Anupam K. Singh Profile picture
Associate Editor & Research Head: OpIndia | Ex Editor: TFI Media | Hindu Nationalist. Proud of our history, culture & tradition | चम्पारण की मिट्टी से...
Jul 8 5 tweets 4 min read
If You Want to Be Reborn, You’ll Need China’s Permission!

It doesn’t really matter who the next Dalai Lama is. The real issue is that both Buddhism and India have already lost the battle for Tibet. Today, it’s all China—unchallenged and dominant.

In Tibetan Buddhism, the concept of “Tulku” refers to the reincarnation of lamas. After the death of a great or traditional lama, their reincarnation is identified, and thus the lineage continues. However, there is also the concept of “Ma-dhey Tulku”, which means a lama recognizing their own reincarnation while still alive.

The 14th and current Dalai Lama (spiritual name: Tenzin Gyatso) wants to identify his reincarnation during his own lifetime. That individual would become the 15th Dalai Lama. His aim is to complete this process while alive so that China doesn’t interfere after his death.Dalai Lama But here’s the twist: China will appoint a separate 15th Dalai Lama. China understands that the 90-year-old spiritual leader is a powerful symbol of unity for the Tibetan Buddhist community.

While China has full control over Tibet now, as long as the current Dalai Lama lives, resentment will persist among Buddhists.

China already has a plan.

Whether the Dalai Lama selects his successor during his lifetime or the process takes place after his death, China is determined to appoint its own Dalai Lama. This tactic may well succeed in fracturing the Tibetan Buddhist tradition.

The aging Dalai Lama has entrusted this task to his organization, the Ganden Phodrang Trust. In the past, he has shifted his stance on various issues—even going so far as to suggest dissolving the institution of the Dalai Lama altogether.

his trust will now consult with all sects within Tibetan Buddhism. But factionalism is inevitable.China will elect a separate Dalai Lama.
May 31 5 tweets 2 min read
तेज प्रताप यादव बार-बार बृन्दावन क्यों जाते थे? इंस्टाग्राम पर वो मात्र 12 हैंडलों को ही फॉलो करते हैं, उनमें से एक ये है - 'ब्रज बेवरेजेस'।

ये अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर ताज़ा दूध, मिनरल वॉटर और फलों के जूस उपलब्ध कराने का दावा करता है। लेकिन, हम इस कंपनी की बात क्यों कर रहे हैं?

आइए, बताता हूँ।Braj Beverages. सितंबर 2024 को ये कंपनी रजिस्टर की गई थी।

ये वही तेज प्रताप यादव हैं, पता भी देख लीजिए ताकि कोई शंका न हो।

ऐसा हो ही नहीं सकता है कि लालू यादव के परिवार में किसी को पता न हो कि मथुरा में तेज प्रताप यादव बिजनेस चला रहे हैं। सबकी मिलीभगत है, आज पोल खुल गई तो घर से निकालने का नाटक कर दिया।

लेकिन, असली चीज तो अब देखिए...तेज प्रताप यादव की कंपनी।
May 29 10 tweets 5 min read
चूँकि राजदीप सरदेसाई और सागरिका घोष को मेरे साथ FIR-FIR खेलना है, इसीलिए ये बताना आवश्यक है कि इनके कारनामे ऐसे हैं कि इनपर अबतक सौ FIR हो चुकी होती और दोनों जेल की चक्की पीस रहे होते।

दोनों बड़े खानदान से आते हैं। एक के पिता बड़े क्रिकेटर थे और उनके नाम पर घरेलू ट्रॉफी खेली जाती है, दूसरे के पिता दूरदर्शन के सर्वेसर्वा थे। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि Nepotism वाली इंडस्ट्री में ये लोग कैसे आगे बढ़े होंगे।

बाद में इन्होंने पत्रकारिता को क्या बनाकर रख दिया, ये किसी से छिपा नहीं है। तो चलिए, शुरू करते हैं...राजदीप सरदेसाई, बंगाल हिंसा पर 'रसगुल्ले' के लिए ममता बनर्जी से नहीं पूछा सवाल।
सागरिका घोष, तानाशाह की पार्टी से बनीं राज्यसभा सांसद।
हाल ही में राजदीप सरदेसाई ने PoK को पाकिस्तान को देने की वकालत की!

