History || Jyotish || Posting Threads🧵Everyday || नमश्चण्डिकायै【࿗】 https://t.co/JqmXNBlag8
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Jan 14 • 19 tweets • 7 min read
बिना पैसे खर्च किए घर के समस्त वास्तुदोष दूर करने के उपाय #Thread
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में वास्तुदोष तथा वास्तु संबंधी नियमों का विशेष महत्व होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में यदि वास्तु संबंधी कोई भी दोष होता है तो इसका नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर जरूर पड़ता है, उस घर में सुख और शांति का हमेशा अभाव बना रहता है।
🧵घर के वास्तुदोष को दूर करने के उपाय👇
🔹 वास्तु शास्त्र में स्वास्तिक का विशेष महत्व है। घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वास्तु दोष कम होता है तथा मंगल ग्रह के दोष भी समाप्त होते हैं।
Jan 12 • 11 tweets • 6 min read
जन्म कुंडली के 5 सबसे हानिकारक दोष तथा उनके उपाय 🧵
#Thread कृपया अंत तक पढ़े
किसी भी व्यक्ति की कुंडली उसके जीवन में विशेष महत्व रखती है, कुंडली के आधार पर ग्रह-नक्षत्रों की गणना की जाती है, जिससे कुंडली में मौजूद गुण-दोष का पता चलता है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई अशुभ ग्रह किसी शुभ ग्रह के साथ युति करता है तो ऐसी स्थिति में कुंडली दोष बनता है। इन दोषों के कारण व्यक्ति के जीवन में कई तरह की घटनाएं घट सकती हैं। आइए जानते हैं कुंडली के 5 सबसे खतरनाक दोष तथा उनके उपायों के बारे में। (1/6)
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काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh)
कुंडली में राहु और केतु के एक साथ आने से काल सर्प दोष होता है। इसके अलावा अगर सातों बड़े ग्रह राहु और केतु की धुरी में हों, तो भी जातक की कुंडली में काल सर्प दोष होता है। इस दोष के कारण जातक को जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है। बनते-बनते काम बार-बार बिगड़ जाते हैं।
Jan 11 • 7 tweets • 6 min read
How can yogis survive in cold with the help of Swara Yoga? - A Thread🧵
ये भारत है यहाँ शिक्षा ही इतनी गहरी है जो सामान्य मनुष्य को चमत्कार और मूढ़ को पाखंड लगता है चलिए आज उस योग की बात करेंगे जो सरल एवं कार्यशील है हम, आप, सब इसे सीख सकते है
🔹सूर्य, चंद्र और सुषुम्ना स्वर
सर्वप्रथम हाथों द्वारा नाक के छिद्रों से बाहर निकलती हुई श्वास को महसूस करने का प्रयत्न कीजिए। देखिए कि कौन से छिद्र से श्वास बाहर निकल रही है। स्वरोदय विज्ञान के अनुसार अगर श्वास दाहिने छिद्र से बाहर निकल रही है तो यह सूर्य स्वर होगा। इसके विपरीत यदि श्वास बाएँ छिद्र से निकल रही है तो यह चंद्र स्वरहोगा एवं यदि जब दोनों छिद्रों से निःश्वास निकलता महसूस करें तो यह सुषुम्ना स्वर कहलाएगा। श्वास के बाहर निकलने की उपरोक्त तीनों क्रियाएँ ही स्वरोदय विज्ञान का आधार हैं।
2 ) सूर्य स्वर पुरुष प्रधान है। इसका रंग काला है। यह शिव स्वरूप है, इसके विपरीत चंद्र स्वर स्त्री प्रधान है एवं इसका रंग गोरा है, यहशक्ति अर्थात् पार्वती का रूप है। इड़ा नाड़ी शरीर के बाईं तरफ स्थित है तथा पिंगला नाड़ी दाहिनी तरफ अर्थात् इड़ा नाड़ी में चंद्र स्वर स्थित रहता है और पिंगला नाड़ी में सूर्य स्वर। सुषुम्ना मध्य में स्थित है, अतः दोनों ओर से श्वास निकले वह सुषम्ना स्वर कहलाएगा।
Jan 9 • 15 tweets • 16 min read
These 11 miraculous and dangerous practices (saadhna) साधनाएँ in sanatan dharma 🧵
▪️ 10 Mahavidya Practices
▪️ Pishachini or Paishachini Practices
▪️ Bhairav Sadhana
▪️Yogini Sadhanas
▪️ Yaksha and Yakshini Worship
▪️ Apsara Sadhana
▪️ Veer or Bir Sadhana
▪️ Gandharva Sadhana
▪️ Naga and Serpent Sadhanas
▪️ Kinnar and Kinnari Sadhanas
▪️ Sabar Sadhanas:
These practices require great caution and immense courage. However, one might wonder why someone engages in such practices. Let us explore 10 types of dangerous spiritual practices…
In भारत are many such practices. Tantric practices are categorized under the left-hand path (Vama Sadhanas). Just as Gayatri and Yoga-based practices belong to the right-hand path (Dakshinmargi Sadhanas), there are also distinct practices mentioned in Tantra. However, apart from Tantric practices, there are some practices that are considered forbidden in religion. The Shaiva, Shakta, and Nath traditions include a variety of such practices.
