84 लाख योनियां, आत्मा को कब मिलता है मनुष्य जीवन? 🧵
पदम् पुराण के एक श्लोकानुसार
जलज नव लक्षाणी, स्थावर लक्ष विम्शति, कृमयो रूद्र संख्यक:
पक्षिणाम दश लक्षणं, त्रिन्शल लक्षानी पशव:, चतुर लक्षाणी मानव:।। -(78:5 पद्मपुराण)
महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित पद्म पुराण के अनुसार,यह माना गया है कि हर प्राणी को उसके कर्म के अनुसार ही अगला जन्म मिलता है. व्यक्ति के उच्च कर्म ही उसे इन जन्म चक्र से मुक्त कर सकते हैं. शास्त्रों के अनुसार 84 लाख योनियों में मनुष्य योनि को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. पद्म पुराण के एक श्लोक के में 84 लाख योनियों का वर्णन मिलता है. जिसके अनुसार 9 लाख योनियां जल में रहने वाले जीवों-जंतुओं की हैं. 10 लाख योनियां आकाश में उड़ने वाले पक्षियों की हैं. 30 लाख योनियां धरती पर रहने वाले जीवों-जंतुओं की हैं. 11 लाख योनियां कीड़े-मकोड़ों की हैं. 20 लाख योनियां पेड़-पौधों की हैं. बाकी 4 लाख योनियां मनुष्य की हैं, 4 लाख बार आत्मा मनुष्य की योनि में ही जन्म लेती हैं. इसके बाद उसे पितृ या देव योनि प्राप्त होती है. यह सभी क्रम कर्मानुसार चलते हैं. जब आत्मा मनुष्य योनि में आकर नीच कर्म करने लगता है तो उसे पुन: नीचे की योनियों में जन्म मिलने लगता है, वेद-पुराणों में इस दुर्गति कहा गया है, आत्मा को 52 अरब वर्ष एवं 84 लाख योनियों में भटकने के बाद मानव शरीर मिलता है. इसलिए मानव तन को दुर्लभ माना जाता है. क्योंकि इतनी योनियों में एक मनुष्य योनि ही है जिसमें विवेक जैसा दुर्लभ गुण पाया जाता है
Jun 12 • 23 tweets • 5 min read
How Squadron Leader Kanwaljeet Mehra Escaped the Enemy by Hiding in a Pond for 5 Days - Thread 🧵
The saga of a fearless son of Bharat Mata
On the morning of December 4, 1971, two Hunter aircraft from the 14 Squadron took off from the Dum Dum airbase to attack Tejgaon Airport in Dhaka. One Hunter was flown by Squadron Leader Kanwaljeet Mehra, and the other by his wingman, Flight Lieutenant Santosh Mone.
Jun 12 • 6 tweets • 4 min read
क्या आप अपना हस्त स्वयं देखना चाहते है 🧵
हस्तरेखा (हथेली) के कुछ शुभ-अशुभ के बारें में जानें
हस्तरेखा के अनुसार हथेली की रेखाओं का आना जाना लगा रहता है। बनती-बिगड़ती रहती हैं, कभी-कभी हथेली में रेखाओं से शुभ संकेत बन जाते हैं तो कभी-कभी रेखाओं का अशुभ संकेत का भी दौर होता हैं
🔹 शुभ संकेत
--व्यक्ति की हथेली में सूर्य रेखा से निकलकर कोई शाखा गुरु पर्वत की ओर जाती है तो व्यक्ति शासकीय अधिकारी बनता है.
-- हथेली में शुक्र पर्वत शुभ हो, विस्तृत हो और इस पर कोई अशुभ लक्षण ना हो तो व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है. शुक्र पर्वत अंगूठे नीचे वाले भाग को कहते हैं, इस पर्वत को जीवन रेखा घेरे हुए दिखाई देती है.
-बुध पर्वत पर एक छोटा सा त्रिभुज हो तो व्यक्ति प्रशासनिक विभाग में उच्च पद प्राप्त कर सकता है.
