पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते॥ -
पाठ पूरा होने पर सभी को कहा कि पुस्तक देखकर श्लोक कंठस्थ करलें।
थोड़ी देर बाद प्रश्न करने वाले शिष्य के पास जाकर पूछा कि श्लोक कंठस्थ हुआ कि नहीं।
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तो शिष्य ने कहा कि- “चाहे तो पुस्तक देख लें। श्लोक सही है।” तो गुरु ने कहा-“अरे श्लोक तो पुस्तक में ही है। तो तुम्हें कैसे आ गया?” तो शिष्य कुछ कह नहीं पाया।
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