तहक्षी™ Tehxi Profile picture
Dharm ॥ History || Jyotish || Politics ॥ Posting Threads🧵Everyday ॥ नमश्चण्डिकायै【࿗】 https://t.co/JqmXNBlI5G
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Apr 13 13 tweets 15 min read
प्राचीन भारत की 11 रहस्यमयी किताबें, जो ज्ञान एवं रहस्य से भरी हुई है , जानिये कौनसी 🧵 Image दुनिया की प्रथम पुस्तक होने का गौरव प्राप्त है ऋग्वेद को। भारत में अध्यात्म और रहस्यमयी ज्ञान की खोज ऋग्वेद काल से ही हो रही है जिसके चलते यहां ऐसे संत, दार्शनिक और लेखक हुए हैं जिनके लिखे हुए का तोड़ दुनिया में और कहीं नहीं मिलेगा।
 
संस्कृत महाकाव्य में महाभारत, रघुवंश, रामायण, पद्मगुप्त, भट्टिकाव्य, बुद्धचरित, कुमारसम्भव, शिशुपाल वध, नैषधीय चरित, किरातार्जुनीयम, हर्षचरित। अपभ्रंश महाकाव्य में रावण वही, लीलाबई, सिरिचिन्हकव्वं, उसाणिरुद्म, कंस वही, पद्मचरित, रिट्थणेमिचरिउ, नागकुमार चरित, यशोधरा चरित।
Apr 12 5 tweets 4 min read
“श्रीहनुमानजी अभी सदेह हमारे मध्यमें वर्तमान है ”

कलयुग की सत्य आधारित घटना जिसको हनुमान अंक से लिया गया एवं हनुमान तंत्र द्वारा हनुमान जी की उपासना उपरांत प्रत्यक्ष दर्शन प्राप्त हुआ 🧵 Image (लेखक - श्रीपरिपूर्णानन्दजी वर्मा)

लेखक यहाँ बता रहा है :-

कुछ दिन पूर्व वाराणसीमें एक साधु-स्वभावके सरल तथा निश्छल व्यक्ति रहते थे, जो सिख होते हुए भी पुराने ढंगके थे। वे वकालत करते थे। उन महापुरुषका नाम था- सरदार रामनारायणसिंह। वे कितने सिद्ध पुरुष थे, इसका अनुमान इसीसे लग सकता है कि उनके एकमात्र पुत्रको, जो इस समय स्वस्थ, प्रसन्न और पुत्रवान् है- क्षयका भयंकर रोग हो गया। उसके बचनेकी कोई आशा न रही। मैं भी बहुत चिन्तित था। सरदारजीकी परेशानी मुझसे देखी नहीं जाती थी। मैंने अपनी चिन्ता उनसे व्यक्त की। वे मुस्कुराकर बोले, 'मैं इसे स्वस्थ कर लूंगा; इसके लिये मुझे बलि देनी पड़ेगी। मेरी आयु ज्योतिषके अनुसार ६४ वर्षकी है। दो वर्ष वय (उम्र) का बलिदान कर दूँगा।' उन्होंने कौन-सी क्रिया की, यह तो मुझे नहीं मालूम, किंतु मेरे देखते-देखते बालक स्वस्थ होने लगा। जब सरदारजीका ६२वाँ वर्ष आया, तब वे मुझसे बोले- 'मैं जानेवाला हूँ।' मैंने विश्वास नहीं किया, पर वे सचमुच उसी वर्ष चले गये।

श्रीरामनारायणसिंहका नेपालसे घना सम्बन्ध था। उनके गुरु एक ८५ वर्षीय नेपाली सज्जन थे, जो ८ वर्षोंतक नेपाल सरकारके विदेशमन्त्री रह चुके थे तथा वाराणसीमें अज्ञातवास कर रहे थे। उनका जीवन अद्भुत चमत्कारोंसे पूर्ण था।

एक दिन हनुमानजीकी चर्चा चली।
Apr 12 5 tweets 2 min read
1. #Hanuman हनुमान जन्मोत्सव पर हनुमान पूजा एवं उपासना विधि जानिये 🧵