स्वास्थ्य रेखा की लंबाई मस्तिष्क रेखा और भाग्य रेखा तक ही सीमित हो तो यह शुभ संकेत है. ऐसी स्वास्थ्य रेखा वाले व्यक्ति का स्वास्थ्य उत्तम रहता है. शुक्र पर्वत, जीवन रेखा के आसपास से प्रारंभ होकर बुध पर्वत की ओर जाने वाली रेखा को स्वास्थ्य रेखा कहते हैं. बुध पर्वत सबसे छोटी उंगली के नीचे होता है.
--नाखून एकदम साफ और स्वच्छ दिखाई देते हैं तो यह शुभ लक्षण है. नाखूनों पर कोई दाग-धब्बा, कालापन न हो तो शुभ रहता है शुभ नाखून अच्छे स्वास्थ्य की ओर इशारा करते हैं
------अंगूठा मजबूत, लंबा, सुंदर हो तथा मस्तिष्क रेखा भी शुभ हो तो व्यक्ति नौकरी से लाभ प्राप्त करता है. शुभ मस्तिष्क रेखा यानी ये रेखा कटी हुई या टूटी हुई न हो, रेखाएं इसे काटती न हो, लंबी और सुंदर दिखाई देती हो
Jun 11 • 4 tweets • 2 min read
कुबेर की साधना कलयुग में तत्काल फलदायी होती है।
कुबेर जी के 9 रूप होते है किसी एक पूजा शीघ्र फल देगी 🧵
1 - उग्र कुबेर -- यह कुबेर धन तो देते ही है साथ में आपके सभी प्रकार के शत्रुओ का भी हनन कर देते है !
2-पुष्प कुबेर --यह धन प्रेम विवाह ,प्रेम में सफलता ,मनो वर प्राप्ति ,स्न्मोहन प्राप्ति ,और सभी प्रकार के दुख से निवृति के लिए की जाती है !
3-चंद्र कुबेर -- इन की साधना धन एवं पुत्र प्राप्ति के लिए की जाती है ,योग्य संतान के लिए चंदर कुबेर की साधना करे !
4-पीत कुबेर -- धन और वाहन सुख संपति आदि की प्राप्ति के लिए पीत कुबेर की साधना की जाती है !इस साधना से मनो वाशित वाहन और संपति की प्राप्ति होती है !
Jun 11 • 7 tweets • 6 min read
The biggest traitor and spy - who sold out the people of the country for personal luxury and comfort.
Biggest Traitor in RAW: India’s Intelligence Agency, the Research and Analysis Wing.
Thanks to the bravery and dedication of many of its officers, RAW (Research and Analysis Wing) is counted among the most powerful intelligence agencies in the world. However, its history also contains a few dark chapters — individuals who betrayed the nation, causing India severe damage on the intelligence front.
One of the most infamous among them is Ravindra Singh. This is the story of RAW’s biggest traitor — a man who not only broke the agency’s trust but also dealt a serious blow to India’s national security.
Ravindra Singh was a highly trained RAW officer. He joined the agency in the 1980s, and due to his sharp intellect and command over foreign languages, he was soon entrusted with critical responsibilities. He was attached to Indian embassies abroad, granting him access to highly sensitive information.
