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Aug 31, 2020 15 tweets 6 min read Read on X
Customer Service is the key to survive for PSBs

The thread is a little long but could be useful in the context of enhancing the customer service standards in branch banking specifically for PSBs..

Out of my 13+ yrs of experience with three different kind of banks..

#SavePSB
I have no shame to accept the fact that PSBs are far below in customer service standards in banking. Data and reports may differ but it's an outcome of my banking experience.

You may get a clue n a way to act on for the survival of PSB status of (y)our bank n #StopPrivatisation
Even though after 1994, entry of big pvt banks in the banking, the PSBs have started to understand the essence of customer service but still there is a long way ahead..

It took time to realise d competition they have from pvt players to retain elite customers..

#SavePSB
And it's not the front line staff alone who is responsible for it, but the Bank Management too, who asks the number of slips in a branch in place of the customer base when a Branch Manager requests manpower..

PS: PSBs have highest ratio of customers per employee..

#SavePSB
This Bank Management thinks that branches should work like a robot to post transactions n at the same time, expects the branch to meet business development targets too..

All burden of customer service n the business development lies on the shoulders of BM alone..

#SavePSB
Why I quoted 'BM alone' bcoz other staffs are already burdened with transactions workload that they could not contribute for the business development and the growth of the branch as a whole.

For PSB, good Customer Service alone can easily attract business devlopment..

#SavePSB
It's high time, we should understand that goverment policies are in favor of a small number of large PSBs and to privatise loss making small PSBs..

And the branch banking people are the front line runners to fight with the survival task of PSBs..

#SavePSB
#StopPrivatisation
Anyways, it's about the problem and the firstmost solution to the problem is providing adequate manpower at branches..

And bank management #YouFailedBankers with your robotic approach to manpower..And the responsibility lies to you if privatisation is staring at us..

#SavePSB
But we should not loose hope and Let us talk about the solution with the limited human resources..

1.  Your smile and politeness is the key.. whatever may be workload on you, if you gets a smile in reply of ur smile, it makes ur day..

#SavePSB
2.  Start making relationships with the customer by giving them best of services.. Relationship based banking is the sole future in banking ahead, it's needed to understand this fact..

#SavePSB
3.  A readymade customer base is available to you. We just need to enrich it and take these customers to the level of customer delight.. you can use any of methods to reach out to them from Whatsapp boradcast list, mailing lists etc etc..

#SavePSB
4.  This enriched database is readily available to you for sourcing references, you can design one feedback format and carve out reference from them for developing business of the branch..This will boost the image of the branch also and will earn you a good buainess.

#SavePSB
5.  Identify some current accounts who are already having a very good turnover with your branch so far, offer them WC limits under Mudra or other schemes of your bank..This gives a very good msg to the region and warna you fresh current accounts with quality..

#SavePSB
6.  Never ever let any AGENT enter in ur branch. Accept proposals and the documents for loan by customer ONLY or any of family member..

7.  Generate the list of HNI customers and distribute it department wise among the officers of your branch for garnering relationship with them.
All of these are just indicative list of activities which we can do to make a happy customer base in our branch and a feel good atmosphere at branch too.. I may have missed some and you may have something to contribute too which is welcome..🙏🏻🙏🏻

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More from @BankHallOfShame

Sep 25, 2020
*❀ दूसरों को सही-गलत साबित करने में ❀*
*✦जल्दबाजी न करें✦*

*एक प्रोफेसर, अपनी क्लास में कहानी सुना रहे थे, जो कि इस प्रकार है –*

*एक बार समुद्र के बीच में एक बड़े जहाज पर बड़ी दुर्घटना हो गयी। कप्तान ने, शिप खाली करने का आदेश दिया,
जहाज पर एक युवा दम्पति था, जब लाइफबोट पर चढ़ने का नम्बर युवा दम्पति का आया, तो देखा गया नाव पर केवल एक☝️ व्यक्ति के लिए ही जगह है, इस मौके पर आदमी ने औरत को छोड़ दिया और नाव पर कूद गया।*
*डूबते हुए जहाज पर खड़ी औरत ने जाते हुए अपने पति से चिल्लाकर एक वाक्य कहा।*
*अब प्रोफेसर ने रुककर अपने सभी स्टूडेंट्स से पूछा:- तुम लोगों को क्या लगता है, उस स्त्री ने अपने पति से क्या कहा होगा?*
*ज्यादातर विद्यार्थी फ़ौरन चिल्लाये की, स्त्री ने कहा होगा, मैं तुमसे नफरत करती हूँ ! I hate you !*
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Sep 19, 2020
*निवाला*

बड़ी बेचैनी से रात कटी।
बमुश्किल सुबह एक रोटी खाकर, घर से अपने शोरूम के लिए निकला।
आज किसी के पेट पर पहली बार लात मारने जा रहा हूँ।
ये बात अंदर ही अंदर कचोट रही है।
ज़िंदगी में यही फ़लसफ़ा रहा मेरा कि, अपने आस पास किसी को, रोटी के लिए तरसना ना पड़े,
पर इस विकट काल मे अपने पेट पर ही आन पड़ी है।
दो साल पहले ही अपनी सारी जमा पूंजी लगाकर कपड़े का शोरूम खोला था,मगर दुकान के सामान की बिक्री अब आधी हो गई है।अपने कपड़े के शोरूम में दो लड़के और दो लड़कियों को रखा है मैंने ग्राहकों को कपड़े दिखाने के लिए। लेडीज
डिपार्टमेंट की दोनों लड़कियों को निकाल नहीं सकता। एक तो कपड़ो की बिक्री उन्हीं की ज्यादा है, दूसरे वो दोनों बहुत गरीब हैं। दो लड़कों में से एक पुराना है, और वो घर में इकलौता कमाने वाला है।
जो नया वाला लड़का है दीपक, मैंने विचार उसी पर किया है। शायद उसका एक भाई भी है,
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Sep 15, 2020
हमारे बैंकर दोस्त @SinghForSewa03 जी की डायरी के कुछ पन्ने आपको प्रस्तुत कर रहे।
ये प्रसंग एक ग्रामीण क्षेत्र की शाखा के रोकड़िया और प्रधान के बीच की वार्ता का है।
प्रधान जी: कैशियर साहब नमस्कार
कैशियर: नमस्कार प्रधान जी.. बताएं
प्र. जी: सर मेरे गांव से एक माता जी नगद भुगतान के लिए आईं थी अभी, आपने मना कर दिया नगद देने से (माताजी तमतमाए हुए पीछे बैठी थी)
कै.: प्रधान जी ये 2017 से नहीं खाता में कोई लेन देन नहीं की थीं तो खाता निष्क्रिय हो गया है। KYC करना होगा, मैंने इनको बता दिया है। आज ये कोई दस्तावेज
नहीं लाई है तो संभव ना हो पाएगा।

