मुझे अपनी दुनिया.अपनी कायनात को,एक लफ्ज़ में बयाँ करनी हो..तो वो लफ्ज़ हे माँ-पिता ,एकांतवासी(27 वर्षीय सख्त बालक,)
Aug 14, 2023 • 6 tweets • 2 min read
उम्र में 40+को पार कर चुकीं महिलाएं बस एक अच्छा दोस्त चाहती हैं।।
वो बांटना चाहती है अपने रत-जगे जो अक्सर किसी अस्पताल की बेंच पर या किसी दूर जाने वाली गाड़ी के इंतजार में काटे होते हैं!
वो बांटना चाहती है अपने आंसू जो अक्सर रति-क्रीड़ा के बाद,पति के मुंह फेरकर सोने के
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बाद बहाए होते हैं!
वो बांटना चाहती है वो फस्ट्रेशन जो अक्सर बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करते वक़्त उनके गाल पर जमा देती है!
वो बांटना चाहती है वो जलन जो अक्सर तवे पर रोटी सेंकते वक़्त उसकी अंगुलियों के पोरों पर महसूस होती है!
वो बांटना चाहती है वो बातें जो अक्सर वो
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Jun 12, 2023 • 6 tweets • 2 min read
प्रेमिका के प्रति समर्पित रहने का शब्द
एक महिला के दिल तक पहुँचने के लिए, एक पुरुष को अर्धनारीश्वर की भावना पैदा करनी चाहिए।स्त्री को समझने के लिए पुरुष को अपने पुरुष होने का अहंकार छोड़ना पड़ता है।
ऐसी है ईश्वर की बनाई हुई मानव रचना
जिसे तुम हर हाल में जीत सको, धोखा दो,
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आप उसे लुभा सकते हैं, आप उसे भावनाओं के नाम पर मूर्ख बना सकते हैं।लेकिन पहले जब आप इसे प्यार करना चाहते हैं यदि आप उसके शरीर से शुरू करते हैं, तो आपको केवल एक महिला का शरीर ही मिलेगा।
आप उसमें निवास करने वाली प्रेम की देवी को नहीं खोज सकते।
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Jun 11, 2023 • 5 tweets • 2 min read
अपनी सत्तर बरस की " माँ " को देखकर
क्या सोचा है कभी ...?
वो भी कभी कालेज में कुर्ती और ,
स्लैक्स पहन कर जाया करती थी..
तुम हरगिज़ नहीं सोच सकते .. कि
तुम्हारी "माँ" भी कभी घर के आँगन में
चहकती हुई, उधम मचाती दौड़ा करती थी ..तो
घर का कोना - कोना गुलज़ार हो उठता था...
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किशोरावस्था में वो जब कभी
अपने गिलों बालों में तौलिया लपेटे
छत पर आती गुनगुनानी धूप में सुखाने जाती थी, तो ..
न जाने कितनी पतंगे आसमान में कटने लगती थी..
क्या सोचा है कभी ...?
अट्ठारह बरस की "माँ” ने
तुम्हारे चौबीस बरस के पिता को
जब वरमाला पहनाई, तो मारे लाज से
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Jun 10, 2023 • 7 tweets • 3 min read
स्त्री ने कभी यह घोषणा ही नहीं की कि
मेरे पास भी आत्मा है ।
वह चुपचाप पुरूष के पीछे चल पड़ती है ।
युधिष्ठिर जैसा अद्भुत आदमी
द्रौपदी को जुए में दाँव पर लगा देता है !
फिर भी कोई यह नहीं कहता कि
हम कभी युधिष्ठिर को धर्मराज नहीं कहेंगे ।
नहीं, कोई यह नहीं कहता !
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बल्कि कोई कहेगा तो हम कहेंगे कि
अधार्मिक आदमी है ।
नास्तिक आदमी है, इसक़ी बात मत सुनो !
स्त्री को जुए पर, दाँव पर लगाया जा सकता है,
क्योंकि भारत में स्त्री सम्पदा है, सम्पत्ति है ।
हम हमेशा से कहते रहें हैं, स्त्री सम्पत्ति है और
इसीलिए तो पति को स्वामी कहते हैं ।
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Jun 10, 2023 • 6 tweets • 2 min read
प्यार बस कम्फर्ट लेवल है --
" प्यार तो बहुत है तुमसे और हमेशा रहेगा पर फैमिली प्रेशर है और जिम्मेदारीया बहुत है जान ..."
