वामपंथ के विषबेलों ने इस देश के इतिहास को विकृत किया और अंग्रेजों के गुलामों ने लिखा #भारत_एक_खोज
चित्र में आप जिसे देख रहें हैं, वो बड़ौदा शाही परिवार की राधिका राजे गायकवाड़ हैं, इन्होंने 100 साल पुरानी शाही संग्रह (कलेक्शन) की साड़ी पहनी है।
यह शुद्घ कपास (हथकरघा) से बनी
है, साड़ी का पल्लू या जिसे आँचल कहते हैं वह #सोने (Gold) से बना है!
क्या तकनीक रही होगी सोने को बारीक धागे में बदलने की, क्या कौशल था जो साड़ी आज भी चमक रही है।
इसे ध्वस्त किया गया ताकि इंग्लैंड की मिलों के लिए बाजार बनाया जा सके। जिस औद्योगिक क्रांति का पाठ हमने किताबों में पढ़ा
Jul 31, 2022 • 8 tweets • 2 min read
एक ऐसा बहुत बड़ा सच जो हम सब भारतवासियों से छिपाया गया...
👉क्या आप जानते हैं कि हमारे देश से 10 अरब रुपये की पेंशन प्रतिवर्ष महारानी एलिजाबेथ को जाती है...
आखिर वो कौनसा गोपनीय समझौता है जिसका खुलासा आज तक नहीं किया गया है...
👉आखिर वो कौनसा ऐसा गोपनीय समझौता है
जिसके तहत प्रति वर्ष 30 हजार टन गौ-मांस ब्रिटेन को दिया जाता है...
👉भारतीय संविधान के अनुच्छेदों 366, 371, 372 व 395 में परिवर्तन की क्षमता, भारत की संसद, प्रधानमंत्री यहाँ तक कि भारत के राष्ट्रपति के पास भी नहीं है...
नक्षत्रों का स्वामी चन्द्रमा है,नदियों की स्वामिनी गङ्गा,,वेदों में सर्वश्रेष्ठ सामवेद है,तथा तीर्थो में पुष्कर सभी तीर्थों में श्रेष्ठ है,उसी प्रकार आदि शङ्कराचार्य परंपरा में सभी सन्तों में
धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज सर्वश्रेष्ठ हैं।
महाराजश्री के भाषण,लेखन तथा शास्त्रार्थ पद्धति अभूतपूर्व थी, इसीलिए आपश्री को "अभिनव शङ्कर" भी कहते थे।
किन्तु कुछ विद्वान् कहते हैं कि- श्रीमद्भागवत् महापुराण के ५वें स्कन्ध तथा ११वें स्कन्ध में जो
Jul 30, 2022 • 11 tweets • 2 min read
महाकाल और युग प्रत्यावर्तन प्रक्रिया:
रावण का असीम आतंक अन्तत: यों समाप्त हुआ
एक नगरी थी लंका। जिसका राजा था अहंकार, प्रपंच, स्वार्थ और वासना का प्रतिनिधि-रावण। रावण की नीति थी-अपने असीम स्वाथों की असीम पूर्ति
और उसके लिये हर किसी का उत्पीड़न। उदारता उसके पास नाम को भी न थी। अपने सारे शरीर-बल, बुद्धि-बल और परिवार-बल का उपयोग वह दूसरों को आतंकित करने और मनमानी बरतने में करता था। इस प्रकार की अनीति का मार्ग अवलम्बन करने वाले
May 18, 2022 • 5 tweets • 1 min read
जो काम आज वोट देने मात्र से हो रहा है, 20 साल बाद जान देकर भी नही होगा...
जागो हिंदूओं, संगठित बनो और पूरे भारत को भगवामय कर दो...
सरकारें और कोर्ट पहले भी थी... अयोध्या, काशी और मथुरा भी थे... बस केवल मोदीजी, योगीजी नही थे और हिंदूओं मे एकता भी नही थी...
कोई भी न्यूज़ चॅनल की डिबेट देख लो, महादेव और हिंदुओं की तरफ से एकमात्र BJP का प्रवक्ता बोल रहा है... और बाकी की तमाम पार्टी मियाँओं की तरफ से...