किसी अन्य देश में अपने देश के अभिन्न अंग को दुश्मन देश को सौंपने की बात करना देशद्रोह में आता और ये जेल में होता।

लेकिन, ये भारत है। इससे संस्थान स्पष्टीकरण तक नहीं माँगता। मजे ही मजे!

May 22 6 tweets 5 min read
पत्रकार: The Wire का उमर राशिद (The Hindu और Outlook में भी काम कर चुका है)

पीड़िता का आरोप: 'प्रगतिशील पत्रकारिता' की आड़ में महिलाओं को फँसाकर यौन हिंसा करना उसका धंधा है

पीड़िता ने खुलासा किया है कि ये उसका पैटर्न है, जिसके तहत वो कई महिलाओं को अपना शिकार बना चुका है। पीड़िता ने लिखा, "ये लिखते हुए मैं काँप रही हूँ और रो रही हूँ। वो एक सीरियल यौन शोषक और बलात्कारी है। वो ख़ुद को जानवरों से प्यार करने वाला बताता है।"

अपनी मरी हुई माँ का सहारा लेकर भी वो महिलाओं को भावनात्मक रूप से प्रभावित करता है। जब पीड़िता की इससे पहली बार बात हुई तो 'प्रगतिशील राजनीति' पर जमकर चर्चा हुई। इस गिरोह की नज़र में 'प्रगतिशील राजनीति' क्या है, समझ जाइए - मोदी को गाली देना, रोहिंग्या घुसपैठियों की पैरवी और राम मंदिर का विरोध। साथ ही 'साहित्य में रोमांस' पर भी चर्चा हुई।

पीड़िता को ऐसा लगा कि उमर राशिद उसे 'दिल्ली के प्रगतिशील सर्कल' में आगे बढ़ने में मदद करेगा।The Wire के पत्रकार उमर राशिद पर आरोप। "वो अपने खेल की शुरुआत महिलाओं को लोधी गार्डन में टहलने के लिए बुलाकर करता है।"

"वो प्रेस क्लब की बैठकों में मुझे बतौर 'ट्रॉफी फ्रेंड' ले जाता था। मैं शहर में नई थी, उससे बहुत छोटी थी - मुझे लगाए वो मुझे आगे बढ़ाएगा।"

"मुझे बार-बार शारीरिक रूप से धक्का दिया गया, मारा गया, थप्पड़ मारा गया, गला दबाकर लगभग मार ही डाला गया, और ऐसे तरीकों से शोषण किया गया जिन्हें शब्दों में बयान करना मुश्किल है। शारीरिक और यौन - दोनों ही स्तर पर। मुझे बार-बार असुरक्षित और जबरन सेक्स के लिए मजबूर किया गया।"'द वायर' के पत्रकार उमर राशिद पर पीड़िता के आरोप।
May 17 8 tweets 4 min read
स्वामी रामभद्राचार्य को ज्ञानपीठ अवॉर्ड क्यों? जो ये सवाल कर रहे हैं उनमें से अधिकतर हिन्दू विरोधी हैं, उन्हें जूतों मर भरकर जवाब मारना ज़रूरी है।

वो 22 भाषाओं के विद्वान हैं। भोजपुरी और अवधी जैसी आमजनों की स्थानीय भाषाओं के अलावा संस्कृत में भी लिख चुके हैं। उन्होंने 240 से अधिक पुस्तकें और 50+ रिसर्च पेपर लिखे हैं। अब जिनका पढ़ने-लिखने से कोई वास्ता ही नहीं है, वो भला क्या जानें ये सब होता क्या है!

