शनि जयंती पर शनि देव की कृपा पाना चाहते हैं तो इस दिन राशि अनुसार कुछ खास चीजों का दान करे,🧵
दान व्यक्ति के समस्त पापों को नष्ट कर उसके जीवन में सौभाग्य लेकर आता है
मेष राशि - मंगल ग्रह के स्वामित्व वाले लोगों को शनि जयंती के दिन पानी का मटका दान करने से लाभ मिलेगा. इसके साथ ही रसीले फलों का दान भी आप कर सकते हैं.
May 22 • 10 tweets • 3 min read
जीवन की किस दुविधा में त्वरित उपाय हेतु कौन-सा पाठ करें? - 🧵
1. शक्ति विहीन होने परः - दुर्गा सप्तशती का पाठ 2. मन अशांत होने परः
श्रीमद्भगवद्गीता पाठ
May 22 • 4 tweets • 3 min read
हुसैनी की शिक्षा दीक्षा मदरसे में ही हुई थी। 🧵
क्या आप जानते हैं कि सैयद गुलाम मोहियुद्दीन अहमद बिन खैरूद्दीन अल हुसैनी आखिर कौन था.?
कांग्रेस के एक ऐसे कारनामे
हुसैनी कांग्रेस के एक बड़े नेता थे।
कांग्रेस ने इसे हिन्दू मुस्लिम एकता का पोस्टर बॉय और सेक्युलरिज्म का सबसे बड़ा ठेकेदार बना रखा था।
1947 में आजादी मिलने के तुरंत बाद हुसैनी उस समय के तत्कालीन गृहमंत्री श्री वल्लभभाई पटेल से भिड़ गए।
कारण यह था कि उस समय दिल्ली में हो रहे भयानक दंगों में लिप्त दंगाइयों से दिल्ली पुलिस सख्ती से क्यों निपट रही थी।
दिल्ली पुलिस के तत्कालीन कमिश्नर जो कि एक सिक्ख थे, को उनके पद से हटा कर उन्हें दण्डित करने की मांग थी हुसैनी की ।
May 22 • 11 tweets • 8 min read
स्वर विज्ञान के चौका देने वाले रहस्य 🧵
🔷 एक अनूठी विद्या कब करें कौन सा काम !!
🔷 चंद्र स्वर में कैसे मिलेगी कार्य में सफलता!
🔷 स्वर विज्ञान से भविष्य को देखा जा सकता है ?
🔷 स्वर विज्ञान के बारे अन्य जानकारियां!
एक अनूठी विद्या कब करें कौन सा काम !!
स्वर विज्ञान एक बहुत ही आसान विद्या है। इनके अनुसार स्वरोदय, नाक के छिद्र से ग्रहण किया जाने वाला श्वास है, जो वायु के रूप में होता है। श्वास ही जीव का प्राण है और इसी श्वास को स्वर कहा जाता है। स्वर के चलने की क्रिया को उदय होना मानकर स्वरोदय कहा गया है तथा विज्ञान, जिसमें कुछ विधियाँ बताई गई हों और विषय के रहस्य को समझने का प्रयास हो, उसे विज्ञान कहा जाता है। स्वरोदय विज्ञान एक आसान प्रणाली है, जिसे प्रत्येक श्वास लेने वाला जीव प्रयोग में ला सकता है। स्वरोदय अपने आप में पूर्ण विज्ञान है। इसके ज्ञान मात्र से ही व्यक्ति अनेक लाभों से लाभान्वित होने लगता है। इसका लाभ प्राप्त करने के लिए आपको कोई कठिन गणित, साधना, यंत्र-जाप, उपवास या कठिन तपस्या की आवश्यकता नहीं होती है। आपको केवल श्वास की गति एवं दिशा की स्थिति ज्ञात करने का अभ्यास मात्र करना है। यह विद्या इतनी सरल है कि अगर थोड़ी लगन एवं आस्था से इसका अध्ययन या अभ्यास किया जाए तो जीवनपर्यन्त इसके असंख्य लाभों से अभिभूत हुआ जा सकता है।
May 21 • 8 tweets • 1 min read
शनि 🪐 देव की युक्ति आपकी जन्मपत्री में कैसी है?
