Ex-Editor Jansatta, Indian Express Group | Author 'Muanjodaro' | Founding Vice Chancellor Haridev Joshi University of Journalism & Mass Comm., Jaipur
Jan 4 • 10 tweets • 2 min read
हिंदी अकादमी दिल्ली सरकार की अकादमी है। दिल्ली एनसीआर के लेखकों का सम्मान करती है। उसके तीन साल के पुरस्कार एक साथ घोषित हुए हैं। 45 लेखकों, पत्रकारों, अनुवादकों, प्रौद्योगिकी ज्ञाताओं की लम्बी सूची है। सर्वोच्च शलाका सम्मान के साथ शिखर सम्मान, गद्य सम्मान, पद्य सम्मान, /1/
यंग्य सम्मान, नाटक सम्मान, बाल साहित्य सम्मान, पत्रकारिता सम्मान आदि ढेर पुरस्कार हैं।
इतने 'सम्मान' एक साथ देने से उनकी अहमियत क्या घट नहीं जाती? निर्णय हर साल क्यों नहीं होते? इतनी बड़ी संख्या में पुरस्कार क्यों देते हैं? कई सवाल हैं। ऐसे में यों ज़ाहिर होता है मानो पैसा /2/
Jun 14, 2024 • 16 tweets • 7 min read
आज चे गेवारा का जन्मदिन है। चे हिंसा में भरोसा रखते थे। जैसे आज़ाद और भगत सिंह भी । मैंने हमेशा गांधीजी के अहिंसा के रास्ते को श्रेष्ठ माना है। लेकिन अन्य क्रांतिकारियों के जज़्बे को भी सलाम करता हूँ। इसलिए मैंने बड़े उत्साह से चे गेवारा की भारत यात्रा (1959) की बिखरी कड़ियाँ🧵➡️
खोजने की कोशिश की थी। 2007 में साहित्य अकादेमी के एक सांस्कृतिक प्रतिनिधिमंडल में क्यूबा जाने का मौक़ा मिला तो हवाना में चे गेवारा के घर जा पहुँचा, जहाँ उनके बेटे कामीलो की देखरेख में एक अध्ययन केंद्र चलता है। बेटे के सौजन्य से मुझे मूल स्पानी में चे की वह रिपोर्ट मिल गई जो 🧵➡️
Feb 18, 2024 • 10 tweets • 3 min read
हिंदी में देशज और जुझारू रंग भरकर जाने वालीं कथाकार ‘हशमत’ कृष्णा सोबती की आज 99वीं वर्षगाँठ है। इसके साथ शुरू होता है उनका जन्मशती वर्ष। कृष्णा सोबती किसी राजनीतिक विचारधारा की अनुयायी नहीं थीं। लेखक संघों की खेमेबाज़ी से भी नहीं जुड़ीं। अपनी विचारधारा को "मानवीय" बताती थीं। 🧵1
इसके बावजूद राजनीतिक स्तर पर वे बहुत जागरूक थीं। सांप्रदायिकता और असहिष्णुता से गहरे आहत होती थीं। हर गतिविधि पर प्रतिक्रिया व्यक्त करतीं। प्रतिरोध उनका मंत्र था। कांग्रेस ने पद्मभूषण देना चाहा, लेने से इनकार कर दिया। भाजपा शासन के दौरान अवार्ड वापसी में आगे रहीं। उनके जुझारू 🧵2
May 2, 2022 • 6 tweets • 2 min read
दिल्ली पत्रकारों का एक सम्मान समारोह चर्चा में है। इतनी लम्बी सूची है पुरस्कारों की कि गिनते हुए थक जाएँ। मेरे मित्र हरिवंश और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कितने धैर्य से उन्हें बाँटा होगा।
बैस्ट हिंदी ऐंकर का सम्मान जानते हैं किसे मिला है? अमीश देवगन को। /1
नकलची ऐंकर। सांप्रदायिक तेवर। हमारे टीवी मीडिया में सर्वश्रेष्ठ?
आजकल यही धंधा है। देने वाले बहुत हो गए। लेने वालों को ढूंढ़ते हैं। जिन्हें मिल गया, सोशल मीडिया के ज़माने में वही उनका प्रचार कर देते हैं। निहाल हो जाते हैं। मुझे मिल गया, मुझे भी मिल गया। आत्ममुग्ध समवेत। /2
May 7, 2020 • 4 tweets • 1 min read
AP ने अपने पत्रकारों के लिए तैयार नई निर्देशिका में कहा है कि विकलांग व्यक्ति को कैसे संबोधित करें, इस मामले में उसका मत भी जानने की कोशिश करें। हमारे यहाँ सबको विकलांग लिखते थे; अब, प्रधानमंत्री के कहने पर, सरकार ही नहीं पत्रकार भी दिव्यांग लिखने लगे! /1 cjr.org/language_corne…
"विकलांग" शब्द में आपत्तिजनक क्या था? जबकि "दिव्यांग" प्रयोग किसी विकलांग व्यक्ति का मज़ाक़ उड़ाने से कम नहीं। पिछले साल ही UN की एक समिति (CRPD) ने "दिव्यांगजन" शब्द को विवादास्पद क़रार दिया था; इस शब्द को समिति ने उतना ही अपमानजनक ठहराया जितना किसी को "मानसिक रोगी" कहना। /2