Jun 10 • 5 tweets • 3 min read
एक कसाई की दुकान पर लगने लगा था प्रभु जगन्नाथ का मन, आखिर क्या थी वजह? 🧵
शालिग्राम को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है. शालिग्राम नेपाल से निकलने वाली काली गंडकी नदी से मिलते हैं. जहां शाली ग्राम को श्री हरि का स्वरूप मान कर पूजा की जाती है. वहीं इस एक व्यक्ति ने इससे मांस तोलने का काम शुरु कर दिया, इसके बाद भी भगवान उससे नाराज नहीं हुए और उसके निश्चल भाव से प्रसन्न होकर सदैव कसाई के पास ही रहने का मन बना लिया
भगवान जगन्नाथ और उनके भक्त की कहानी
लौकिक कथाओं के अनुसार, एक गांव में सदन नाम का कसाई रहता है. कसाई कुल में जन्म लेने के चलते वह दिन भर एक ही काम था मास बेचना मास तोलना दिन भर यही काम करते थे. एक बार वह कहीं जा रहे थे, जहां उन्हें एक गोल पत्थर मिला, उसे देखकर कसाई ने सोचा की ये तो भार तोलने के काम आ सकता है. यह सोचकर वह उस पत्थर को दुकान पर लेकर आ गए, लेकिन वह इस बात से अनजान थें कि वह गोल पत्थर शालिग्राम यानी भगवान विष्णु हैं. वह कीर्तन करते हुए मांस तौलते और उनकी आंखों से अश्रु की धारा बहती रहती है
Jun 10 • 9 tweets • 9 min read
अधिकतर ऐसे #thread प्रतिरोज नहीं आते अवश्य लाभ ले
हनुमान चालीसा की वैज्ञानिक, आध्यात्मिक और ज्योतिषी व्याख्या एवं इसके अद्भुत लाभ🧵
🔹 ध्वनि और आवृत्ति का प्रभाव, ऊर्जा
🔹श्वसन और हृदय स्वास्थ्य
🔹 ज्योतिष उपाय के साथ जानिये
हनुमान चालीसा, गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित यह चालीसा 40 छंदों में भगवान हनुमान की स्तुति में लिखा गया एक ऐसा भक्ति स्तोत्र है। यह केवल एक प्रार्थना नहीं है, बल्कि भगवान हनुमानजी की महिमा और उनके गुणों का गान है। इसे न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बल्कि आधुनिक विज्ञान के दृष्टिकोण से भी गहन शोध और अध्ययन से मानसिक और शारीरिक और आध्यात्मिक विकास के लिए भी लाभकारी माना गया है।
Jun 8 • 5 tweets • 5 min read
कामाख्या माँ का जब हुआ चमत्कार 🧵
उड़िया बाबाजी महाराज ने कामाख्या में मां जगदंबा की आराधना की तो मां साक्षात प्रकट हुईं और उनको एकाकार कर लिया।
परम पूज्यपाद श्री उड़िया बाबाजी महाराज भारत के सिद्ध संतों में एक थे। उनका अद्भुत जीवन संपूर्ण समाज के लिए एक आदर्श रूप था। उनकी कृपा से असंख्य लोगों में भक्ति और ज्ञान की जागृति हुई। आज भी उनकी परंपरा में परमपूज्य स्वामी श्री अखंडानंद सरस्वती एवं उनके कृपा पात्र जगदगुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती के आशीर्वाद से वर्तमान में श्री उड़िया बाबा आश्रम वृंदावन धाम में सुचारू रूप से चल रहा है।
उनके समकालीन संतों में पूज्य स्वामी श्री करपात्री जी महाराज, श्री हरि बाबा जी, श्रीश्री मां आनंदमई, स्वामी श्री गंगेश्वरानंद जी महाराज, स्वामी श्री शरणानंद जी व अन्यान्य महान संत उनके साथ वेदांत सत्संग करते रहे। श्री उड़िया बाबा जी के अनन्य भक्तों में जगदगुरु शंकराचार्य श्री शांतानंद सरस्वती, स्वामी श्री प्रबोधानंद सरस्वती, महर्षि कार्तिकेय जी, श्री पलटू बाबा जी, गोवर्धन के सिद्ध संत पंडित गया प्रसाद जी, स्वामी सिद्धेश्वराश्रम जी व अन्य संतों के नाम उल्लेखनीय हैं।
Jun 8 • 20 tweets • 13 min read
18 पुराणों का संकलन महृर्षि वेदव्यास जी ने संस्कृत भाषा में किया है। 🧵
पुराणों में दी गई जानकारी कौनसी है !
