हमारे देश में मधुमक्खी पालन का कोई माई बाप नहीं है। मधुमक्खी पालन सड़क पर पलता हुआ गरीब का वह बच्चा है जो अपनी लगन और मेहनत से यदि बड़ा होकर कुछ बन गया तो उसका श्रेय समाज और सरकार को चला जाता है और 1/n
यदि वह उचित मार्गदर्शन के अभाव में बिगड़ गया या खराब हो गया तो उसका दोष लेने को कोई तैयार नहीं होता।
हमारा किसान कभी किसी से प्रेरित होकर या कभी मधुमक्खी पालन के बारे में कुछ अच्छा जानकर, सुनकर, निर्णय लेता है कि वह भी मधुमक्खी पालन की शुरुआत करे
और वह अपनी जमा पूंजी से मधुमक्खी के सौ-पचास बक्सों के साथ अपना मधुमक्खी पालन शुरू करता है।
खेती किसानी करने वाला किसान अपने क्षेत्र में पर्याप्त अनुभव लिए हुए होता है, साथ ही वह पशुपालन में भी पुराना जुड़ा हुआ होता है किंतु जब वह मधुमक्खी पालन शुरू करता है
तो उसके पास ट्रेनिंग का नितांत ही अभाव होता है। वह पहली बार ऐसे कीटों के साथ काम कर रहा होता है जो बहुत ही वैज्ञानिक तरीके से अपना काम करती है। उस एक आम किसान को पहली बार फ्लोरल कैलेंडर और पॉलिनेशन जैसे कांसेप्ट से वाबस्ता होना पड़ता है।
वह #Beekeeper इतना अकेला होता है कि किसी संकट के समय उसको राय देने वाले कोई अनुभवी लोग भी उसके आसपास नहीं होते। उसके मधुमक्खी पालन में कोई ऊंच-नीच हुआ तो उसे मार्गदर्शन देने वाले आस-पास कोई बड़ा बुजुर्ग अनुभवी किसान भी नहीं मिलता क्योंकि #Beekeeping सभी के लिए एक नया क्षेत्र है
सरकार ने मधुमक्खी पालन को हॉर्टिकल्चर विभाग के हवाले किया हुआ है और कृषि मंत्रालय से संबद्ध कर एक नेशनल बी बोर्ड का भी गठन किया हुआ है। नेशनल बी बोर्ड ट्रेनिंग का एक कार्यक्रम तो चलाता है किंतु वह पर्याप्त नहीं है।
जो भी ट्रेनर आता है वह किताबी ज्ञान के साथ यूरोपीयन स्टाइल में अपना ट्रेनिंग मैनुअल चलाता है। किसान जमीन पर जो प्रैक्टिस कर रहा होता है वह उसको ट्रेनिंग में सर्वथा छोड़देने केलिए कहा जाताहै और मैनुअल के अनुसार उससे आशा की जाती है कि वह विश्वस्तरीय नियमों को अपना ले।
अब बेचारा बीकीपर जिसने शौक में थोड़ी पूंजी निवेश करके beekeeping को अपनाया था वह अब कुचक्र में फंस जाता है।
यूरोप और अमेरिका से प्रेरित होकर हमारे ट्रेनर हमारे किसानों को जो विधि अपनाने को प्रेरित करते हैं वह महंगा और रिफाइंड होता है जो उसके मधुमक्खी पालन के खर्च को बढ़ा देता है
देखा गया है कि इस प्रकार के प्रशिक्षण देने वाले लोग भी किसी न किसी एक्सपोर्ट हाउस से जुड़े हुए होते हैं जो मधुमक्खी पालक को सिर्फ निर्यात करने लायक शहद निकालने को ही प्रेरित करते हैं।
मेरा मानना है कि हमें ऐसी ट्रेनिंग की आवश्यकता है जो हमारा मधुमक्खी पालक अपने परिवेश, अपनी निवेश के अनुसार करे और शुद्ध देशी कच्चा शहद निकालकर देश के अंदर ही खपत करे।
सरकारी फैसले हो रहे हैं लेकिन जमीन पर उतरते उतरते देर लगती है। उन फैसलों को इंप्लीमेंट करने वाले लोग असली मधुमक्खी पालक से कटे हुए लोग हैं। नेशनल बी बोर्ड का पुनर्गठन बहुत ही आवश्यक है अन्यथा इसी प्रकार का कोई नया बोर्ड गठित कर दिया जाए जो नए सदस्यों को लेकर
नई ऊर्जा के साथ जमीन पर सरकार के फैसलों को लागू करवाने में सहायक हो।
जिस प्रकार से प्रधानमंत्री राहत कोष में सुधार की कोई गुंजाइश ना देखते हुए सरकार ने पीएम केयर्स फंड का गठन किया उसी प्रकार से नेशनल बी बोर्ड जैसे सफेद हाथी को हाशिए पर डाल देना चाहिए उनका बजट समाप्त कर देना चाहिए
और एक नई बॉडी का गठन करना चाहिए।
सरकार मधुमक्खी पालन के ट्रेनिंग क्षेत्र पर विशेष ध्यान दे और अधिक ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाए तथा ऊर्जावान एवं क्षमतावान ट्रेनर पैदा करे।
बेहतर हो कि मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे किसानों को ही प्रशिक्षित कर उन्हें ट्रेनर बनाया जाए।
🐒🐒🐒🐒🐒एक दिन जंगल में एक चीता सिगरेट का कश लगाने ही वाला था कि अचानक
चूहा वहां आया और बोला,
"भाई छोड़ दो नशा,
जिंदगी बहुत कीमती है,
आओ मेरे साथ, देखो जंगल कितना खूबसूरत है।
"चीता चूहे के साथ चल दिया।
आगे हाथी कोकीन ले रहा था,
चूहा फिर बोला, "भाई छोड़ दो नशा,
जिंदगी बहुत कीमती है,
आओ मेरे साथ,देखो जंगल
कितना खूबसूरत है।
"हाथी भी साथ चल दिया।
आगे बंदर हुक्का पी रहा था ,
चूहा फिर बोला, "भाई छोड़ दो नशा,
जिंदगी बहुत कीमती है,
आओ मेरे साथ,
देखो जंगल कितना खूबसूरत है।
"बंदर भी साथ चल दिया।
आगे शेर व्हिस्की पीने की तैयारी कर रहा था,
चूहे ने उसे भी वही कहा।
शेर ने ग्लास साइड पर रखा और चूहे को 5-6 थप्पड़ मारे
हाथी बोला : अरे क्यों मार रहे हो इस बेचारे को ?
