पंडित विशाल श्रोत्रिय 🇮🇳 Profile picture
सर्वे भवन्तु सुखिनः 🚩जय श्री परशुराम ABBEP
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Jan 28 14 tweets 3 min read
🚩🚩 . श्रीकृष्णनाम-माहात्म्य . 🚩🚩

श्रीभगवान् विष्णु ब्रह्माजीसे कहते हैं- अगहनके महीनेमें 'कृष्ण-कृष्ण' कहकर मेरा नाम विशेषरूपसे लेना चाहिये। यह मुझे अत्यन्त प्रसन्न करनेवाला है। मेरी एक प्रतिज्ञा है, जिसे देवता और असुर भी नहीं जानते। Image वह प्रतिज्ञा इस प्रकार है- 'जो मन, वाणी और क्रियाद्वारा मेरी शरणमें आ जाता है, वह यहाँ सम्पूर्ण लौकिक कामनाओंको प्राप्त कर लेता है और अन्तमें सर्वोत्कृष्ट वैकुण्ठधाममें जाता है। जो 'हे कृष्ण ! हे कृष्ण !! हे कृष्ण!!!! ऐसा कहकर मेरा प्रतिदिन स्मरण करता है, उसे जिस प्रकार कमल जलको
Jan 17 7 tweets 2 min read
🚩🚩 शास्त्र कहते है 🚩🚩

1. किसी सम्बन्धीकी मृत्यु-सूचना मिलनेपर जहाँ आवश्यकता हो, वहाँ जाना चाहिये; किंतु अपने घरमें किसीके मरनेपर, जहाँतक हो दूरस्थ कुटुम्बियोंको आनेके लिये सभ्यतापूर्वक निवारण कर देना चाहिये।

2. दहेज और दान देना चाहिये; किंतु जहाँतक हो लेनेसे बचना चाहिये। Image 3. जहाँतक हो, पंच न बनना चाहिये । बने तो पक्षपात नहीं करना चाहिये।

4. जहाँतक हो, सगाई (वाग्दान) - विवाह आदि सम्बन्ध करानेके कामसे दूर रहना चाहिये।

5. ब्राह्ममुहूर्तमें उठना चाहिये । यदि सोते सोते ही सूर्योदय हो जाय तो दिनभर उपवास और जप करना चाहिये।
Nov 6, 2023 8 tweets 2 min read
प्रश्न = एक व्यक्ति जो कभी पूजा पाठ नहीं करता लेकिन आराम की जिंदगी बसर करता है. वही दूसरा व्यक्ति सच्चे मन से भगवान की पूजा करता है लेकिन बहुत कष्ट और दुख उठाता है, ऐसा क्यों ?

आप जितना भजन करने लगोगे उतने ही दुख आएंगे। उमड़ उमड़ कर आएंगे। बड़े बड़े दुख Image एक साथ टूट पड़ेंगे तुम पर। जीवन से जैसे सुख तो गायब ही हो जाएगा। तुम जितना गीता पर या सत्संग करोगे उतने ही जबरदस्त दुख आएंगे। क्या तुम्हें नही पता कि जिस गति से तुम सत्य को खोजते हो उससे तेज़ गति से सत्य तुम्हे खोज रहा है। जितने तुम उत्सुक हो उससे कई ज्यादा वो
Oct 31, 2023 24 tweets 5 min read
प्रश्न : पृथ्वी से 28 लाख गुना भगवान श्री सूर्य नारायण को श्री हनुमान जी कैसे निगल गये थे ? क्या यह विज्ञान के साथ मजाक नहीं है ?

नही विज्ञान के साथ मजाक नही बल्कि यही तो विज्ञान का सबसे मूल आधार है जो हमारा सनातन धर्म डंके की चोट पर कह रहा है। Image खुले मस्तिष्क के साथ इस बात को समझेंगे तो बहुत कुछ रहस्य समझ में आयेंगे..