कृपया पूरा #thread अवश्य अंत तक पढ़े
हिन्दू धर्म के कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रन्थों में एक है पुराण। ‘पुराण’ का शाब्दिक अर्थ है, ‘प्राचीन’ या ‘पुराना’। पुराणों की रचना मुख्यतः संस्कृत में हुई है, किन्तु कुछ पुराण क्षेत्रीय भाषाओं में भी रचे गए हैं। इनमें हिन्दू देवी-देवताओं का और पौराणिक मिथकों का बहुत अच्छा वर्णन है। इनकी भाषा सरल और कथा कहानी की तरह है। पुराणों की कुल संख्या अठारह है।
इसमें अलग-अलग देवी-देवताओं को केन्द्र मानकर पाप और पुण्य, धर्म और अधर्म, कर्म और अकर्म की गाथाएँ कही गयी हैं। पुराणों में वर्णित विषयों की कोई सीमा नहीं है। इसमें ब्रह्माण्डविद्या, देवी-देवताओं, राजाओं, नायकों, ऋषि-मुनियों की वंशावली, लोककथाएँ, तीर्थयात्रा, मन्दिर, चिकित्सा, खगोल शास्त्र, व्याकरण, खनिज विज्ञान, हास्य, प्रेमकथाओं के साथ-साथ धर्मशास्त्र और दर्शन का भी वर्णन है। विभिन्न पुराणों की विषय-वस्तु में बहुत अधिक असमानता है। इतना ही नहीं, एक ही पुराण के कई-कई पाण्डुलिपियाँ प्राप्त हुई हैं जो परस्पर भिन्न-भिन्न हैं। हिन्दू पुराणों के रचनाकार अज्ञात हैं और ऐसा लगता है कि कई रचनाकारों ने कई शताब्दियों में इनकी रचना की है।
महृर्षि वेदव्यास ने 18 पुराणों का संस्कृत भाषा में संकलन किया है। ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश उन पुराणों के मुख्य देव हैं। त्रिमूर्ति के प्रत्येक भगवान स्वरूप को छः पुराण समर्पित किये गये हैं। आइए जानते है 18 पुराणों के बारे में।
Jun 7 • 7 tweets • 2 min read
ज्योतिष टिप
कुंडली में ऐसे योग बनने पर होता हैं कर्ज 🧵
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, छठवें, आठवें, बारहवें और मंगल को कर्ज का कारक ग्रह माना जाता है। कुंडली में मंगल ग्रह के कमजोर होने पर और मंगल के पाप ग्रह से जुड़ने पर या छठवें, आठवें और बारहवें में नीच स्थिति में होने पर यानी मंगल अगर कर्क राशि में हैं तो व्यक्ति ज्यादातर समय कर्ज में रहता है। अगर मंगल पर शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़े तो कर्ज होता है लेकिन मुश्किल से उतरता है। शास्त्रों में मंगलवार और बुधवार के दिन कर्ज के लेन देन को वर्जित बताया गया है। इन दिनों कर्ज लेने से व्यक्ति कर्ज आसानी से चुका नहीं पाता।
Jun 7 • 8 tweets • 6 min read
हलाल प्रॉडक्ट , लगभग 2.5 ट्रिलियन $ एकोनॉमी
कहीं जानें-अनजानें में आप तो नहीं ख़रीद रहें है हलाल प्रॉडक्ट !🧵
अब तो दवाईयों से लेकर सौंदर्य उत्पाद जैसे शैम्पू, और लिपस्टिक,अस्पतालों से लेकर फाइव स्टार होटल तक , रियल एस्टेट से लेकर हलाल टूरिज्म और तो और हलाल डेटिंग, यहाँ तक की शाकाहारी प्रॉडक्ट बेसन, आटा, मैदा जैसे शाकाहारी उत्पादों तक के हलाल सर्टिफिकेशन पर पहुँच गई है। हद तो तब हो गई जब आयुर्वेदिक औषधियों तक के लिए भी हलाल सर्टिफिकेट !
