* काबू व्हेली मनिपुर :-*
13 जनवरी 1954 को भारत के मणिपुर प्रांत की “काबू व्हेली” दोस्ती के तौर पर बर्मा को दे दिया। *काबू व्हेली का लगभग क्षेत्रफल 11000 वर्ग किमी है
आज बर्मा ने काबू व्हेली का कुछ हिस्सा चीन को दे रखा है। चीन यहाँ से भी भारत पर नजर रखता है।
*1952 में नेपाल के तत्कालीन राजा त्रिभुवन विक्रम शाह ने नेपाल को भारत में विलय कर लेने की बात नेहरू से कही थी,* लेकिन नेहरू ने ये कहकर उनकी बात टाल दी कि भारत में नेपाल के विलय से दोनों देशों को फायदे की बजाय नुकसान ज्यादा होगा।
* नेहरू ने 1953 में अमेरिका की उस पेशकश को ठुकरा दिया था, जिसमें भारत से सुरक्षा परिषद @UN में स्थायी सदस्य के तौर पर शामिल होने को कहा गया था। इसकी जगह नेहरू ने चीन को सुरक्षा परिषद में शामिल करने की सलाह दे डाली।
लेडी माउंटबैटन की बेटी पामेला ने अपनी किताब में लिखा है कि दोनों के बीच अंतरंग संबंध थे। लॉर्ड माउंटबेटन भी दोनों को अकेला छोड़ देते थे। लॉर्ड माउंटबेटन अपनी पत्नी को गैर मर्द के साथ खुला क्यूँ छोड़ते थे,
नेहरू चीन से दोस्ती के लिए बहुत ज्यादा उत्सुक थे। नेहरू ने 1954 को चीन के साथ पंचशील समझौता किया। इस समझौते के साथ ही भारत ने तिब्बत को चीन का हिस्सा मान लिया।
*नेहरू ने चीन से दोस्ती की खातिर तिब्बत को भरोसे में लिए बिना ही उस पर चीनी ‘कब्जे’ को मंजूरी दे दी।
चीनी सेना ने 1962 में भारत सेना को नहीं बल्कि तत्कालिन नेहरु सरकार को हराया था। हार के कारणों को जानने के लिए भारत सरकार ने ले.जनरल हेंडरसन और कमाण्डैण्ट ब्रिगेडियर भगत के नेतृत्व में एक समिति बनाई थी।
चीनी सेना जब अरुणाचल प्रदेश,असम, सिक्किम तक अंदर घुस आई थी, तब भी नेहरू ने हिंदी-चीनी भाई-भाई का नारा लगाते हुए भारतीय सेना को चीन के खिलाफ एक्शन लेने से रोके रखा।
*ऐसे थे जवाहर लाल नेहरू। भारत का सच्चा और सही इतिहास जानना आपका हक़ है । वंदेमातरम् जय हिन्द🇮🇳