विशेषकर गोस्वामी तुलसीदास की रचनाओं के अध्ययन एवं मीमांसा के मामले में उनका कोई जोड़ नहीं है, कोई तोड़ नहीं है। रामचरितमानस और हनुमान चालीसा को समझना है तो रामभद्राचार्य को पढ़िए।

9000 पृष्ठ, 50000 श्लोक और 9 खंड... पाणिनि द्वारा रचित संस्कृत व्याकरण 'अष्टाध्यायी' पर उन्होंने जो महाभाष्य लिखा है वैसा आजतक नहीं लिखा गया। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका अनावरण किया। 'अष्टाध्यायी' साधारण पुस्तक नहीं है, पतंजलि ने इसे 'सर्ववेद-परिषद्-शास्त्र' कहकर संबोधित किया है।

ब्रह्मसूत्र, भगवद्गीता और 11 उपनिषदों पर आधारित 'श्रीराघवकृपाभाष्यम्' भी उनकी एक अप्रतिम रचना है। जो लोग आज #Rambhadracharya जी पर निशाना साध रहे हैं उनमें से अधिकतर आज से 27 वर्ष पूर्व या तो पैदा भी नहीं हुए होंगे या डायपर में खेल रहे होंगे, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी इस पुस्तक को लॉन्च कर रहे थे। ब्रह्मसूत्र, उपनिषद और गीता को मिलाकर 'प्रस्थानत्रयी' कहते हैं, 500 वर्षों से इनपर कोई संस्कृत भाष्य नहीं लिखा गया था, ये कार्य @JagadguruJi ने किया।

रामकथा के माध्यम से कई दशकों से वो समाज को ऐतिहासिक व आध्यात्मिक ज्ञान से लाभान्वित कर रहे हैं, ये योगदान भी कम है क्या? और हाँ, ये सब उन्होंने प्रज्ञाचक्षु होने के बावजूद किया है। नेत्र चले गए, लेकिन दृष्टि उन्होंने श्रम व साधना से अर्जित की। 1991 में उन्होंने PhD की और 1998 में DLitt - उनको गाली देने वाले अधिकतर अबतक टैक्स के पैसों से ही पल रहे हैं। और हाँ, पोस्ट डॉक्टरेट की डिग्री उन्हें भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति KR नारायणन के हाथों मिली थी, जो दलित थे।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में श्रीराम जन्मभूमि मामले के अंतिम जजमेंट में उनकी गवाही और उनके द्वारा दिए गए साक्ष्यों का जिक्र हुआ। दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए उन्होंने एक पूरी की पूरी यूनिवर्सिटी खोल की। अध्यात्म व समाज की सेवा के लिए 'तुलसी पीठ' की स्थापना की। भारत क्या, पूरी दुनिया में दिव्यांगों के लिए कोई विश्वविद्यालय नहीं था। 'विकलांग सेवा संघ' के जरिए उन्होंने दिव्यांग पुरुषों-महिलाओं के कल्याण के लिए कई कार्यक्रम शुरू करवाए। मेरा मुख्य उद्देश्य स्वामी रामभद्राचार्य जी का गुणगान करना नहीं, केवल और केवल ये बताना है कि कैसे उन्हें 'ज्ञानपीठ अवॉर्ड' मिलना इस अवॉर्ड का सम्मान बढ़ाता है।

ये लीजिए उनके द्वारा रचित लघुकाव्यों, गीतकाव्यों, महाकाव्यों और रीतिकाव्यों की सूची: रामभद्राचार्य रचित काव्य।
May 14 7 tweets 3 min read
न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) ने सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं, जो चीख-चीख कर बता रही हैं कि भारत का हमला कितना सटीक था, कितना अचूक था और कितना भीतर था!

NYT चूँकि अपने लेखों के लिए पैसे माँगता है, इसीलिए मैं एक-एक कर उन 'Before And After' वाली सैटेलाइट तस्वीरों को इस थ्रेड में डालता हूँ और साथ ही समझाता हूँ कि कैसे 'ऑपरेशन सिंदूर' सफल रहा।

ये दिखाता है कि हम जब जहाँ चाहें पाकिस्तान में उसी क्षण वार कर सकते हैं। आइए... भोलारी एयरबेस:

ये सारी की सारी HD सैटेलाइट तस्वीरें हैं। ये पाकिस्तान की सबसे बड़ी पोर्ट सिटी कराची से 100 मील की दूरी पर स्थित है। यहाँ भारत ने एक एयरक्राफ्ट हैंगर को उड़ा दिया। ये वो इमारत थी जहाँ एयरक्राफ्ट को रखा और मेंटेन किया जाता है। अंदर रखे एयरक्राफ्ट्स का क्या हुआ होगा, समझ जाइए।

भारत ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है!भोलारी एयरबेस तबाह!
Apr 4 8 tweets 4 min read
उत्तर प्रदेश भारत के स्टार्टअप हब के रूप में उभर रहा है - ये सिर्फ़ कही-सुनी बात नहीं है, बल्कि अब आँकड़े भी इसकी पुष्टि कर रहे हैं। Inc42 की एक रिपोर्ट आई है, जिसके बारे में आपको ज़रूर जानना चाहिए।

लंबी-चौड़ी रिपोर्ट है अंग्रेजी में, मैं थोड़ा सरल में बताने का प्रयास करता हूँ। सार ये कि यूपी अब संस्कृति और तकनीक के संगम का स्थल भी बन चुका है।

- भारत का सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स-मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब, भारत के 55% मोबाइल फोन और 50% मोबाइल के कल-पुर्जे यहीं बनते हैं

- 14 हजार से भी अधिक स्टार्टअप हैं राज्य में, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है

- लखनऊ में देश की पहली AI सिटी विकसित की जा रही है

- सैमसंग की सबसे बड़ी स्मार्टफोन फैक्ट्री नोएडा में स्थापित हुई

- Foxconn-HCL, Vivo, Oppo, Lava और Dixon जैसी कंपनियाँ यहाँ सेमीकंडक्टर-डिस्प्ले पर काम कर रही हैं

- ग्रेटर नोएडा, लखनऊ-कानपुर और बुंदेलखंड - इन 3 इलाक़ों में 3 'ग्रीनफील्ड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स (GEMCs)' विकसित किए जा रहे हैंImage नोएडा भारत की Startup राजधानी बन गई है, यहाँ 3500 से अधिक स्टार्टअप हैं। कुछ दिनों बाद बेंगलुरु और गुरुग्राम भी इसके सामने पानी माँगे तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। चूँकि ये एक कृषि-प्रधान राज्य है, एग्रीटेक वाले स्टार्टअप्स ख़ूब हो रहे हैं। खेती से लेकर सप्लाई चेन तक इससे दुरुस्त हो रहा है।

क्या आपको पता है मुख्यमंत्री @myogiadityanath की सरकार ने ऐसे 4600 फालतू प्रावधानों को कचरे के डब्बे में डाला, जिनसे नई कंपनियाँ बनाने में दिक्कतें आती थीं?

577 प्रावधानों को अपराधीकरण के दायरे से हटाया गया। 'निवेश मित्र' जैसी योजनाएँ लाई गईं। हजार करोड़ रुपए के फंड के साथ शुरुआती दौर में कई स्टार्टअप्स को पोषित किया गया।
Mar 27 12 tweets 4 min read
कौन था गाज़ी सालार मसूद, जिसके सम्मान में बहराइच व संभल सहित यूपी के कई जिलों में मुसलमान 'नेजा मेला' लगाते हैं?

यहाँ मैं एक जगह गाज़ी सालार मसूद के बारे में सारी जानकारी देने की कोशिश करता हूँ। आपको याद होगा जुलाई 2021 में असदुद्दीन ओवैसी और ओमप्रकाश राजभर ने बहराइच में उसकी कब्र पर जाकर फूल चढ़ाया था।

चूँकि हम भारतीयों के मन में ये बिठा दिया गया है कि अगर इतिहास में किसी को 'सूफी संत' कहा गया है तो उसका दर्जा वही होगा जो हमारे ऋषि-मुनियों का है, इसीलिए इस प्रपंच का जवाब तथ्यों से देना बहुत आवश्यक है। महाराजा सुहेलदेव ने सन् 1034 के एक युद्ध में उसे मार गिराया था। वो भारत में कई बार आक्रमण करने वाले महमूद गजनवी का भांजा था।