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Apr 11 7 tweets 3 min read
⚠️ हार्ट फेलियर से पहले शरीर देता है ये 4 संकेत, पहचान लिए तो बच सकती है जिंदगी 🧵 Image आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी, तनाव भरा माहौल और गलत खानपान की वजह से दिल से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। इन्हीं में से एक गंभीर बीमारी है हार्ट फेलियर। यह स्थिति तब होती है जब हमारा दिल शरीर की जरूरत के मुताबिक पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पंप कर पाता।

इसका असर धीरे-धीरे शरीर के कई अंगों पर पड़ता है और शरीर कुछ संकेत देने लगता है। अगर इन संकेतों को समय रहते पहचान लिया जाए, तो हार्ट फेलियर की गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं वो चार बड़े संकेत जो हार्ट फेलियर से पहले शरीर दिखाता है।
Apr 11 6 tweets 3 min read
मंगलवार और शनिवार को 108 बार हनुमान चालीसा पढ़ने से क्या होगा? 🧵 Image प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से मन और मस्तिष्क में आध्यात्मिक बल प्राप्त होता है। हनुमान जी को बल, बुद्धि और विद्या का दाता कहा जाता है, इसलिए हनुमान चालीसा का प्रतिदिन पाठ करना आपकी स्मरण शक्ति और बुद्धि में वृद्धि करता है। यह सभी तरह के संकटों से बचाता है। साथ ही आत्मिक बल भी मिलता है, परंतु यदि आप एक समय में एक जगह बैठक 108 बार हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो क्या होगा?

100 हनुमान चालीसा पढ़ने का समय 108 बार हनुमान चालीसा यदि निरंतर पढ़ते हैं तो 4 से 5 घंटे में यह पूर्ण हो जाती है
Apr 11 6 tweets 3 min read
आपको आने वाला स्वप्न कभी बिना कारण नहीं होता
प्रत्येक स्वप्न का कोई ना कोई भाव अवश्य है 🧵

आइये जानते है …

⚠️कोई भी स्वप्न कितने समय में पूर्ण होता है ?

⚠️ शुभ और अशुभ स्वप्न के संकेत क्या है ?

⚠️अशुभ स्वप्न में संकेत को कैसे रोका जाए ? Image 🌱 स्वप्न-अवधि

रात्रि के पहले पहर में यदि स्वप्न दिखाई दे, तो उसका फल एक वर्ष पश्चात्, दूसरे प्रहर में देखे स्वप्न का फल छः महीनों बाद, तीसरे प्रहर में दृष्ट स्वप्न का फल तीन मास में तथा अन्तिम प्रहर में देखे स्वप्न का फल एक मास के भीतर- भीतर मिलता है

सूर्योदय से कुछ पूर्व देखे स्वप्न का फल तत्काल समझना चाहिए । सूर्योदय के बाद देखे स्वप्न का फल दस दिनों के भीतर मिलता है ।
Apr 10 20 tweets 6 min read
Thread of the world’s Strangest architecture 🧵

1 ) The Kailasa Temple, India

Carved entirely from a single rock😳 Image 2 ) The Interlace, Singapore. Image
Apr 10 8 tweets 5 min read
रात को सोते वक्त 5 तुलसी के पत्ते तकिये के नीचे रखे और फिर चमत्कार देखे l 🧵

