Astroprati Profile picture
Oct 20, 2022 6 tweets 3 min read Read on X
•धनत्रयोदशी (23rd October, 2022) - दीपावली के पंचदिवसीय उत्सव का पहला दिन, कार्तिक माह (पूर्णिमान्त) की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंन्थन के समय भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे,...

Continue Reading thread 👇🏻
#Dhantriyodashi #dhanteras2022 Dhanteras Puja
इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है।

•धन्वंतरि देव -
धन्वन्तरि देवताओं के चिकित्सक हैं। चिकित्सा के देव कहे जाते हैं, इसलिए चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसीलिए, भारत सरकार ने धनतेरस को...

Continue Reading thread 👇🏻 Dhanvantari Dev
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।

•यमदीप दान महत्व -
प्राचीन ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार जो प्राणी धनतेरस की संध्या में 'यम' के नाम का दीपक दक्षिण दिशा में जलाकर रखता है उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। इस मान्यता के अनुसार...

Continue Reading 👇🏻 Dhanteras Puja
धनतेरस की संध्या लोग घर-आँगन की दक्षिण दिशा में यम देवता के नाम पर दीप जलाकर रखते हैं। इस दिन लोग यमदेवता के व्रत का पालन भी करते हैं।

•संध्या पूजा विधि -
धनतेरस के दिन दीप जलाकर धन्वन्तरि देव की पूजा करें। धन्वन्तरि देव से स्वास्थ बनाये रखने हेतु प्रार्थना करें।

Continue...👇🏻 Dhanteras Puja
चाँदी या स्वर्ण का कोई पात्र या लक्ष्मी-गणेश अंकित सोने-चाँदी का सिक्का खरीदना चाहिए और विधि विधान से उसका पूजन करें।

•विधि - घर लाकर गंगाजल से पवित्र करके उसको अपने पूजा स्थान पर रखें, हल्दी, कुमकुम और अक्षत से उसका पूजन करें। पुष्प, फल अर्पण करें।

Continue Reading 👇🏻 Dhanteras Puja
धूप, दीप जला कर उसका पूजन करें, और भोग प्रसाद वितरित करें।

•पूजा विशेष - इस दिन घर के सभी लोग अपने अपने नाम से दीप जलाकर, घर के दक्षिण दिशा में रखें। अपने उत्तम स्वास्थ्य एवम् समृद्धि की कामना करते हुए, माता लक्ष्मी और भगवान श्री हरि का ध्यान करें।

आप सभी को शुभकामनाएं। 🙏🏻 धनतेरस पर्व

• • •

Missing some Tweet in this thread? You can try to force a refresh
 

Keep Current with Astroprati

Astroprati Profile picture

Stay in touch and get notified when new unrolls are available from this author!

Read all threads

This Thread may be Removed Anytime!

PDF

Twitter may remove this content at anytime! Save it as PDF for later use!

Try unrolling a thread yourself!

how to unroll video
  1. Follow @ThreadReaderApp to mention us!

  2. From a Twitter thread mention us with a keyword "unroll"
@threadreaderapp unroll

Practice here first or read more on our help page!

More from @PratibhaShah_21

Nov 9, 2023
✓धनत्रयोदशी पूजा, मुहूर्त -
दीपावली की पंचदिवसीय त्यौहार श्रृंखला कल से प्रारंभ हो रही है। धन त्रयोदशी (१०/११/२३) शुक्रवार को मनाई जाएगी। त्रियोदशी तिथि का प्रारंभ दोपहर १२:३५ बजे से हो रहा है।
धन त्रयोदशी के दिन धनकुबेर और धनलक्ष्मी की पूजा की जाती है। चूंकि, धन त्रियोदशी की... Google image
पूजा संध्या समय (गौधूलि) की जाती है, इसलिए धन त्रयोदशी का त्यौहार १० नवंबर को ही मनाया जायेगा।

