1/ 18: "अरे वो तो अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिका की CIA हथियार भेजती थी। राजनेता चाहते ही नहीं थे कि जम्मू-कश्मीर में चीजें ठीक हों। हिन्दू-मुस्लिम एक दूसरे को सॉरी बोलें और आगे बढ़ें।"
2/ ये पंक्तियाँ याद हैं आपको? मुस्लिम अभिनेता और मुस्लिम अभिनेत्री को लीड रोल देकर कश्मीरी पंडितों की मुस्लिमों द्वारा नरसंहार को 'शिकारा' के माध्यम से पर्दे पर उतारने का दावा करने वाले विधु विनोद चोपड़ा के शब्द हैं ये। अमेरिका दोषी है, CIA दोषी है, राजनेता दोषी हैं,...
3/ ...फलाँ दोषी है...ऐसे प्रबुद्ध जनों की नज़र में सब दोषी हैं, सिवाए स्थानीय मुसलमानों के। क्या अमेरिका मुझे हथियार भेज देगा तो मैं पड़ोसियों को मार डालूँगा? अगर सॉरी ही बोलना है तो बलात्कारी और पीड़िता भी एक-दूसरे को सॉरी बोल कर निकल लेंगे इस हिसाब से। ये कैसा न्याय है?
4/ जम्मू और कश्मीर की आज ये स्थिति है कि कश्मीर में एक भी हिन्दू जनप्रतिनिधि नहीं है। एक सरपंच अजय पंडिता थे, उन्हें मार डाला गया। कॉन्ग्रेस के नेता थे। इससे पता चलता है कि आप उनकी नज़र में काफ़िर हो तो हो। आप कॉन्ग्रेस में हो या किसी भी पार्टी में, अगर आप हिन्दू हैं...
5/ ...तो उन्हें आपका कत्ल करने में कोई हिचक नहीं होगी। यही एक कारण पर्यापत है। बाकी सारी चीजें गौण हैं। उनके बूढ़े पिता ने कहा है कि अजय जनता के लिए काम करता था, बहादुर था- इसीलिए उसे आतंकियों ने पीठ पर गोली मारी, वो डरते थे उनके बेटे से। हिंदुओं को वो 'वाजिबुल कत्ल'...
6/ ...मानते हैं, अर्थात जिनकी हत्या की ही जानी चाहिए।
7/ उनका लक्ष्य पूरा हुआ। कश्मीर में कल को कोई भी हिन्दू नेता बनने से पहले 100 बार सोचेगा। इसमें ग़लती केंद्र सरकार और वहाँ के उप-राज्यपाल की भी है। पूरे कश्मीर में एक अकेला सरपंच था, वो सुरक्षा की माँग कर रहा था तो फिर इसमें देरी क्यों की गई? नया आतंकी संगठन अस्तित्व...
8/ ...में आ गया है। उसने ही जिम्मेदारी ली है। उसने कहा है कि किसी भी काफ़िर को बख्शा नहीं जाएगा। अजय पंडिता की लाश और उनकी ख़ून से लथपथ जनेऊ दिलोंदिमाग को सुन्न कर देने वाला दृश्य है।
9/ वो कहते हैं फलाँ को तुमने थप्पड़ मार दिया तो आतंकवादी बन गया। फलाँ को तुमने डरा दिया तो उसने हथियार उठा लिया। 30 साल पहले कश्मीरी पंडितों का कत्लेआम मचा कर, महिलाओं के साथ बलात्कार कर के और उनकी संपत्ति हड़प कर भगा दिया गया। 30 साल से अपने ही देश में शरणार्थी की तरह...
10/ ...जी रहे बेघर कश्मीरी पंडितों में से कितने आतंकवादी बन गए? इसीलिए ये फर्जी बातें हैं कि सरकार ने ये किया, समाज ने ये किया, शिक्षा नहीं मिली, ये नहीं हुआ...तो आतंकवादी बन गए। शांतिपूर्ण प्रदर्शन 30 साल से कर रहे, कुछ नहीं मिला। हथियार न उठाने का ये घाटा भी है।
11/ अजय तो मुस्लिमों की ही सेवा कर रहे थे। हिन्दू तो अल्पसंख्यक हैं वहाँ। मुसलमानों के वोट्स से ही सरपंच बने थे। फिर भी मार दिया। क्योंकि हिन्दू थे। जैसा कि मैंने कहा कि यही मायने रखता है बस, बाकी चीजों का महत्व नहीं। असल में कश्मीरियत कुछ होता ही नहीं है। कश्मीरियत...
