Exx Cricketer Profile picture
parody भूतों के पैर नहीं होते। आपका पुराना एक्स अब ओल्ड है। वही ,क्रिकेट ,कूटनीति और धर्म की बातें । रीच नहीं सोच पर फोकस है https://t.co/0v0bHSe2uv
Jul 28 10 tweets 2 min read
कुछ ऐसी बातें जो ध्रुव सत्य हैं।
1-दुनिया में हर चीज़ का विकल्प है ,मेहनत को छोड़ कर।
मेहनत का विकल्प नहीं होता। 2 -घर से बाहर निकलने के बाद पैसों के अलावा आपका कोई सच्चा और वाकई काम आने वाला दोस्त नहीं होता।
Jun 18 7 tweets 2 min read
गंभीर
एक विलक्षण सामाजिक घटना से आज पाला पड़ा।
शुरू से शुरू करते हैं।
एक लड़की ने अपने से गैर जाति के युवक से पप्रेम के बाद कोर्ट मैरिज की।
दोनों ने अपने अपने परिवारों में कुछ न बताया। अपने परिवारों में रहते रहे
कुछ दिनों बाद लड़का कहीं बाहर गया था और लड़की ने अपने पिता के द्वारा तय लड़के से शादी कर ली। ससुराल चली गई।
किसी को भी लड़की के द्वारा की गई कोर्ट मैरिज की बात नहीं पता थी।
(जिन्हें ये लग रहा हो कि मां बाप को कोर्ट मैरिज का नोटिस वाकई हर मामले में जाता ही है, उन्हें कोर्ट की कारस्तानियां नहीं पता )
लड़की ससुराल में
Jun 16 9 tweets 2 min read
जिंदा रहने के लिये जज्बे से कहीं ज्यादा बड़ी चीज जिम्मेदारियां होती हैं.
न जाने कितने बाप अपने बच्चों का पेट पालने के लिये उन परिस्थितियों में भी मुस्कुरा कर निकल जाते हैं जिन परिस्थितियों में वो लोग आत्महत्या के करीब पहुंच जाते हैं जिन पर किसी का पेट पालने की जिम्मेदारी नहींहोती जिम्मेदारी एक विकट शब्द है। ये एक हजार करोड़ कुंटल लोहे से ज्यादा भारी शब्द है।
जिम्मेदारी एक कठिन शब्द है। गणित की किसी अनसुलझी प्रमेय से ज्यादा कठिन।
जिम्मेदारी एक भयानक शब्द है।
सौ फुट ऊंची आती लहरों वाली सुनामी से 4भी ज्यादा भयानक।
Jun 11 14 tweets 3 min read
क्रियेटिविटी और किसी नैरेटिव के काउंटर पर एक थोड़ी सी बात।
क्रियेटिविटी का मतलब रचनात्मकता या सृजनशीलता हुआ और किसी नैरेटिव के काउंटर का मतलब किसी व्यक्ति के अपनी सृजनशीलता के दम पर बनाकर जनता में फैलाये हुये किसी सच या अर्धसत्य रचना का प्रत्युत्तर देना हुआ।
आगे पढ़ें रचना करना या सृजन करना सबके बस की बात नहीं होती।
अच्छी रचना या अच्छा सृजन तो और भी मुश्किल है।संस्कृत के इतिहास में एक ही कालिदास, इंग्लिश के इतिहास में एक ही शेक्सपियर, हिंदी के इतिहास में एक ही तुलसीदास हुआ है।
कवि लाखों रहे हैं हर भाषा में।
Jun 5 26 tweets 7 min read
ये फिलहाल मेरी आखिरी राजनीति से जुड़ी पोस्ट है और अब जल्द राजनीतिक पोस्ट नहीं करूंगा जल्द।
लेकिन कुछ कहके ही जाऊंगा।
शुरू करते हैं।
भाजपा 2014 के बाद पहली बार 270 सीटों से कम रही अपने दम पर।
