अत्यंत आवश्यक पोस्ट, सभी पढ़े। मन मैला करके, पूर्वाग्रह व कुंठा के साथ पढ़ेंगे तो सब गलत ही लगेगा।
कोरोना से जंग में आम नागरिकों का मनोबल मनोरंजन के साथ मजबूत रहे इसलिए रामायण और महाभारत का प्रसारण प्रांरभ हुआ है। दुर्बुद्विजीवी ये देखकर अवसाद में है कि लोग इस बहाने....
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वो सत्य न जान जाये जो महाभारत या रामायण के बारे में फैलाकर दुर्बुद्विजीवियों ने वैमनस्य का बीज बोया हुआ है। लोग महाभारत या रामायण देखेंगे या पढ़ लेंगे तो शायद वे यह जान जायेंगे कि
1.दासी की कोख से पैदा हुआ विदुर हस्तिनापुर का महामंत्री था....
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और विदुर नीति के आधार पर हस्तिनापुर अपना प्रशासन चलाता था। स्वयं नीतिशास्त्र के महान गुरु बृहस्पति के शिष्य भीष्म,विदुर से सलाह मशविरा कर प्रशासनिक कार्यो में राजा को सलाह देते थे।
2. वनवासी एकलव्य जो द्रोणाचार्य से धर्नुविद्या नहीं पा सका था वह आगे चलकर मगध नरेश जरासंध का..👇
प्रधान सेनापति बना था और कृण्ण के विरुद्व युद्व किया था।
3. महाप्रतापी राजा भरत ने अपना उत्तराधिकारी अपने पुत्रों में से न चुनकर ऐसे व्यक्ति को चुना था जो राजा पद के लिए अत्यंत योग्य था, अतएव उस समय तक योग्यता के सिद्वांत को पूर्ण मान्यता पूरे समाज में थी।
4. नाव खेने वाले दासराज द्वारा पाली पोसी गयी पुत्री सत्यवती और हस्तिनापुर सम्राट शांतनु का विवाह हुआ था। यहीं सत्यवती आगे चलकर पांडवों और कौरवों की परदादी बनी थी। सबसे बड़ी बात सत्यवती जिनका पालन पोषण नाव खेने वाले ने किया था, उन्होंने एक ब्राम्हण पुत्र को भी जन्म दिया था, 👇
उसी ब्राम्हण पुत्र वेदव्यास ने महाभारत को जयसंहिता नाम से लिखा था।
5. महर्षि वाल्मिकी ने रामायण लिखी, पूरे उत्तर भारत में वाल्मिकी समाज महर्षि वाल्मिकी से अपने जड़े जोड़ता है। महर्षि वाल्मिकी की रचित रामायण में ही प्रभु श्रीराम का उल्लेख है जो क्षत्रिय वंश के है और
शबरी के झूठे बेर खाते है और निषादराज के साथ एक ही गुरुकुल में शिक्षा ग्रहण करते है।
6. महाभारत में महाबलशाली भीम कामरुप क्षेत्र के वन में रहने वाले दैत्य हिंडिम्बा की बहन हिंडिम्बी से विवाह करता है और भीम व हिंडिम्बी से उत्पन्न महापराक्रमी पुत्र घटोत्कच महाभारत के युद्व में
कर्ण द्वारा मारा जाता है। राजा शांतनु का सत्यवती से विवाह एवं भीम का हिंडिबी से विवाह ये दिखाता है कि उसी समय गैरक्षत्रिय कुलों में भी विवाह संपन्न होते थे और मान्य भी थे।
7.युद्व में एकलव्य व घटोत्कच की भागीदारी दिखाती है कि उस समय वन में रहने वाले युद्व करते थे।
यदि वे क्षत्रिय गुण रखते हो। स्वयं द्रोणाचार्य, भगवान परशुराम भी ब्राम्हण होते हुए भी युद्व करते है, क्योंकि उन्हें शस्त्र विद्या का ज्ञान था। इसलिए कर्म का सिद्वांत हमें यहां भी दिखता है।
8.द्रोपदी विवाह हो, सुभद्रा विवाह हो ( स्वयंवर विवाह नहीं था,
श्रीकृष्ण की मदद से उनकी बहन सुभद्रा को अर्जुन वरण करके ले गए थे) या कुंती का विवाह (स्वयंवर)हो, ये सभी विवाह दिखाते है कि महिलाओं को अपनी इच्छा का वर चुनने की आजादी थी और परिवारजन इस बात को लेकर चिंतित रहते थे कि ऐसे पुरुष से विवाह न हो जो पंसद का न हो।
इस संबंध में काशी नरेश अंबा के विवाह का अध्ययन अवश्य करना चाहिये जो आगे चलकर भीष्म जैसे महापराक्रमी के लिए विषाद का बड़ा कारण बना।