तुलसी के पत्तों का औषधीय और ज्योतिष, वास्तु के चमत्कारी उपाय बताएँगे। Image तुलसी एक ऐसा पौधा है जो आमतौर पर हर भारतीय घर में मिल जाता है तुलसी के जहां औषधीय गुण हैं अब तक अपने तुलसी का उपयोग पूजा पाठ में करते हुए देखा होगा। लेकिन इस तुलसी में इतनी शक्तियाँ है तभी तो इसे भगवान विष्णु की पूजा में इस्तेमाल किया जाता है। शायद आप नहीं जानते होंगे लेकिन तुलसी के टोटके करके आप अपनी इच्छाओ को पूरा कर सकते है। तुलसी का पत्ता भगवान विष्णु को अति प्रिय है इसीलिए भगवान की पूजा में तुलसी का उपयोग बहुत ज्यादा किया जाता है! इस उपाय को करने से आपकी हर इच्छा पूरी हो जाएगी, बस आपको सोने से पहले अपने तकिए के नीचे पांच तुलसी के पत्ते रखकर सोना है।इससे आपके घर की सारी नेगेटिव ऊर्जा समाप्त हो जाएगी। भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म में तुलसी को सिर्फ एक पौधा नहीं, बल्कि देवी का रूप माना गया है। यही कारण है कि आंगन में तुलसी का पौधा लगाना और उसकी पूजा करना सदियों से भारतीय परंपरा रही है। घर में तुलसी लगाने और उसकी पूजा करने के पीछे भी कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं।
Apr 10 8 tweets 6 min read
कनकधारा स्तोत्र व यन्त्र दुर्लभ परन्तु लक्ष्मी प्राप्ति के लिये रामबाण प्रयोग है 🧵

8 लक्ष्मी वास एवं 16 कुबेर का वास जान कर अचंभित आप अवश्य होंगे

अपने आप में अचूक, स्वयं सिद्ध, ऐश्वर्य प्रदान करने में सर्वथा समर्थ है। मैं यहाँ कनकधारा यंत्र नहीं “कनकधारा महायंत्र” की बात करूँगी,

▪️ कनकधारा यन्त्र प्रयोग ?
▪️यंत्र को किस काल में पूजा से सिद्ध करे ?
▪️पूजा सामग्री भी thread में लिखी जाएगी !
▪️कनकधारा महायंत्र सिद्ध करने का मंत्र?
▪️संकल्प कौनसा ले?Image इस यन्त्र का उपयोग दरिद्रता का नाश करता है। यह स्वर्ण वर्षा करने वाला कहा गया है। रंक को राजा बनाने की सामर्थ्य इसमें है। निकम्मा व गरीब व्यक्ति एकाएक धनोपार्जन करने लगता है। यह अद्भुत यन्त्र तुरन्त फलदायी है परन्तु इसकी प्राण-प्रतिष्ठा उतनी ही दुर्लभ व दुःसाध्य है। जटिल प्रक्रिया के कारण बहुत कम लोग इसे सिद्ध कर पाते हैं। सिद्ध होने पर यह यन्त्र व्यापार वृद्धि, दारिद्रय नाश करने व ऐश्वर्य प्रदान करने में आश्चर्यजनक रूप से काम करता है।

