यतो धर्मः ततो जयः -"जहाँ धर्म है वहाँ जय (जीत) है।"
Aug 31, 2022 • 5 tweets • 1 min read
तमीश्र्वराणां परमं महेश्र्वरं तं देवतानां परमं च दैवतम् |
पतिं पतीनां परमं परस्ताद् विदाम देवं भुवेनशमीड्यम् ||
न तस्य कार्यं करणं च विद्यते न तत्समश्र्चाभ्यधिकश्र्च दृश्यते |
परास्य शक्तिर्विविधैव श्रूयते स्वाभाविकी ज्ञानबलक्रिया च ||
परमेश्र्वर समस्त नियन्ताओं के नियन्ता हैं और विभिन्न लोक पालकों में सबसे महान हैं | सभी उनके अधीन हैं | सारे जीवों को परमेश्र्वर से ही विशिष्ट शक्ति प्राप्त होती है, जीव स्वयं श्रेष्ठ नहीं है | वे सभी देवताओं द्वारा पूज्य हैं और समस्त संचालकों के भी संचालक हैं |
May 4, 2021 • 7 tweets • 9 min read
राजा इन ३६ गुणोंसे सम्पन्न होनेकी चेष्टा करे -
१ - #धर्म का आचरण करे , किंतु कटुता न आने दे
२ - #आस्तिक रहते हुए दूसरों के साथ प्रेमका बर्ताव न छोड़े
३ - क्रूरताका आश्रय लिये बिना ही #अर्थ - संग्रह करे
४ - #मर्यादा का अतिक्रमण न करते हुए ही विषयोंको भोगे
सुखकी प्राप्ति करानेवाले छत्तीस गुणोंका वर्णन-
५ - दीनता न लाते हुए ही प्रिय #भाषण करे
६- #शूरवीर बने , किंतु बढ़ - बढ़कर बातें न बनावे
७- #दान दे , परंतु अपात्रको नहीं
८ - #साहसी हो , किंतु निष्ठुर न हो
९- #दुष्टों के साथ मेल न करे
१० - बन्धुओं के साथ लड़ाई - #झगड़ा न ठाने ।