➡️ देश के प्रीमियम रूट्स पर चलने वाले ट्रेन को निजी कंपनी को दे दिया जाएगा
➡️ ट्रेन के लोको पायलट तो सरकारी होंगे, लेकिन उनके साथ बैठेंगे निजी कंपनी के अधिकारी
➡️ निजी कंपनी के अधिकारी ये सुनिश्चित करने की उनकी ट्रेन समय से चले १/n
➡️निजी कंपनी की ट्रेन का किराया महंगा किया जाएगा और दूसरे ट्रेन को लेट कर के समय से पहुंचाया भी जाएगा
➡️क्यूंकि निजी ट्रेन समय से पहुंचेगी और सरकारी ट्रेन देर से,लोग सरकारी वाले को गाली देंगे २/n
➡️ फिर सरकार और भी ट्रेन का अच्छे सर्विस के नाम पर निजीकरण कर देगी, और गरीब और असहाय लोगों के लिए और काम साधन बचेंगे ३/n
जो अभी निजीकरण के नाम पर खुशी से गरबा कर रहे हैं, उनको भी इस बात का समय के साथ एहसास हो जाएगा। लेकिन तबतक उनका कट चुका होगा। ४/n
जवाब है नहीं।
दिल्ली मेट्रो का उदाहरण ले लीजिए। वर्ल्ड क्लास सर्विस के साथ सरकार को मुनाफा भी दे रही है। लेकिन कुछ निजीकरण के गिद्ध उसपर भी अपनी दृष्टि जमाए हुए हैं।
जरूर रिफॉर्म की है, निजीकरण की नहीं। ५/n
नहीं तो रेलवे और बैंक के भी वही परिणाम होंगे, जो कि स्कूल और हॉस्पिटल के निजीकरण से हुआ है। आम लोगों के पहुंच से बाहर हो जाएगा रेलवे और बैंक।
#Stop_Railway_Privatization
#StopPrivatization