प्रसिद्ध ऐतिहासिक ग्रन्थ 'शंकर दिग्वजय' के चौथे सर्ग में इस घटना का उल्लेख है। एक बार भगवत्पाद आचार्य शंकर भिक्षाटन के लिये निकले तथा चूमते-घूमते एक सद्‌गृहस्थ के द्वार पर अचानक अलख जगाई 'भिक्षा देहि।' संयोग से वह एक विद्वान् विनम्र, किन्तु अत्यन्त निर्धन ब्राह्मण का घर था। अपने द्वार पर एक अत्यन्त तेजस्वी अतिथि को देखकर, संकोच के मारे घर की स्वामिनी लाज में गड़ गई क्योंकि भिक्षा में देने के लिये घर में एक दाना तक नहीं था। संकल्प-विकल्प में उलझी अतिथि प्रिय, पतिव्रता स्त्री को अपने दुर्दिन को देखकर रोना आ गया तथा अश्रुपूर्ण नेत्रों ने घर के कोने में पड़े कुछ सूखे आँवलों को लेकर, अत्यन्त संकोच के साथ दिव्य तपस्वी को भेंट करने लगी। साक्षात् शंकर के रूप में विचरण करने वाले, ओढरवरदानी को अबला नारी की दीनावस्था पर तरस आ गया। करुणासागर आचार्यपाद का हृदय दया व करुणा से भर आया और तत्काल ऐश्वर्य व सुख की अधिष्ठात्री, करुणामयी वात्सल्यमयी, विष्णुपत्नी, मातेश्वरी महालक्ष्मी को सम्बोधित करते हुये, कोमलकान्त व करुणापूर्ण पद्यावली से एक स्तोत्र की रचना की। कनकधारा नामक उस स्तोत्र की अनायास रचना से, भगवती लक्ष्मी अपने त्रिभुवन मोहन स्वरूप में आचार्य श्री के सम्मुख प्रकट हो गई तथा अत्यन्त मधुर व कोमलवाणी में विस्मय से पूछा- "आचार्यप्रवर अकारण मेरा स्मरण किसलिये ?" आचार्य शंकर ने ब्राह्मण परिवार की दरिद्र अवस्था को लक्षित करते हुये, उसे सम्पन्न, सबल एवं धनवान बनाने की प्रार्थना की। भगवती लक्ष्मी ने प्रत्युत्तर दिया "इस गृहस्थ के पूर्व जन्म में अर्जित पाप के कारण" इस जन्म में इसका लक्ष्मी सम्पन्न होना सम्भव नहीं है, इसके प्रारब्ध में धन ही नहीं है।" आचार्य शंकर ने करुणा विगलित कण्ठ से कहा- 'क्या मुझ से याचक के द्वारा इस स्तोत्र पाठ के बाद भी सम्भव नहीं ?' भगवती लक्ष्मी तत्काल अन्तर्ध्यान हो गई। इतिहास साक्षी है कि उसी समय उस दरिद्र ब्राह्मण के आंगन में सोने के आँवलों की वर्षा हुई। ब्राह्मण का दुर्दैव नष्ट हुआ, कनक की वर्षा होने के कारण, इस स्तोत्र का नाम 'कनकधारा स्तोत्र' के नाम से कालान्तर में विश्व प्रसिद्ध हो गया।
Apr 9 22 tweets 6 min read
Incredible love between animals and humans ~ A thread 🧵

(Open & Let this thread brighten your day with a wave of positivity )

1 ) An Elephant taking a nap with his Human friend Image 2 ) The beautiful moment a Swan embraced the vet who saved his life. ❤️ 🦢 Image
Apr 9 13 tweets 3 min read
धन की तंगी अत्यधिक लोगों को हो जाती है कृपया ज्योतिष उपाय पढ़े 🧵

12 उपाय 12 राशियों के अनुसार बताए गए हैं। Image मेष के लिए उपाय
 
मेष- मेष राशि वाले जातकों को शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर तेल का दीपक प्रज्ज्वलित करना चाहिए। अधिक फायदे के लिए उसमें दो काली मिर्च डाल दें। इस उपाय से जल्दी ही आर्थिक परेशानी दूर होती है। इसके अलावा अगर धन संबंधी कोई मामला अटका है तो उसमें भी फायदा होता है।
Apr 9 12 tweets 8 min read
जन्म कुंडली के बिना भी जाना जा सकता है भविष्य 🧵

जानिये कैसे !

सामुद्रिक शास्त्र गूढ़ रहस्य को यहाँ उजागर कर रहा है कृपया #thread ध्यान से पूरा पढ़े Image दांत

सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ३२ दांत वाले व्यक्ति उत्तम, ३० दांत वाले मध्यम, २८ दांत वाले अधम माने जाते हैं। अगर दांतों में समानता न होकर स्थान से पतित हों तो उसके अनुसार भिन्न-भिन्न फल होता है।

. जिस व्यक्ति के दांत सीधी रेखा में समान रूप से उठे हुए और चिकने हों, तो वह व्यक्ति धनवान होता है।

२. लम्बे दांत वाले व्यक्ति धनी होते हैं।

३. अन्दर की तरफ झुके हुए दांत वाले व्यक्ति दरिद्री होते हैं।

४. काले ऊबड़-खाबड़ दांत वाले व्यक्ति परेशानी उठाते हैं।

५. बत्तीस दांत वाले व्यक्ति भाग्यवान होते हैं।

६. तीस दांत वाले धन के अभाव में चिन्तित रहते हैं।

७. इकत्तीस दांत वाले भोगी होते हैं।

८. इससे कम दांत वाले व्यक्ति हमेशा दरिद्री रहते हैं।

६. जिनके दांत धीरे-धीरे उखड़ते हैं, वे दीर्घ जीवी होते हैं।

१०. जिस व्यक्ति के दांत एक दूसरे से अलग-अलग हों, वह व्यक्ति दूसरों के धन पर मौज करता है।