12/ ...का एक ही अर्थ है- वहाँ से हिंदुओं का समूल नाश। या तो आप जम्मू भागिए या फिर यहाँ रह कर मरिए। 1990 में भी सब कुछ काफी योजनाबद्ध तरीके से तैयार किया गया था। मस्जिदों से अनाउंसमेंट से लेकर हथियारों के जुटान और पंडितों की पहचान तक। जिन पड़ोसियों के साथ वो...
13/ ...हँसते-बैठते थे, उन्हीं पड़ोसियों, यहाँ तक कि महिलाओं ने भी इस नरसंहार में पूरा किरदार निभाया।
14/ ऐसा नहीं है कि सेना चुप बैठी है। 14 दिनों में 24 आतंकियों को मार गिराया गया है लेकिन समस्या आतंकी कम हैं और कश्मीरी नागरिक ज्यादा। एक-एक मुस्लिम नागरिक वहाँ का गद्दार है जो भारत का खा कर सेना को गाली देता है, अपने घर की लड़कियों तक से पत्थरबाजी कराता है, आतंकियों...
15/ ...को शरण देता है और हिंदुओं को मारने में उनकी मदद करता है।
16/ लेकिन ये भी सच्चाई है कि जिस कश्मीर से आज पंडितों को साफ कर दिया गया है, वो पंडितों का ही है। भगाने वालों के बाप का नहीं। कश्यप ऋषि के नाम पर कैस्पियन सागर और कश्मीर का नामकरण हुआ। उनके वंशजों ने वहाँ राज किया। भारत के सबसे प्राचीन जनपदों में से एक में बाहरी लोग...
17/ ...आ कर बस गए हैं और वहाँ के मूल निवासियों का नरसंहार कर के भगा रहे हैं। शायद कभी वो दिन आएगा जब कश्मीर में फिर से शंख फूँकते, झीलों के किनारे ध्यान करते और मंदिरों में आरती उतारते ब्राह्मण दिखेंगे। शायद...!! कश्मीर ब्राह्मणों का है।
18/ नोट: सफूरा जरगर वाले पोस्ट पर शांतिदूतों द्वारा गालियों की बौछाड और तगड़ी रिपोर्टिंग के बाद इसे 'माइक टेस्टिंग पोस्ट' समझें और उपस्थिति ज़रूर दर्ज कराएँ।
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उत्तर प्रदेश भारत के स्टार्टअप हब के रूप में उभर रहा है - ये सिर्फ़ कही-सुनी बात नहीं है, बल्कि अब आँकड़े भी इसकी पुष्टि कर रहे हैं। Inc42 की एक रिपोर्ट आई है, जिसके बारे में आपको ज़रूर जानना चाहिए।
लंबी-चौड़ी रिपोर्ट है अंग्रेजी में, मैं थोड़ा सरल में बताने का प्रयास करता हूँ। सार ये कि यूपी अब संस्कृति और तकनीक के संगम का स्थल भी बन चुका है।
- भारत का सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स-मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब, भारत के 55% मोबाइल फोन और 50% मोबाइल के कल-पुर्जे यहीं बनते हैं
- 14 हजार से भी अधिक स्टार्टअप हैं राज्य में, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है
- लखनऊ में देश की पहली AI सिटी विकसित की जा रही है
- सैमसंग की सबसे बड़ी स्मार्टफोन फैक्ट्री नोएडा में स्थापित हुई
- Foxconn-HCL, Vivo, Oppo, Lava और Dixon जैसी कंपनियाँ यहाँ सेमीकंडक्टर-डिस्प्ले पर काम कर रही हैं
- ग्रेटर नोएडा, लखनऊ-कानपुर और बुंदेलखंड - इन 3 इलाक़ों में 3 'ग्रीनफील्ड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स (GEMCs)' विकसित किए जा रहे हैं
नोएडा भारत की Startup राजधानी बन गई है, यहाँ 3500 से अधिक स्टार्टअप हैं। कुछ दिनों बाद बेंगलुरु और गुरुग्राम भी इसके सामने पानी माँगे तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। चूँकि ये एक कृषि-प्रधान राज्य है, एग्रीटेक वाले स्टार्टअप्स ख़ूब हो रहे हैं। खेती से लेकर सप्लाई चेन तक इससे दुरुस्त हो रहा है।
क्या आपको पता है मुख्यमंत्री @myogiadityanath की सरकार ने ऐसे 4600 फालतू प्रावधानों को कचरे के डब्बे में डाला, जिनसे नई कंपनियाँ बनाने में दिक्कतें आती थीं?
