My Authors
Read all threads
आज आप सबको शूर्पणखा की कथा सुनाता हूं।
पुराणो के अनुसार
#Ramayan #Ramayana #RamayanOnDDNational
@DDNational
रावण और कुम्भकर्ण कैकसी और विश्रवा के पुत्र थे।विभीषण के पिता विश्रवा थे, माता कोई और थी। शूर्पणखा रावण और कुम्भकर्ण की सगी और विभीषण की सौतेली बहन थी।
(प्रत्येक रामायण के अनुसार)
युवावस्था में रावण कुम्भकर्ण और विभीषण ने ब्रह्मा की तपस्या कर विभिन्न वरदान प्राप्त किये।रावण ने कुबेर को हराकर लंका जीती और कई पूर्व राक्षस साम्राज्यों का विनाश किया।

#Ramayan #Ramayana #RamayanOnDDNational
इसी समय पर शूपर्णखा कालकेय नामक राक्षसों के एक राजकुमार विद्युजीवः आकर्षित हुई ।राजकुमार विद्युजीवः ने भी उसका प्रेम स्वीकार किया ।दोनों ने विवाह किया।
रावण इस विवाह के खिलाफ था।विद्युजीवः को वह शत्रु मानता था

#Ramayan #Ramayana #RamayanOnDDNational
एक बार कालकेय राक्षसों से युद्ध में विद्युजीवः रावण के सामने आया। शूर्पणखा ने रावण से उसके प्राणो की भीख मांगी।परन्तु रावण ने विद्युजीवः का सर काट दिया।शूर्पणखा रावण से
बहुत नाराज हुई।मन्दोदरी व विभीषण ने भी रावण से नाराजगी जाहिर की।

#Ramayan #Ramayana #RamayanOnDDNational
रावण ने शूर्पणखा को मनाने उसे जनस्थान का राज्य उपहारस्वरूप दिया और अपने चचेरे भाइयों खर और दूषण को जनस्थान का सेनापति नियुक्त किया इस आदेश के साथ कि वह शूर्पणखा का हर आदेश मानें
इस प्रकार शूर्पणखा जनस्थान (दंडकारण्य )की वास्तविक शासिका थी

#Ramayan #Ramayana #RamayanOnDDNational
साथ ही रावण ने शूर्पणखा को यह कह रखा था कि वह जिससे चाहे रमण कर सकती है।
परन्तु इतना सब होने के बाद भी शूर्पणखा रावण से बहुत द्वेष मानती थी और मन्दोदरी से ईर्ष्या करती थी।

#Ramayan #Ramayana #RamayanOnDDNational
जनस्थान की वास्तविक स्वामिनी होने के कारण शूर्पणखा को राम लक्ष्मण के साहसिक कार्यों की पूर्व से जानकारी थी।इसी कारण वह राम से आकर्षित थी और उनसे विवाह करना चाहती थी।और इसी कारण वो प्रणय प्रस्ताव ले गई थी।
क्योंकि उसे पता था रावण को राम ही टक्कर दे सकते हैं