सरल शब्दों में समझे
१. शनि + सूर्य: संघर्ष और जिम्मेदारी।
२. शनि + चंद्र: मानसिक तनाव और अकेलापन।
May 21 • 9 tweets • 3 min read
मंदिर के पास सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के आसान उपाय कीजिए पूरे घर का वास्तु ठीक करे 🧵
अव्यवस्था से दूर रहें
मंदिर क्षेत्र को हमेशा साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखें। वहां बहुत ज्यादा मूर्तियां या धार्मिक वस्तुएं एकत्र न करें। जितना सादा होगा, उतनी ही सकारात्मक ऊर्जा वहां बनी रहेगी।
सही ढंग से चीजें रखें
मंदिर के नीचे बेकार या फालतू सामान न रखें। मंदिर के ऊपर भी कुछ न रखें। यदि जरूरत हो, तो मंदिर के पास सुंदर और व्यवस्थित स्टोरेज कैबिनेट रखें जिससे चीजें व्यवस्थित रहें और मंदिर का पवित्र रूप बना रहे।
May 21 • 5 tweets • 3 min read
सिर्फ दो बूंद गर्म पानी के साथ मृत्यु के अतिरिक्त सभी बीमारियाँ जड़ से ख़त्म 🧵
यदि हम आपसे कहें कि आप अपनी किसी भी बीमारी का प्रभावी उपचार घर बैठे ही कर सकते हैं, तो शायद आपको हमारी बात पर यकीन न हो। लेकिन यह बिल्कुल सत्य है।
आज हम आपको एक ऐसे अद्भुत तेल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें गंभीर से गंभीर रोगों से लड़ने की अद्वितीय क्षमता छिपी हुई है — और वह है कलौंजी का तेल।
🌿 कलौंजी का तेल: एक चमत्कारी औषधि
कलौंजी (जिसे निज़ेला सतीवा भी कहा जाता है) का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है। प्राचीन काल से ही इसका उपयोग न केवल मसाले के रूप में, बल्कि एक औषधि के रूप में भी किया जाता रहा है।
इसके औषधीय गुण इतने प्रभावशाली हैं कि कहा जाता है:
“कलौंजी हर बीमारी का इलाज है, सिवाय मृत्यु के।”
पोषक तत्वों से भरपूर
कलौंजी के तेल में 100 से भी अधिक प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिनमें मुख्यतः कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन्स और खनिज शामिल हैं।
ये तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुदृढ़ बनाते हैं और अनेक रोगों से रक्षा करते हैं।
May 21 • 5 tweets • 4 min read
गरुड़ पुराण में से हरि मुख से विविध शालग्रामशिलाओं के लक्षण 🧵
शालग्रामशिलाओंके स्पर्शमात्रसे करोड़ों जन्मोंके पाप नष्ट हो जाते हैं।
केशव, नारायण, गोविन्द तथा मधुसूदन आदि नामोंवाली विभिन्न शालग्रामशिलाएँ होती हैं, जो शंख, चक्र आदि चिह्नोंसे सुशोभित रहती हैं। इन शिलाओंके लक्षण इस प्रकार हैं-
शंख, चक्र, गदा तथा पद्मके चिह्नसे सुशोभित शिला 'केशव', पद्म, कौमोदकी गदा, चक्र तथा शंखके चिह्नसे सुशोभित शिला 'नारायण', चक्र, शंख, पद्म तथा गदाके चिह्नसे विभूषित शिला 'माधव' और गदा, पद्म, शंख तथा चक्रके चिह्नसे शोभायमान शिला 'गोविन्द' नामसे जानी जाती है।
May 20 • 5 tweets • 2 min read
सामुद्रिक शास्त्र स्त्री के 20 शुभ और अशुभ लक्षण, जानें होगी चरित्रवान या झगड़ालू 🧵
चलते समय यदि कोई महिला पैरों से धूल उड़ाते हुए चलती हो तो परिवार का विनाश करती है
जिस स्त्री के पैर कनिष्ठा जमीन पर स्पर्श नहीं करती हो तो वह कई पति करती है
अगर स्त्री की अनामिका अंगुली छोटी हो तो झगड़ालू होती है.