577 प्रावधानों को अपराधीकरण के दायरे से हटाया गया। 'निवेश मित्र' जैसी योजनाएँ लाई गईं। हजार करोड़ रुपए के फंड के साथ शुरुआती दौर में कई स्टार्टअप्स को पोषित किया गया।
लखनऊ में जो AI City बन रही है वो 70 एकड़ की होगी, जहाँ तकनीक देशी समस्याओं का समाधान करेगी। वीडियो सर्विलांस, विद्यालयों के प्रबंधन और लाभार्थियों के खतों में पैसे ट्रांसफर करने में AI बहुत उपयोगी साबित हो रहा है।
सोचिए, देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट जब जेवर में बनकर तैयार हो जाएगा तो यूपी कितनी तेज़ गति से दुनिया से जुड़ेगा। इलेक्ट्रिक-सोलर ऊर्जा में यूपी शीर्ष पर पहुँचता जा रहा है।
कौन था गाज़ी सालार मसूद, जिसके सम्मान में बहराइच व संभल सहित यूपी के कई जिलों में मुसलमान 'नेजा मेला' लगाते हैं?
यहाँ मैं एक जगह गाज़ी सालार मसूद के बारे में सारी जानकारी देने की कोशिश करता हूँ। आपको याद होगा जुलाई 2021 में असदुद्दीन ओवैसी और ओमप्रकाश राजभर ने बहराइच में उसकी कब्र पर जाकर फूल चढ़ाया था।
चूँकि हम भारतीयों के मन में ये बिठा दिया गया है कि अगर इतिहास में किसी को 'सूफी संत' कहा गया है तो उसका दर्जा वही होगा जो हमारे ऋषि-मुनियों का है, इसीलिए इस प्रपंच का जवाब तथ्यों से देना बहुत आवश्यक है।
महाराजा सुहेलदेव ने सन् 1034 के एक युद्ध में उसे मार गिराया था। वो भारत में कई बार आक्रमण करने वाले महमूद गजनवी का भांजा था।
इस्लामी आक्रांता फिरोजशाह तुगलक ने उसकी मजार बनवाई थी।
गाजी सैयद सालार मसूद का भी भारत में आना इसी तरह की साजिश का हिस्सा था। इस्लामी आक्रांताओं का गुणगान करने वाले वामपंथियों की मानें तो हिन्दू उसे प्यार से ‘बाले मियाँ’ और ‘हठीला’ कहते थे, बाल श्रीकृष्ण से उसकी तुलना करते थे।
उसने ज़ुहरा बीबी नाम की एक लड़की से शादी की थी। दावा किया जाता है कि उसने उस लड़की का अंधापन ठीक कर दिया था।
इतिहासकार एना सुवोरोवा ने तो गाजी मियाँ की तुलना श्रीकृष्ण और श्रीराम तक से कर दी है और कहा है कि हिन्दू उसे इसी रूप में देखते थे।
गाजी सैयद सालार मसूद बचपन से ही एक योद्धा के रूप में प्रशिक्षण ले रहा था और इस्लाम के प्रति कट्टरता का भाव उसके मन में भरता ही जा रहा था। मीरत-ए-मसूदी में उसका इतिहास मिलता है। इसमें बताया गया है कि महमूद गजनवी को सोमनाथ का मंदिर ध्वस्त करने की सलाह गाजी ने ही दी थी।
"जब मैं मदरसा बंद करने की बात करता हूँ, तो ये हिंदू नहीं मुस्लिमों के लिए करता हूँ। इसी तरह UCC भी उनके लिए ही है। भारतीय मुस्लिमों के सबसे बड़े हितैषी मदरसा बंद करने और UCC की बात करने वाले हैं। ओवैसी जैसे लोग इनके दुश्मन हैं।"
"हमें हिंदी भाषा सीखनी चाहिए। भारत के अलग-अलग हिस्सों में काम करना है तो हिंदी सीखने में समस्या क्या है? हमें अपनी मातृभाषा में पढ़ाई करनी चाहिए, सीखना चाहिए, लेकिन हिंदी भी जरूरी है।"
"अयोध्या और जेवर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बन रहे। कोरोना का सबसे कम पॉजिटिविटी रेट और मृत्यु दर यूपी में रही। सबसे ज्यादा टेस्टिंग-टीकाकरण हुआ।"
"दूसरे प्रदेश से आए लोगों को हमने सहायता दी। 38 जिले संचारी रोगों से प्रभावित थे, आज इंसेफलाइटिस, डेंगू, मलेरिया नियंत्रण में है.
