RJ. विविध भारती।
Poet, Columnist, translator, writer an Film & Film Music Enthusiast.
हम तो आवाज़ हैं दीवारों से छन जाते हैं।
Retweets are not endorsements.
Aug 27 • 5 tweets • 1 min read
मुकेश की याद के दिन के साथ-साथ आज ऋषिकेश मुखर्जी की याद का दिन भी है। प्रिय निर्देशक हैं ऋषि दा जिन्होंने मध्यवर्गीय जीवन की बेमिसाल कहानियां रूपहले पर्दे पर उतारीं।
ऋषि दा की सिने पटल पर मौजूदगी ने आम जिंदगी को सिनेमा का ऐसा विषय बनाया कि उस परंपरा की धारा आज भी बहती नज़र आ जाती है। कोरोना के बाद जिस तरह सब घर में क़ैद और आशंकाओं और भय में गिरफ्त थे--
Jul 23 • 9 tweets • 2 min read
23 जुलाई 1927 को यानी आज ही के दिन भारत में रेडियो प्रसारण का आग़ाज़ हुआ था।
चार साल बाद भारत में रेडियो प्रसारण शुरू हुए एक सदी पूरी जो जायेगी।
एक अद्भुत उपकरण.....एक अद्भुत तकनीक रेडियो....जिसने सबके जीवन पर अपना गहरा असर डाला।
प्रसारण के उस शुरूआती रूप से लेकर आज तक रेडियो ने लंबा सफर तय किया है। भारत में रेडियो का मतलब रहा है 'आकाशवाणी' और उसकी सिग्नेचर ट्यून अद्भुत और रोमांचक है। आकाशवाणी के गौरवशाली सफर में आपने कितने ऐतिहासिक पल जिए हैं।
Jul 22, 2023 • 5 tweets • 2 min read
मुकेश के लिए एक जेनेरिक बात कही जाती रही है कि वो दर्द भरी आवाज़ रहे। ये कहा जाता रहा है कि जब जब लोगों के दिल टूटे उन्होंने मुकेश को गाया और ये एक हद तक सही भी है। हर परिवार में ऐसा कोई मिल जायेगा, जो अंत्याक्षरियों में खुद को मुकेश समझते हुए सारे गीत उन्हीं के गाये।
दोस्तों की हर टोली में कोई मुकेश मिल ही जाता है। थोड़ी-सी नेज़ल वॉइस हुई तो हमें मुकेश होने का गुमान हो जाता है और ये किसी भी तरह से ग़लत नहीं है।
पर ज़रा सोचिए कि मुकेश इतने प्रचलित इसलिए हैं क्योंकि हम सब आम लोगों के गले के लिए मुकेश की आवाज़ सबसे ज्यादा 'एक्सेसिबल’हैं।
Apr 1, 2023 • 6 tweets • 3 min read
आज @mumbaiheritage पर राजाबाई टावर के निर्माण की इस तस्वीर ने कितनी पुरानी यादों को जगा दिया। इस तस्वीर में बनते हुए राजाबाई टावर के पीछे अरब सागर नज़र आ रहा है। यानी राजाबाई टावर के पीछे का काला घोड़ा वाला इलाक़ा संभवत: तब नहीं था। आईये कुछ दिलचस्प तथ्यों पर ध्यान दें।
हम आमतौर पर इस बात पर ध्यान नहीं देते कि राजाबाई टावर गेटवे ऑफ इंडिया से भी पुरानी इमारत है। राजाबाई टावर का निर्माण नवंबर 1878 में पूरा हो गया था। जबकि गेट-वे ऑफ इंडिया का निर्माण 4 दिसंबर 1924 को पूरा हुआ था। पर इससे भी पुरानी है यहां की एक और इमारत।
Mar 31, 2023 • 6 tweets • 2 min read
कुछ जीवन अभिशप्त होते हैं। विडंबनाओं के घने जाल में उलझे। सौंदर्य का प्रतिमान मानी जाने वाली अभिनेत्रियों के जीवन पर कई बार कोई काली छाया घिर आती है। उसके बाद उनके जीवन में उजाला अगर आता भी है तो बहुत क्षीण होकर आता है। #MeenaKumari
मीना कुमारी की जिंदगी दर्द की एक अनकही दास्तां है। परदे पर भी उन्हें दर्द भरी कहानियों में क़ैद करने की कोशिश की गई, हालांकि मीना आपा ने जब कॉमेडी फिल्में की तो कमाल किया। मीना के जीवन और ज़ेहन की खरोंचें शायरी में उतरीं। #Khayyam
Mar 30, 2023 • 5 tweets • 2 min read
आज गीतकार आनंद बख़्शी की पुण्यतिथि है।
उनके कई कई ऐसे गाने हैं जो हमारे होठों पर सजते हैं। ज़िंदगी की राहों में हमारे साथी बन जाते हैं। बख़्शी साहब का कमाल ये है कि एक तरफ़ जहां वो ‘सफल होगी तेरी आराधना’ और ‘बड़े अच्छे लगते हैं ये धरती’ लिखते हैं @RakBakX