अगर स्त्री की कमर में भौंरी हो तो अपनी मनमानी करती है.
वह स्त्री जिसकी पीठ में भौंरी हो तो उसका विधवा होने की संभावना रहती है.
May 20 • 5 tweets • 3 min read
व्यपारिक क्षेत्र में सफलता के लिए अपनाएं ये वास्तु टिप्स🧵 💯
आय का मार्ग होना जीवन के लिए अत्यंत ही आवश्यक है हम सब अपनी योग्यता के अनुसार आय का मार्ग चुनते हैं कोई नौकरी में है तो को व्यापारिक क्षेत्र में कोई न कोई आमदनी का रास्ता होता ही हैं,
अपने व्यापारिक स्थल को सुरक्षित एवं सकारात्मक होने से हमे सफलता मिलती है, हमारे व्यापारिक स्थल में यह बात बहुत मायने रखती है कि हम किस गतिविधि को अपना रहे हैं। जिस प्रकार हम जीवन में सही और सफल कार्य करने हेतु योजनाबद्ध तरीके से अपने ढाल लेते हैं, ठीक उसी तरह जिस जगह हम रहते हैं फिर वह चाहे हमारा घर हो या हमारा व्यापारिक स्थल को अपने सात्विक तरीके से ढाल लें। व्यापारिक स्थल में हमारे कार्य की योजनाएं भी सही बनने लगती है, सफलता देने वाले प्रेरणात्मक विचार भी आने लगते हैं, हमें किए गए कार्यों का सफल परिणाम भी मिलता है। आज इसी सम्बन्ध में लेख दिया गया है जिसे आप पढ़कर समझकर अपनाकर अपने बिज़नेस में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। कुछ अचूक टोटके एवं टिप्स जो आपको सफल करेंगे।
May 19 • 9 tweets • 2 min read
निरोगता के लिए #bookmarked करे 🧵 1.
May 19 • 5 tweets • 2 min read
तंत्रोक्त वनस्पति टोटके 🧵
छोटे-छोटे उपाय हर घर में लोग जानते हैं, किंतु उनकी विधिवत् जानकारी के अभाव में वे उनके लाभ से वंचित रह जाते हैं। हमारे आसपास पाए जाने वाले विभिन्न पेड़-पौधों के पत्तों, फलों आदि का टोटकों के रूप में उपयोग भी हमारी सुख-समृद्धि की वृद्धि में सहायक हो सकता है।
बिल्व पत्र :
अश्विनी नक्षत्र वाले दिन एक रंग वाली गाय के दूध में बेल के पत्ते डालकर वह दूघ निःसंतान स्त्री को पिलाने से उसे संतान की प्राप्ति होती है।
अपामार्ग की जड़ :
अश्विनी नक्षत्र में अपामार्ग की जड़ लाकर इसे तावीज में रखकर किसी सभा में जाएं, सभा के लोग वशीभूत होंगे।
May 17 • 6 tweets • 4 min read
राजस्थान के अरावली पहाड़ी अंचलों में बसे अनेक मंदिरों में कुछ ऐसे भी हैं, जिनकी कहानियाँ केवल श्रद्धा नहीं, बल्कि चमत्कारों और आस्था के जीवंत प्रमाण हैं! 🧵
बात कर रहे है , ईशान भेरूजी मंदिर … संकट की घड़ी और ईश्वरीय संकेत
माउंट आबू के पहाड़ो में स्थित शेरगाँव का ईशान भेरूजी मंदिर एक ऐसा ही पावन स्थान है! यहाँ की लोककथा न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि इस मंदिर में सदियों से निभाई जा रही परंपरा को भी जन-जन से जोड़ती है! यह लेख उस सच्ची घटना पर आधारित है जिसने इस मंदिर को विशेष बना दिया!
संकट की घड़ी और ईश्वरीय संकेत
सालों पहले आबू पर्वत और आस-पास के गाँवों में भीषण अकाल पड़ा! गायो के लिए चारा मिलना मुश्किल हो गया था! ऐसे समय में कुछ ग्रामीण माउंट आबू के जंगलों में चारा खोजने निकले! जंगल घना था और रास्ते कठिन! लेकिन जीवन की विवशता ने उन्हें आगे बढ़ने को मजबूर किया !