११. जिन स्त्रियों के दांत नोकदार, एक सीध में, सफेद और आपस में मिले हुए हों, वे स्त्रियां सौभाग्यशाली होती हैं।

१२. जिन स्त्रियों के ऊपर तथा नीचे सोलह-सोलह दांत हों तथा गौ दूध के समान श्वते रंग के हों, वे पति की अत्यन्त प्रिय होती हैं।

१३. जिन स्त्रियों के दांत बहुत छोटे-छोटे हों, वे दुखी रहती हैं।

१४. जिनके नीचे जबड़े में अधिक दांत हों उनको मां का सुख नहीं मिलता।

१५. भयंकर तथा टेढ़े-मेढ़े दांत वाली स्त्री विधवा होती है।

१६. सफेद मसूढ़े वाली स्त्री कुटिल होती है।

१७. मोटे और डरावने दांत वाली स्त्री कष्ट भोगने वाली होती है।

१८. यदि दांत अलग-अलग हों और बीच में दूरी हो, तो वह दुराचारिणी होती है।

१६. यदि दांत ऊपर आए हुए हों, तो वह चतुर, स्वार्थी तथा पति को उंगली पर नचाने वाली होती है।

२०. जिनके मसूढ़े काले हों, वे चोर होती हैं।
Apr 8 6 tweets 4 min read
⚠️ गणेशजी को गजराज का सर लगाने के बाद, उनके असली कटे हुए सर का क्या हुआ? 🧵

भगवान गणेशजी की कथा बहुत ही रोचक है। एक बार भगवान शिव ने क्रोधवश गणेशजी का सिर उस समय धड़ से अलग कर दिया था, जब उन्होंने मां पार्वती को मिलने से रोका था।तब माता पार्वती बहुत दुखी हुई थीं। जब उन्होंने शिवजी से गणेशजी को जीवित करने की विनती की। शिवजी ने ब्रह्मा जी से एक हाथी का सिर लाने को कहा और उसे गणेशजी के धड़ से जोड़ दिया।Image पौराणिक कथा के अनुसार गणेशजी का कटा हुआ सर शिवजी ने एक गुफा में रख दिया था।

कई मान्यताओं के अनुसार, यह गुफा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में स्थित है।

इस गुफा में आज भी गणेशजी के कटे हुए सर की विशेष पूजा होती है।

जगह –
ये गुफा पहाड़ के करीब 90 फीट अंदर बनी हुई है। Image
Apr 8 7 tweets 3 min read
हजारों साल पहले ही ऋषि चरक ने बताई थी खाने की सही विधि, फिर भी 99% लोग पहले नियम को तोड़ते हैं🧵

भोजन शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण है, यह अलग से बताने की जरूरत नहीं। इसलिए, भोजन सबसे बड़ी बीमारियों का कारण भी बन सकता है और भोजन ही हमें उनसे बचाता भी है। Image लेकिन क्या आपको पता है कि भोजन करने का सही तरीका क्या होना चाहिए?

महर्षि चरक ने हजारों साल पहले अपने आयुर्वेदिक आहार नियमों में इस बारे में बताया था।
योग और आयुर्वेद विशेषज्ञ आशिष चौधरी ने खाने के 8 नियम बताए हैं। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि आज 99% लोग इन नियमों में से सबसे पहले नियम का पालन नहीं करते। इससे शरीर में कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। तो आइए जानें कि हमें भोजन कैसे और कब करना चाहिए? यदि आप महर्षि चरक द्वारा बताए गए इन नियमों को नियमित रूप से अपनाते हैं, तो आपको निश्चित रूप से इसका लाभ मिलेगा।
Apr 6 6 tweets 2 min read
फिटकरी तो अपने देखी होगी! क्या आप जानते है फिटकरी से किए जाने वाले उपाय 🧵