Jan 8 • 12 tweets • 5 min read
What is the Shahi Snan? How many Akharas are there? What is Kalpavas? Why do Naga Sadhus hold processions?🧵
Don’t miss the information which given ahead
#MahaKumbh2025 #Mahakumbh
The first Shahi Snan in the पवित्र जल ( holy water) of the Sangam will begin on January 13 with the Paush Purnima Snan and conclude on February 26 with Maha Shivaratri.
This grand event of the Maha Kumbh is the world’s largest public gathering and a collective act of religious faith. Ascetics, saints, sadhus, sadhvis, Kalpavasis, and pilgrims from all walks of life participate in this spiritual and cultural festival. The Maha Kumbh Mela is a grand celebration of the four drops of nectar that fell from a sacred pot. (अमृत कलश)
Jan 7 • 7 tweets • 3 min read
बात करेंगे बाबा देवराहा जी के पास कौनसी सिद्धिया की🧵
देवरहा बाबा की, जिनकी सिद्धि, प्रसिद्धि, उनके चमत्कार, उनके जैसा तपस्वी, जो यमुना नदी में आधे घंटे से ज्यादा बिना सांस लिए डूब कर साधना करते थे और पानी पर चलते थे। जब वे धूल-मिट्टी में चलते भी थे, तो उनके पैर के पंजों का निशान तक नहीं पड़ता था और न पैर में धूल लगती थी। बाकी पीछे चलने वाले लोगों के पैर में मिट्टी लग जाते थे और धूल पर पंजे के निशान बन जाते थे।
देवरहा बाबा आश्रम में अखंड ज्योति मंच के संयोजक रामदास जी ने बताया कि देवरहा बाबा एक सिद्ध पुरुष और कर्मठ योगी थे। देवरहा बाबा ने कभी अपनी उम्र, तप, शक्ति और सिद्धि के बारे में कोई दावा नहीं किया। वे बिना पूछे ही सबकुछ जान लेते थे। उनके पास बड़े पदों पर बैठे शख्सियत, जब किसी परेशानी में होती थे, तो वे बाबा के पास अपनी समस्या लेकर आते थे, जहां बाबा जी के द्वारा उनकी परेशानियों का निवारण किया जाता था। वे सिद्ध पुरुष थे, जिनकी ख्याति विश्वस्तर की थी।
Jan 7 • 10 tweets • 3 min read
Did you know that the Kumbh Mela is not of just one type? 🧵
#MahaKumbh2025 #Mahakumbh
The Kumbh Mela is of four types Kumbh, Ardh Kumbh, Purna Kumbh, and Maha Kumbh. The Kumbh Mela is celebrated based on the positions of celestial bodies. The timing of the year also plays a significant role in its organization. Each Kumbh Mela holds its own unique significance. Read more about it below…
Four Types of Kumbh Mela
The Kumbh Mela is of four types Kumbh, Ardh Kumbh, Purna Kumbh, and Maha Kumbh. Each is celebrated based on astrological calculations. Astrologers observe the movement of celestial bodies to determine the date and year of the Kumbh Mela. Many people still do not understand the differences between these and consider them the same. Hence, we have explained the significance of each type in detail.
