ट्विटर पर कई ज्ञानियों ने कहा कि महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर इतना दूध चढ़ाकर बर्बाद क्यों किया जाता है। हिंदू धर्म की धार्मिक परंपराओं की निंदा करना आजकल फैशन बन गया है। शिवलिंग की आकृति एक एलिपसॉयड जैसी होती है तथा यह प्राकृतिक ऊर्जा का संचय करने में समर्थ होता है।
इस ऊर्जा के विकिरण से बचने के लिए शिवलिंग पर जल दूध आदि चढ़ाया जाता है जैसे न्यूक्लियर रिएक्टर को ठंडा रखने के लिए हैवी वाटर का प्रयोग किया जाता है। शिवलिंग पर बेलपत्र सूरजमुखी के फूल एवं भांग इत्यादि भी चढ़ाए जाते हैं।