✓मुहूर्त -
धन त्रयोदशी की पूजा का शुभ मुहूर्त संध्या समय ५:४६ बजे से लेकर ७:४२ तक है। पूजा के शुभ मुहूर्त की कुल अवधि १ घंटा ५६ मिनट ही है। त्रयोदशी तिथि ११ नवंबर दोपहर १:५७ तक रहेगी।
त्रयोदशी तिथि के प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त, १० नवंबर संध्या समय ५:२९ बजे से ८:०७ बजे तक रहेगा। तथा वृषभ काल ५:४६ से लेकर ७:४२ तक रहेगा।

✓धन त्रयोदशी की पूजा विधि -
अपने घर की उत्तर दिशा में एक चौकी लगाएं, उस पर एक लाल कपड़ा बिछा कर उसे चारो ओर से कलावे से बांध दें।
Read 6 tweets
Oct 20, 2023
✓राहू माया है या छाया?
तो भाई, "माया तो छाया है आपकी"। मतलब, सदा ही आपके पीछे पड़ी रहती है, जो उजाले (सूर्य) में तो दिखाई देती है लेकिन अंधेरे (शनि) में छुप जाती है। इसीलिए तो राहू को शनि की छाया कहते हैं।

Continue reading thread... Google image
अब ये माया किस रूप में आपके पीछे पड़ी है ये आपकी लग्न कुंडली से जानते हैं। और किस रूप (ग्रह) में आएगी, ये आपके पास ये इस माया की ग्रह युति बताएगी।

जो लोग ये कहते है कि मैंने माया (राहु) को वश में कर लिया है, वे नितांत मूर्ख हैं। बताती हूं कैसे...
क्योंकि माया को तो मायापति (श्री कृष्ण) ही वश में कर सकते हैं। इसीलिए तो उनकी भक्ति या तो माया से परिपूर्ण कर देती है या माया विहीन। वे तो योगिराज हैं।

•ज्योतिष में, ये माया जब गुरु (मंत्री) के साथ हुई तो स्वयं आप पर, आपके दादा, पिता, बड़े भाई, पुत्र, पूरे परिवार पर हावी रहेगी।
Read 14 tweets
Jul 1, 2023
चतुर्मास (देवशयनी एकादशी) से प्रारंभ हो चुका है, और इसमें करने योग्य सबसे महत्वपूर्ण है बृज चौरासी-कोस यात्रा (परिक्रमा)!

"वराह पुराण" में इसका वर्णन कुछ इस प्रकार है कि, पृथ्वी पर 66 अरब तीर्थ हैं और वे सभी चतुर्मास में बृज में आकर निवास करते हैं।
यही कारण है कि बृज यात्रा करने वाले इन दिनों यहां खिंचे चले आते हैं।

हजारों-लाखों श्रद्धालु (देसी तथा विदेशी) बृज के वनों में डेरा डाले रहते हैं। ब्रजभूमि की यह पौराणिक यात्रा अत्यंत प्राचीन है। चालीस दिनों में पूर्ण होने वाली बृज चौरासी कोस यात्रा का...
उल्लेख "पुराणों एवम् श्रुति ग्रंथ-संहिता" में भी है। यहां राधा, कृष्ण ने बाल लीलाएं/क्रीड़ायें की तथा सतयुग में "भक्त ध्रुव ने भी यहीं आकर नारद जी से गुरू मंत्र लेकर अखंड तपस्या की तथा बृज परिक्रमा की थी।"

"त्रेतायुग में प्रभु राम के लघु भ्राता शत्रुघ्न ने भी...
Read 14 tweets
Jun 29, 2023
#चातुर्मास और #एकादशी व्रत महात्म्य -

युधिष्ठिर ने पूछा : भगवन्! आषाढ़ के शुक्लपक्ष में कौन सी एकादशी होती है? उसका नाम और विधि क्या है? यह बताने की कृपा करें।

भगवान श्रीकृष्ण बोले : राजन्! आषाढ़ शुक्लपक्ष की एकादशी का नाम ‘शयनी’ है। मैं उसका वर्णन करता हूँ।
वह महान पुण्यदायी, स्वर्ग और मोक्ष प्रदान करनेवाली, सब पापों को हरनेवाली तथा उत्तम व्रत है।