प्र. जी: राशन कार्ड तो है।
कै.: राशन कार्ड तो मान्य दस्तावेज़ नहीं है।

प्र. जी: इतना दूर गांव है कैशियर साहब खाली परेशान कर रहें हैं थोड़ा" मानवीय तौर" पर भी हो सकता है। आप भुगतान कर दीजिए मैं कल KYC भिजवा दूंगा। (गांव से शाखा सात km दूर है
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Sep 13, 2020
पिछले कुछ दिनों से बैंकरों पे होने वाली शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना से परेशान हो कर सोचते सोचते मै नोटaबंदी के समय में पहुंच गया। उस समय भी बैंकरों को 52 दिनों तक आर्थिक मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना के दौर से गुजरना पड़ा था। और उस त्याग के बदले इनाम स्वरूप इस योजना की विफलता का
श्रेय हम बैंकरों को ही दिया गया।
हालांकि व्यक्तिगत रूप से मैं इस योजना का पक्षधर था और ये मानता था कि इसके सही कार्यान्वयन से काले धन के ऊपर करारा आघात किया जा सकता है। इस योजना के विफल होने से तमतमाई सरकार, अर्थशास्त्री और सारे एजेंसी ने आनन फानन में जैसे एक आसान शिकार समझ कर
बैंकरों के विरूद्ध जमकर कार्रवाई करी। कई बैंकरों पे केस दर्ज़ हुआ सज़ा भी हुई। परन्तु किसी ने भी इस विफलता के असली कारणों को जानने का प्रयास नहीं किया।
मैं कोई अर्थशास्त्री या जांच एजेंसी वाला तो नहीं हूं लेकिन प्रैक्टिकली जो दिखा और जो मुझे समझ आया आज उसे बताने की कोशिश कर रहा।
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Sep 12, 2020
नमस्कार दोस्तों
दोस्तों आज मैं कुछ दिन पहले घटी एक ऐसी घटना का ज़िक्र करना चाहता हूं जिसने मेरी अंतरात्मा को झकझोर के रख दिया और मुझे ये सोचने पे मजबूर कर दिया के हम किस दिशा में चल रहे हैं। शनिवार रविवार की छुट्टी थी तो पापा बोले के चलो गांव घूम आते है जो मेरे घर से क़रीब
नब्बे km ही है। पुरखों की अर्जित किए हुए खेत हैं थोड़े जिसपे इस वक़्त धान रोपाई की हुई है। वैसे तो मेरा मन बिल्कुल भी नहीं था जाने का लेकिन पापा तो पापा ठहरे हो गए शुरू के तुमको अपने ज़मीन का खेत का पता होना चाहिए कहां है कितना है और bla bla तो भई इतना सुनने के बाद शनिवार को हम
पहुंचे गांव। यहीं पर मुझे वो शख्स मिला जिसने एक सवाल से मेरी बोलती बंद कर दी मैं बिल्कुल निरुत्तर हो गया। आज भी उसके उस सवाल का जवाब ना ढूंढ पाया तो ये सोच कर आप सब से शेयर करना चाहता हूं के शायद कुछ बोझ हल्का हो जाए। हालांकि हमारे खेत खलियन अच्छे खासे है सालों पहले हमारे
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Sep 11, 2020
अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए एक और लेख हमारे बैंकर भाई @R3_QuadrilaterL की कलम से #चतुर्भुज_का_चश्मा👓

अच्छे से याद है , बारिश बहुत कम हुई थी उस साल में , दिन 22 जुलाई 2012.

जिला रायगढ़ के पास 50 किमी दूर सारंगढ़ तहसील ।
नई नई जोइनिंग थी ,जोश लबालब भरा था ।
फिर क्या बस पकड़ी और निकल लिए ।
अपना मन भी साहब बना हुआ था, भाई सरकारी नौकरी ग्रामीण बैंक में , ऑफिसर वाली , कहाँ मिलती है इतनी आसानी से ?
पर पता नहीं था जोश ठंडा होने वाला है , जैसे ही यात्रा समाप्त हुई , बस स्टैंड पे उतरे अगल बगल का माहौल देखा ,कीचड़ वाली रोड और एक
धूल भरी हवा का तेज़ चमाट पड़ा मानो जैसे तेज़ नींद से उठा दिया हो ।

हिम्मत करके हमने भी पता पूंछा, मन ही मन सोचा अरे कोई नहीं शहर का क्या? शाखा मस्त होनी चाहिए ।
दिल को मानते हुए चल दी पैदल पास ही पूंछताछ करने के बाद गंतव्य स्थान पहुँचे ।
शाखा में एंट्री, मानो जैसे खुद को
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