9. विध्यं क्षेत्र में रहने वाले निषाद राजा गुह ने श्रीराम को गंगा पार करने में मदद की, कहा जाता है कि राजा गुह ने गुरुकुल में श्रीराम के साथ
शिक्षा ग्रहण की थी। श्रीराम ने शबरी के झॅूठे बेर खाये थे अर्थात् पहले जाति की वजह से छूआछूत की मान्यता नहीं थी....मुझे लगता है कि बाद में रोग, महामारियों के प्रकोप से छूआछूत की मान्यता पनपी और कालांतर में इस मान्यता को जाति व्यवस्था का सामाजिक आधार मिल गया।
अब इतने सत्य एक साथ सामने आ जायेंगे तो निश्चित ही दुर्बुद्विजीवियों द्वारा समाज में विषवमन का जो कार्य चल रहा है, वो निश्चित ही बंद हो जायेगा। ध्यान दीजिए रामायण, महाभारत में मानवजीवन की गाथा है, जाति विजय या उत्कृष्टता की नहीं।
रामायण, महाभारत जीवन का गहन अध्य्यन कर जीवन जीने की उत्कृष्ट कला की सीख देती है।😊🙏
बिहार विधानसभा चुनाव, किस जिले में किस तिथि को होंगे :
पहले चरण में इन जिलों में होंगे चुनाव- भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, खगड़िया, बेगूसराय, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार जिलों में 28 अक्टूबर को चुनाव होंगे.
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दूसरे चरण में इन जिलों में होंगे चुनाव : उत्तर बिहार के जिलों मुजफ्फरपुर, सीतामढी, शिवहर, पश्चिमी चंपाण, पूर्वी चंपारण, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, सुपौल और मधेपुरा जिले में 3 नवम्बर को चुनाव होंगे.....
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तीसरे चरण में इन जिलों में होंगे चुनाव : बोधगया सहित 7 जिले जहानाबाद, अरवल, नवादा, औरंगाबाद, कैमूर और रोहतास में 7 नवम्बर को चुनाव होंगे. पटना सहित बक्सर, सारण, भोजपुर, नालंदा, गोपालगंज और सीवान में 7 नवम्बर को चुनाव होंगे.....
12 फरवरी 1968 को मुगलसराय रेलवे स्टेशन पर ट्रैक के बीच में एक शव मिला था।
ये शव किसी आम आदमी का नही, भारत के उस समय के सबसे प्रखर राष्ट्रवादी और सनातन धर्म प्रचारक नेता, पंडित दीनदयाल उपाध्याय का था।
ये वो पंडित दीन दयाल उपाध्याय थे, जिनका सामना उस समय की प्रधानमंत्री ....
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....इंदिरा गाँधी ही नही उनके पिता नेहरु भी करने से डरते थे।
ये वो पंडित दीन दयाल उपाध्याय थे, जिन्होंने जनसंघ की नीव रख कर, भारत की राजनीती को एक नई पहचान दी।
ये वो पंडित दीन दयाल उपाध्याय थे, जिन्होंने राष्ट्र धर्म के प्रचार में अपना जीवन लगा दिया।
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इनके राष्ट्र के प्रति योगदान की बात जितनी की जाए कम है।
बेहद साधारण से रहने वाले ये व्यक्ति, 11 फरवरी 1968 को रेल से पटना जा रहे थे, और उसी रात किसी ने उनकी हत्या कर शव मुगलसराय, जो अब पंडित दीं दयाल उपाध्याय स्टेशन हो गया है, पर फेक दिया।
और अफ़सोस की हम इनके कातिलो का पता
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सुशांत के पिता ने पटना में एफआईआर दर्ज करवाई। यह एफआईआर रिया चक्रवर्ती, उनकी मां, पिता, भाई और दो मैनेजर के खिलाफ दर्ज करवाई गई है। सुशांत के पिता ने रिया पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। #JusticeForSushantSinghRajput
सुशांत के पिता के 7 आरोप
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1. 2019 से पहले जब मेरे बेटे सुशांत सिंह कोई भी दिमागी परेशानी नहीं थी तो रिया के संपर्क में आने के बाद अचानक क्या हुआ? सुशांत को दिमागी रूप से क्या परेशानी हो गई, इसकी जांच की जाए?