ऐसा कहकर सो कोल्ड " जान " बोलकर जाने वाले,,
तो जाने दो ना , कुछ नहीं रखा किसी बहस में।इस दुनिया में किसी का भी प्यार तभी तक है ,
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जब तक किसी भी इंसान का कम्फर्ट लेबल डिस्टर्ब नहीं होता..!
अब वो कम्फर्ट लेवल चाहे एक साथ एक घर में रहना हो, एक बिज़नेस हो, एक परिवार हो , नौकरी हो, समाज हो, जात हो, या सोच हो , खून का रिश्ता हो या दिल का रिश्ता हो या कुछ भी हो..!
और इस कम्फर्ट लेवल की भेंट हर तरह का
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Jun 8, 2023 • 7 tweets • 2 min read
"तुम्हारी माँ पागल है"
रात के 1:30 बजे फोन आता है, बेटा फोन उठाता है तो माँ बोलती है-
"जन्म दिन मुबारक लल्ला"
बेटा गुस्सा हो जाता है और माँ से कहता है -
सुबह फोन करतीं, इतनी रात को नींद खराब क्यों की? कह कर फोन रख देता है।
थोडी देर बाद पिता का फोन आता है।
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बेटा पिता पर गुस्सा नहीं करता बल्कि कहता है- सुबह फोन करते
फिर पिता ने कहा - मैनें तुम्हें इसलिए फोन किया है कि "तुम्हारी माँ पागल है" जो तुम्हें इतनी रात को फोन किया। वो तो आज से 25 साल पहले ही पागल हो गई थी।
जब उसे डॉक्टर ने ऑपरेशन करने को कहा और उसने मना किया था।
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May 29, 2023 • 10 tweets • 3 min read
नर मादा के गहरे मिलन से ही अस्तित्व सम्भव है !!
सोचें ज़रा !
क्या बिना गहरे के,
बिना गहरे सम्भोग के,
किसी का जन्म सम्भव है ?
राम, कृष्ण, महावीर, बुद्ध,
कबीर, नानक, मोहम्मद
कैसे पैदा हुए ?
इनके माँ-बाप का मिलन,
केवल वासना मात्र नहीं था !
वो था एक अद्भुत प्रेम मिलन !
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आज के बच्चे बिना प्रेम के पैदा हो रहे हैं !
हर स्त्री पुरुष एक दूसरे को सेक्स की मशीन समझ रहे हैं ।जब तक दोनों में प्रेम पैदा नहीं होगा, तब तक सिर्फ शारीरिक मिलन ही सम्भव है ।
जब तक वासना रहेगी
तब तक प्रेम पूर्वक मिलन हो ही नहीं सकता ।
और जहाँ प्रेम नहीं वहाँ कैसे उम्मीद
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May 29, 2023 • 9 tweets • 3 min read
क्या प्यार में सेक्स करना जरूरी है?
ये एक ऐसा विषय है, जिस पर सभी लोगो की अलग अलग राय है।कुछ लोग सही मानते हैं तो कुछ लोग गलत
आज इस विषय पर बात करूंगा,मगर उससे पहले सेक्स के अलग अलग भाव पर बात करूंगा
सेक्स,हवस और वासना तीनों एक जैसे होने के बावजूद भी तीनों एक दूसरे से अलग है 1/2
वासना और हवस:-ये सेक्स का वो मानसिक विकृति है जो ना तो नर-नारी, पशु-पक्षी, छोटे-बड़े आदि मे भेद नहीं करता जब ये विकृति मन में सवार होती है तो वासना से ग्रसित इंसान किसी के साथ कुकृत्य कर देता है
सामने वाले के इच्छा के विरूद्ध उसके साथ जोड़ जबरदस्ती कर सामने वाले का शारीरिक और
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May 29, 2023 • 5 tweets • 2 min read
"स्त्री" तुम
पुरुष न हो पाओगी....