तो दूसरी तरफ़ वो ‘तेरा नाम लिया तुझे याद किया’ और ‘मेरे जीवन साथी प्यार किए जा’ भी। वो ‘चोली के पीछे’ भी लिखते हैं तो ‘चिट्ठी आई है’ और ‘चिट्ठी ना कोई संदेस कहां तुम चले गये’ लिखकर हज़ारों हज़ार आंखों को नम भी कर जाते हैं। बख़्शी साहब का एक गीत मुझे बड़ा प्रिय रहा है।
Mar 29, 2023 • 5 tweets • 4 min read
अस्सी का दशक बड़ा प्यारा था। भोपाल शहर था और टीन-एज। 1984 का वो दौर रहा होगा। 1983 में क्रिकेट विश्व विजेता बनी थी भारतीय टीम। उसके बाद एक बदहवासी थी। दीवानगी थी क्रिकेट को लेकर।
@sachin_rt@rohangava9 @cricketwallah @imVkohli
उधार में मिली क्रिकेट मैग्ज़ीन पढ़कर ख़ुद को फ़न्ने खां समझना। खिलाड़ियों के पोस्टर हासिल करने के ख़्वाब देखना। उन्हीं दिनों आई थी इस तरह की फ़्लिप बुक।
तब तो ये भी नहीं पता था कि इसे फ़्लिप बुक कहते हैं। किसी एक लड़के के पास थी—और वो दिखा-दिखा कर चिढ़ाता था।
Jan 13, 2023 • 4 tweets • 2 min read
दो बरस हुए....कोंकण में कर्ली नदी के किनारे सूर्योदय हो रहा था और मन में गूँज रहा था कुमार गंधर्व का दिव्य-स्वर...
फिर Kalapini Komkali जीजी ने बातों बातों में बताया कि इस नदी का नाम काळी नदी का अपभ्रंश है जो कुमार जी के पारिवारिक नाम का मूल उद्गम है। #KumarGandharva #UdJayega
शायद एक डोर थी जो कर्ली नदी के किनारे कुमार जी के स्वर से मन को आलोकित कर रही थी...हम मध्यप्रदेश में पले-बढ़े सत्तर अस्सी के दशक की पीढ़ी के लोगों को सदा कुमार जी निकट लगते रहे। शहर बदलते रहे-पर लगता रहा कि ये जो हवाएं आ रही हैं-- इनका एक अंश भानु-कुल को छूकर आ रहा होगा।
Jan 12, 2023 • 11 tweets • 6 min read
RRR के गाने ‘नाटू नाटू’ को ‘गोल्डन ग्लोब’ मिला है। इसके संगीतकार हैं एम एम कीरवानी जिन्हें हिंदी जगत में एम एम क्रीम के नाम से ही जाना जाता है। क्रीम बेमिसाल संगीतकार हैं पर उनका काम लोगों की नज़रों से दूर रहा है। #GoldenGlobes#NatuNatu#natunatusong#MMKreem#MMKeeravani
असल में हमारे यहां गानों को उनके संगीतकार या गीतकारों से जोड़कर देखने-सुनने की परंपरा ज़्यादा नहीं है। बहरहाल... अपनी निजी राय ये है कि भले ‘नाटू नाटू’ किरवानी का सबसे अच्छा काम नहीं है। तो फिर वो कौन से गाने हैं जिन्हें एम.एम. क्रीम की प्रतिभा के लिए सुना जा सकता है।
Jan 10, 2023 • 9 tweets • 2 min read
रवींद्र जैन ने कहा था कि अगर कभी वो संसार का देख पाये, तो सबसे पहले येसुदास को देखना पसंद करेंगे, क्योंकि वो ईश्वर का स्वर हैं। किसी गायक के लिए इससे बड़ा कोई तमग़ा नहीं हो सकता। इसे रूपक कहूं, विशेषण कहूं....मुझे समझ नहीं आता। #Yesudas
किसी-किसी स्वर में कविता की रसधारा समायी हुई होती है।
जब वो इलैयाराजा की धुन पर गुलज़ार के बोलों को अपने कंठ का स्वर्ण-स्पर्श देते हैं—तो मन के कोमलतम कोनों को स्पर्श कर जाते हैं—‘हल्का-फुल्का शबनमी/ रेशम से भी रेशमी….सुरमई अंखियों में नन्हा-मुन्ना एक सपना दे जा रे.....
Jan 8, 2023 • 5 tweets • 2 min read
बहुत बड़ी चुनौती होती है किरदार के भीतर चल रहे झंझावत को पर्दे पर उतारना। वो झंझावात तो अदृश्य होता है। वो कौन से औज़ार, कौन से संकेत हों, जो इस तूफान को दृश्य में उभारेंगे।
बिमल रॉय अदभुत फिल्मकार थे। #BimalRoy #Bandini
"बंदिनी" का दृश्य.....कल्याणी के पिता की उसको खोजते हुए मृत्यु हो चुकी है। वो उनके अंतिम दर्शन करके सुन्न लौटी है।
नर्सिंग होम के डॉक्टर ने बीते कुछ समय से उसे हिस्टीरिया की शिकार शिवानी की देखभाल का कठिन और यातना से भरा काम दिया है।