वह जो मस्जिद पर झंडे फहरा रहे हैं । वह जो हमें मारने काटने की ऊँची ऊँची आवाज़ें लगा रहे हैं । वह जो बुलडोज़र के नीचे देश के संविधान और कानून को एक साथ कुचल रहे हैं । इन सबको हम पहचानते हैं । यह सब हमारी जान पहचान के लोग हैं । इनमें से कोई अपरिचित नही है ।@kidwai_hafeez
यह वह लोग हैं, जिन्होंने हमारी दोस्तियों के बीच,हमारे साथ उठते बैठते,खाते पीते,हँसते बोलते,टहलते घूमते,उस दल को चुना है,जो हमें ठिकाने लगाने की घोषणाएं करता रहा । यह सब वही लोग हैं, जो चुपके से हमारी तबाही का बटन दबा आते हैं और खामोश होकर हमारे बग़ल में खड़े हो जाते हैं।
Nov 6, 2021 • 4 tweets • 1 min read
सवाल -यह किताब किसने लिखी है?
उत्तर- जसवंत सिंह जी ने।
सवाल- जसवंत सिंह कौन थे ?
उत्तर- भाजपा सरकार में विदेश मंत्री
सवाल - यह बयान किसका है? "‘ऐसे कई लोग हैं जो इतिहास पर अपनी अमिट पहचान छोड़ जाते हैं। लेकिन बहुत कम लोग हैं जो वास्तव में इतिहास बनाते हैं, कायद-ए-आज़म मोहम्मद अली जिन्ना एक ऐसे ही दुर्लभ व्यक्ति थे।"
उत्तर - लाल कृष्ण आडवाणी
Feb 16, 2020 • 4 tweets • 1 min read
एक आनुमानिक हिसाब समझिये.
2014 में भारत सरकार के पास लगभग 90 लाख करोड़ के मालिकाना शेयर थे..
इनमें लिस्टेड कंपनी, अनलिस्टेड कंपनी, अनगिनत माइन,इन्शुरन्स,पावर कंपनी,एयरपोर्ट, रेल, पोर्ट,ऑर्डनेन्स फैक्ट्री, विदेशो में संपत्ति, ट्रांसपोर्ट,एयरलाइन,खादी जैसे मालिकाना हक शामिल है.1/5
एक आनुमानिक हिसाब समझिये.
2019 में इनका मूल्य घट कर लगभ 57 लाख करोड़ रह गया..करीबन 33 लाख करोड़ का घाटा.
अनुमान ये है कि बचे हुए 57 लाख करोड़ में से 37 लाख करोड़ के शेयर बेचे जाएंगे..
हम लिस्टेड सरकारी कंपनी बिकने में उलझे हुएहै..पर असली माल और एक्शन अनलिस्टेड कंपनियो में है.2/5