अवमानना के डर से मी-लॉर्डो की मनमानी हम नहीं चलने दे सकते!
१) सलमान खान को जज ने केवल दो घंटे में बेल दे दिया था। सेवानिवृत्ति के बाद उस जज साहब ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन किया थ।
२) तीस्ता सीतलवाड़ को कांग्रेसी वकील कपिल सिब्बल के एक फोन पर जज साहब ने दे दी थी जमानत।
४) जज साहब की पत्नी गौतम नवलखा के साथ मिलकर एक्टिविज्म करती थी, इसलिए उसकी गिरफ्तारी रोकने के लिए जज साहब सुबह 6 बजे कोर्ट लगाकर बैठ गये थे।
५) बकैत रवीश कुमार के दुष्कर्म आरोपी भाई की गिरफ्तारी रोकने के लिए जज साहब को कांग्रेस के छह बड़े वकीलों ने गलत सूचना दी, और बिना जांच कराए मी-लॉर्ड ने उसकी गिरफ्तारी रोक लगा दिया।
६) फेक न्यूज फैलाने वाले 'द वायर' के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन की पत्नी नंदिनी सुंदर को हत्या मामले में अदालत तब तक गिरफ्तारी से बचाती रही, जब तक कि छत्तीसगढ़ में सरकार नहीं बदल गयी, और कांग्रेस की नवगठित सरकार ने नंदिनी पर दर्ज हत्या के मामले को निरस्त नहीं कर दिया।
७) अर्णव गोस्वामी को जब जमानत देना ही नहीं था, निचली अदालत ही भेजना था तो हाईकोर्ट ने तीन दिन तक समय बर्बाद क्यों किया?