नेता वही मोदी थे और जनता भी वोही।
अंतर केवल यूपी की सीटों से पड़ा वर्ना पूर्ण बहुमत था। Image 2019 की 303 सीटों की बात करें तो महाराष्ट्र और राजस्थान से भी बीजेपी की सीटें कम हुईं हैं।
अगर इन राज्यों की सीटों की बात न भी करें तो यूपी से अगर भाजपा को 2019 जैसी सीटें मिल जाती तो भाजपा पूर्ण बहुमत ले ही आती।
और नरेंद्र मोदी का आभा मंडल बहुत ज्यादा ही विशाल हो जाता।
Jun 4 12 tweets 3 min read
मैं फील्ड में नौकरी करता हूं और महीने के पंद्रह बीस दिन और दिन के आठ नौ घंटे फील्ड में ही रहता हूं।
रोज कम से कम से कम दस बीस लोगों से झक झांय न कर लूं, रोटी नहीं पचती।
और जब मैं कुछ बोलता हूं तो उनसे ज्यादा सटीक बोलता हूं जो नोएडा या नवी मुंबई में फ्लैट पर बैठ बोलते हैं
आगे Image राम मंदिर आंदोलन और अपनी सरकार शहीद करने के बाद भी 1993 में यूपी में भाजपा नहीं जीती थी।2024 में राम मंदिर
उद्घाटन के बाद भी भाजपा अकेले अपने दम पर 272 सीटें लाती नहीं दिख रही।
क्या कारण है?
May 28 11 tweets 3 min read
मैं काफी सालों फील्ड में काम कर चुका हूं , इधर उधर घूमा हूं और कई गलतियां भी की हैं।
कुछ ऐसी बातें सीखी हैं जो नये लड़कों को बताना चाहता हूं। अगर किसी को काम की लगें तो ठीक वरना तो मैं ऐसे ही लिखता रहता हूं।
थ्रेड 1 - आप बस या ट्रेन में सफर कर रहे हैं तो अजनबियों से किसी गंभीर मुद्दे विशेषकर राजनीति पर चर्चा का कोई मतलब नहीं होता।
इन अजनबी सहयात्रियों में आपका कोई दोस्त नहीं होता, लेकिन नया दुश्मन जरूर बना लोगे।
अपना मूड भी खराब करोगे।
पुरानी बात है, कोई नई बात नहीं बताई ये।
May 25 6 tweets 2 min read
मैं पिछले कुछ दिनों से बिहार के स्कूल शिक्षक और के के पाठक के अनोखे निर्देशों और इस मामले पर दिल्ली से डेनमार्क तक बैठे लोगों के विचार पढ़ रहा हूं। इस मामले पर कुछ मेरी भी कहने की इच्छा है। समय हो तो पढ़ लें।
चार पांच पोस्ट की थ्रेड में बात खत्म हो पायेगी।
🙏 पहली बात तो ये कि मेरे बचपन में सरकारी स्कूलों का दो ही टाइम टेबल होता था।
गर्मियों में सुबह 7 बजे से। सर्दियों में सुबह दस बजे स्कूल खुलते थे।
ये वक्त कभी साढ़े सात और साढ़े नौ भी होता था।
पर पौने छः बजे स्कूल कभी नहीं लगा मेरी याददाश्त में।
May 21 17 tweets 4 min read
मौका और माहौल भी। पिछले कुछ दिनों से मेरी टी एल कुछ पेशेवर, गैर पेशेवर, शौकिया और जबरिया के चुनाव विश्लेषकों से पटी पड़ी है तो इन सबके बारे में एक बात अपने अंदाज में।
जिसको बुरा लगे, दो रोटी और खा लेना क्योंकि बुरा लगने के लिये ही बोली है।
केवल अपने साथियों के लिये एक थ्रेड
