कोंग्रेस के जमाने मे छुपायें हुऐ डॉक्यूमेंट
वीर सावरकर ने खुद के लिए माफी नही ब्लकि सारे कैदियों के लिए दया याचिका मांगी थी : (सबूतों में )
झूठ की फैक्ट्री चलानेवाले अपनी आदत के मुताबिक बढ़ा-चढ़ा कर झुठ फैलाने में बेदम है।
बार-बार हर बार साजिश के तहत यह झुठ फैलाया जाता है, कि कालापानी जैसे सजा काटनेवाले महान स्वतंत्र सेनानी वीर सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी। जबकि सच्चाई यह है, वीर सावरकर ने अपने लिए नही, ब्लकि अंडमान जेल में बंद सारे कैदियों के लिए माफी मांगी थी। @Rishabh04765794@Bhgwa2020
मटमैला रंग का दस्तावेज का जो पीडीएफ फोटो है, वह पुरी तरह से असली है, जो संकेत कुलकर्णी ने लंदन से प्राप्त की है। उसे आप स्वयं पढ़ सकते हैं, जिसमें वह साफ शब्दों में अंडमान जेल के सारे कैदियों के लिए दया याचिका की मांग कर रहे हैं। @VoiceOfMahakal
अब आप कहेगें कि सावरकर जी ने सारे कैदियों के लिए माफी याचिका क्यों मांगी थी। तो इसके लिए आपको वीर सावरकर के लिखी अंग्रेजी में एक किताब पढ़ना होगा, उस किताब का नाम है "My Transporation Life"। उस किताब में टोटल 307 पेज है। यदि आपके पास पुरी किताब पढ़ने का समय नही है तो मत पढ़ीए।
लेकिन इस किताब के पेज नम्बर 69,219,220 और 221 पढ़ने लायक है। मूल रुप से यह पुस्तक मराठी भाषा में थी, जिसे अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है।
खैर, सावरकर साहब को सारे कैदियों के लिए माफी की जरुरत क्यों पड़ गई थी? तो इसका उत्तर यह किताब देता है, कि... @maratha_voice @Arawn_scilla
इंदू भुषण नामक कैदी के आत्महत्या से वे इतने दुखी हो गये थे, कि उन्होनें सारे कैदियों के लिए माफी याचिका लिख डाली थी। आप इसका बिवरण इस पुस्तक के 'Indu had hanged himself last night' मे पढ़ सकते है।
वीर सावरकर ने एक जगह खुद लिखा है कि मैं एक बैरिस्टर होकर ऐसी गलती कैसे कर सकता था?
यदि मैं पत्र लिखता तो अनेक अंग्रेज अफसरों के हाथों में जाती और वें इसे या तो दबा लेते, नही तो फाड़ देते। क्योंकी अंडमान का कालापानी के सजा मानवाधिकार के खिलाफ था और उन्हें लज्जित होना पड़ता। अब ज्यादा नही लिखुंगा। यह पुस्तक आपको Pdf में गुगल पर उपलब्ध है। @BishtRiteshS@OmKirti
इसे डाउनलोड कर सभी पढ़ सकते हैं। खैर, इस लेख में जो फोटो है, उसमें अंडरलाइन किए हुए शब्दों को पढ़ लिजीए। सावरकर साहब ने अपने लिए नही, ब्लकि अंडमान जेल में बंद सारे कैदियों के लिए माफी याचिका भेजी थी। @LataSha04372969 @Pratap438@DevrajT03908416@sonamsa4
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साल की सबसे बड़ी खबर...एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाज़े गिरफ्तार
- साध्वी प्रज्ञा को पीटनेवाला... अर्णब को गिरफ्तार करनेवाला... अंबानी के घर के बाहर गाड़ी में जिलेटिन रखवानेवाला एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाजे को NIA ने गिरफ्तार कर लिया।
