In keeping with the times and technology, the thirst of rural India and its quenching will now be monitored by the #JalJeevanMission through a smart rural water supply ecosystem that will reach every village of the country.
Putting our best initiatives like #DigitalIndia, #MakeInIndia and #AatmaNirbharBharat to optimum use, this digitally enabled water supply infrastructure will help in near real-time monitoring and evidence-based policymaking.
An ICT challenge will be launched to bring an innovative, modular, and cost-effective solution to develop a ‘Smart Water Supply Measurement and Monitoring System’ to be deployed at the village level.
This ICT challenge will be held in association with the Ministry of Electronics & Information Technology (@GoI_MeitY) inviting our Indian Tech start-ups, MSMEs, Indian Companies & Indian LLPs.
वर्ष 2009-2014 में गेहूं की खरीद में MSP के हिसाब से लगभग 168201 करोड़ रुपये खर्च किए गए, वहीं 2014-2019 में लगभग 239183 करोड़ रुपये की खरीद हुई, यानि 42% की बढ़ोतरी।
वर्ष 2009-14 में धान की खरीद में MSP के हिसाब से लगभग 206058 करोड़ रुपये खर्च किए गए, वहीं 2014-19 में लगभग 414447 करोड़ रुपये की खरीद हुई, यानि 101% की बढ़ोतरी।
वर्ष 2009-14 में दलहन की खरीद में MSP के हिसाब से लगभग 644 करोड़ रुपये खर्च किए गए, वहीं 2014-19 में लगभग 30,880 करोड़ रुपये की खरीद हुई, यानि 4689% की बढ़ोतरी।
आज लघु उद्योग भारती जोधपुर अंचल द्वारा औद्योगिक संगठनों और जोधपुर के प्रमुख बैंकों के प्रतिनिधियों संग सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए राहत पैकेज पर विस्तृत चर्चा हुई।
देश में पहली बार एमएसएमई को इतने वृहद स्तर पर आर्थिक प्रोत्साहन दिया गया है।
केंद्रीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को राहत देते हुए रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कटौती की है। लोन के भुगतान के लिए भी अगस्त के महीने तक मॉरेटोरियम की घोषणा हुई है।
गत 23 मई को चुरू में थाना प्रभारी विष्णु दत्त विश्नोई, 29 मई को दौसा में हैड कांस्टेबल गिरिराज और अब जैसलमेर (पोकरण) में कांस्टेबल मायाराम मीणा ने आत्महत्या जैसा कष्टमय कदम उठाया है।
पिछले 9 दिनों में प्रदेश के 3 पुलिस कर्मियों द्वारा आत्मदाह का समाचार सीधा प्रदेश की कानून व्यवस्था के संचालन से जुड़ा है। यह गंभीर चिंता का विषय है।
पुलिस प्रशासन से जनता को सुरक्षा का संबल मिलता है।
पुलिस के जवान और अधिकारी स्वयं को असुरक्षित महसूस क्यों कर रहे हैं? इस पर राज्य सरकार को रुख साफ करना पड़ेगा। सिर्फ जांच की बात कह कर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना उचित नहीं।