ॐ शान्ति। हिंदी साहित्य के महानतम कवि गोपालदास "नीरज".....
ऐसे माहौल में ‘नीरज’ को बुलाया जाए।
शब ये ग़ज़ल है सनम
जहाँ प्रेम का चर्चा होगा मेरा नाम लिया जाएगा।
तुमको लग जाएंगी सदियां इसे भुलाने में
लोग समझें या न समझें,
आ गए हैं हम यहाँ तो गीत गाकर ही उठेंगे।