मित्रो सूर्य भी रुद्र और हनुमानजी भी रुद्र तथा ये समूचा दृश्यमान जगत भी तो रुद्र का एक अंश मात्र ही है फिर एक रुद्र ने दूसरे रुद्र को अपने में समाहित कर भी लिया तो रुद्र ही शेष रहेंगे ना?
Oct 29, 2023 6 tweets 2 min read
प्रश्न = हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार यदि आत्मा न तो मरती है न ही पैदा होती है तो फिर पूरे विश्व में जनसंख्या में वृद्धि कैसे हो रही है ?

ये प्रश्न भी कई अन्य बहुप्रचलित प्रश्नो की तरह पुराना है , केवल पूछने वाले को नया प्रतीत होता है Image इस प्रश्न में दो बाते मान ली गई है , जो हिन्दू सिद्धान्त में नही हैं ।

एक, आत्मा का पृथ्वी तक सीमित होना ।

दो , आत्मा का केवल मनुष्यों तक सीमित होना

स्कंद पुराण के अनुसार साढ़े तीन करोड़ ब्रह्मांड है और उतने ही सूर्य है।
Oct 25, 2023 24 tweets 6 min read
प्रश्न : क्या नियति बहुत बड़ी होती है लेकिन हम उतना ही देख पाते हैं जितनी हमारी समझ है क्या आप इसे आसानी से समझा सकते है ?

अगर समय हो तो एक छोटी सी कहानी पढ़िए

तो देखिए मृत्यु के देवता ने अपने एक दूत को भेजा पृथ्वी पर। एक स्त्री मर गयी थी, उसकी आत्मा को लाना था। Image देवदूत आया, लेकिन चिंता में पड़ गया। क्योंकि तीन छोटी-छोटी लड़कियां जुड़वां--एक अभी भी उस मृत स्त्री के स्तन से लगी है। एक चीख रही है, पुकार रही है। एक रोते-रोते सो गयी है, उसके आंसू उसकी आंखों के पास सूख गए हैं--तीन छोटी जुड़वां बच्चियां और स्त्री मर गयी है,
Oct 20, 2023 5 tweets 2 min read
प्रश्न- : देवतागण हमारे द्वारा दिया हुआ भोग कैसे खाते है और हमारी प्राथना कैसे सुनते है ?

देखिए हमारा शरीर 5 तत्वों पृथ्वी, जल, आकाश, अग्नि और वायु से बना होता है,जबकि देवताओं का शरीर पांच तत्वों से नहीं बना होता, उनमे पृथ्वी और जल तत्व नहीं होते। मध्यम स्तर के देवताओं का Image शरीर ३ तत्वों (आकाश, अग्नि और वायु) से तथा उत्तम स्तर के देवता का शरीर दो तत्व तेज (अग्नि)
और आकाश से बना हुआ होता है इसलिए देव शरीर तेजोमय और आनंदमय होते हैं चूंकि हमारा शरीर पांच तत्वों से बना होता है इसलिए अन्न, जल, वायु, प्रकाश (अग्नि) और आकाश तत्व की हमें जरुरत होती है।
Aug 24, 2023 18 tweets 4 min read
प्रश्न: वीर्य निकालने से शरीर कमजोर क्यों हो जाता है क्या शास्त्रों मै इसका वर्ण है?

वीर्य अर्थात् वीर या वीरत्व जिसको धारण करने से शरीर में वीरता और बल बुद्धि आयु यश स्वास्थ्य में वृद्धि हो वीर्य शरीर का अत्यंत आवश्यक अतिशुद्ध सार तत्व है जिसे बनने में महीनों व्यतीत हो जाते है Image साथ ही यह शरीर में जमा होते जाने की स्थिति में यह शरीर में प्रवाहित होकर शरीर में ही घुलने या पचने लग जाता है, जिससे शनै: शनै: शरीर, स्वर्णिम आभा, तेज, अत्यंत ही शक्तिशाली भुजदंड और दिव्य ओज से परिपूर्ण लगने लग जाता है।
Aug 9, 2023 11 tweets 3 min read
प्रश्न : मनुष्य के बार बार जन्म-मरण का क्या कारण है?