⚠️ सौभाग्य प्राप्ति के लिए फिटकरी का उपाय

⚠️ प्रगति हेतु करें फिटकरी का यह विशेष उपाय

⚠️ ग्रह दोष के लिए करें फिटकरी का उपाय

⚠️ नकारात्मक ऊर्जा के लिए करें फिटकरी का उपाय Image कुछ सरल ज्योतिष उपाय भी करने चाहिए शुभता पूर्वक रहे और घर में सुख-समृद्धि का वास बना रहे।
फिटकरी से जुड़े कुछ उपाय करना बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकता है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि आखिर नए साल के पहले दिन फिटकरी के कौन से उपाय करें और क्या हैं उससे मिलने वाले लाभ।
Apr 6 15 tweets 8 min read
कुलदेवी एवं कुलदेवता से संबंधित अचंभित करने वाली जानकारी – Thread🧵 Image 1 ) भारत में कई समाज या जाति के कुलदेवी और देवता होते हैं। इसके अलावा पितृदेव भी होते हैं। भारतीय लोग हजारों वर्षों से अपने कुलदेवी और देवता की पूजा करते आ रहे हैं। कुलदेवी और देवता को पूजने के पीछे एक गहरा रहस्य है, जो बहुत कम लोग जानते होंगे। आओ जानते हैं कि सभी के कुलदेवी-देवता अलग क्यों होते हैं और उन्हें क्यों पूजना जरूरी होता है?Image
Apr 5 8 tweets 8 min read
Mantras are Frequencies that can Heal, Kill and Transcend - Thread🧵

Frequencies of various Beej Mantras
OM – 7.83 Hz
Gam – 14 Hz
Hleem – 20 Hz
Hreem – 26 Hz
Kleem – 33 Hz
Krowm – 39 Hz
Sreem – 45 Hz

Sanskrit (संस्कृत) is the oldest language that was based on sounds (ध्वनि) and vibrations.
(कंपन) Every alphabet and its pronounciation have specific meaning, OM ॐ is the first and foremost of all mantras.
OM is the sound of cosmic energy and contains all the sounds in itself. The spiritual efficacy of OM is heard, not by the ears but by the heart. It surcharges the innermost being of man with vibrations of the highest reality. All galaxies (including ours) are rotating and they sound they make is OM.Image Frequency of OM is 7.83 Hz , which in inaudible to us as the human ear with 2 strand DNA human cannot discern sounds of frequency less than 20 hertz. Birds, Dogs and few other animals can hear it. OM has been adapted into other religions OMKAR/ONKAR etc, but they do NOT work like the originalImage
Apr 5 9 tweets 3 min read
ये 15 वास्तु टिप्स जीवन परिवर्तित करने की रखते है क्षमता 🧵

कई बार घर में बिना कारण के चिंता लड़ाई-झगड़ा बना रहता है। आपसी रिश्तों में कड़वाहट और उदासीनता आ जाती। अगर आप अपने जीवन में खुशियां चाहते हैं तो ये 15 आसान उपाय अवश्य करे ! Image घर में सप्ताह में एक बार गूगल का धुआं करना शुभ होता है। Image
Apr 5 17 tweets 5 min read
जहां भी जाएं मिल देखते ही तोड़ लीजियेगा, मात्र 24 घंटे में ये एक फूल कर सकता हैं आपको मालामाल - Thread🧵 Image 🔹 प्राचीन काल में हमारे ऋषि-मुनियों ने प्रकृति में छिपे चमत्कारी औषधीय पौधों की महिमा को पहचाना और उनका उपयोग न केवल रोगों के उपचार में, बल्कि आध्यात्मिक साधना और ज्योतिषीय उपायों में भी किया। Image
Apr 5 9 tweets 7 min read
माँ वैष्णोदेवी की गुफा को जानते है हम सब, क्या एक अन्य गुफा के बारे जानते है जिसको भैरव जी का धड़ कहा है,

गुफा के रहस्य अनंत है, एवं तीनो पिंडियों का वर्ण एक दूसरे से भिन्न है !!