+ गौर करें कि भारत की पूरी चुनाव प्रक्रिया गुप्त मतदान पर ही आधारित है। वोट डालने के लिये एक बूथ बनता है और इसीलिये बनता है कि किसी दूसरे को ये पता न चल पाये कि किसने किसको वोट दिया।
मतदाता के अकेले बूथ में वोट डालने का प्रावधान है।
गुप्त और गोपनीय मतदान होता है, पर जरा रुकें।
May 21 10 tweets 2 min read
अगर फुरसत हो तो पढ़ते रहना।
कल मैं सुबह उठा,फ्रेश हुआ,नहाया,पूजा की, मंदिर गया,काम पर गया।लौटा तो घर की पानी की मोटर खराब थी,सही करवाया,लौटते में समोसे खाए,घर लौटा तो सामने एक सुंदर औरत जा रही थी,उसे थोड़ा गहरी नज़रों से देखा,बीवी दरवाजे पर खड़ी थी,उसने देखा, उससे डांट खाई+ शाम को थोड़ा टीवी देखी,चाय पी,खाना खाया, बच्चों से हंसी मजाक की और मोबाइल चलाते हुये सो गया।
बिलकुल एक आम इंसान की साधारण जिंदगी ।आपको इसमें कुछ भी विशेष नहीं लगेगा।जो चीजें सामान्य होती हैं,उसमें किसी को कुछ विशेष नहीं दिखता।शायद 50 प्रतिशत लोगों की जिंदगी ऐसी ही होती होगी।
May 18 8 tweets 2 min read
जिंदगी गणित का प्रश्नपत्र नहीं होता कि स्टेप सही होने पर नंबर मिल जाये भले उत्तर गलत लिखा हो।
जीवन में परिणाम मायने रखते हैं।
इस कसौटी पर मोहनदास करमचंद गांधी को कसेंगे तो वो एक असफल हारा हुआ इंसान है जिसकी छवि को बेच कर कांग्रेस ने उसे महान घोषित करवा दिया किताबों में
+ कोई भी भला ऐसे किसी आदमी को सफल कैसे मान ले जिसकी औलादें उसकी बात न मानती हों, जो अपनी बीवी को एलोपैथ की दवाई न खाने को मजबूर कर उसे मरने दे, जो खुद हिंदू महात्मा बना बैठा हो और जिसका बेटा इस्लाम अपना ले।
जो पहले बोले कि बंटवारा मेरी लाश पर होगा और फिर बंटवारे के बाद भी जिंदा रहे
May 17 5 tweets 1 min read
अपने घर में अपने परिवार के साथ,अपने मां बाप के साथ अपने बीवी बच्चों के साथ, अपने घर के अंदर छत पर या बाहर चबूतरे या अपने घर के पिछवाड़े बने छोटे से गार्डन में, बालकनी में जिये अनगिनत लम्हों को अगर आप याद
करें तो जीवन जीने की बहुत सारी खुशनुमा वजहें मिल जायेंगी और मानसिक संबल भी एक उम्र के बाद आपको लगने लगता है कि आप क्या कर रहे हैं, क्यों कर रहे हैं और किसके लिये कर रहे हैं।
कुछ नया करने की इच्छा नहीं होती। आपने जो लक्ष्य बनाए होते हैं, वो आप पा चुके होते हैं या आपको स्पष्ट पता होता है कि आप कभी नहीं पा पाएंगे, तब जो उदासी,जो खालीपन उत्पन्न होता है+
May 10 13 tweets 3 min read
क्रिकेट से इतर कुछ और बातें करने का मन है। जीवन की बातें। आपके और हमारे जीवन की।
एक चीज जो जवानी में जल्द समझ नहीं आती वो है कि आपकी भाषा, आपकी जुबान, आपके बोले हुये शब्द आपके जीवन की सफलता और असफलता के बहुत बड़े कारक होते हैं।