Jun 7 • 8 tweets • 6 min read
वास्तु शास्त्र के वैज्ञानिक रहस्य और मानव जीवन पर प्रभाव 🧵
#thread
🔹 वास्तु शास्त्र की प्राचीनता
🔹 त्रेता युग में वास्तु शास्त्र
🔹 द्वापर युग में वास्तु शास्त्र
🔹 वास्तु पुरुष, वास्तु शास्त्र में दिशाओं का महत्त्व
वास्तु शास्त्र के वैज्ञानिक रहस्यों का मानव जीवन पर प्रभाव पड़ता है । वास्तु शास्त्र अद्भुत विज्ञान और रहस्य है। यह एक प्राचीन विज्ञान है। वेदों और पुराणों में वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों का वर्णन है। वास्तु शास्त्र अथर्ववेद का अंग है। वेदों में वास्तुशान्ति के अनेक मंत्र उपलब्ध हैं। अतः वास्तु शास्त्र उतना ही प्राचीन है जितने वेद प्राचीन हैं ।
वास्तु शास्त्र का सम्बन्ध दिशाओं ऊर्जा से है। इसमें दिशाओं को आधार बनाकर भूखण्ड, भवन, मन्दिर या निर्माण के आसपास मौजूद नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक किया जाता है। जिससे मानव जीवन पर अपना प्रतिकूल प्रभाव ना डाल सके और सकारात्मक प्रभाव पड़े।
इस सृष्टि के साथ मानव जीवन भी पञ्च महाभूत – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश से बना है और यही तत्व जीवन और सृष्टि को प्रभावित करते हैं। इसलिए वास्तु शास्त्र अद्भुत विज्ञान और रहस्य से भरा हुआ है।
Jun 5 • 6 tweets • 4 min read
निर्जला एकादशी पर ग्रहों का शुभ योग, इन 5 राशियों के जीवन में आएगी खुशहाली! 🧵
🔹इस निर्जला एकादशी पर बनने वाले विशेष ग्रह-योग कौन से हैं,
🔹किन 5 राशियों के लिए यह दिन वरदान साबित होगा,
🔹कैसे इस दिन का धार्मिक, ज्योतिषीय और मानसिक लाभ लिया जा सकता है।
सनातन धर्म में एकादशी व्रत को विशेष महत्व प्राप्त है, लेकिन निर्जला एकादशी का स्थान सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यह एक ऐसी तिथि है जब व्यक्ति केवल जल भी न ग्रहण कर पूर्ण संयम और श्रद्धा के साथ उपवास करता है। इस बार की निर्जला एकादशी (2025 में 6 जून को) न केवल आध्यात्मिक रूप से फलदायी है, बल्कि ग्रह-नक्षत्रों के विशेष योग के कारण यह दिन ज्योतिषीय रूप से भी अत्यंत शुभ सिद्ध हो रहा है।
निर्जला एकादशी का महत्व और ग्रहों का विशेष योग
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है, और निर्जला एकादशी इनमें सबसे पवित्र मानी जाती है। इस दिन बिना जल ग्रहण किए व्रत रखा जाता है, जिससे मनुष्य को पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस बार निर्जला एकादशी पर ग्रहों का एक अद्भुत योग बन रहा है, जो कुछ राशियों के जीवन में खुशहाली लाने वाला है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु (बृहस्पति) और शुक्र का शुभ प्रभाव इस दिन विशेष रूप से कुछ राशियों पर होगा। आइए जानते हैं कि किन 5 राशियों के लिए यह समय बेहद लाभकारी साबित होगा और कैसे आप इस शुभ योग का लाभ उठा सकते हैं।
निर्जला एकादशी: ज्योतिष और धर्म की संगम तिथि
Jun 5 • 10 tweets • 5 min read
मंत्रों का चमत्कार , जानें लाभ और सही विधि 🧵
🔹 मंत्र क्या है ?
