सउदी अरब के एक प्रोफेसर का कथन है कि- भारत स्वयं टूट रहा है, वहाँ इस्लाम तेज गति से बढ़ रहा है और हर वर्ष हजारों मुसलमान पुलिस, सेना और राज्य शासन व्यवस्था में आ रहे हैं और भारत में इस्लाम का विस्तार हो रहा है I

आज भारत विध्वंस के कगार पर है। जिस प्रकार किसी राष्ट्र को
उठ कर बनने में कई वर्ष लगते हैं, उसी प्रकार उसके ध्वंस होने में भी वक्त लगता हैं I

भारत एकदम रातों रात समाप्त नहीं होगा। इसे धीरे-धीरे समाप्त किया जाएगा। हम मुस्लिम उस पर बहुत गंभीरता से काम कर रहे हैं पूरे विश्व में निश्चय ही भारत नष्ट कर दिया जाएगा I

भारत के हिन्दुओं की
स्थिति जल्द ही इराक के यजीदियों की भांति हो जाएगी। जो इस्लाम से सैकड़ों साल पहले से इराक में रहते थे,और मुस्लिम बढ़ने से आज अपने ही देश में प्रताड़ित हैं। या ईरान के पारसियों की तरह जिनका इस्लाम आने पर वहां समूल नाश कर दिया गया।

भारत में अब जो बच्चे जन्म ले रहे हैं, उनमें
मुस्लिमों की जन्म दर अधिक है और हिन्दूओ की कम ।यानि मुसलमानों ने हिन्दुओं को बच्चों की जन्म दर में पछाड़ दिया है।