इस जुबान पर अपनी जुबान में बात करते हैं आज+ स्कूल और कॉलेज की बात अलग है, पर जब आप असली जीवन में निकलते हैं तो आपकी भाषा पर आपके आगामी जीवन की सफलता बहुत कुछ निर्भर करती है।
सोशल मीडिया पर या अपने दोस्तों के ग्रुप में सीधे या घुमा फिरा कर दी गई गाली वाली भाषा आपको भले कूल दिखाये
Jun 15, 2023 9 tweets 2 min read
चलो आज कुछ बातें कर लेते हैं,
नवयुवकों से, जो कैरियर बनाना चाह रहे हैं या करियर की शुरुआत में हैं।
मेरे पास पिछ्ले 3 महीने में 10 से अधिक लड़कों के मैसेज आए कि वो अपना जो काम कर रहे हैं, उसे छोड़ कर यूट्यूब चैनल खोलना चाहते हैं, कल फिर एक आया। इसलिए भी ये लिखना चाहता था।
आगे देखो,कहावत पुरानी है लेकिन सही है,
मछली उड़ नहीं सकती और चीलें समंदर में नहीं रहतीं।
हाथी मांस नहीं खा सकता और नीम के पेड़ से आम नहीं निकल सकते।
मैं बिल्कुल सीधी बात करूंगा
आप क्या काम कर रहे हो,आपके परिवार को आपके पैसों की कितनी आवश्यकता है, सबसे पहली चीज यहां से शुरू होती है
Jun 14, 2023 9 tweets 4 min read
बाबू भैया नाम के ट्विटर हैंडल ने ये ट्वीट किया और कॉमेंट सेक्शन में कोहली, रोहित, धोनी की पी आर कंपनी के ट्रोल और चिंटू मिंटू बताने आ गए कि इन लोगों ने कुछ खास जीता ही नहीं, बेकार की हाइप है, वर्तमान टीम, ऑस्ट्रेलिया ने बीजीटी जीती टीम इनसे अच्छी है।
अब मैं भी कुछ बोलूंगा Image Wtc फाइनल में एक संदेहास्पद निर्णय के बाद शुभमन गिल जैसा भविष्य का सुपरस्टार कहा जा रहा खिलाड़ी रोता है, बीच मैच में पोस्ट करता है और बड़ा मुद्दा बनता है। ये एक ही निर्णय था न, डीआरएस के बाद?
बकनर याद है?
सचिन?
90s की ऑस्ट्रेलिया टीम?
आगे। Image
Jun 7, 2023 13 tweets 3 min read
बहुत दिनों से इस बारे में बात नहीं की। कल किसी आईपीएस ने आत्महत्या कर ली और फिर वही विषय याद आया।
मेरी पहली पहचान ही ऐसे विषयों पर बात करने से बनी थी और कई युवक मात्र इसी टॉपिक की वजह से जुड़े थे।
केवल उनके लिये लिख रहा हूं। सबको पढ़ने की क्या जरूरत।
तो बात शुरू करें? आप बहरे हो,लंगड़े हो ,लूले हो ,काले हो बदसूरत या अजीब।
आप वैसे ही हो जैसा भगवान ने आपको बना के भेजा और वो इससे संतुष्ट है।
आपको अगर जीवन मिला है,भगवान ने दिया है तो ये आपकी ही जिम्मेदारी है कि जीवन जियो।
मैंने शारीरिक अक्षमता की वजह से खुद अपनी जान देते ज्यादा लोग नहीं देखे।
Jun 6, 2023 11 tweets 5 min read
आज बात कुछ उन पुरानी फिल्मों की जो मुझे अच्छी लगीं और शायद आपको भी अच्छी लगें।
अपने समय की हिट रही हैं और क्लास हैं।
बस ऐसे ही एक छोटी सी पुरानी हिंदी मूवी थ्रेड Image 1 - वक्त