- 1990 के दशक मे 63 एनकाउंटर करनेवाले सचिन वाजे को NIA ने कल देर रात गिरफ्तार कर लिया है। सचिन वाजे ने पूछताछ में ये स्वीकार कर लिया है कि मुंबई मे एंटीलिया हाउस यानी मुकेश अंबानी के घर के बाहर मनसुख हीरेन की SUV और उसमें जिलेटिन सचिन वाजे ने ही रखवाए थे। @ApJain9 @jalimpatrakar
- अब ये पूरा मामला धीरे धीरे खुलना शुरू हो गया है।दरअसल सचिन वाजे और मनसुख हीरेन (जिसकी गाड़ी अंबानी के घऱ के बाहर मिली) एक ही कॉलोनी मे पासपास ही रहते थे।
- ढाई महीने पहले मनसुख हीरेन से सचिन वाजे ने गाड़ी ले ली थी।बाद मे कुछ दिन पहले दोबारा मनसुख हीरेन को गाड़ी वापस कर दी थी।
जो लोग अपने रिश्तेदारों तक के अपने घर में रुकने पर नाक सिकोड़ लेते हैं, जो लोग तपती गर्मी में अपने दरवाजे पर सामान डिलीवर करने आए कुरियर बॉय को सम्मानपूर्वक बैठाकर एक गिलास पानी तक नहीं पिलाते, और तेज बारिश के समय यदि कोई इनके घर की आड़ लेकर बारिश से बचने का प्रयास करे...
तो दरवान से खदेड़कर भगाए जाते हैं,
आज वही संभ्रांत प्रगतिशील बुद्धिजीवी वोक लिब्रल म्यानमार में सैकड़ों निर्दोषों का जनसंहार कर भागे 40,000 रोहिंज्ञाओं को डिपोर्ट किये जाने का विरोध कर उन्हें मानवता के आधार पर भारत में बसाने की दलीलें दे रहे है.. @BishtRiteshS@MadangopalMish7
⛔जबकि म्यांमार में इन्ही रोहिंज्ञाओं द्वारा बर्बरतापूर्वक मारे गए हिंदुओं की सामूहिक कब्रें आजतक मिल रही हैं, और इनके द्वारा रेप व् धर्मपरिवर्तन का शिकार हुई हिन्दू महिलाएं मीडिया के सामने इनके अत्याचार की कहानी विश्व के समक्ष रख चुकी हैं।
1.तमसा नदी : अयोध्या से 20 किमी दूर है तमसा नदी। यहां पर प्रभु रामजी नाव से नदी पार की।
2.श्रृंगवेरपुर तीर्थ : प्रयागराज से 20-22 किलोमीटर दूर वे श्रृंगवेरपुर पहुंचे, जो निषादराज गुह का राज्य था। यहीं पर गंगा के तट पर उन्होंने केवट से गंगा पार करने को कहा था।
श्रृंगवेरपुर को वर्तमान में सिंगरौर कहा जाता है।
3.कुरई गांव : सिंगरौर में गंगा पार कर श्रीराम कुरई में रुके थे।
4.प्रयाग: कुरई से आगे चलकर श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सहित प्रयाग पहुंचे थे। कुछ महीने पहले तक प्रयाग को इलाहाबाद कहा जाता था। @Pratap438@Krishna18376061
5.चित्रकूट : प्रभु श्रीराम ने प्रयाग संगम के समीप यमुना नदी को पार किया और फिर पहुंच गए चित्रकूट। चित्रकूट वह स्थान है,जहां राम को मनाने के लिए भरत अपनी सेना के साथ पहुंचते है,तब जब दशरथ का देहांत हो जाता है। भारत यहां से राम की चरण पादुका लेकर उनकी चरण पादुका रखकर राज्य करते है।
2 दिन, बस #दो_दिन इंतजार कीजिए। 2 दिन में एक बाढ़, एक सुनामी आनेवाली है!
चारों तरफ एक मातम पसरनेवाला है!
आपको चारो ओर रूदाली चीख चीत्कार सुनाई देगी और यह रूदाली कोई आम रुलाई नहीं होगी...
ना, बिल्कुल ना....!!!