अवैध बूचड़खानों को बंद किया। निराश्रित गोवंश की संख्या बढ़ गई, जिनके लिए 5600 निराश्रित गो आश्रय स्थल बने।
वाराणसी में गोवर्धन योजना से गोबर से CNG बन रही। ₹1/Kg गोबर खरीदा जा रहा। 4+ गोवंश रखने वालों को ₹900 प्रति गोवंश दिया जा रहा। कुपोषित बच्चों के परिवारों को दुधारू गाय।"
8 चिरंजीवियों के अलावा कोई अमर तो है नहीं, लेकिन पता नहीं क्यों कुछ लोग इस बात को एकदम से भूल गए हैं और किसी के असामयिक निधन पर जश्न मनाने निकल पड़े हैं। उनमें से किसका कब, कहाँ और कैसे नंबर आ जाए, किसी को ज्ञात नहीं। फिर ये घमंड किस बात का?
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इनमें से अधिकतर वही हैं, जिन पर हमारे संविधान ने दया बरसाई है। भीमा-कोरेगाँव वाला शरजील उस्मानी हो या फिर गर्भवती बता कर जेल से छोड़ दी गई दंगाई सफूरा जरगर, इनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं है। सफूरा ने तो 'बेसिक ह्यूमन डेसेंसी' को भी ताक पर रखने को कह दिया।
मैडम को याद नहीं है कि देश की अदालतों ने उसे इसी 'मानवाधिकार' के बहाने छोड़ा था, वरना इस जैसी पिशाचन को दुनिया तो क्या, नरक तक में रहने का अधिकार नहीं है। रवीश कुमार की तो बात ही छोड़ दीजिए। बलात्कारी भाई और मरा हुआ जमीर लेकर जब वो नरक पहुँचेगा तो उसे वहाँ से भी दुत्कार दिया…
1/14: आज प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में जो संबोधन दिया, उससे स्पष्ट हो गया कि देश के मूड को उनसे बेहतर कोई नहीं समझता है। उन्होंने शुरू किया इससे कि कैसे कोरोना के खिलाफ भारत ने जंग जीती और देश में रिकॉर्ड निवेश, विदेशी मुद्रा भंडार के रिकॉर्ड स्तर और स्टार्टअप्स के उदय की बात…
…की। आँकड़े गिनाए। फिर विपक्षियों के प्रपंच पर धावा बोला और उनकी कह के ले ली। एक नेता के लिए ज़रूरी होता है कि वो हर मुद्दे पर पूरी तैयारी कर के आए और मोदीजी ने भी ऐसा ही किया। पिछले 3 महीने के प्रपंच पर 1 घण्टे में पानी फेर दिया।
सबसे बड़ी बात थी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को प्रथम प्रधानमंत्री कहना। वो 'आज़ाद हिंद फौज' की प्रथम सरकार के नेतृत्वकर्ता थे कई देशों ने उनकी सरकार को मान्यता दी थी। पश्चिम बंगाल में चुनाव आ रहे हैं, उस परिदृश्य में भी किसी बंगाली विभूति के साथ इतिहास में न्याय होना वहाँ की जनता…