एक दिन जब ये ग्रामीण चारा बटोर कर लौटने की तैयारी में थे, तब तक शाम हो चुकी थी ! अब पहाड़ी रास्तों से नीचे उतरना असंभव लगने लगा ! जंगल में रुकना खतरनाक था क्योंकि वहाँ शेर, चीतों और भालुओं का भय था ! तभी अचानक उन्हें दूर से ढोल-नगाड़ों, घंटे और आरती की आवाज़ें सुनाई दीं!
वो आवाज़ें कोई सामान्य ध्वनि नहीं थीं – उनमें भक्ति और ऊर्जा का संचार था ! ग्रामीण आवाज़ की दिशा में बढ़ते गए और एक बड़ी चट्टान के नीचे स्थित गुफा तक पहुँच गए! वहाँ जाकर उन्हें ऐसा प्रतीत हुआ कि वहाँ किसी ने हाल ही में पूजा-अर्चना की है – धूप की महक, जलते हुए दीपक और ताज़ा फूल बिखरे हुए थे!
May 16 • 6 tweets • 4 min read
हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कहां तक पहुंच सकता है, किस समय फट सकती है दिमाग की नस? जानें क्यों इसे कहा जाता है 'साइलेंट किलर'! " 🧵
High Blood Pressure: हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) को अक्सर “साइलेंट किलर” कहा जाता है, क्योंकि यह अक्सर किसी स्पष्ट लक्षण के बिना शरीर को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाता है।
अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह शरीर के विभिन्न अंगों जैसे दिल, दिमाग, किडनी, और आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। इस लेख में हम हाई बीपी के प्रभाव और इसके कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में विस्तार से समझेंगे।
May 16 • 9 tweets • 4 min read
गरुड़ 🦅 पुराण में कुछ रहस्य उजागर करते है आपका अगला जन्म क्या होगा, एवं मृत्यु प्राप्ति से पूर्व क्या आभास होने लगते है 🧵
कृपया thread अंत तक अवश्य पढ़े
व्यक्ति को अपनी मृत्यु के बाद कर्मों के आधार पर स्वर्ग और नरक की प्राप्ति होती है. गरुड़ पुराण में यह भी बताया गया है कि कर्मों के आधार पर अगले जन्म में व्यक्ति किसी रूप में जन्म लेता है, गीता में कहा गया है कि आत्मा अजर-अमर है. जैसे व्यक्ति अपने कपड़ों को बदलता है आत्मा भी उसी प्रकार शरीर बदलती है. गरुड़ पुराण में मनुष्य के कर्म का लेखा-जोखा बताया गया है जिससे मनुष्य के पाप और पुण्य निर्धारित होते हैं. मान्यता है कि व्यक्ति को अपनी मृत्यु के बाद कर्मों के आधार पर स्वर्ग और नरक की प्राप्ति होती है. गरुड़ पुराण में यह भी बताया गया है कि कर्मों के आधार पर अगले जन्म में व्यक्ति किसी रूप में जन्म लेता है. आइए बताते हैं आपको गुरुण पुराण क्या कहता है.
