अशोक के अभिलेख पर जो " लुंमिनि " लिखा है, फाहियान ने जिसे " लुंमिन " कहा है और जिसे
2)
लुंमिनि, लुंबिनी, रुम्मिन आदि एक ही शब्द के परिवर्तित रूप हैं।
3)
स्तंभलेख से कुछ कदमों पर पूजा- स्थल है। पूजा - स्थल पर बुद्ध की जन्मकथा को
4)
रुम्मिन देई की मूर्ति जीर्ण - शीर्ण है। यह मूर्ति बुद्ध की जन्मकथा का प्रतिनिधित्व करती है। मूर्ति में सबसे दाहिने रुम्मिन देई की मूर्ति है। रुम्मिन देई अपने दाहिने हाथ से शाल वृक्ष की शाखाओं को पकड़ी हुई हैं।
5)
मूर्ति अशोक काल की है। मूर्ति में जो पीलापन लिए पत्थर लगे हैं, वहीं पत्थर अशोक के रुम्मिनदेई स्तंभ में भी है।
रुम्मिन देई की विशेष पूजा नेपाली महीने के बैसाख में पूर्णिमा के दिन की जाती है। सभी सबूत बताते हैं कि वर्तमान की रुम्मिन देई
6)
अशोक काल में बनी बुद्ध की माँ लुंमिनि की यह मूर्ति है।
7).
.....RP Singh..
#Prem_Prakash