शेर बोला , "ये साला रोज़ भांग पीकर ऐसे ही
सबको पूरी रात जंगल घुमाता है।
Time-tested Home Remedy for Cholesterol Management
The remedy helps in reversal of artery blockage(s).
To prove its worth, initially we measure lipid parameters in the blood at short regular intervals. Once it’s worth proven, the monitoring may be done at six month intervals.
Ingredients: Apple cider (Apple vinegar), Lemon juice, Garlic juice, Ginger juice and Honey.
Procedure: Take 1 cup juice each of apple cider, lemon juice, garlic juice and ginger juice in a steel pan ( bhagona ).
Mix well and heat it on a slow fire to reduce the volume. Stir it occasionally. The original volume of 4 cups should be reduced to 3 cups. Switch off the heat and allow the mixture to cool down. Next, add 3 cups of honey to the mixture and mix well.
🍯 शहद खाने के तरीके और लाभ :
शहद पिछले 8000 सालों से हमारे भोजन और उपचार में प्रयोग हो रहा है. शहद खाने के फायदे और स्किन पर लगाने के फायदों की जानकारी, साथ ही लाभ और प्रयोग का तरीका पढ़ें इस लेख में.
🍯- शहद में आयरन, कैल्सियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, सोडियम और जिंक आदि खनिज तत्व पाए जाते है. शहद याददाश्त तेज करता है, कमजोर तंत्रिका तंत्र को ठीक करता है.
🍯– शहद का नियमित सेवन खोई हुई शक्ति वापस लौटाता है. शहद शरीर को सुन्दर, स्फूर्तिवान, बलवान, दीर्घजीवी और सुडौल बनाता है.
🍯– शहद कामशक्ति वर्धक माना गया है. इसका सेवन पुरुषों में Testosterone और महिलाओं में Estrogen हार्मोन बनाने के प्रक्रिया को तेज करता है.
भारतीय समाज मे यह मान्यता ज्यादा देखने को मिलती है के शहद का जमना उसमे मिलावट की निशानी है । किन्तु यह पूर्णतः गहत धारणा है।
शहद का जमना एक कुदरती प्रक्रिया है। शुद्ध शहद भी जम सकता है। ( crystallized ) हो सकता है ।
शहद का जमना इस बात पर निर्भर करता है की शहद का स्रोत क्या है। अर्थात कौन से फूलो के रस से मधुमक्खी ने शहद का निर्माण किया है । शहद के अंदर प्राकृतिक रूप मे ग्लूकोज़ ओर फ्रुक्टोज जेसी शर्कराए होती है । शहद का जमना उसके अंदर रहे हुए ग्लूकोस की मात्रा पर निर्भर करता है ।
जिन फूलो के रस में प्राकृतिक रूप से ग्लूकोज़ की मात्रा अधिक होती है, उनके रस से अगर मधुमक्खी शहद का निर्माण करती है तो उस शहद में जमने का गुणधर्म ज्यादा रहेगा । प्राकृतिक रूप से oil seeds वाली वनस्पति के फूलो से अगर मधुमक्खी शहद बनती है तो उसमें जमने का गुण अधिक होता है ।
जामुन के बीज में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और कैल्शियम पाया जाता है। जामुन के इन्हीं गुणों के कारण हम आपको बताने जा रहे हैं जामुन से जुड़े कुछ खास नुस्खे जो रोगों में रामबाण की तरह काम करते हैं।
- गठिया के उपचार में भी जामुन बहुत उपयोगी है। इसकी छाल को खूब उबालकर बचे हुए घोल का लेप घुटनों पर लगाने से गठिया में आराम मिलता है।
-गले के रोगों में जामुन की छाल को बारीक पीसकर सत बना लें। इस सत को पानी में घोलकर 'माउथ वॉश' की तरह गरारा करना चाहिए। इससे गला तो साफ होगा ही, साँस की दुर्गंध भी बंद हो जाएगी और मसूढ़ों की बीमारी भी दूर हो जाएगी।