#Ramayan #Ramayana
परन्तु राम को भी राक्षसों की पूरी जानकारी थी ,अतः उन्होंने जानबूझकर शूर्पणखा का प्रणय प्रस्ताव अस्वीकार किया। और वो ये भी अगर जनस्थान की राक्षस राज्य का विनाश न हुआ तो उत्तरापथ के समस्त राज्यों को खतरा रहेगा।इस कारण उन्हें जनस्थान का विनाश करना था
#रामायण #Ramayan #Ramayana
उस समय जनस्थान लंका के बाद सबसे बड़ा राक्षसों का राज्य था।शूर्पणखा के अपमान के बाद खर दूषण को उसका बदला लेने जाना ही था क्योंकि वो उसके सेनापति थे और शूर्पणखा रानी थी।
जब राम ने खरदूषण और जनस्थान की सारी सेना समाप्त कर दिया तब शूर्पणखा के पास कोई विकल्प नहीं था #Ramayan #Ramayana
जनस्थान के विनाश के बाद शूर्पणखा को राम की वास्तविक शक्ति का आभास हुआ कि वह रावण से भी अधिक शक्तिशाली हैं।तब उसे अपने पति के रावण के हाथोंहुए वध का प्रतिशोध लेने की सूझी।उसने रावण को सीता की सुंदरता सुनाकर उकसाया।सीताहरण की सलाह दी
#रामायण #Ramayan #Ramayana #RamayanOnDDNational
मन्दोदरी ,शूर्पणखा के इस कपट से परिचित थी, उसने रावण को रोका, उधर रावण को भी राम के बारे में पूरी बात पता थी ,उसने सोचा कि यदि राम ईश्वर भी है तो उनके हाथों मर कर मोक्ष पाऊंगा ।यदि साधारण मानव तो सीता हरण करके राम को मार दूंगा।
(रामचिरत मानस के अनुसार)
#रामायण #Ramayan #Ramayana
शूर्पणखा जैसा चाहती थी, वो हुआ, रावण सीता को हर लाया ।अब उत्तरापथ की आर्यशक्ति और दक्षिण की राक्षस शक्ति की सीधी टक्कर होने वाली थी।अभी तक उत्तर की आर्यशक्ति और दक्षिण की राक्षस शक्ति सीधी टक्कर से बच रही थीं पर अब बात बिगड़ गई थी
#रामायण
#Ramayan #Ramayana
#RamayanOnDDNational
इधर राक्षसों और उत्तर की शक्तियों के बीच वानर साम्राज्य था, जिसका शासक बाली था वो इन दोनों के बीच निरपेक्ष था।उसकी दुश्मनी न राक्षसों से थी, न आर्य शक्तियों से।यह एक आदिवासी तरह का साम्राज्य था जो आर्यों और राक्षसों के बीच था
#रामायण
#Ramayan #Ramayana
#RamayanOnDDNational
इस वानर साम्राज्य का बना रहना आर्यों और राक्षसों दोनों के हित में था।क्योंकि दोनों सीधी टक्कर से बच जाते थे।परंतु बाली का झुकाव राक्षसों की तरफ किसी कारण ज़्यादा था
#रामायण
#Ramayan #Ramayana
#RamayanOnDDNational
ये वानर वास्तव में वानर नहीं थे बल्कि मानव थे जो अपने आपको वानरजाती का कहते थे, रीछ, नाग आदि भी ऎसे वनवासी जातियां थीं जो प्राचीन भारत मे अपना किन्हीं धार्मिक कारणो से ऐसा भेस बनाये रखते थे
(भारत का प्राचीन इतिहास -सत्यकेतु विद्यालंकार)।
#Ramayan
#Ramayana #RamayanOnDDNational
बाली अपनी नीति के अनुसारकिसी भी पक्ष का युद्ध में साथ न देता , न राक्षसों की ओर से ना राम की ओर से लड़ता। तभी रामचंद्र जी को उसके छोटे भाई और शत्रु सुग्रीव को राजा बनाने के लिये बाली का वध करना पड़ा।
(इसी कारण बाली वध विवादास्पद है )
#Ramayan
#Ramayana #RamayanOnDDNational
साथ ही रामचंद्र जी ने परख लिया था कि हनुमानजी , जामवंत और नल नील बलशाली और विद्वान दोनों हैं।इस कारण सुग्रीव पर हाथ रखा।अंगद और सुग्रीव की बनती नहीं थी।जब समुद्र तट पर सीता की खोज में अंगद पहुंचे तो सुग्रीव के ऊपर शंका की।
#रामायण
#Ramayan
#Ramayana #RamayanOnDDNational
तब जामवंत ने समझाया।जब हनुमानजी लंकादहन कर लौटे तो अंगद जानबूझकर अपनी टोली के वानरों को सुग्रीव के निजी उपवन में ले गये और उपवन उजाड़ दिया।परन्तु सुग्रीव ने कुछ न कहा.
(रामचिरत मानस से)
#रामायण
#Ramayan
#Ramayana #RamayanOnDDNational
सुग्रीव ने बाली की नीति न अपनाकर राक्षसों से सीधा विरोध लिया।युद्ध मे रावण की पराजय हुई।इस युद्ध में राक्षसों की कई जातियों ने राम का प्रत्यक्ष परोक्ष रूप से साथ दिया था। विभीषण उन्हीं कई शक्तियों में से एक था।
#रामायण
#Ramayan
#Ramayana #RamayanOnDDNational
राम रावण युद्ध में रावण वध के उपरांत शूर्पणखा अपने पति विद्युजीवः की जाति कालकेयों के राज्य में फिर गई।
कुछ दिन वहाँ गुज़ारने के बाद संन्यास लेकर वन को चली गई और तपस्वी हो गई।
#रामायण
#Ramayan
#Ramayana #RamayanOnDDNational
भारतीय इतिहास में राम रावण युद्ध का बड़ा महत्व है।पहली बार उत्तर की शक्तियों ने घनघोर वन,नदी पर्वत पार करके दक्षिण की शक्तियों को हराया था।दोनों संस्कृति आपस में पहली बार सीधी भिड़ी थीं
उत्तर में यज्ञ होते थे, दक्षिण में शिव उपासना
#रामायण
#Ramayan
#Ramayana #RamayanOnDDNational
दक्षिण में शिव उपासना की प्रधानता के कारण ही राम ने शिव की उपासना पर विशेष बल देकर उन्हें अपना आराध्य घोषित किया और रामेश्वरम शिवलिंग की स्थापना भी की, जिससे दक्षिणी शक्तियां उनके साथ रहें।
#रामायण
#Ramayan
#Ramayana #RamayanOnDDNational
यही वो समय था जब राम की सहायक दक्षिणी शक्तियों के प्रभाव से उत्तर में भी मूर्ति पूजा प्रारंभ हुई।हनुमानजी ने युद्ध मे अतुलनीय बल दिखाया था अतः उन्हें शिव का अवतार घोषित किया और शिवलिंग और हनुमानजी की पूजा वृहद स्तर पर प्रारंभ हुई।
#रामायण
#Ramayan
#Ramayana #RamayanOnDDNational
Missing some Tweet in this thread? You can try to force a refresh.

Enjoying this thread?

Keep Current with ऋक्षराज जामवंत आधिकारिक

Profile picture

Stay in touch and get notified when new unrolls are available from this author!

Read all threads

This Thread may be Removed Anytime!

Twitter may remove this content at anytime, convert it as a PDF, save and print for later use!

Try unrolling a thread yourself!

how to unroll video

1) Follow Thread Reader App on Twitter so you can easily mention us!

2) Go to a Twitter thread (series of Tweets by the same owner) and mention us with a keyword "unroll" @threadreaderapp unroll

You can practice here first or read more on our help page!

Follow Us on Twitter!

Did Thread Reader help you today?

Support us! We are indie developers!


This site is made by just two indie developers on a laptop doing marketing, support and development! Read more about the story.

Become a Premium Member ($3.00/month or $30.00/year) and get exclusive features!

Become Premium

Too expensive? Make a small donation by buying us coffee ($5) or help with server cost ($10)

Donate via Paypal Become our Patreon

Thank you for your support!