सोमैया से मिलने पर उन्होंने शिकायत की कि वो गृह मंत्री बूटा सिंह से परेशान हैं।
इस घटना के कुछ महीनों बाद बूटा सिंह ने ये मामला फिर उठाया। हुआ ये कि सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव भारत की सरकारी यात्रा पर आए।
तय किया गया कि उनकी मोटरों का काफ़िला पहले इंडिया गेट पहुंचेगा और वहाँ से राजपथ और रायसीना हिल होता हुआ राष्ट्रपति भवन जाएगा जहाँ गोर्बाचेव के ठहरने की व्यवस्था की गई थी।
वेद मारवाह ने विदेश राज्य मंत्री नटवर सिंह को अपनी कार में लिफ़्ट दी। मारवाह हवाई अड्डे पर सारी सुरक्षा व्यवस्था देख रहे थे। तभी उन्हें वहाँ विदेश राज्य मंत्री नटवर सिंह दिखाई दिए।
बरसों बाद ये क़िस्सा याद करते हुए नटवर सिंह ने इंडिया टुडे में 'द रॉन्ग रोड' शीर्षक से एक लेख लिखा,
जब वो दाहिने मुड़े तो वो ये देखकर दंग रह गए साउथ ब्लॉक की तरफ़ से गोर्बाचेव की मोटरों का क़ाफ़िला चला आ रहा है।
उन्होंने उन्हें आदेश दिया कि प्रधानमंत्री ने आदेश दिया है कि वेद मारवाह को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया जाए।
"मुझे पता था कि प्रधानमंत्री, कैबिनेट सचिव बी.डी देशमुख और प्रधानमंत्री की प्रधान सचिव सरला ग्रेवाल उस भोज में उपस्थित रहेंगे।
अगले दिन प्रधानमंत्री ने वेद मारवाह को बुलाकर उनका स्पष्टीकरण माँगा और उनकी बात सुनने के बाद उनको सस्पेंड करने का मौखिक आदेश रद्द कर दिया।
[समाप्त]