May 15 • 4 tweets • 3 min read
Cancer की सबसे बड़े दुश्मन है ये 3 चीजें, हफ्ते में 1 बार खा ली तो कभी नहीं बनेंगे कैंसर सैल्स 🧵
कैंसर और लाइफस्टाइल का एक दूसरे से गहरा कनैक्शन है। कई स्टडीज से यह साबित हो चुका है कि हमारी रोज़मर्रा की आदतें जैसे भोजन, व्यायाम, नींद, तम्बाकू और शराब का सेवन-कैंसर के खतरे को कम या ज़्यादा करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाती हैं।
अनहैल्दी लाइफस्टाइल जैसे- फास्ट फूड, बहुत ज्यादा मैंटल स्ट्रेस, शारीरिक थकान और धूम्रपान से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे कैंसर जैसी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। वहीं दूसरी ओर, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और तनाव-नियंत्रण जैसी सकारात्मक आदतें न सिर्फ कैंसर से बचाव करती हैं, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती हैं इसलिए जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव लाकर हम एक बड़ी बीमारी से खुद को बचा सकते हैं।
May 15 • 7 tweets • 5 min read
एक एक कष्ट का कलयुग में एक मात्र उपाय है ..दान 🧵
कब, कैसे, कौनसा दान करे जानिये
यदि मन में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो गई हो तो प्रातः महामृत्युंजय मंत्र से जल अभिमंत्रित कर पूर्व दिशा में डालें। इस तरह की भावना का शमन हो जाएगा।
परिवार का कोई सदस्य धन का अपव्यय करता हो तो किसी शुभ घड़ी में उसके द्वारा गरीबों को दान दिलवा दें। बुधवार के दिन उसी के हाथ से हिजड़ों को भी कुछ रुपये-पैसे दिलवा दें। ऐसा सात बुधवार करने पर वह धन का अपव्यय करना बंद कर देगा।
May 14 • 8 tweets • 4 min read
🔺 जानिए आपकी जन्म कुंडली में उत्पन्न सर्वथा घातक अनिष्टकारी योग
🔺 निवारण के लिए क्या हैं उनके विभिन्न उपाय
🚫 अनिष्टकरी कुंडली योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आपकी जन्म कुंडली में 2 या उससे ज्यादा ग्रहों की युति, दृष्टि, भाव आदि के मेल से योग का निर्माण होता है। ग्रहों के योगों को ज्योतिष फलादेश का आधार माना गया है। कुंडली के इन कुछ अशुभ योगों के कारण व्यक्ति को जिंदगीभर दु:ख झेलना पड़ता है। आइए जानते हैं कुछ अशुभ अनिष्टकारी योग और क्या है उनका निवारण?
May 14 • 8 tweets • 5 min read
पार्वती पुत्र गणेशजी के ये 8 रहस्य, जो अधिकतर अब तक नहीं जानते? 🧵
🔷 गणेशजी की उत्पत्ति का रहस्य
🔷 गणेशजी की पत्नी, पुत्र और पुत्री एवं परिवार
🔷 क्यूँ है गणेशजी प्रथम पूज्य देवता
🔷 कैसे शनि के देखने से कटा था मस्तक 1. गणेशजी की उत्पत्ति का रहस्य : पुराणों में गणेशजी की उत्पत्ति की विरोधाभासी कथाएं मिलती हैं। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मध्याह्न के समय गणेशजी का जन्म हुआ था। एक कथा के अनुसार शनि की दृष्टि पड़ने से शिशु गणेश का सिर जलकर भस्म हो गया। इस पर दु:खी पार्वती (सती नहीं) से ब्रह्मा ने कहा- 'जिसका सिर सर्वप्रथम मिले उसे गणेश के सिर पर लगा दो।' पहला सिर हाथी के बच्चे का ही मिला। इस प्रकार गणेश 'गजानन' बन गए।
दूसरी कथा के अनुसार गणेशजी को द्वार पर बिठाकर पार्वतीजी स्नान करने लगीं। इतने में शिव आए और पार्वती के भवन में प्रवेश करने लगे। गणेशजी ने जब उन्हें रोका तो क्रुद्ध शिव ने उनका सिर काट दिया। इन गणेशजी की उत्पत्ति पार्वतीजी ने चंदन के मिश्रण से की थी। जब पार्वतीजी ने देखा कि उनके बेटे का सिर काट दिया गया तो वे क्रोधित हो उठीं। उनके क्रोध को शांत करने के लिए भगवान शिव ने एक हाथी के बच्चे का सिर गणेशजी के सिर पर लगा दिया और वह जी उठा।