इस हिसाब से 2050 तक भारत में मुस्लिम बहुसंख्यक हो जायेंगे। तब भारत को मुस्लिम राष्ट्र होने से कोई नहीं रोक पाएगा, क्योंकि वह तुरंत दंगा -फसाद, आगजनी पर उतर आएंगे l
हिंदुओं को मार मार के निकाल देंगेl यजीदियों और पारसियों की तरह
आज मुसलमानों की आबादी सरकारी आकड़ों के हिसाब से लगभग 20% के आसपास है, लेकिन असल में ये 25% से पार कर चुके हैं।
सरकारी आंकड़े गलत हैं क्योंकि मुस्लिम जनगणना के समय जानबूझकर अपनी असल संख्या को छुपा लेते हैं व दर्ज नहीं
कराते।ताकि उनकी जनसंख्या का उनका हथियार छुपा रहे, ताकि काफिर जागरूक न होने पाए
अधिकतर मुस्लिम मोहल्लों में जनगणना कर्मियों को घुसने ही नहीं दिया जाता, कुछ जगहों पर उन के साथ मार पीट भी होती है। जहाँ पर जनगणना हो पाती है वहां मुस्लिम अपने बच्चों की संख्या कम बताते हैं, अक्सर
वे केवल लड़को की ही संख्या बताते हैं।
भारत में सेकुलरिज्म के नाम पर बहुत बड़ा धोखा किया जा रहा है, लेकिन दुर्भाग्य यह है कि हिंदू अभी भी बहुत गहरी नींद में सोए हुए है, पता नहीं क्यों हिंदू कश्मीर की तरफ नहीं देखता है अपने ही देश मेंlजहां से हिंदुओं को अपनी पूरी संपत्ति लड़कियां
बच्चियां औरतें छोड़कर भागना पड़ाl
भारत में सेकुलरिज्म भी तभी तक है, जब तक की हिन्दू बहुसंख्यक है।हिन्दूओं के अल्पसंख्यक होने पर परिणाम क्या होगा। ये हम अफगानिस्तान पाकिस्तान व बांग्लादेश के लुप्तप्राय हिन्दुओं के आकड़ों से समझ सकते हैं।या जो आज ब्रिटेन,फ्रांस,वीडन, नॉर्वे में
जो हो रहा है उसे देखकर
हिंदू चुंकि इस मुद्दे पर बिल्कुल बोलता, कन्नी काट लेता है, खामोश रहता है, सेक्युलर बन खुद को महान दिखता है,इसलिए हमारा हश्र बहुत भयानक होना लगभग तय हैl
पाकिस्तान व बांग्लादेश को छोड़िये, वर्तमान कश्मीर से ही सीख ले लीजिये।
अन्य राज्य केरल, बंगाल, उत्तर
प्रदेश के मुस्लिम बहुल इलाकों का अवलोकन करें,जहां मुस्लिम क्षेत्रों से लगी हिन्दू बस्तियों से काफिरों को लगातार पलायन करना पड़ा रहा है I
कभी अपने ही शहर की मुस्लिम आबादी वाली बस्ती में जाकर देखिएगा आप की सांस ऊपर की ऊपर रहेगी नीचे नीचे रह जाएगी इन घूरती हुई नजरों के बीच मेंl
इसके अलावा, जाम्बिया व मलेशिया आदि देशों के भी उदाहरण मौजूद हैं।जैसे ही मुसलमान बहुसंख्यक हुए ये सेक्युलर देश इस्लामिक देश घोषित कर दिए गए
लंदन, स्वीडन, नार्वे, फ्रांस के उदाहरण तो मौजूद हैं रोज हिंसा हो रही है वहां पर
कभी सोचिए क्यों हो रहा है? कौन कर रहा है? क्या उद्देश है?
एक ही उद्देश्य है, दुनिया में इस्लाम लाना और यह उनकी चाल का एक हिस्सा है,कि इतना दहशत पैदा करो लोगों में, इतना खौफ पैदा कर दो उनके दिलों में कि उनकी बोलने की हिम्मत ही ना पड़े कुछ बोल ना पाए
आप समझ लीजिए यह लोग दिन में 5 बार मस्जिद मे नमाज़ के नाम पर इकट्ठा होकर आप के खिलाफ ही
साजिश कर रहे हैं I दिन में 5 बार आप को खत्म करने की कसमें ले रहे हैं
इसलिए शतुर्मुर्ग की तरह आँख और मुंह बंद कर लेने से संकट नहीं टलेगा । अब वक्त आ गया है कि हम अपनी आंखें भी खोलें और अपने मुंह भी खोलें और जागरूक रहें लोगों को जागरूक करें
कहीं ऐसा ना हो कि बहुत देर हो जाए
वक्त बहुत कम है
सोचिये और समझिए
क्या करोगे हिन्दुओं इतनी संपत्ति कमाकर?
एक दिन पूरे काबूल (अफगानिस्तान) का व्यापार सिक्खों का था, आज उस पर तालिबानों का कब्ज़ा है
सत्तर साल पहले पूरा सिंध सिंधियों का था, आज उनकी पूरी धन संपत्ति पर पाकिस्तानियों का कब्ज़ा है |एक दिन पूरा कश्मीर
धन धान्य और एश्वर्य से पूर्ण पण्डितों का था, तुम्हारे उन महलों और झीलों पर आतंक का कब्ज़ा हो गया और तुम्हे मिला दिल्ली में दस बाय दस का टेंट
एक दिन वो था जब ढाका का हिंदू बंगाली पूरी दुनियाँ में जूट का सबसे बड़ा कारोबारी था,आज उसके पास सुतली बम भी नहीं बचा
ननकाना साहब, लवकुश का
लाहोर, दाहिर का सिंध, चाणक्य का तक्षशिला, ढाकेश्वरी माता का मंदिर देखते ही देखते सब पराये हो गए | पाँच नदियों से बने पंजाब में अब केवल दो ही नदियाँ बची | -यह सब किसलिए हुआ.? केवल और केवल असंगठित होने के कारण, इस देश के मूल समाज की सारी समस्याओं की जड़ ही संगठन का अभाव है |

आज भी
इतना आसन्न संकट देखकर भी बहुतेरा समाज गर्राया हुआ है | कोई व्यापारी असम के चाय के बागान अपना समझ रहा है, कोई आंध्रा की खदानें अपनी मान रहा है | तो कोई सूरत का सोच रहा है ये हीरे का व्यापार सदा सर्वदा उसी का रहेगा |

कभी कश्मीर की केसर की क्यारियों के बारे में भी हिंदू यही सोचा
करता था | तू अपने घर भरता रहा और पूर्वांचल का लगभग पचहत्तर प्रतिशत जनजाति समाज विधर्मी हो गया | बहुत कमाया तूने बस्तर के जंगलों से आज वहाँ घुस भी नहीं सकता |
आज भी आधे से ज्यादा समाज को तो ये भी समझ नहीं कि उस पर संकट क्या आने वाला है? बचे हुए समाज में से बहुत से अपने आप को
सेकुलर मानता है| कुछ समाज लाल गुलामों का मानसिक गुलाम बनकर अपने ही समाज के खिलाफ कहीं बम बंदूकें, कहीं तलवार तो कहीं कलम लेकर विधर्मियों से ज्यादा हानि पहुंचाने में जुटा है
ऐसे में पाँच से लेकर दस प्रतिशत ही बचता है जो अपने धर्म और राष्ट्र के प्रति संवेदनशील है, धूर्त सेकुलरों ने
उसे असहिष्णु और साम्प्रदायिक करार दे दिया|