ज्ञान की तलाश क्या सिर्फ बुद्ध को थी ?
क्या तुम नहीं पाना चाहती वो ज्ञान ?
किन्तु जा पाओगी,
अपने पतिपरमेश्वर
और नवजात शिशु को छोड़ कर....
तुम तो उन पर जान लुटाओगी....
उनके लिये अपने भविष्य को दाँव पर लगाओगी...
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उनकी होंठों की एक मुस्कुराहट के लिए
अपनी सारी खुशियों की बलि चढ़ाओगी....
"स्त्री" तुम
पुरुष न हो पाओगी....
क्या राम बन पाओगी ????
क्या कर पाओगी अपने पति का परित्याग,
उस गलती के लिए जो उसने की ही नहीं ????
ले पाओगी उसकी अग्निपरीक्षा
उसके नाज़ायज़ सम्बन्धों के लिए भी ????
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May 28, 2023 • 6 tweets • 2 min read
#बेटियाँ ....
एक गर्भवती स्त्री ने अपने पति से कहा, "आप क्या आशा करते हैं लडका होगा या लडकी ...?"
पति-"अगर हमारा लड़का होता है, तो मैं उसे गणित पढाऊगा, हम खेलने जाएंगे, मैं उसे मछली पकडना सिखाऊगा ...!"
पत्नी - "अगर लड़की हुई तो ...?"
पति- "अगर हमारी लड़की होगी तो, मुझे उसे
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कुछ सिखाने की जरूरत ही नही होगी ...!"
"क्योंकि, उन सभी में से एक होगी जो सब कुछ मुझे दोबारा सिखाएगी, कैसे पहनना, कैसे खाना, क्या कहना या नही कहना ....!"
"एक तरह से वो, मेरी दूसरी मां होगी ...!
वो मुझे अपना हीरो समझेगी, चाहे मैं उसके लिए कुछ खास करू या ना करू ...!"
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May 28, 2023 • 4 tweets • 2 min read
एक प्रश्न मन में काफ़ी समय से सड़ रहा है
प्रगाढ़ संबंधो का मापदंड
सिर्फ़ संभोग है?
क्या देह से देह का घर्षण ही
उनका आख़िरी पड़ाव है
शायद नहीं...
बिलकुल भी नहीं
कोई तो अदृश्य बल होता होगा
जो उनको आकर्षित करता होगा
एक दूसरे की ओर
कि वो सात फेरो में भी न रहे
फिर भी बँधे रहे 1/4
या फिर यूँ कहूँ कि
कोई तो तेज़ाब होगा
जो गला देता होगा
सारे दक़ियानूसी रूढ़ियों की रस्सियाँ
एक स्त्री और पुरुष
कुत्रीमता के आडंबर से परे होकर
देह स्पर्श हो या ना हो
दोनो एक दूसरे की आत्माओ को स्पर्श कर ले
यूँ भी तो संभव है कि
उनका साथ
सृष्टि के अलिखित संविधान में
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May 21, 2023 • 4 tweets • 2 min read
सभी स्त्री पुरूष को समर्पित🙏🏼🙏🏼
फ्रिज 10000 (ताऊ)
LED 32000 (नाना)
सोफा 10000 (काका)
ड्रेसिंग 3000 (बुआ)
पलंग 5000 (जीजा)
अलमारी 7000 (मामा)
कूलर 5000 (भाई)
मिक्सर 4000 (दादा)
बाईक 110000 (पिता)
फोन 20000
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बर्तन, कपड़े, जेवर, दावत, उपहार इत्यादि...
सारे ख़र्च मिलाकर 10,00,000+(दस लाख+) से ज्यादा
एक पिता कितनी मुश्किल से जुटा पाता है.. अपनी बेटी की शादी के लिये पिता सबकुछ दाव पर लगा देता है..