एक बार द्वारकानाथ श्रीकृष्ण अपने महल में दातुन कर रहे थे। रुक्मिणी जी स्वयं अपने हाथों में जल लिए उनकी सेवा में खड़ी थीं। अचानक द्वारकानाथ हंसने लगे। रुक्मिणी जी ने सोचा कि शायद मेरी सेवा में कोई गलती हो गई है. Image इसलिए द्वारकानाथ हंस रहे हैं। रुक्मिणी जी ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा, ‘प्रभु! आप दातुन करते हुए अचानक इस तरह हंस क्यों पड़े, क्या मुझसे कोई गलती हो गई? कृपया, आप मुझे अपने हंसने का कारण बताएं।’श्रीकृष्ण बोले, ‘नहीं, प्रिये! आपसे सेवा में त्रुटि होना कैसे संभव है?
Jul 22, 2023 8 tweets 2 min read
प्रश्न : भगवान कहाँ रहते है? धरती पर या आसमान में ?

जब रावण, ब्रह्मा जी से वरदान पाकर, दिग्विजयी बनकर, सभी को कष्ट देने लगा और पृथ्वी पर अधर्म फैलाने लगा, तो धैर्यधारिणी धरती उसके कुकृत्यों से डोलने लगी। तब सभी सुरगण और स्वयं माता पृथ्वी उसके आतंक से त्रस्त होकर, Image ब्रह्मा जी की शरण में आए और रावण के अंत और पृथ्वी पर धर्म की स्थापना की युक्ति पूछने लगे। इसपर ब्रह्मा जी ने कहा कि रावण का समाधान केवल विष्णु जी के पास है, इसलिए हमें उनकी शरण में जाने की आवश्यकता है।

तब देवताओं के समूह में यही प्रश्न उठा था जो आपने यहाँ पूछा है:
Jul 21, 2023 8 tweets 2 min read
जब रावण ने जटायु के दोनों पंख काट डाले... तो काल आया !!

और जैसे ही काल आया तो गिद्धराज जटायु ने मौत को ललकार कहा "खबरदार ! ऐ मृत्यु ! आगे बढ़ने की कोशिश मत करना...मैं मृत्यु को स्वीकार तो करूँगा... लेकिन तू मुझे तब तक नहीं छू सकती...जब तक मैं सीता जी की सुधि प्रभु " Image श्रीराम" को नहीं सुना देता...!मौत उन्हें छू नहीं पा रही है...काँप रही है खड़ी हो कर...मौत तब तक खड़ी रही, काँपती रही... यही इच्छा मृत्यु का वरदान जटायु को मिला। किन्तु महाभारत के भीष्म पितामह छह महीने तक बाणों की शय्या पर लेट करके मौत का इंतजार करते रहे...
Jul 16, 2023 6 tweets 2 min read
एक आदमी ने नारदमुनि से पूछा मेरे भाग्य में कितना धन है...?

नारदमुनि ने कहा- 1 रुपया रोज तुम्हारे भाग्य में है...आदमी बहुत खुश रहने लगा उसकी जरूरते 1 रूपये में पूरी हो जाती थी Image एक दिन उसके मित्र ने कहा में तुम्हारे सादगी जीवन और खुश देखकर बहुत प्रभावित हुआ हूं और अपनी बहन की शादी तुमसे करना चाहता हूँ...आदमी ने कहा मेरी कमाई 1 रुपया रोज की है इसको ध्यान में रखना... इसी में से ही गुजर बसर करना पड़ेगा तुम्हारी बहन को...मित्र ने कहा कोई बात नहीं मुझे
Jul 12, 2023 9 tweets 2 min read
प्रश्न :लक्ष्मण रेखा को जानने वाले अंतिम व्यक्ति कौन थे