आषाढ़ शुक्लपक्ष में ‘शयनी एकादशी’ के दिन जिन्होंने कमल पुष्प से कमललोचन भगवान विष्णु का पूजन तथा एकादशी का उत्तम व्रत किया है, उन्होंने तीनों लोकों और तीनों सनातन देवताओं का पूजन कर लिया।
‘हरिशयनी एकादशी’ के दिन मेरा एक स्वरुप राजा बलि के यहाँ रहता है और दूसरा क्षीरसागर में शेषनाग की शैय्या पर तब तक शयन करता है, जब तक आगामी कार्तिक की एकादशी नहीं आ जाती।

अत: आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक मनुष्य को भलीभाँति धर्म का आचरण करना चाहिए।
Read 8 tweets
Jun 28, 2023
•वास्तु क्या है और क्यों आवश्यक है?

वास्तु शास्त्र मूल रूप से सही समायोजन (Settings) की कला है जहां एक व्यक्ति स्वयं को और अपनी आवश्यकतायों को इस तरह से स्थान देता है ताकि पंचभूतों से प्राप्त अधिकतम लाभ को अवशोषित (absorbed) कर सके।

Continue reading thread...
•पञ्च तत्व तो आप जानते ही हैं (पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और अंतरिक्ष) -

पृथ्वी के आसपास के चुंबकीय क्षेत्र/तत्वों का वैज्ञानिक उपयोग पूरी तरह से संतुलित वातावरण बनाता है, जो स्वास्थ्य, धन और समृद्धि को सुनिश्चित करता है।
"वास्तु शास्त्र" स्वर्णिम कल्पनाओं की स्वप्नभूमि है, क्यूँ कि ये आपके जीवन को अद्भुत ढंग से सुनियोजित (well planned) करता है।

•आपने कभी किसी मंदिर में नवग्रहों को एक स्थान पर स्थापित देखा है? कभी सोचा है ये मूर्तियां किस प्रकार व्यवस्थित की जाती हैं?
Read 11 tweets
Apr 9, 2023
•क्या आप षोडशोपचार पूजन विधि जानते हैं?
आईये, आज आपको कुछ ऐसे मंत्रों से अवगत कराते हैं, जिनका प्रयोग षोडशोपचार पूजन में अति आवश्यक है। और सामान्य (नित्य) पूजन में भी परम आवश्यक है।

•स्नान मंत्र -
गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जलेअस्मिन्सन्मिधिं कुरु।। Google image
•आसन और शरीर शुद्धि मंत्र -
"ॐ अपवित्र: पवित्रो वा, सर्वावस्थां गतोअपि वा। य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स, वाह्यभ्यंतर शुचि:।।"

•बुद्धि शुद्धि मंत्र -
"त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय, नमोस्तु नित्यम्।"
•गणपति पूजन मंत्र -
"एतानि पाद्याद्याचमनीय - स्नानीयं, पुनराचमनीयम् ऊं गं गणपतये नम:।"
(इसी प्रकार सभी देवी/देवताओं का मंत्र पूजन करें।)

रक्त चंदन लगाएं : "इदम रक्त चंदनम् लेपनम् ऊं गं गणपतये नम:।।"
तदुपरांत श्रीखंड चंदन बोलकर श्रीखंड चंदन लगाएं, इसके पश्चात सिन्दूर चढ़ाएं...
Read 14 tweets

Did Thread Reader help you today?

Support us! We are indie developers!


This site is made by just two indie developers on a laptop doing marketing, support and development! Read more about the story.

Become a Premium Member ($3/month or $30/year) and get exclusive features!

Become Premium

Don't want to be a Premium member but still want to support us?

Make a small donation by buying us coffee ($5) or help with server cost ($10)

Donate via Paypal

Or Donate anonymously using crypto!

Ethereum

0xfe58350B80634f60Fa6Dc149a72b4DFbc17D341E copy

Bitcoin

3ATGMxNzCUFzxpMCHL5sWSt4DVtS8UqXpi copy

Thank you for your support!

Follow Us!

:(