क्या बीतती है उस पर जब चंद घंटे के लिए आये मेहमान खाने को बेस्वाद और सामान को
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May 20, 2023 • 15 tweets • 4 min read
सेक्स इतना बुरा नहीं है जितना सेक्स का चिन्तन
जो व्यक्ति चिन्ता नहीं करता,
अतीत की स्मृतियों में नहीं डूबा रहता,
भविष्य की कल्पनाओं में नहीं डूबा रहता,
जीता है अभी और यहीं वर्तमान में…
इसका यह मतलब नहीं है कि
हमको कल सुबह ट्रेन से जाना हो तो
आज टिकिट नहीं खरीदेंगे ।
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लेकिन कल की टिकिट खरीदनी आज का ही काम है ।
लेकिन आज ही कल की गाड़ी में सवार हो जाना
खतरनाक है ।
और आज ही बैठ कर
कल की गाड़ी पर क्या-क्या मुसीबतें होंगी और
कल की गाड़ी पर बैठ कर क्या-क्या होने वाला है,
इस सबके चिन्तन में खो जाना खतरनाक है ।
सेक्स इतना बुरा नहीं है
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May 18, 2023 • 5 tweets • 2 min read
कामवासना.....
➖कामवासना को समझो... कामवासना कोई पाप नहीं है। अगर पाप होती तो तुम नहीं होते । पाप होती तो ऋषि-मुनि न होते। पाप होती तो बुध्द महावीर न होते। पाप से बुध्द और महावीर कैसे पैदा हो सकते हैं?
पाप से कृष्ण और कबीर कैसे पैदा हो सकते हैं?
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➖और जिससे कृष्ण, बुद्ध और महावीर, नानक और फरीद पैदा होते हों, उसे तुम पाप कहोगे ? जरूर देखने में कहीं चूक है, कहीं भूल है। कामवासना तो जीवन का स्रोत है। उससे ही लड़ोगे तो आत्मघाती हो जाओगे।
लड़ो मत, समझो।
भागो मत, जागो।
मैं नहीं कहती कि कामवासना छोड़नी है,
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May 18, 2023 • 6 tweets • 2 min read
पुरुष की आकाँक्षा काम की है ।
सुन्दर स्त्री की आकाँक्षा बड़े गहरे में अर्थ की है
धन—पद की जरूरत है भोगने के लिए ।
बिना धन के भोगेंगे कैसे ?
बिना धन के अच्छी स्त्री भी न पा सकेंगे ।
बिलकुल निर्धन हुए तो स्त्री भी न पा सकेंगे ।
स्त्रियाँ आमतौर से धन में उत्सुक होती हैं ।
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यह हमने खयाल किया ।
धनी को सुन्दरतम स्त्री मिल जाती है ।
चाहे धनी सुन्दर न हो ।
ना भी हो धनी, तो भी युवा स्त्री मिल जाती है ।
ओनासिस को जैकी मिल जाती है ।
धन हो ! तो थोड़ा सोचने जैसा है कि
स्त्री को धन में इतनी उत्सुकता क्या है ?
स्त्री काम है ।
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May 15, 2023 • 4 tweets • 2 min read
अक्सर कहा जाता है कि बच्चें भोले होते है, लेकिन सबसे भोली एक जवान औरत होती है
एक जवान औरत को
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कोई शादी का झांसा देकर इनका वर्षो तक शोषण कर लेता है.
कोई नौकरी या फिल्म में काम दिलाने के नाम पर इनके साथ जबरदस्ती संबंध बना लेता है.
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कोई लिफ्ट देने के बहाने ले जाकर इनके साथ गलत काम कर देता है.
कोई इन्हें भजन-कीर्तन के नाम पर होटल में ले जाकर इनके साथ मौज-मस्ती कर लेता है।
कोई love के नाम पर धोखा देकर इनके साथ शादी कर लेता है.
कोई प्यार में फंसा कर इनके साथ लव मैरेज कर लेता है.