लक्ष्मण रेखा के बारे में तो हम सभी जानते हैंपर क्या आप जानते हैं कि इसका असली नाम सोमतिती विद्या है यह भारत की प्राचीन विद्याओं में सेहै जिसका अंतिम प्रयोग महाभारत युद्ध में हुआ था महर्षि श्रृंगी कहते हैं कि एक वेदमन्त्र है सोमंब्रही वृत्तं रत: स्वाहा वेतु सम्भव
ब्रहे वाचम प्रवाणम अग्नं ब्रहे रेत: अवस्ति।

यह वेदमंत्र है उस सोमना कृतिक यंत्र का, जिसे पृथ्वी और बृहस्पति के मध्य कहीं अंतरिक्ष में स्थापित किया जाता है। वह यंत्र जल,वायु और अग्नि के परमाणुओं को अपने अंदर सोखता है,
Jul 10, 2023 20 tweets 5 min read
प्रश्न : - पिता का गोत्र पुत्री को प्राप्त नही होता आखिर क्यों और एक ही गोत्र मैं शादी क्यों नही करनी चाहिए इस के पीछे का वैज्ञानिक दृष्टिकोण क्या है ?

देखिए अब एक बात ध्यान दें की स्त्री में गुणसूत्र XX होते है और पुरुष में XY होते है । इनकी सन्तति में माना की पुत्र हुआ (XY गुणसूत्र). इस पुत्र में Y गुणसूत्र पिता से ही आया यह तो निश्चित ही है क्यू की माता में तो Y गुणसूत्र होता ही नही !

और यदि पुत्री हुई तो (XX गुणसूत्र). यह गुण सूत्र पुत्री में माता व् पिता दोनों से आते है ।
Jul 1, 2023 14 tweets 4 min read
आज मैं बाज़ार गया था मुझे कुत्ता खरीदना था ।
मैं कुत्ते वाली दुकान पर गया मैंने उससे कहा कि कुत्ता दिखाओ वह मुझे अपने बगल के एक बड़े से हॉल में ले गया जहाँ कुत्ते ही कुत्ते थे । तभी वहाँ दो तीन व्यक्ति और आ गए , उन्हें भी कुत्ता लेना था । एक पुलिसवाला भी था उनमें उसने कुत्ता दिखाने को कहा तो दुकानदार उसे कोने में बंधा एक कुत्ते के पास लेकर गया मुझे शंका हुई कि ये पुलिसवाले को उसी कुत्ते के पास क्यों लेकर गया । मैं उसके पीछे चल दिया तो वह उसे बता रहा था कि ये कुत्ता German Shephard है और बहुत ही अच्छी
Jun 4, 2023 5 tweets 2 min read
प्रश्न : आत्मज्ञान क्या होता है जिसे आदि संकराचार्य आदि हज़ारों ऋषिमुनियों ने हासिल किया क्या आप आत्मज्ञान को सरल भाषा मैं समझता सकते है कि ये क्या चीज होती है या कुछ और होता है ?

देखिए आत्मज्ञान कोई वस्तु कोई भाषा कोई नदी कोई लहर कोई रस नही है आत्मज्ञान को समझा नही जा सकता है Image आत्मज्ञान को ना शास्त्र समझा सकते है ना कोई विद्वान समझा सकता है यहाँ तक कि आत्मज्ञान प्राप्त किया हुआ व्यक्ति भी नही समझा सकता इसे ऐसे समझिए कि गूंगे ने गुड़ खाया हो गूंगा बताना तो चाहता है लेकिन बता नही पा रहा है।
Jun 3, 2023 7 tweets 2 min read
मात्र एक दृश्य देखने से , जिसमें एक वेश्या किसी पुरुष के साथ थी , उसे देखकर एक परम विद्वान , वेद पाठी , नियमी , संयमी अजामिल का ऐसा पतन होता है कि वह पापात्माओं के शीर्ष पर आ गया ।