2. उसका दिमागी इलाज चल रहा था तो हमसे कोई लिखित या मौखिक इजाजत क्यों नहीं ली गई?
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जब कोई मानसिक रूप से बीमार होता है तो उसके सारे अधिकार उसके परिवार के ही पास होते हैं। इसकी जांच करवाई जाए।
3. जिन डॉक्टरों ने रिया के कहने से मेरे बेटे सुशांत सिंह का इलाज किया है, मुझे लगता है कि ये डाक्टर भी रिया के साथ इस सारे षड्यंत्र में शामिल थे।
बिहार में पुलिस और प्रशासन की असंवेदनशीलता का एक ऐसा दृश्य देखने को मिला कि कोई भी काँप उठे। एक असहाय और ग़रीब परिवार के बच्चे को मस्जिद में ले जाकर मार डाला गया। इसके बाद उसे नदी में फेंक दिया गया। जब माता-पिता पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुँचे तो उन्हें पुलिस ने मारा-पीटा।
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मजबूरन उन्हें घर छोड़ कर भागना पड़ा। अब वो उत्तर प्रदेश के एक इलाक़े में रह रहे हैं।
ये घटना बिहार के गोपालगंज स्थित कटेया के बेलाडीह की है। ओबीसी इकाइयों में आने वाला राजेश जायसवाल का परिवार ग़रीब है, जो पकौड़े बेच कर अपना गुजर-बसर करता है। 28 मार्च, 2020 को कुछ लड़के आए और...
चीन ने कुछ समय पूर्व जब एकाएक हजार मौतों का आंकड़ा बढ़ाकर दिखाया था तो पूरे विश्व में उस पर आश्चर्य व्यक्त किया गया था । चीन की हरकत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की घोषणा के सामने बहुत छोटी नजर आएगी । अभी सूचना आ रही है कि पश्चिम बंगाल में
एक लाख के करीब कोरोना संक्रमित मरीज हो सकते है ।
एक दिन में इतनी बढ़ोतरी का एक ही मतलब है " तेल लेने गया इंडिया।" जो काम पूरा तब्लीगी जमात नहीं कर सकी वो अकेले ममता बानो ने कर दिखाया। पूरे देश में 50 हजार मरीज हैं और आज पता चला कि बंगाल में ही एक लाख हैं।
साथ ही ममता सरकार ने जारी आंकड़ो में बताया है कि एक दिन दिन में 98 मरीजों की मौत भी हो गयी है । सभी "सेकुलर" भाइयों-बहनों को इस कामयाबी पर बधाई।
#शाहीनबाग में हर रोज आकर भड़काने वाली और फिर दिल्ली दंगों में बड़ी भूमिका निभाने वाली सफूरा जरगर को पुलिस ने गिरफ्तार करके तिहाड़ जेल भेज दिया।
तिहाड़ जेल में उनकी तबीयत कुछ नासाज हुई लेकिन वह अपना मेडिकल चेकअप कराने से इनकार करती रही इसके बजाय वह अपने जमानत के लिए अथक....
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.....प्रयास करती रही, लेकिन जेल नियमों के अनुसार यदि किसी कैदी की तबीयत खराब होती है तब उसका मेडिकल चेकअप करना जरूरी हो जाता है
और मेडिकल चेक अप में सफूरा जरगर 2 महीने की गर्भवती निकली... यानी कि अगर देखा जाए तब वह शाहीन बाग के दौरान ही गर्भधारण की है
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गौर करने वाली बात यह हैं कि सफूरा जरगर छात्रा है और जामिया में पढ़ती हैं और अभी शादीशुदा नहीं है
यानी कि हम सब जो कहते थे कि #शाहीनबाग दरअसल अय्याशी का अड्डा है वह सच साबित हुआ अब पूरा भेद खुल जाने पर तमाम एक्टिविस्ट यह कह रहे हैं सफूरा जरगर की तो सगाई हो गई थी