यूपी के नोएडा की झुग्गियों में आज क़रीब 100 परिवारों से मिला।सभी दिहाड़ी मज़दूर हैं।दिन के 300-400₹ मिलते थे तो जीवन चलता था।10 दिन से कोई काम नहीं,ना कोई दिहाड़ी
इन परिवारों ने बताया कि अब इनके पास एक वक्त का खाना खाने लायक़ भी पैसे नहीं बचे हैं।
तक़रीबन सभी परिवार यूपी के महोबा से नोएडा मज़दूरी करने आए हैं।इन्हें राज्य सरकार से ना तो कोई सहायता मिली है,ना कोई जानकारी है।
इनका कहना है कि हम सब बीमारी से पहले भूख से मर जाएँगे
इनकी माँग है: या तो इन्हें कोई काम मिले या गांव भेजा जाए
दिहाड़ी मज़दूरों का कहना है कि बाज़ार राशन लेने जाते हैं तो पुलिस लाठी मारती है,ऊपर से सामान और महंगा हो गया है। थोड़ा भी पहले बता दिया जाता तो ये अपने गाँव चले जाते।
लेबर चौक पर मिले मज़दूरों का भी बुरा हाल है।इनकी हालत ये हो गई है कि इनके पास आटा ख़रीदने तक का पैसा नहीं है।ये पूछ रहे हैं कि हमें सरकार तब सहायता देगी जब हम मर जाएँगे
अब गाँव जाने का साधन भी नहीं है
आख़िर में एक ने कहा :
भगवान भरोसे बैठे हैं।
फिर मुलाक़ात हुईं जूते चप्पल ठीक करने वाले विनोद कुमार से।इन्होंने किसी तरह अपनी दुकान तो खोली है लेकिन शाम के 6 बजे तक इनकी बोहनी तक नहीं हो पायी।
आप से निवेदन है कि जब भी आप राशन लेने जाते हैं तो अपने आसपास की झुग्गियों में जाइए और इन परिवारों के लिए कुछ कीजिए।जितने पैसों में आप अपने परिवार के साथ एक बार कहीं डिनर करते हैं, उतने पैसों में आप 50 परिवारों को 3-4 दिन का राशन दे सकते हैं
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