मल्टीस्टार फिल्म थी। गाने अच्छे थे और एक्टर बेहतरीन।
शशि कपूर, सुनील दत्त और राजकुमार।
"चिनॉय सेठ! शीशे के घर में रहने वाले दूसरों के घर पत्थर नहीं फेंका करते।"
"ये चाकू है। लग जाए तो खून निकल आता है।"
राजकुमार को फुल फॉर्म में देख मजा आ जायेगा आपको। Image
Jun 6, 2023 12 tweets 8 min read
आज सचिन, लारा, पॉन्टिंग, कालिस ,वार्न, मैकग्राथ जैसे खिलाड़ियों की बात नहीं होगी।
मैं उन खिलाड़ियों की बात करूंगा जो इतने ऊंचे स्तर पर नहीं पहुंच पाये लेकिन मुझे बहुत पसंद थे और शायद बहुतों को होंगे।
थ्रेड Image 1- इंग्लैंड के केविन पीटरसन ने 8000 से ऊपर टेस्ट रन बनाए हैं।4000 से ज्यादा वनडे रन।
2005 एशेज सीरीज जीत के एक हीरो थे और भारत को भारत में हराने वाली इंग्लैंड टेस्ट टीम के सदस्य।
स्विच हिट इनकी बल्लेबाज़ी का प्रमुख आकर्षण था। ImageImage
Jun 1, 2023 10 tweets 1 min read
और आज मूड है तो एक थ्रेड उन सच्चाइयों पर भी जो आपको बड़े लोग बताते हैं कि झूठ हैं।

1- पेंसिल के छिलके को दूध में भिगोने से रबड़ बन जाती है,इरेजर का काम करती है। 2 - अपने कमरे में गड्ढा खोदना शुरू कर दोगे तो उसका दूसरा सिरा अमेरिका में निकलेगा। उसमें कूद जाओ।
सीधे अमेरिका ऐसे ही पहुंच जाओगे,प्लेन की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
Jun 1, 2023 6 tweets 5 min read
आज बात पॉजिटिविटी की करेंगे।
शारीरिक अक्षमता को अपनी मजबूती बना लेने का एक उदाहरण भारत के नामी लेग स्पिनर भगवत चंद्रशेखर उर्फ चंद्रा हैं।
इनके दाएं हाथ में बचपन में पोलियो के कारण कुछ कमी आ गई थी, फिर भी भारत के सबसे बड़े लेग स्पिनर में से एक चंद्रा बड़े मैच विनर थे। Image जिस उम्र में लोग रिटायरमेंट की सोचने लगते हैं, उस उम्र में टीम में वापसी करना और फिर फील्डिंग के दम पर छा जाना।
ये रॉबिन सिंह ही कर सकते थे ।
1989 में पहला चांस मिला था और 1996 में दूसरा।
सचिन, श्रीनाथ, गांगुली द्रविड़ जैसे सितारों के बीच अपना स्थान बनाना।
रॉबिन सिंह
वाह ImageImage
Jun 1, 2023 7 tweets 2 min read
इस दोहे को जरा गौर से पढ़िये।
साँई इतना दीजिए, जामे कुटुंब समाय।
मैं भी भूखा ना रहूँ, साधु न भूखा जाय।
कबीरदास भी प्रैक्टिकल आदमी थे।
उन्होंने पहले अपनी बात की कि मैं भूखा न रहूं और अपना पेट भरने के बाद ही साधु का पेट भरने की सोची और यही मेरी आज की बात है।
अपने आप को महत्व दो आप को सबसे पहले खुद को महत्व देना चाहिये। खुद आप रहेंगे तभी तक दुनिया है।
आपके पहले भी दुनिया चलती रही, आपके जाने के बाद भी वैसे ही चलती रहेगी।
और फिर जनश्रुति ही समझ लीजिये।
रत्नाकर के महर्षि बाल्मीकि बनने से पहले सप्तऋषियों ने उनसे क्या कहा था?