क्या आपको एक भी INC, SP, BSP, TMC, SS, NCP, DMK, AAP, RJD, TRS सपोर्टर मिला क्या, जो ज्ञानवापी में "शिवलिंग" मिल जाने से खुश हो...
May 18, 2022 • 11 tweets • 2 min read
ज्ञानवापी पर एक दूसरी कड़वी सच्चाई सुनिए.👇🏻
जब उन्होंने इतना विशाल मंदिर तोड़ दिया पूरे मंदिर परिसर को नेस्तनाबूद कर दिया...तो उनके लिए नंदी की प्रतिमा तोड़ना कौन सी बड़ी बात थी...उन्होंने फिर भी उसे नहीं तोड़ा...क्यों...❓
चलो एक और सवाल का जवाब दो...❓वो
जब वजू के लिए जाते थें...उन्हें तो लगभग 13 फीट लंबा शिवलिंग दिखता ही होगा...वो उसे शिवलिंग पर कुल्ला करते थे...उस पर थूकते थे...अपने पैरों के नीचे रौंदते थें.😡
वो चाहते तो शिवलिंग को गायब भी कर सकते थे, या उसके टुकड़े-टुकड़े कर सकते थे...या वहां से हटाकर कहीं और रख सकते थे...
May 18, 2022 • 22 tweets • 5 min read
यह ज्ञानवापी बड़ी दिव्य है इसके लिए स्कन्दपुराण के काशीखण्ड में स्वयं भगवान् विश्वनाथ कहते हैं कि, "मनुष्यों! जो सनातन शिवज्ञान है, वेदों का ज्ञान है, वही इस कुण्ड में जल बनकर प्रकट हुआ है।" सन्ध्या में व कलशस्थापना में जो "आपो हि ष्ठा"
आदि तीन मन्त्र प्रयुक्त होते हैं, उनका रहस्य इस ज्ञानवापी से ही सम्बद्ध है। उनमें शिवस्वरूप, ज्ञानस्वरूप जल से प्रार्थना है कि,
हे जल! तुम सुख देते हो, हममें ऊर्जा का आधान करते हो, हमें रमणीय शिव का दर्शन कराते हो, तुम यहाँ स्थापित हो जाओ।
May 17, 2022 • 6 tweets • 1 min read
चर्चा इसपर हो रही है कि अयोध्या के बाद काशी, मथुरा, कुतुबमीनार और अब ताजमहल, आखिर देश में हो क्या रहा है।
जबकि चर्चा इसपर होना चाहिए कि आखिर हर मस्जिद के अंदर से मंदिरों के प्रमाण कैसे निकल रहे है ? चर्चा इसपर होना चाहिए कि मंदिरों पर मस्जिद क्यों बनाई गई ?
चर्चा तो इस पर भी होनी ही चाहिए कि देश की स्वतंत्रता के बाद 60 वर्ष से अधिक एक ही दल ने शासन किया उसकी हिन्दुओं के प्रति नकारात्मक भूमिका क्यों रही । और हिन्दुओं के स्वाभिमान को क्यों कुचला।
May 17, 2022 • 10 tweets • 2 min read
एक बार बुरी आत्माओं ने भगवान से शिकायत की कि उनके साथ इतना बुरा व्यवहार क्यों किया जाता है, अच्छी आत्माएं इतने शानदार महल में रहती हैं और हम सब खंडहरों में, आखिर ये भेदभाव क्यों है, जबकि हम सब आप ही की संतान हैं।
भगवान ने उन्हें समझाया,
” मैंने तो सभी को एक जैसा ही बनाया पर तुम ही अपने कर्मो से बुरी आत्माएं बन गयीं।
पर भगवान के समझाने पर भी बुरी आत्माएं भेदभाव किये जाने की शिकायत करतीं रहीं।
इसपर भगवान ने कुछ देर सोचा और सभी अच्छी-बुरी आत्माओं को बुलाया और बोले, “ बुरी आत्माओं के अनुरोध पर मैंने