कृपया #thread को अंत तक अवश्य पढ़े एवं जानिये Image वैष्णो देवी का विश्व प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के जम्मू क्षेत्र में कटरा नगर के समीप की पहाड़ियों पर स्थित है। इन पहाड़ियों को त्रिकुटा पहाड़ी कहते हैं। यहीं पर लगभग 5,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है मातारानी का मंदिर। यह भारत में तिरूमला वेंकटेश्वर मंदिर के बाद दूसरा सर्वाधिक देखा जाने वाला धार्मिक तीर्थ स्थल है। माता वैष्‍णो देवी के दर्शनों के ल‌िए वर्तमान में ज‌िस रास्ते का इस्तेमाल क‌िया जाता है वह गुफा में प्रवेश का प्रकृत‌िक रास्ता नहीं है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए कृत्र‌िम रास्ते का न‌ि र्माण 1977 में ‌‌क‌िया गया। वर्तमान में इसी रास्ते से श्रद्धालु माता के दरबार में प्रवेश पाते हैं।

महाभारत काल से ही वैष्णोदेवी का महत्व, मात्र निष्कपट लोगों को ही मिलता है गर्भगुफा में आने का सौभाग्य, भारत देवी-देवताओं का देश है। यहां पर धार्मिक मान्यताओं को बड़ा ही महत्व दिया है। माता वैष्णो के धाम को बहुत ही पवित्र यात्रा धाम माना जाता है। यह मंदिर जम्मू के करीब आया है। यहां महालक्ष्मी, मॉ सरस्वती और महाकाली इन तीनो माता के भव्यपिंड है। त्रिकूट पर्वत पर स्थित माता का मंदिर समुद्र तल से लगभग 4800 फूट की ऊंचाई पर है। इसके थोड़े से आगे भैरव का मंदिर है जो कि 6583 फीट ऊंचाई पर है। वैष्णो देवी के मंदिर के आगे एक पतली गुफा है। गुफा के शुरू में ही सो कर थोड़ी दूर आगे जाना पड़ता है। यह गुफा 20 गज लंबी है। गुफा के अंदर पांव के घुटनों तक पानी बहता है जिसे की चरण गंगा कहा जाता है। कुछ समय पहले यह गुफा छोटी होने के कारण भक्तों को के लिए प्रवेश करने में मुसीबत होती थी और दर्शन के लिए लंबी राह देखनी पड़ती थी। अंदर जाने आने में घंटों इंतजार करना पड़ता था। जिसके चलते साल 1977 में नई गुफाएँ बनाई गई थी।Image
Apr 4 6 tweets 2 min read
मांडना से आती है घर में लक्ष्मी और शांति, जानिए 🧵

रंगोली या मांडना हमारी प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति की समृद्धि के प्रतीक हैं, इसलिए 'चौंसठ कलाओं' में मांडना को भी स्थान प्राप्त है। Image इससे घर परिवार में मंगल रहता है। उत्सव-पर्व तथा अनेकानेक मांगलिक अवसरों पर रंगोली से घर-आंगन को खूबसूरती के साथ अलंकृत किया जाता है। रंगोली के पहले मांडना प्रचलीत था जो आज भी है

मांडना भारत की बहुत ही प्राचीन परंपरा रही है। सिन्धु घाटी की प्राचीन सभ्यताओं मोहनजोदड़ो और हड़प्पा में इसके चिह्न पाए गए हैं। मांडना को 64 कलाओं में शामिल किया गया है जिसे 'अल्पना' कहा गया है। यह चित्रकला का एक अंग है। भारत में मांडना विशेषतौर पर होली, दीपावली, नवदुर्गा उत्सव, महाशिवरात्रि और संजा पर्व पर बनाया जाता है।

मांडनों को श्री और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि जिसके घर में इसका सुंदर अंकन होता रहता है, वहां लक्ष्मी निवास करती है।