🔹 मंत्रों का वैज्ञानिक आधार
🔹 मंत्र जाप से जुड़ें वैज्ञानिक शोध
🔹 मंत्रों के मानसिक लाभ
🔹 मंत्रों के शारीरिक लाभ
🔹 मंत्रों का आध्यात्मिक प्रभाव
🔹 सही तरीके से मंत्र जाप कैसे करें ?
मंत्र संस्कृत के शब्दों का एक विशेष संयोजन है, जो ध्वनि तरंगों और ऊर्जा के माध्यम से मनुष्य के शरीर और मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव डालता है। ये ध्वनियाँ न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक हैं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इनकी शक्ति को समझा जा सकता है। मंत्रों की उत्पत्ति वैदिक ऋषियों द्वारा की गई थी, जिन्होंने इन्हें ध्यान और तपस्या के माध्यम सेखोज कर समाज को दिया। सनातन के इस पोस्ट में हम मंत्रों के पीछे छिपे विज्ञान, उनके प्रभाव, और सही तरीके से मंत्र जाप करने की विधि को समझेंगे।
Jun 4 • 5 tweets • 2 min read
ज्योतिष टिप
बुधवार के दिन शुभ हैं यह कार्य 🧵
बुधवार का दिन बुध ग्रह से संबंधित है। ज्योतिष में बुध का उतना ही महत्व है जितना हमारे जीवन में धन और समय का महत्व है। और इन दोनों का बुध से ही संबंध है। इस नाते यदि आप जीवन में धन और समय की बढ़ोतरी चाहते हैं तो महत्वपूर्ण कार्य बुधवार के दिन करने चाहिए।
Jun 4 • 14 tweets • 7 min read
ब्रह्मास्त्र से परमाणु बम तक, महाभारत के विनाशकारी अस्त्रों के पीछे का विज्ञान एवं रहस्य 🧵
ब्रह्मास्त्र - महाभारत का ‘न्यूक्लियर बम’
मूल वर्णन (भीष्म पर्व, अध्याय 202):
प्राचीन भारतीय ग्रंथों में वर्णित अस्त्र-शस्त्रों का वर्णन पढ़कर आधुनिक वैज्ञानिक भी चकित रह जाते हैं। महाभारत में वर्णित ब्रह्मास्त्र (Brahmastra), नारायणास्त्र, अग्नेयास्त्र जैसे अस्त्रों के प्रभाव आज के परमाणु हथियारों से मिलते-जुलते हैं। यह मात्र संयोग नहीं हो सकता कि महाभारत में वर्णित विनाश के दृश्य हिरोशिमा-नागासाकी पर हुए परमाणु हमलों के वर्णन से अद्भुत समानता रखते हैं ।
Jun 3 • 8 tweets • 2 min read
लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए चुने हुए कुछ शाबर मंत्र एवं उनके प्रयोग की विधि यहां प्रस्तुत हैं। 🧵
1)विष्णुप्रिया लक्ष्मी, शिवप्रिया सती से प्रकट हुई कामेक्षा भगवती आदि शक्ति युगल मूर्ति महिमा अपार, दोनों की प्रीति अमर जाने संसार, दुहाई कामाक्षा की, आय बढ़ा व्यय घटा, दया कर माई। ऊँ नमः विष्णुप्रियाय, ऊँ नमः शिवप्रियाय, ऊँ नमः कामाक्षाय ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं फट् स्वाहा।
प्रयोग विधि- धूप-दीप से पूजन और नैवेद्य अर्पित करके इस मंत्र का सवा लाख जप करें, लक्ष्मी का आगमन व चमत्कार प्रत्यक्ष दिखाई देगा। प्रत्येक कार्य सफल होगा, लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
Jun 3 • 8 tweets • 4 min read
मृत्यु का रहस्य और शास्त्रों के अनुसार मृत्यु आने के पूर्व संकेत 🧵
