शिवशर्वाणी Profile picture
╭⊱शीलं परमं भूषणम् ॥ |Tweets on Real History , Scriptures,Dharma , TempleTales & Rich Art and Culture of Bharata || राष्ट्र सर्वोपरि ❤⊱╮
Shail Tokas 🇮🇳 Profile picture 2 subscribed
Aug 13, 2023 6 tweets 2 min read
••||भगवती मां काली|[|••

भगवती काली के रूप असंख्य हैं,मूलतः सभी देवी-देवता, योगिनियाँ आदि भगवती के ही रूप हैं, तथापि उनके आठ भेद मुख्य माने गये हैं-

(1) चिंतामणि काली,
(2) स्पर्शमणि काली, Image (3) संततिप्रदा काली,
4) सिद्धि-काली
(5) दक्षिणा काली,
(6) कामकला काली,
(7) हंस काली और
(8) गुह्य काली।

गुह्यकाली, भद्रकाली, शमशान काली और महाकाली - ये भगवती दक्षिणा कालिका के चार रूप हैं।

गुह्येश्वरी शक्तिपीठ: यहां माता सती के घुटने गिरे हैं।
गुह्येश्वरी शब्द संस्कृत
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Aug 8, 2023 5 tweets 1 min read
Thread on Mahavidya Matangi Devi also known as श्यामला , त्रिनेत्रा , रत्न सिंहासनस्था , चतुर्भुजा , पाश खड्ग खेटक अंकुशधारिणी । Image She is incarnated as the daughter of Matang Muni as also known as Devi of वाणी and संगीत, she is the one who makes the householder's life happier and prosperous and the bestows Purushartha (Dharma, Arth,Kama,Moksha).
Jul 27, 2023 13 tweets 3 min read
मंदिर सदा से ही भारतभूमि की प्राण रहें हैं, भारत के स्वर्णिम इतिहास को खंगालने पर हम यही पाएंगे की हिंदू मंदिर परिसर मात्र आस्था के ही केंद्र नही थे अपितु मंदिरों ने अन्य कई मुख्य और अतिआवश्यक भूमिकाओ को भी निभाया है जैसे सामाजिक केंद्र, सांस्कृतिक केंद्र, Image राजनैतिक केंद्र,आर्थिक केंद्र,विकास केंद्र, दार्शनिक केंद्र,आवश्यक सेवा केंद्र, आर्थिक केंद्र।इस श्रृंखला में मंदिरों के इन्ही योगदानो के बारे में हम चर्चा करेंगे:

•सामाजिक एवं सांस्कृतिक केंद्र: प्राचीन भारत में मंदिर परिसर में समय समय पर प्रतियोगिताएं,
Jul 7, 2023 4 tweets 1 min read
#Thread

"यज्ञ करना कर्तव्य है"

यह समझकर निष्काम भाव से विधि पूर्वक किया जाने वाला यज्ञ सात्विक है ।

फल की इच्छा से किया हुआ यज्ञ 'राजस' और ..
दम्भके लिये किया जानेवाला यज्ञ 'तामस' है। श्रद्धा और मन्त्र आदिसे युक्त एवं विधि-प्रतिपादित जो देवता आदिकी पूजा तथा अहिंसा आदि तप है, उन्हें 'शारीरिक तप' कहते हैं। अब वाणी से किये जानेवाले तपको बताया जाता है। जिससे किसी को उद्वेग न हो ऐसा सत्य वचन, स्वाध्याय और जप यह 'वाङ्मय तप' है।
Jun 30, 2023 7 tweets 1 min read
#Thread

DID YOU KNOW?

There are many PSYCHOLOGICAL ADVANTAGES of making rangoli as well ... The word ‘Rangoli’ derives from a Sankrit word ‘rangavaalli’, which is a combination of two words – rang and aavalli. Rang meaning colour and aavalli mplying rows or lines; thus the colourful patterns of the art form.
Jun 8, 2023 5 tweets 1 min read
दिव्य राम रक्षा स्तोत्रम्

आदिष्टवान् यथादृष्टि रामरक्षामिमां हरः ।
तथा लिखितवान् प्रातः थिंको बुधकौशिकः ।

स्वप्न में महादेव का आदेश मिलने पर ऋषि बुध कौशिक ने इस दिव्य रक्षा स्तोत्रम को लिखित रूप प्रदान किया। Image जो व्यक्ति ब्रह्ममुहूर्त में कुशा आसन पर बैठकर राम रक्षा स्तोत्रम का पाठ करता है,उसे श्री राम की कृपा प्राप्त होती है और सभी चिंताओं से मुक्ति मिलती है।
नवरात्रि के नव दिनों में इसके पाठ का महत्व और बढ़ जाता है,इस स्तोत्र का पाठ कम से कम 11 बार करना चाहिए और यदि किसी कारणवश यह
May 21, 2023 5 tweets 2 min read
#श्रृंखला

हमारा शरीर पांच तत्वों (पृथ्वी, जल, आकाश, अग्नि और वायु) से बना होता है,जबकि देवताओं का शरीर पांच तत्वों से नहीं बना होता, उनमे पृथ्वी और जल तत्व नहीं होते। मध्यम स्तर के देवताओं का शरीर तीन तत्वों (आकाश, अग्नि और वायु) से तथा.... Image उत्तम स्तर के देवता का शरीर दो तत्व तेज (अग्नि)और आकाश से बना हुआ होता है इसलिए देव शरीर तेजोमय और आनंदमय होते हैं।चूंकि हमारा शरीर पांच तत्वों से बना होता है इसलिए अन्न,जल,वायु,प्रकाश(अग्नि)और आकाश तत्व की हमें जरुरत होती है,जो हम अन्न और जल आदि के द्वारा प्राप्त करते हैं।