रोजी फारूकी Profile picture
कट्टर देशभक्त-सनातनी मुस्लिम
Dec 27, 2023 4 tweets 2 min read
1- #दास्तान्_ए_अब्दुल 👇

■ वो जो शिवाला है ना ? मेरे परदादा के दादा ने 250 साल पहले बनवाया था!
■ वो जो धर्मशाला है ना ? मेरे दादाजी के पिता ने 100 साल पहले बनवाया था!
■ वो जो तालाब है ना, मेरे दादा जी ने गांव भर के साथ मिलकर इसमें श्रमदान किया था ?
■ यह जो इमली का..

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2- बाग है ना ? मेरी नानी ने लगवाया था! जिसके फल आज हम-तुम खा रहे हैं!

■ और अपनी बता अब्दुल..

■ मेरे परदादा के इकलौते बाप ने औरंगजेब के कहने पर धोती उतार सलवार पहनी थी!
■ फिर वो औरंगजेब के "गुसलखाना गुमाश्ता" बन गए!
■ मेरी नानी के 27 बच्चे हुए, उनकी औलादों से यह..

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May 9, 2023 5 tweets 4 min read
1-इतिहास की अनकही प्रामाणिक कहानियां, का एक अंश..

"बापू की हजामत और पुन्नीलाल का उस्तरा!"

‘‘बापू कल मैंने हरिजन पढा!’’

पुन्नीलाल ने गांधी जी की हजामत बनाते हुए कहा!

‘‘क्या शिक्षा ली!’’
‘‘माफ करें तो कह दूं!’’

‘‘ठीक है माफ किया!’’
‘‘जी चाहता है गर्दन पर उस्तरा चला दूं!’’
2👇 ImageImage 2- ‘‘क्या बकते हो?’’

‘‘बापू आपकी नहीं, बकरी की!’’
‘‘मतलब!’’

‘‘वह मेरा हरिजन अखबार खा गई, उसमें कितनी सुंदर बात आपने लिखी थी!’’

‘‘भई कौन से अंक की बात है??

‘‘बापू आपने लिखा था कि "छल से बाली का वध करने वाले राम को भगवान तो क्या मैं इनसान भी मानने को तैयार नहीं हूं.." और..
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May 6, 2023 4 tweets 2 min read
1- सनातनी शास्त्रों में हमें लोभ और अहंकार आदि से दूर रहने की चेतावनी दी गई है..

साथ ही ये बताया गया है कि.. ये दोनों हमारे विनाश का कारण है..👌👍

यहाँ ध्यान देने योग्य बात है कि.. हमारे शास्त्र हिन्दी नहीं बल्कि संस्कृत में लिखे गए हैं..

तो, शास्त्रों में लोभ या अहंकार..
2👇 ImageImage 2- शब्द नहीं बल्कि 'मोह' और "मद" शब्द लिखा गया है..🤔

इस तरह उसे सही अर्थों में पढ़ने से पता चलता है कि हमारे शास्त्र "मोह+मद" से हमें दूर रहने को बता रहे हैं और उसके बारे में चेतावनी दे रहे हैं कि अगर उन्हें नहीं त्यागा तो वे तुम्हारे सर्वनाश का कारण बन सकते हैं..
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Dec 3, 2022 6 tweets 3 min read
1- घोर कलयुग...

जिन्हें श्रीराम के अस्तिव पर ही विश्वास नहीं वे रामद्रोही भक्तों को प्रभु श्रीराम की व्याख्या समझा रहे हैं!

तो सुनो उजड़े चमन हम सुनाते है प्रभु राम की महिमा और हे राम कब बोलते हैं...

राम शब्द में दो अर्थ व्यंजित हैं!

सुखद होना...! और ठहर जाना...!!

अपने..
2👇 2- मार्ग से भटका हुआ कोई व्यथित पथिक जब किसी सुंदर स्थान को देखकर ठहर जाता है!

तब हमने उस सुखद ठहराव को अर्थ देने वाले जितने भी शब्द गढ़े, सभी में राम अंतर्निहित है!

ll जैसे ll आराम..! विराम..! विश्राम..! अभिराम..! ग्राम..!

जीवन की आपाधापी में पड़ा अशांत मन जिस..
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