इसलिए आजादी के बाद एक बार फिर हिंदू समाज दोराहे पर खड़ा है | एक रास्ता है, शुतुरमुर्ग की तरह आसन्न संकट को अनदेखा कर रेत में गर्दन गाड़ लेना तथा दूसरा तमाम संकटों को भांपकर सारे मतभेद भुलाकर
संगठित हो संघर्ष कर अपनी धरती और संस्कृति बचाना
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4 Dec
ये इस्लामी मुल्क स्टाइल धरना प्रदर्शन है !
और मोदी को मिले बहुमत का दादागीरी से दमन है

जब से हिंदुत्ववादियों की सरकार सत्ता में आई है धरना प्रदर्शन का एक नया ट्रेंड देखने को मिला है

ये ट्रेंड है. धरना लंबा खींचो। सड़कों को जाम करो.लोगों को परेशान करो और सरकार पर लाठीचार्ज या
गोलियां बरसाने का दबाव डालो

ये ट्रेंड पूरा इस्लामी मुल्कों और मिडिल ईस्ट के देशों से इम्पोर्ट (आयातित) किया गया है
इसकी शुरुआत हुई थी तहरीर चौक से। तहरीर चौक के बाद पूरे मिडिल ईस्ट और अफ्रीका के मुस्लिम देशों में जैस्मिन रिवॉल्यूशन हुआ और बड़े बड़े तानाशाहों की सत्ता उखड़ गई
इसके बाद तहरीर चौक टाइप का प्रोटेस्ट पाकिस्तान के नेताओं ने भी इंपोर्ट कर लिया

पाकिस्तान में भी बार-बार इस तरह के धरना प्रदर्शन होते हैं जब एक एक महीने के लिए पार्टियों के नेता इस्लामाबाद घेरकर बैठ जाते हैं
भारत में भी शाहीनबाग में तहरीर चौक से ही प्रेरणा ली गई थी
विरोध
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29 Nov
सनातनी भाई बहनों, आप जानते हो मुस्लिम सलवार क्यों पहनते है?
कुर्ते के साथ पायजामा पहना जाता है लेकिन पठानी कुर्ते और सलवार की जोड़ी क्यों है, हिन्दू वीरों की ये गौरव गाथा जानिए

मेरे सनातनी भाई बहनों
मुस्लिमों के रोज रोज के झगड़ों और औरतों व् बच्चों पर अत्याचारों से परेशान
होकर महाराजा रणजीत सिंह के सेनापति हरी सिंह नलवा ने उनको उनकी औकात बताने के लिये अफगानिस्तान पर आक्रमण कर दिया।
मुस्लिमों को गाजरमूली की तरह काटा और अफगानिस्तान पर अधिकार कर लिया।
हजारों मुस्लिमों को बंदी बनाकर एक बाड़े में रोक दिया कि कल इन सबको काट देंगे ताकि फिर ना रहेगा
बांस ना बजेगी बांसुरी।
उनकी बीवियां आकर रोने लगीं, उनकी जान बख्शने की विनती करने लगी, हिन्दू धर्म का वास्ता देने लगी।
आखिर नारी जाति को रोते देख हरी सिंह नलवा जी का हृदय पसीज गया और उन्होंने कहा कि ठीक है कल आप बाड़े के सामने एक एक सलवार ले कर पहुँच जाना, जिसका पति सलवार
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29 Nov
कॉरपोरेट_मिशनरी

बहुत ही ज्वलंत और चिंताजनक मुद्दा है यह क्या आप जानते है? भारत में सबसे बड़ा कॉर्पोरेट कौन है?🙄🤔

टाटा ? नहीं।
अम्बानी ? नहीं।
अदानी ? नहीं।
चौंकिए मत और आगे पढ़िए।

3,00,000 लाख करोड़ सम्पति वाला कोई और नहीं यह है , The_Syro_Malabar_Church_केरल।

इसका
10000 से ज्यादा संस्थानों पर कण्ट्रोल है और इसकी अन्य बहुत सी सहायक ऑर्गेनाइजेशन्स भी हैं।

मेरी समझ में यह एक ऐसा छद्म बिज़नेस ऑर्गेनाइजेशन है, जो सम्पत्ति के मामले में भारत में टाटा, अम्बानी आदि का मुकाबला करने में सक्षम है। ये सारे औद्योगिक घराने इसके आसपास भी नहीं हैं।
यकीन नहीं हो रहा है ना ,?
तो ठीक है,ये आंकडे देखिए।

इनके अधीन
👉9000 प्रीस्ट
👉37000 नन
👉50 लाख चर्च मेम्बर
👉34 Dioceses
👉3763 चर्च
👉71 पादरी शिक्षा संस्थान
👉4860 शिक्षा संस्थान
👉2614 हॉस्पिटल्स और क्लिनिक
👉77 ईसाई शिक्षा संस्थान

