•धनत्रयोदशी (23rd October, 2022) - दीपावली के पंचदिवसीय उत्सव का पहला दिन, कार्तिक माह (पूर्णिमान्त) की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंन्थन के समय भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे,...
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#Dhantriyodashi #dhanteras2022
इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है।
•धन्वंतरि देव -
धन्वन्तरि देवताओं के चिकित्सक हैं। चिकित्सा के देव कहे जाते हैं, इसलिए चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसीलिए, भारत सरकार ने धनतेरस को...
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राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
•यमदीप दान महत्व -
प्राचीन ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार जो प्राणी धनतेरस की संध्या में 'यम' के नाम का दीपक दक्षिण दिशा में जलाकर रखता है उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। इस मान्यता के अनुसार...
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धनतेरस की संध्या लोग घर-आँगन की दक्षिण दिशा में यम देवता के नाम पर दीप जलाकर रखते हैं। इस दिन लोग यमदेवता के व्रत का पालन भी करते हैं।
•संध्या पूजा विधि -
धनतेरस के दिन दीप जलाकर धन्वन्तरि देव की पूजा करें। धन्वन्तरि देव से स्वास्थ बनाये रखने हेतु प्रार्थना करें।
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चाँदी या स्वर्ण का कोई पात्र या लक्ष्मी-गणेश अंकित सोने-चाँदी का सिक्का खरीदना चाहिए और विधि विधान से उसका पूजन करें।
•विधि - घर लाकर गंगाजल से पवित्र करके उसको अपने पूजा स्थान पर रखें, हल्दी, कुमकुम और अक्षत से उसका पूजन करें। पुष्प, फल अर्पण करें।
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धूप, दीप जला कर उसका पूजन करें, और भोग प्रसाद वितरित करें।
•पूजा विशेष - इस दिन घर के सभी लोग अपने अपने नाम से दीप जलाकर, घर के दक्षिण दिशा में रखें। अपने उत्तम स्वास्थ्य एवम् समृद्धि की कामना करते हुए, माता लक्ष्मी और भगवान श्री हरि का ध्यान करें।
आप सभी को शुभकामनाएं। 🙏🏻
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