Jan 6 • 8 tweets • 3 min read
Origin of Venkateswara Swamy Idol in Tirumala 🧵
Brahmanda Purana and Varaha Purana establishes timeline of Sri Venkateswara Swamy at Tirumala hills since the start of creation on earth. After Varaha (in the form of Elasmotherium) rescued land from water, he asked Garuda to bring a hill from Vaikuntha and drop it on earth at a place chosen by him.
Garuda brings in Kreedachala (an extensive natural hill with lofty peaks, embedded with gold and precious stones, and which resembled Sesha in shape) from Vaikuntha.
This spot was the first place that emerged out of water after Varaha killed Hiranyaksha.
Varaha appeared with four arms, a white face and resolved to stay at this hill.
Present kalpa is called Sweta Varaha Kalpa on his name.
Brahmanda Purana mentions that once Narada was asked by Sriman Narayana for a good place to stay on earth.
Narada suggests Venkatachala as people in that place were leading their lives with no interest on Vedas and need the blessings of the Lord. He prayed to Lord that he should reside in that place along with Goddess Lakshmi to save these people of Kaliyuga.
Jan 5 • 12 tweets • 3 min read
Climbing the highest peak in the world, Mount Everest…
A sad and shocking #Thread 🧵
1. Heavy traffic at the top of Mount Everest
2 . Mount Everest is covered in waste, including 12,000 kilos of human excrement.
The Nepalese government now requires climbers to carry 8kg of waste when descending the mountain.
Jan 5 • 10 tweets • 3 min read
By reading these symptoms, you can know which chakra of your body is completely unbalanced 🧵
Do you feel completely drained of energy, unable to pursue your desires? Are you haunted by unexplained fears or burdened by guilt that’s hard to overcome?
Jan 5 • 6 tweets • 3 min read
🧵गायत्री मंत्र एक गुप्त एवं चमत्कारी मंत्र और उपाय #Thread
• गायत्री निरोग कैसे करती है?
•गायत्री जीवन कैसे परिवर्तन कर सकती है?
• गायत्री का जाप सब साधारण मनुष्य कितना करे?
•विशेष लाभ के लिए गायत्री यज्ञ कैसे करे ?
४. गायत्री में चौबीस अक्षर है, तीन पाद हैं, छः कुक्षि है, पाँच शीर्ष हैं।
ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद- यह तीन वेद उसके पाद हैं। इनके ऊपर गायत्री खड़ी होती है। है। ये वेद उसकी आधारशिला है,चौथा अथर्ववेद तो इस वेदत्रयी की व्याख्या मात्र है।
छः कुक्षियाँ छः दिशायें हैं, पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, ऊर्ध्व, अधः- इन छहों दिशाओं में अर्थात् सर्वत्र गायत्री- शक्ति व्याप्त है।
वेद के षट् अंगों को शीर्ष कहा गया है। गायत्री का शरीर छन्द है, शेष पाँच वेदांग उसके शीर्ष हैं। गायत्री छन्द के अन्य पाँच वेदांग- व्याकरण, शिक्षा, कल्प, निरुक्त, ज्योतिष् सिर है- मस्तिष्क हैं। इन वेदांगों के अन्तर्गत जो महान् भावनायें सत्रिहित हैं, उन्हें ही गायत्री का सिर अर्थात् मस्तिष्क समझना चाहिये। गायत्री शक्ति में वही भावना विद्यमान है, जो वेदांगों में है।
Jan 5 • 9 tweets • 4 min read
हर 12 साल में ही क्यों लगता है कुम्भ मेला? क्या है कुम्भ मेले का महत्व? क्या है इसका विज्ञान? 🧵
#thread कृपया अवश्य अंत तक पढ़े
#MahaKumbh2025 #Mahakumbh
कुंभ मेला हर 12 साल में हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है। यह पौराणिक अमृत कलश की कथा और ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति से जुड़ा है। 12 साल का अंतर गुरु ग्रह के एक राशि चक्र को पूरा करने पर आधारित है, जो खगोलीय घटनाओं के अनुसार धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है।
Jan 4 • 6 tweets • 3 min read
कम उम्र में मृत्यु को प्राप्त बच्चों की आत्माएं स्वर्ग जाती हैं या नर्क? जानिए क्या कहता है गरुड़ पुराण
🧵
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृत्यु के बाद किसी व्यक्ति को स्वर्ग मिलेगा या नर्क, वहां यमराज उनके साथ क्या करते हैं, उनकी आत्मा कितने दिन किन-किन लोकों में रहेगी और कब दुबारा जन्म लेगी इत्यादि। ये सारे फैसले मनुष्य के कर्मों पर आधारित होते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब किसी बच्चे की मृत्यु होती है, तो उसके बारे में गरुड़ पुराण क्या कहता है?