कुल मिलकर 11000 छोटे बड़े संस्थान।
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28 Nov
अफवाह नहीं सच्चाई है....यह !
300 करोड़ की लागत से फ़िल्म 'महाभारत 2020' की शूटिंग प्रारम्भ हो चुकी है. फ़िल्म का प्रोड्यूसर अर्थात मालिक... आमिर खान है ! फ़िल्म की मुख्य-मुख्य कास्टिंग इस प्रकार है :-
भगवान कृष्ण..... आमिरखान
द्रौपदी - दीपिका पादुकोण
युधिष्ठिर -अर्जुन रामपाल
अर्जुन - फरहान खान
भीष्म -अमिताभ बच्चन

सुना है कि सैफ अली खान और इमरान हाशमी भी साइन किये गए हैं(Not confirmed)...

किसी को भारत में डर लगता है, कोई घोर नशेडिन है.अभी NCB में फिर बुलाई जाएगी ! अर्जुन रामपाल अपने से 30 साल छोटी बालिका को पत्नी के रूप में रखते हैं.उनके साले
अर्थात सैम्युअल को NCB ने सुशांत केस में जेल में डाला हुआ है ... फरहान खान... जावेद अख्तर के पुत्र है... शाहीनबाग के समर्थन में मुम्बई की सड़कों पर उतरते हैं....

बचे भीष्म अर्थात अमिताभ बच्चन, तो उनकी और उनकी पत्नी की तो जितनी तारीफ की जाए सो कम है. सुशांत मरे या दिशा सालियान.
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28 Nov
#गुलामी_की_खूँटिया

एक अंधेरी रात में एक काफिला एक रेगिस्तानी सराय में जाकर ठहरा। उस काफिले के पास सौ ऊंट थे। उन्होंने खूंटियां गाड़कर ऊंट बांधे, किंतु अंत में पाया कि एक ऊंट अनबंधा रह गया है। उनकी एक खूंटी और रस्सी कहीं खो गई थी। अब आधी रात वे कहां खूंटी-रस्सी लेने
जाएं!
काफिले के सरदार ने सराय मालिक को उठाया - "बड़ी कृपा होगी यदि एक खूंटी और रस्सी हमें मिल जाती। 99 ऊंट बंध गए, एक रह गया–अंधेरी रात है, वह कहीं भटक सकता है।"

बूढ़ा बोला- मेरे पास न तो रस्सी है, और न खूंटी, किंतु 1 युक्ति है। जाओ और खूंटी गाड़ने का नाटक करो और ऊंट
को कह दो–सो जाए।

सरदार बोला- अरे, कैसा पागलपन है??

बूढ़ा बोला-" बड़े नासमझ हो, ऐसी खूंटियां भी गाड़ी जा सकती हैं जो न हों, और ऐसी रस्सियां भी बांधी जा सकती हैं जिनका कोई अस्तित्व न हो। अंधेरी रात है, आदमी धोखा खा जाता है, ये तो एक ऊंट है?"

विश्वास तो नहीं था किंतु
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27 Nov
27 नवम्बर/इतिहास-स्मृति
कोटली के अमर बलिदानी

‘हंस के लिया है पाकिस्तान, लड़ के लेंगे हिन्दुस्तान’ की पूर्ति के लिए नवनिर्मित पाकिस्तान ने 1947 में ही कश्मीर पर हमला कर दिया। देश रक्षा के दीवाने संघ के स्वयंसेवकों ने उनका प्रबल प्रतिकार किया। उन्होंने भारतीय सेना, शासन तथा जम्मू- Image
कश्मीर के महाराजा हरिसिंह को इन षड्यन्त्रों की समय पर सूचना दी। इस गाथा का एक अमर अध्याय 27 नवम्बर, 1948 को कोटली में लिखा गया, जो इस समय पाक अधिकृत कश्मीर में है।

युद्ध के समय भारतीय वायुयानों द्वारा फेंकी गयी गोला-बारूद की कुछ पेटियां शत्रु सेना के पास जा गिरीं। उन्हें उठाकर
लाने में बहुत जोखिम था। वहां नियुक्त कमांडर अपने सैनिकों को गंवाना नहीं चाहते थे, अतः उन्होंने संघ कार्यालय में सम्पर्क किया। उन दिनों स्थानीय पंजाब नैशनल बैंक के प्रबंधक श्री चंद्रप्रकाश कोटली में नगर कार्यवाह थे। उन्होंने कमांडर से पूछा कि कितने जवान चाहिए ? कमांडर ने कहा - आठ
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