अजामिल जैसे पापात्मा की मिसाल दी जाती है Image सिर्फ देखने मात्र से दुर्गुण प्रवेश हुआ और धीरे धीरे वह उसमें संलिप्त होने लगा और सभी साधना नष्ट कर घोर पतित हो गया ।

तो सोचिए !! आज यह सब scene बिल्कुल आम है । तो हम लोगों के इन्द्रिय, मन , विचार और चित्त के तेज का कितना पतन हो चुका है
Jun 2, 2023 5 tweets 1 min read
प्रश्न : मान लीजिये कि मैंने बहुत सारे पाप किये हैं और अब मैं एक नेक इंसान बनना चाहता हूँ लेकिन लोग मेरे पाप को याद दिलाकर मुझे शर्मिंदा करते हैं. कहते हैं कि सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को चली, तो मैं अपने आप को कैसे समझाऊँ ? Image ये संसार है यहाँ के नियम बहुत कठोर हैं . इसलिए कर्म करने से पूर्व विचार करना होता है . ईश्वर दयालु है वो क्षमा कर देते हैं पर इंसान अपने कर्मों का फल भोगता अवश्य है .
Jun 1, 2023 7 tweets 2 min read
प्रश्न : बहुत बार कहा जाता है कि पिछले जन्म के कर्म का फल है, तो जो जन्म हमें याद ही नहीं उसकी सजा हमको क्यों मिलती है, सजा तो सुधार के लिए होती है?

आपका सोचना अपनी जगह ठीक हो सकता है पर यदि आप चोरी करके भूल जाओ तो सजा के पात्र रहोगे या नहीं? Image आपने किसी को सताया और आपके अच्छे दिन चल रहे हैं तो जाहिराना तौर पर भूल ही जाओगे पर वह निष्पक्ष निर्विकार परमात्मा आपके भूलने या याद रखने का मोहताज नही वह अपना कर्म करेगा या नही।
May 31, 2023 10 tweets 3 min read
भगवान से क्या मांगें ?🌹

क्या भगवान हमारे गुलाम हैं? क्या भगवान हमारे सस्ते सौदे के लिए बैठे हैं? हम सभी दिन-रात भगवान से मांगने में ही लगे रहते हैं। हमारी कुछ इच्छा पूरी हो जाती है और कुछ रह जाती है। हम कितने लालची है - 1 किलो मिठाई का डिब्बा लेकर मंदिर जायेंगे और Image 1 लाख मांगेंगे लेकिन संतों ने, महापुरुषों ने हमें सीखाया कि भगवान से क्या माँगा जाय ?
श्रीरामचरित मानस में तुलसीदासजी ने नारदजी की कथा का वर्णन करते हुए कहा है कि एक बार नारदजी, विष्णुजी के पास उनका रूप मांगने गए थे।
May 30, 2023 8 tweets 2 min read
प्रश्न = एक व्यक्ति जो कभी पूजा पाठ नहीं करता लेकिन आराम की जिंदगी बसर करता है. वही दूसरा व्यक्ति सच्चे मन से भगवान की पूजा करता है लेकिन बहुत कष्ट और दुख उठाता है, ऐसा क्यों ?

आप जितना भजन करने लगोगे उतने ही दुख आएंगे। उमड़ उमड़ कर आएंगे। बड़े बड़े दुख Image एक साथ टूट पड़ेंगे तुम पर। जीवन से जैसे सुख तो गायब ही हो जाएगा। तुम जितना गीता पर या सत्संग करोगे उतने ही जबरदस्त दुख आएंगे। क्या तुम्हें नही पता कि जिस गति से तुम सत्य को खोजते हो उससे तेज़ गति से सत्य तुम्हे खोज रहा है। जितने तुम उत्सुक हो उससे कई ज्यादा वो