इस्लामी आक्रांता फिरोजशाह तुगलक ने उसकी मजार बनवाई थी।

गाजी सैयद सालार मसूद का भी भारत में आना इसी तरह की साजिश का हिस्सा था। इस्लामी आक्रांताओं का गुणगान करने वाले वामपंथियों की मानें तो हिन्दू उसे प्यार से ‘बाले मियाँ’ और ‘हठीला’ कहते थे, बाल श्रीकृष्ण से उसकी तुलना करते थे।
May 22, 2022 4 tweets 3 min read
"असम में 30% मुस्लिम हैं। एक हिस्सा मूलनिवासी है, जिनका रहन-सहन खानपान हमारे जैसा है। उनसे हमें कोई दिक्कत नहीं, ना हमे उनसे।

दूसरे, जिनका धर्मांतरण 2 पीढ़ी पहले हुआ। उनके यहाँ तुलसी के पौधे मिलेंगे।

तीसरे, माइग्रेंट्स। मियाँ मुसलमान।"

-#मीडिया_महामंथन_2022 में @himantabiswa "जब मैं मदरसा बंद करने की बात करता हूँ, तो ये हिंदू नहीं मुस्लिमों के लिए करता हूँ। इसी तरह UCC भी उनके लिए ही है। भारतीय मुस्लिमों के सबसे बड़े हितैषी मदरसा बंद करने और UCC की बात करने वाले हैं। ओवैसी जैसे लोग इनके दुश्मन हैं।"

-@himantabiswa At #Panchjanya75 #Organiser75
May 22, 2022 4 tweets 4 min read
"इस बार पहली बार #UttarPradesh में ईद और अलविदा की नमाज सड़कों पर नहीं पढ़ी गई। 1 लाख लाउडस्पीकर उतारे गए और वो स्कूलों को दिए जा रहे हैं।"

"यूपी में 5 वर्षों में प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हो गई। 44 योजनाओं में यूपी आज No.1 है। ये एक्सप्रेस प्रदेश बन गया है।"

-CM @myogiadityanath "अयोध्या और जेवर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बन रहे। कोरोना का सबसे कम पॉजिटिविटी रेट और मृत्यु दर यूपी में रही। सबसे ज्यादा टेस्टिंग-टीकाकरण हुआ।"

"दूसरे प्रदेश से आए लोगों को हमने सहायता दी। 38 जिले संचारी रोगों से प्रभावित थे, आज इंसेफलाइटिस, डेंगू, मलेरिया नियंत्रण में है.
Apr 30, 2021 18 tweets 4 min read
8 चिरंजीवियों के अलावा कोई अमर तो है नहीं, लेकिन पता नहीं क्यों कुछ लोग इस बात को एकदम से भूल गए हैं और किसी के असामयिक निधन पर जश्न मनाने निकल पड़े हैं। उनमें से किसका कब, कहाँ और कैसे नंबर आ जाए, किसी को ज्ञात नहीं। फिर ये घमंड किस बात का?

