इन जीतों की कीमत बहुत ज़िन्दगियों से चुकाई है हमने। शहादत ज़्यादा बड़ी है जीत से लेकिन जितनी जीत हुई उसकी उम्मीद 2 महीने पहले किसी को नही थी।
1। वो पार्टियां भी CAA के खिलाफ हो गई जो वोट की थी उसके लिए।
3। एकजुटता आ गयी। हर तबके के लोह खुल के सामने आ गए
4। ज़ुल्म की इतनी इंतेहा हो गयी कि डर ही खत्म हो गया। (हाँ वही जो ग़ालिब चचा ने कहा था।)
7। preamble सबकी ज़ुबान पे है।
9। कलमा सबकी ज़ुबान पे है।
10। मोटा भाई को पम्फलेट बाटने पड़ गए।
11। कानून पढ़ने समझने की जागरूकता बढ़ गयी।
12. वो जिनको लगा था कि संविधान सिर्फ एक कागज है उनके मुंह पे कंटाप पड़ गया।
13. इंक़ेलाब कूल हो गया।
14 हम देखेंगे सबने सुन लिया।
16. शाहीन बाग़ वर्ल्ड मैप पे आ गया।
17. जामिया की लड़कियां और शाहीन बाग़ की दादी और औरतें अब घर घर जानी जाती है।
18. हमने तिरंगा, संविधान, और राष्ट्रगान को देश के दुश्मनों से छीन लिया।
19. NRC पे कदम बादशाहों को पीछे खींचने पड़ गए।
21। एक नई लीडरी भी निकल के अ रही।
22. बराबरी की बात अब नॉर्मल हो गयी है।
23. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र इतना सब होने के बावुजूद रोज़ प्रोटेस्ट करते है।
24.जामिया इन्क़िलाबी चौक बन गया है।
26. एक अलग देशभक्ति तारी है सबमे।
27. अपने घर के जो भेदी थे वो भी सामने आ गए।
28. बड़े बड़े आर्टिस्ट अपना सब कुछ दांव पे लगा के खुल के अ गए।
और भी कई भूल गया होऊंगा।
आप लोग जोड़ते जाएं।
#IndiaAgainstCAA_NRC
30. गांव, कस्बे, मुहल्ले में एहतिजाज होने लगा।
31. वकीलों ने अपना शानदार tradition बरकरार रखा।
32. वो जो तटस्थ थे अब बहुत सारे साथ आ गए।
#IndiaAgainstCAA_NRC
34. 20 मिनट की जुमे की नमाज़ न हो इसके लिए नफरतियों ने पार्क में पानी भर दिया। हम घास थे। अब हाईवे पे तहज्जुद होती है।
35. आज़ाद ने मौलाना आज़ाद के ट्रेडिशन में जामा मस्जिद से तकरीर की।
#indiaprotests