ऐसे में मोदी और #अमित_शाह ने षड्यंत्र रचा कि इस समस्या से निपटने का एक ही रास्ता है और वो रास्ता है हिन्दू वोटों का #ध्रुवीकरण किया जाए और किसी तरह अपने आपको #हिन्दू सम्राट घोषित किया जाए।
सन् 2002 में कहीं कोई हिंदु बनाम मुस्लिम का #माहौल नहीं था न ही राम मंदिर का कोई मुद्दा था
लेकिन अचानक गोधरा में एक ट्रेन जलती है जिसमें लगभग 69 हिन्दू #जलाए जाते हैं, पूरे देश के हिंदुओं में जबरदस्त आक्रोश होता है इस ट्रेन को जलाने का आरोप मुस्लिमों पर लगाया जाता है, फिर मोदी के इशारे पर #अहमदाबाद में मुस्लिमों पर #कट्टरपंथी भाजपाई गुंडों द्वारा हमला होता है।
लगभग 3000 मुस्लिमों की हत्या होती है। जिसमें बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग होते हैं। कुछ आई पी एस अधिकारी मोदी के इस षड्यंत्र की #खिलाफत करते हैं, उन्हें नौकरी से निकाला जाता है। एक अधिकारी #संजीव_भट्ट को तो एक झूठे आरोप में जेल भेजा भेज दिया गया है जिसकी जमानत नही होने दी जा रही है।🔥
नरेंद्र मोदी के गोधरा षड्यंत्र की खबर तत्कालीन #गृहमंत्री हरेन पंड्या को होती है। वो विरोध दर्ज कराते हैं और मोदी को 69 हिन्दुओ तथा 3000 मुस्लिमों की हत्या का जिम्मेदार ठहरा कर, मोदी के षड्यंत्र को #सार्वजनिक करने की बात करते हैं तो अचानक #मॉर्निंग वॉक पर गुजरात के गृहमंत्री....
हरेन पंड्या की हत्या हो जाती है, हरेन पंड्या की पत्नी और मां पंड्या की हत्या का #आरोप मोदी पर लगाते हैं। 🔥
क़ातिल पकड़े नहीं जाते हैं। वस्तुतः कत्ल की सुपारी #सोहराबुद्दीन शेख जो कि उदयपुर का #हिस्ट्रीशीटर था को दी गई थी। सोहराबुद्दीन शेख इस मामले में संबधित लोगों से ........
मोटी रकम वसूल करता है, लेकिन मोदी गैंग को डर होता है कि कहीं सोहराबुद्दीन असलियत बयान ना कर दे या पंड्या की हत्या के आरोप में गिरफ्तार ना हो जाए, इस डर से सोहराबुद्दीन शेख़ का #एनकाऊंटर कराया जाता है। लेकिन इस षड्यंत्र की जानकारी सोहराबुद्दीन के दोस्त #तुलसी प्रजापति और
सोहराबुद्दीन की पत्नी #कौसर बी के पास होती है तो फिर तुलसी प्रजापति का एनकाऊंटर होता है और कौसर बी को जला कर मार दिया जाता है। 🔥
#सुप्रीम कोर्ट को सबकुछ गड़बड़ लगती है तो वो सोहराबुद्दीन मामले की ट्रायल महाराष्ट्र शिफ्ट कर देते हैं वहां सुनवाई कर रहे #जस्टिस लोया को मैनेज करने
का प्रयास किया जाता है, उसे हाईकोर्ट के जज शाह द्वारा 100 करोड़ का ऑफर दिया जाता है जिसे वो ठुकरा देता है क्योंकि लोया ईमानदार थे साथ इस ट्रायल पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी थी। जस्टिस लोया पंद्रह बीस दिन बाद #निर्णय सुनाने जा रहे थे कि उनकी #संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यू हो गयी,
और वे दो वकील जिनसे लोया की बहुत नजदीकी थी, उन दोनों वकीलों की भी संदिग्ध अवस्था में मृत्यु हो जाती है। 🔥
जस्टिस लोया की जगह जो जज आता है वो पंद्रह दिन में ही पांच हजार फाइल की #चार्ज शीट के बावजूद मोदी और अमित शाह को #क्लीन चिट दे देता है।
यह सारी #हकीकत गोधरा कांड की है।🔥
Note.... रिपोर्ट में कहा गया है के दरवाजा बाहर से लॉक करके आग लगाई गई
जबकि कोइ भी ट्रेन में बाहर से लॉक नही होता जो ट्रैन जली उसका गेट अंदर से ही लॉक था....🤔