1/18 इनमें से अधिकतर वही हैं, जिन पर हमारे संविधान ने दया बरसाई है। भीमा-कोरेगाँव वाला शरजील उस्मानी हो या फिर गर्भवती बता कर जेल से छोड़ दी गई दंगाई सफूरा जरगर, इनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं है। सफूरा ने तो 'बेसिक ह्यूमन डेसेंसी' को भी ताक पर रखने को कह दिया।
Feb 8, 2021 15 tweets 3 min read
1/14: आज प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में जो संबोधन दिया, उससे स्पष्ट हो गया कि देश के मूड को उनसे बेहतर कोई नहीं समझता है। उन्होंने शुरू किया इससे कि कैसे कोरोना के खिलाफ भारत ने जंग जीती और देश में रिकॉर्ड निवेश, विदेशी मुद्रा भंडार के रिकॉर्ड स्तर और स्टार्टअप्स के उदय की बात… …की। आँकड़े गिनाए। फिर विपक्षियों के प्रपंच पर धावा बोला और उनकी कह के ले ली। एक नेता के लिए ज़रूरी होता है कि वो हर मुद्दे पर पूरी तैयारी कर के आए और मोदीजी ने भी ऐसा ही किया। पिछले 3 महीने के प्रपंच पर 1 घण्टे में पानी फेर दिया।
Feb 6, 2021 20 tweets 4 min read
1/20: IPL के अलावा शायद ही अभी क्रिकेट देखता हूँ। मुश्किल से साल में एकाध मैच देख लिया। कारण है कि कॉलेज में पढ़ाई के अलावे का समय फिल्में देखने में जाता था और अब ड्यूटी के अलावा बाकी का समय इंटरनेट खा जाता है। देश-विदेश की अलग-अलग भाषाओं की फिल्में देखना तब भी पसन्द था, अब भी… …है। बात एक दशक पहले की है, 9वीं कक्षा से 10वीं में जाने वाला था। किताबें भी नई थीं। किताबों पर हम किसी अखबार का जिल्द लगाते थे और ऊपर से प्लास्टिक डाल कर स्टिच कर दिया करते थे।
Jan 21, 2021 21 tweets 4 min read
1/21: अली अब्बास जफर, सैफ अली खान और जीशान अयूब। जब इस तरह के नाम वाले 3 लोग किसी दृश्य के फिल्मांकन के लिए मिले होंगे, तो बात भगवान शिव की कैसे हो सकती है? हुई, तो इसका मतलब है कि सबकुछ जानबूझ कर हिंदुओं का अपमान कर के रुपए कमाने के मकसद से किया गया होगा। भगवान शिव 'Fuck' शब्द बोलते हैं। श्रीराम और शिव में झगड़ा हो रहा है। नारद जी JNU के देशद्रोहियों का बचाव कर रहे हैं। किस ग्रन्थ में लिखा है ऐसा?
Jan 20, 2021 18 tweets 3 min read
1/18: बायडेन और हैरिस के शपथग्रहण समारोह को देख रहे लोगों को पता चल रहा होगा कि अमेरिकी सरकार में ईसाई मजहब और बाइबिल का कितना महत्व है। वो लोग चर्च में प्राथनाएँ करते हैं, बाइबिल पर शपथ लेते हैं और उसके वाक्य दोहराते हैं। बड़ा 'कूल' है न ये सब। बड़ा ही 'Awwww' मोमेंट होता है… …न ये यहाँ की यंग जेन की भाषा में कहें तो? अमेरिका में कॉन्ग्रेस के सारे सदस्य चर्च में जाते हैं, साथ प्रार्थना करते हैं। कितना सुंदर लग रहा है न ये सब? चर्च, प्रेयर, फादर, क्रिसमस, कैथेड्रल, अपोस्टल - फ़किंग सो कूल वर्ड्स ना यार.. कितना अत्याधुनिक माहौल है!

भारत में?
Dec 25, 2020 21 tweets 5 min read
1/21: असहयोग आंदोलन वापस लेने के साथ ही गाँधीजी ने 200 लोगों को अंग्रेजों के हाथों क्रूर मौत के लिए छोड़ दिया था। फिर उन्हें बचाने के लिए एक ऐसा व्यक्ति सामने आया, जिसने वकालत कब की छोड़ दी थी। चौरी चौरा कांड के बारे में सभी को पढ़ाया जाता है। गोरखपुर में देवरिया हाइवे की तरफ… …स्थित है। फरवरी 1922 में यहाँ थाने में 22 पुलिसकर्मियों को जिंदा जला दिया गया था, जिसके बाद बिना कुछ देखे-सुने गाँधीजी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया और कहा कि भारत के लोग अभी स्वतंत्रता के लिए तैयार ही नहीं हैं। लेकिन, क्या सब कुछ वैसा ही था जैसा बताया गया?
Dec 24, 2020 13 tweets 3 min read
NYT: कितने आदमी थे?
LCH: यही कुल मिला कर कोई 73,000 रहे होंगे..

NYT: फिर भी आप 32 करोड़ की जनसंख्या वाले देश पर राज कर रहे हैं!
LCH: ये तो कुछ भी नहीं है। एक समय तो हम मात्र 10-15 हज़ार थे और हमें शासन करने में कोई दिक्कत नहीं आई।

NYT: ये सब कैसे संभव हुआ?

