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राजू ने हालांकि किसी बात का कभी कोई जवाब नहीं दिया था।
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अगले दिन हेड मास्टर ने एक विचार किया ओर उन्होंने चपरासी के हाथ मेडम की डेस्क पर राजू की पिछले वर्षों की प्रगति रिपोर्ट रखवा दी ।
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अंतिम सेमेस्टर में भी राजू ने प्रथम स्थान प्राप्त कर लिया है। "मेडम ने अनिश्चित स्थिति में कक्षा 4 की रिपोर्ट खोली।" राजू ने अपनी मां की बीमारी का बेहद प्रभाव लिया। .उसका ध्यान पढ़ाई से हट रहा है। "" राजू की माँ को अंतिम चरण का कैंसर हुआ है। ।
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" लिखा था
निचे हेड मास्टर ने लिखा कि राजू की माँ मर चुकी है और इसके साथ ही राजू के जीवन की चमक और रौनक भी। । उसे बचाना होगा...इससे पहले कि बहुत देर हो जाए। "
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अगले दिन जब मेडम कक्षा में दाख़िल हुईं तो उन्होंने अपनी आदत के अनुसार अपना पारंपरिक वाक्यांश "आई लव यू ऑल" दोहराया।
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उसके बाल अब कुछ हद तक सुधरे हुए होते, कपड़े भी काफी हद तक साफ होते जिन्हें शायद वह खुद धोने लगा था।
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कक्षा 5 वी के विदाई समारोह में सभी बच्चे मेडम के लिये सुंदर उपहार लेकर आए और मेडम की टेबल पर ढेर लग गया ।
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कुछ देर बाद उसने अटक अटक कर मेडम को बोला "आज आप में से मेरी माँ जैसी खुशबू आ रही है।" इतना सुनकर मेडम के आखो मे आसू आ गये ओर मेडम ने राजू को अपने गले से लगा लिया
राजू अब दुसरी स्कूल मे जाने वाला था
समय बितने लगा।
दिन सप्ताह,
सप्ताह महीने और महीने साल में बदलते भला कहां देर लगती है?
मगर हर साल के अंत में मेडम को राजू से एक पत्र नियमित रूप से प्राप्त होता जिसमें लिखा होता कि "इस साल कई नए टीचर्स से मिला।। आप जैसा मेडम कोई नहीं था।"
एक दिन मेडम के घर अपनी मेल में राजू का पत्र मिला जिसमें लिखा था:
"इस महीने के अंत में मेरी शादी है और आपके बिना शादी की बात मैं नहीं सोच सकता।
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पत्र मे साथ ही विमान का आने जाने का टिकट भी लिफाफे में मौजूद था।
मेडम खुद को हरगिज़ न रोक सकी। उन्होंने अपने पति से अनुमति ली और वह राजू के शहर के लिए रवाना हो गईं।
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उन्हें लगा समारोह समाप्त हो चुका होगा.. मगर यह देखकर उनके आश्चर्य की सीमा न रही कि शहर के बड़े डॉक्टर , बिजनेसमैन और यहां तक कि वहां पर शादी कराने वाले पंडितजी भी थक गये थे. कि आखिर कौन आना बाकी है...
ध्यान से देखो यह यह मेरी प्यारी सी मा दुनिया की सबसे अच्छी है यह मेरी मा यह मेरी माँ हैं -
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