दिग्विजय सिंह जी आप 15 माह में एक बार भी यदि इन विधायकों की बात सुन लेते तो आज यह नौबत नहीं आती।
कर्नाटक के माननीय हाईकोर्ट ने भी दिग्विजय जी की याचिका खारिज कर दी है।
कमलनाथ जी अब भी लालच, भय और दबाव के बल पर जोड़-तोड़ करने में लगे हैं जिसमें उनका साथ कुछ प्रशासनिक अधिकारी भी दे रहे हैं।
मैं उन अधिकारियों को फिर चेतावनी देता हूँ, वे जल्द से जल्द सुधर जाएँ!
अगर सरकार के पास बहुमत है तो वो फ्लोर टेस्ट से क्यों डर रही है, क्यों उसे कराने में आनाकानी कर रही है?