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May 14, 2023 • 6 tweets • 2 min read
हमारे जैसे लड़के जो गांव-देहात में पले-बढ़े होते हैं वो अपने माँ-पिता को अपना प्यार दिखा नहीं पाते है, उनके सामने हो नही पाता, आज के बच्चे "लव यू मॉम, ummah" ये सब आसानी से बोल लेते हैं, पर हम सभी से ये सब नही हो पाता। इसे शर्म-झिझक कह लें या फिर
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हमे वैसा माहौल ही न मिला; ये कह लें।की वही प्रेमिका में पत्नी की रूप में मिले पर गांव का है ना
माँ ने भी कभी हमसे कभी बाबू शोना करके बात न की, इसके विपरीत बहुत मार खाई है, बहुत मारा है हमे. ऐसा कुछ नहीं था घर में जो उठाने लायक हो और उसने मुझपर फेंककर ना मारा हो।
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May 14, 2023 • 8 tweets • 2 min read
स्त्री को समर्पित
मैं पुरुष हूँ स्त्री को समझना नहीं चाहता हूँ
ब्रह्मा जी नहीं समझे स्त्री को बस यह कहकर पल्ला झाड़ देना चाहता हूँ
स्त्री सरल हैं कोमल हैं कमजोर है प्राकृतिक रूप से बच्चे पैदा करने का दर्द भी स्त्री के हिस्से आया..
सोचती हूँ कभी की अगर यह दर्द पुरुषों के
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हिस्से आया होता तो क्या वो सृष्टी के निर्माण को गति प्रदान करते
क्यूँ ओरते बार बार मृत्यु के दरवाजे पर जाकर आती है
एक बच्चे की खातिर अपना रूप यौवना सब गँवा देती है
परिवार की खातिर मर मिट जाती है
इस पर पुरुष पलट कर नहीं देखता उस स्त्री को जो उसके बच्चे की मां होती है..
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May 13, 2023 • 8 tweets • 2 min read
वैज्ञानिक कहते हैं कि
हमारे मन में जो सुख की खोज है,
वह असल में गर्भ में हमें
जो नौ महीने अनुभव हुआ है,
उसकी ही खोज है l
अज्ञात रूप से कहीं
भीतर यह गूँज हमारे मन में बनी रहती है कि
जाने कहाँ गये वे दिन, वे सुख के दिन !
क्योंकि माँ के गर्भ में बड़ी सुखद अवस्था है l
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ठीक उतने ही तापमान पर
माँ के शरीर के भीतर जल भरा होता है
जितना तापमान हमारे शरीर का है l
उस तापमान में विश्राम करना
सबसे ज्यादा सुखद घड़ी है l
जैसे हम अपने स्नानघर में
ठीक शरीर के तापमान पर
टब में पानी भर कर लेटे हों l
और पानी ही नहीं है वहाँ l
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May 12, 2023 • 6 tweets • 2 min read
चरित्रहीन_क्यों... 😌
एक बार एक बुज़ुर्ग को उनकी बातों से प्रभावित हो
एक महिला ने उन्हें अपने घर खाने का निमन्त्रण दिया l
बुज़ुर्ग निमन्त्रण स्वीकार कर उस औरत के घर
भोजन के लिए चल पड़े l
रास्ते में जब लोगों ने उस महिला के साथ
बुज़ुर्ग को देखा तो,
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एक आदमी उनके पास आया और बोला कि
आप इस महिला के साथ कैसे ?
बुज़ुर्ग ने बताया कि
वह इस महिला के निमन्त्रण पर उसके घर
भोजन के लिए जा रहे हैं l
यह जानने के बाद उस व्यक्ति ने कहा कि
आप इस महिला के घर न जायें l
आप की अत्यन्त बदनामी होगी l
क्योंकि यह महिला चरित्रहीन है l
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May 12, 2023 • 8 tweets • 2 min read
सभी स्त्री-पुरुष को समर्पित
मास्टर्स और जानसन ने पहली दफा संभोग की प्रक्रिया का वैज्ञानिक अध्ययन किया है। और वे इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि पचहत्तर प्रतिशत पुरुष शीघ्रपात के शिकार हैं—पचहत्तर प्रतिशत! गहन मिलन के पहले ही वे स्खलित हो जाते हैं और क्रीड़ा समाप्त हो जाती है।
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और नब्बे प्रतिशत स्त्रियां कभी आर्गाज्म को नहीं उपलब्ध हांती हैं, कभी संभोग के शिखर सुख को नहीं पहुंच पाती हैं—नब्बे प्रतिशत स्त्रियां!
यही कारण है कि अक्सर स्त्रियां चिड़चिड़ी और क्रोधी होती हैं। उन्हें ऐसा होना ही है। कोई औषधि उन्हें शांत नहीं बना सकती है,
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