Jan 4 • 18 tweets • 4 min read
I’m sharing some vastu tips for your home and kitchen 🧵
1. Sri yantra
2
Jan 4 • 6 tweets • 2 min read
Hanuman Chalisa calculates distance between Sun & Earth 🧵
Hanuman chalisa was written in ‘Awadhi‘ language during early 16th century and Chalisa word is derived from ‘Chalis‘, which means 40. Hanuman Chalisa has 40 verses and in one line, it describes the approximate distance between Sun and Earth.
युग सहस्र योजन पर भानू ।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥
Translation : The Sun which was at a distance of Twelve Thousand divine Miles,
You tried to swallow it (the Sun), thinking it to be a Sweet Fruit.
Here, Yuga means the sum of Four Yugas (1 complete Mahayuga) with unit in divine years.
Satyuga = 4800 divine years
Tretayuga = 3600 divine years
Dwaparyuga = 2400 divine years
Kaliyuga = 1200 divine years
Jan 3 • 16 tweets • 5 min read
33 कोटि देव, 24 विष्णुरूप, 12 सरस्वती सरूप, 8 लक्ष्मी, 12 गौरी, 36 तुषित, 7 मारुतगण , 9 ग्रह, 10 दिशा दिग्पाल , स्थानीय देवता, नक्षत्र के अधिपति 🧵
बहुत ही गहन विषय पर चर्चा करता हुआ #thread
कितने देवी देवता है ? 33 कोटि या 33 करोड़ ?
चलिए, गणना करें।
• त्रिदेव : ब्रह्मा, विष्णु, महेश
• त्रिदेवी : सरस्वती, लक्ष्मी, काली
इनमे से भी भगवान विष्णु के असीमित रूपों में से कुछ रूप हैं,
33 प्रमुख देवता :
12 आदित्य + 8 वसु + 11 रुद्र + 1 इंद्र + 1 प्रजापति (कुछ शास्त्रों में इंद्र और प्रजापति के स्थान पर 2 अश्विनी कुमार स्थित होते हैं।)
Sharing some vastu tips for your home and office 🧵
Read, save, share, bookmark
1. 2.
Jan 2 • 10 tweets • 3 min read
Vastu tips for your home and success 🧵
1. 2.
Jan 2 • 11 tweets • 4 min read
मूलांक के अनुसार कैसा रहेगा ये आपका वर्ष ?
पढ़ें विस्तृत अंकराशि ,based on Numerology 🧵
ज्योतिष शास्त्र की तरह अंक ज्योतिष से भी जातक के भविष्य, स्वभाव और व्यक्तित्व का पता लगता है। जिस तरह हर नाम के अनुसार राशि होती है उसी तरह हर नंबर के अनुसार अंक ज्योतिष में नंबर होते हैं।
(अंकशास्त्र के अनुसार अपने नंबर निकालने के लिए आप अपनी जन्म तिथि, महीने और वर्ष को इकाई अंक तक जोड़ें और तब जो संख्या आएगी, वही आपका भाग्यांक होगा। उदाहरण के तौर पर महीने के 5, 14 और 23 तारीख को जन्मे लोगों का मूलांक 5 होगा।)
Jan 2 • 12 tweets • 5 min read
This will amaze you, Why has no one been able to climb Mount Kailash till date? Know the truth behind this 🧵
one who has never committed any sin can conquer Kailash
Mount Kailash, the abode of bhagwan Shiva, remains a mystery even today, which no mountaineer has been able to climb till date. Although Mount Everest, which is the world's highest mountain peak, many people have climbed it, but as it is believed that those who try to climb Mount Kailash become directionless.
Jan 2 • 21 tweets • 5 min read
I am going to share some mantras which are very powerful removes ur all obstacles 🧵