1/13 LCH: हमारे इम्पीरियल काउंसिल में अधिकतर भारतीय ही तो हैं। सारे के सारे हर बिल पर ब्रिटिश सरकार का समर्थन करते हैं। भारत के राजा और जमींदार लोग हमारी सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ते। हमारे लिए तमाम बलिदान करते हैं। प्रथम विश्व युद्ध शुरू हुआ तो हमने वहाँ के नेताओं के साथ बैठक की।…
Dec 3, 2020 14 tweets 3 min read
1/ 14: भारत की आज़ादी के बाद कई उद्योगपतियों ने देश की GDP बढ़ाने में योगदान दिया। टाटा-बिरला पहले से ही स्थापित थे, बाद में अंबानी भी आए। लेकिन, इन सबके बीच पाकिस्तान के सियालकोट को छोड़ कर दिल्ली आया एक ऐसा व्यक्ति भी था, जिसे भरण-पोषण को ताँगा चलाने को मजबूर होना... 2/ ...पड़ा, लेकिन उसने अपनी जिजीविषा से भारत में मसालों का इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा किया कि उसकी माँग दुनिया भर में बढ़ी। दिल्ली के करोल बाग और कीर्ति नगर में 1950 के दशक में स्थापित दुकानें 'महाशय दी हट्टी (MDH) के विस्तार का आधार बनीं।
Dec 1, 2020 23 tweets 5 min read
1/ 23: दिल्ली में जिस तरह की अराजकता चल रही है, उससे साफ़ है कि बात मुद्दे की न होकर मुद्दे को भटकाने की है। अभी तक सरकार ने एकदम इज्जत से पंजाब के 'किसानों' के साथ व्यवहार किया है क्योंकि अगर भाजपा अपने पर आ जाती तो ये लोग हरियाणा ही न पार कर पाते। यहाँ हिन्दुओं को... 2/ ...गाली दी जा रही है, 'जय हिंद' और 'भारत माता' को छोड़ कर 'अस्सलाम वालेकुम' की पैरवी हो रही है और जब उन्हें बातचीत के लिए बुलाया जा रहा है तो कह रहे हैं कि 32 संगठनों को क्यों बुलाया, 500 को बुलाओ।
Nov 30, 2020 23 tweets 4 min read
1/ 23: जब से ये 'किसान आंदोलन' शुरू हुआ है, तभी से देख रहा हूँ कि कुछ लोग खुद के करदाता होने का बखान करते हुए सभी किसानों पर एक समान रूप से गालियाँ बरसा रहे हैं। कोई कह रहा है कि वो मुफ्त का थोड़े न खाता है, रुपए देकर अनाज खरीदता है। कोई कह रहा है कि उनके दिए टैक्स के... 2/ ...रुपयों से किसानों के लिए फलाँ योजनाएँ बनती हैं। कोई कह रहा है कि उसने अपने फार्म में सब्जी उगाई है तो वो भी किसान है। कोई कहीं मुंबई में बैठ कर खुद के किसान परिवार से होने की दुहाई देकर कृषि पर राय दे रहा।
Nov 20, 2020 28 tweets 5 min read
1/ जब सारा देश ही वैदिक रीति-रिवाजों को भूल गया है, सूर्य षष्ठी हम बिहारियों का सबसे बड़ा महापर्व है। एक पूर्णरूपेण वैदिक त्यौहार। वैदिक देवता, प्राकृतिक ईश्वर की आराधना का #ChhathPuja. वेदों को ज़िंदा रखना है, इसीलिए छठ ज़रूरी है। कोई मूर्तिपूजा नहीं। किसी पंडित की... 2/ ...ज़रूरत नहीं। पुरुषों की ज्यादा आवश्यकता नहीं। महिलाएँ ही प्रभार में होती हैं, अधिकांश वही इस पर्व को करती हैं। महिलाओं की प्रधानता का प्रतीक है छठ। सामाजिक एकता को पुनर्जीवन देने का मौका है छठ। मूर्तिपूजा और पंडितों के बिना भी कोई बड़ी पूजा हो सकती है, इसका सबसे...