गणेश जी का जन्म भाद्रप्रद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को दोपहर 12 बजे हुआ था। कहते हैं कि माता पार्वती ने पुत्र की प्राप्ति के लिए पुण्यक नामक उपवास किया था। इसी उपवास के चलते माता पार्वती को श्री गणेश पुत्र रूप में प्राप्त हुए। शिव महापुराण के अनुसार माता पार्वती को गणेशजी का निर्माण करने का विचार उन्हीं की सखी जया और विजया ने दिया था। उनकी सखियों ने उनसे कहा था कि नंदी और सभी गण सिर्फ महादेव की आज्ञा का ही पालन करते हैं इसलिए आपको भी एक ऐसे गण की रचना करनी चाहिए, जो सिर्फ आपकी ही आज्ञा का पालन करे। इस विचार से प्रभावित होकर माता पार्वती ने श्री गणेश की रचना अपने शरीर के मैल से की।
May 13 • 5 tweets • 3 min read
बालकों में ज्ञान चेतना, स्मरण शक्ति अभिवृद्धि हेतु अचूक उपाय
#Thread 🧵
यदि आपके बच्चो को पढ़ा हुआ स्मरण नही रहता,और आपका बच्चा पढ़ने में इतना तीव्र नही है तो करे ये उपाय
बालकों में सीखने समझने की क्षमता विशेष रूप से होती है इसलिए बालकों को सरस्वती-साधना अवश्य करनी चाहिए। यह केवल उनका ही नहीं, उनके माता-पिता का भी कर्तव्य है कि बालक सरस्वती-वन्दना नियमित रूप से अवश्य करें। कुछ व्यक्ति अपने भीतर तो ज्ञान बहुत समेटे होते हैं किंतु जब उन्हें बोलने को कहा जाता है, तो वाणी जैसे लड़खडाने लग जाती है, कहना कुछ चाहते है, और बोलते कुछ और ही हैं। इसी प्रकार नौकरी के इंटरव्यू में जो असफल रहते है, उसका कारण अपने आप को, अपने ज्ञान को सही रूप से प्रस्तुत करने की कमी होती है और यह दोष उनके जीवन को साधारण बना देता है, ऐसे व्यक्ति सफल नहीं हो पाते।
विधि — प्रातः काल साधक जल्दी साधक जल्दी उठ जाय और स्नान आदि से निवृत्त हो कर वसन्ती वस्त्र धारण करें, या पीले वस्त्र पहने, फिर घर के किसी स्वच्छ कमरे में या पूजा स्थान में अपने परिवार के साथ बैठ जाए, यदि संभव हो तो सामने सरस्वती का चित्र स्थापित कर दें। इसके बाद एक थाली में, "सरस्वती यंत्र" का स्थापित करें।
May 13 • 11 tweets • 6 min read
🚨 मेहंदीपुर बालाजी आने वाले भक्तों को पीछे मुड़कर देखने की क्यों है मनाही?
🚨 मंदिर का प्रसाद घर क्यों नहीं लाया जाता ?
🚨 मेहंदीपुर बालाजी के विग्रह के पीछे कहानी ?
कृपया अंत #thread अवश्य पढ़े
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर भगवान हनुमान जी जिन्हें 'संकट मोचन' माना जाता है, यानी, संकट का नाश करने वाले, बल के देवता, के लिए समर्पित है
यह मंदिर दुनिया भर के कई तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है क्योंकि यह धार्मिक उपचार और बुरी आत्माओं के अनुलग्नकों और काले जादू या मंत्रों से भूत भगाने के लिए प्रसिद्ध है। भक्तों का दृढ़ विश्वास यह है कि मेहंदीपुर बालाजी मंदिर बुरी आत्माओं- भूतों और प्रेतों को भगाने का सबसे बेहतर वरदान/आशीर्वाद देता है।
बालाजी हनुमान का बाल रूप हैं। हनुमान जी स्थानीय पुजारी के सपनों में आये और उनसे यहां उनके नाम पर एक मंदिर का निर्माण करने को कहा। यह मंदिर विशेष रूप से बुरी आत्माओं से छुटकारा पाने के लिए जाना जाता है। सैकड़ों तीर्थयात्री किसी ना किसी संकट से यहाँ आते हैं और स्थानीय पुजारी भूत भगाने का काम करते हैं। उपचार हल्के (पवित्र ग्रंथों को पढ़ना और पूरी तरह से शाकाहारी भोजन का सेवन करना) से लेकर अधिक तीव्र (हिंसक रोगियों को झाड़-फूंक से पहले जंजीरों में जकड़ दिया जाता है) तक होता है। होली, हनुमान जयंती जैसे उत्सव के अवसर ऐसी आत्माओं से छुटकारा पाने के लिए सबसे प्रभावी समय माने जाते हैं।