इतिहास को किस तरह भ्रष्ट किया गया और कैसे एक तरफा इतिहास हमे परोसा गया, उसकी धज्जियां उड़ाने में सहयोग करे-
1) भारत का इतिहास सिंधु घाटी सभ्यता से शुरू नही होता बल्कि सरयू तट से शुरू होता है जहाँ महर्षि मनु को अपने मनुष्य होने का ज्ञान
2) रामायण और महाभारत हिन्दुओ के धर्मग्रंथ हो सकते है मगर शैक्षिक रूप से ये भारत का इतिहास है, जिन्हें पाठ्यक्रम में शामिल नहीं किया गया।
3) सिंध को अरबो ने जीता अवश्य था मगर बप्पा रावल ने उन्हें मार मार कर भगाया भी था,
4) व्यवस्था के अनुसार सम्राट पोरस ने सिकन्दर को रोका यह पढ़ाना आवश्यक नही था लेकिन अलाउद्दीन खिलजी ने मंगोलों को रोका ये बात याद से लिखी गयी।
6) मुगलो का 1707 तक का तो इतिहास बता दिया मगर बड़ी ही चतुराई से उसके बाद सीधे 1757 का प्लासी युद्ध लिखकर अंग्रेजो को ले आये।
7) 1757 में मुगल सल्तनत का मराठा साम्राज्य में विलय हो गया था मगर जबरदस्ती उसका अंत 1857 मे पढ़ाया जाता है। 1757 से 1803 मुगल मराठा साम्राज्य के अधीन रहे और 1803 से 1857 अंग्रेजो के।
8) पानीपत में मराठो की हार हुई ठीक है मगर ये उनका अंतिम युद्ध नही था वे दोबारा खड़े हुए और अंग्रेजो को भी धो दिया, ये कब पढ़ाओगे??? सिर्फ पानीपत पढ़ा दिया ताकि संदेश यह जाए कि हिन्दुओ ने हर युद्ध हारा है
9) जितने कागज बलबन, फिरोजशाह तुगलक और बहलोल लोदी पर लिखने में बर्बाद किये उन कागजो पर महादजी सिंधिया, नाना फडणवीस और तुकोजी होल्कर का वर्णन होना चाहिए था।
10) भारत ब्रिटेन का गुलाम नही उपनिवेश था।
12) आंग्ल मराठा युद्ध 1857 की क्रांति से भी बड़े थे इसलिए उनका विवरण पहले होना चाहिए मगर गायब है क्योकि बखान टीपू सुल्तान का करना था।
15) सामाजिक विज्ञान में एक पाठ आता है भारत और आतंकवाद, उसमे बड़े बड़े उदाहरण बताए जाते है मगर उनके पीछे का इस्लामिक कारण नही पढ़ाया जाता।
हमारी शिक्षा व्यवस्था बहुत ही रूढ़ है।