🔹 मानसिक और भावनात्मक बदलाव
🔹 पशु-पक्षियों द्वारा संकेत
🔹 स्वप्न में संकेत
मृत्यु जीवन का अंत है, जब शरीर के सभी जैविक कार्य रुक जाते हैं। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो हर जीवित प्राणी के साथ होती है। मृत्यु के बाद शरीर का विघटन शुरू हो जाता है और यह प्रकृति में वापस मिल जाता है। विभिन्न धर्मों और दर्शनों में मृत्यु को अलग-अलग तरीकों से समझाया गया है, जैसे कि आत्मा का परलोक में प्रवेश, पुनर्जन्म, या शाश्वत शांति। मृत्यु को लेकर मनुष्य के मन में कई प्रश्न और भय होते हैं, लेकिन यह जीवन का एक अटल सत्य है।
Jun 2 • 7 tweets • 5 min read
2 ढाई लाख साल भर में बिना खर्च किए मधुमेह को निसंदेह ठीक किया जा सकता है 🧵
दवाई आख़िरी विकल्प है मित्रो, पहला नहीं
घरेलू व रामबाण इलाज:-
मधुमेह आम बीमारी हो गयी है। हर 10वाँ इंसान इस रोग के चपेट में है या आने वाला है। जब कोई इस रोग से ग्रसित होता है तो उस इंसान के भोजन में जितनी भी मीठी चीजे खाता है ( चीनी, मिठाई, शक्कर, गुड़ आदि) वह ठीक प्रकार पचती नही है आर्थत अग्नाशय उचित मात्रा इन्सुलिन नही बनता इसलिये चीनी तत्व मुत्र मार्ग से सीधा निकलता है। जिन लोगो को चिंता, मोह, लालच, तनाव रहता है वे इस रोग से ग्रसित होते हैं। शुरू मे इस रोग में भूख अधिक लगती है धीरे धीरे भूख कम हो जाती है, शरीर सूखने लगता है, कब्ज की शिकायत, वजन कम होना, अधिक यूरिन आना, व जख्म का न भरना इसके लक्षण है।
Jun 1 • 6 tweets • 3 min read
जीभ' को 'तालु' से लगाने पर मिलेंगे ये अद्भुत लाभ मात्र 1 मिनट में दिखने लगेगा लाभ 🧵
क्यूँ रह रहे है आप वंचित
भारत ही नहीं बल्कि आज पूरे विश्व भर में ऐक्यूप्रेशर पद्धति का बोल बाला है । आज दावों का सेवन करने बेहतर लोग योग, प्राणायाम और ऐक्यूप्रेशर को अपनाने में फायदा समझते हैं और सही भी है आखिर दवाओं का सेवन हमारे शरीर को खराब करता है ।
इन दूसरे उपायों को अपनाने से हमारा शरीर और स्वास्थ्य अच्छा भी रहता है और बाकी कई बीमारियाँ हमारे शरीर को छु कर भी नही निकाल पाती है ।
Jun 1 • 8 tweets • 4 min read
स्वप्न कुछ कहते है , स्वप्न शास्त्र पर आधारित कहा जाता है 4 स्वप्न किसी को नहीं बताने चाहिए 🧵
एवं प्रत्येक स्वप्न का क्या अर्थ है, आज जानिये
सोते समय हमें कई तरह के सपने आते हैं, जिनमें से कुछ डरावने होते हैं तो कुछ खुशियों से भर देते हैं। हमें अक्सर इन सपनों के अर्थ जानने की जिज्ञासा रहती है। हालांकि, स्वप्न शास्त्र के अनुसार कुछ सपने ऐसे होते हैं जिनका दूसरों से जिक्र करना अशुभ माना जाता है। इस शास्त्र के अनुसार, यदि इन सपनों का किसी से जिक्र किया जाता है तो उनके शुभ प्रभाव को हानि हो सकती है और यह परिवार के लिए मुसीबत का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं वह चार सपने कौन से हैं जिन्हें हमें किसी से भी नहीं बताना चाहिए