुना पानी लें, जिसका तापमान पैर को सहन होने जितना गरम हो, उसमे आधे नींबू का रस निचोड़े और फिर नींबू को भी उस पानी में डाल दें
May 29 • 6 tweets • 3 min read
हड्डियों से आती है कट-कट की आवाज ? इस दर्दनाक रोग का है संकेत...
क्या आपको कभी अचानक चलने, उठने और बैठने से घुटनों, कूल्हे और कोहनी की हड्डियों की कट-कट की आवाज आई है? क्या यह हड्डियों से जुड़ी किसी गंभीर बीमारी के लक्षण हैं? बहुत से लोगों को लगता है कि इस प्रकार की आवाज आने का मतलब है कि हड्डियां कमजोर हो चुकी हैं। कई बार लोग इसे जोड़ो से जुड़ा रोग समझ लेते हैं। हम आपको बता रहे हैं कि हड्डियों में आने वाली इस तरह के आवाज का क्या मतलब है और इसके क्या नुकसान हैं।
जोड़ों में इसलिए आती है आवाज जोड़ों से आने वाली आवाज को मेडिकल भाषा में क्रेपिटस कहा जाता है। क्रेपिटस सामान्य लोगों के जोड़ों को हिलाने-डुलाने पर आने वाली ध्वनि का मेडिकल नाम है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जोड़ों के भीतर रहने वाले द्रव में हवा के छोटे बुलबुले फूटते हैं। इन्हीं बुलबुलों के फूटने से यह आवाज पैदा होती है।