जब देश मे प्रोपोगंडा का पागलपन छाया था और "सच्चे विपक्ष" की भूमिका निभा रहे गोदीमीडिया ने लोकपाल के विरोधी मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी का चारों पहर लगातार मीडिया ने साज़िशन ट्रायल किया था,तब भी मैं इस विवेकानंद फाउंडेशन,अन्ना और रामदेव गैंग के झांसे में नहीँ आया था..!! 1/2
दोस्तों और रिश्तेदारों से बहस होना शुरू हो चुकी थी,
"पप्पू" का नामकरण हो चुका था,
लेकिन मेरे द्वारा पढा गया और सुना गया इतिहास मुझे बताता था कि ये "गाँधीवादी" नहीं , हजारे दलाल है,जो हर बात पर महाराष्ट्र में डायलॉग मारता था कि मैंने तीन विकेट ले ली...
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(काँग्रेस एनसीपी गठबंधन के मंत्रियों का इस्तीफा)
गाँधी जी ने न कभी अपने गोल गिनाए , न विकेट, न स्कोर...!
तभी से इसकी आत्ममुग्धता को समझता था,
मोदी ने इसके द्वारा तैयार किये गये मंच पर अपनी कुर्सी जमा ली लेकिन मोदी से हमेशा नापसंदगी का कारण था,उसकी घृणा की राजनीति...
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और उसके शिकार बनते जा रहे अपने मित्रों और रिश्तेदारों को ज़ोम्बियों की शक्ल में देखकर मोदी के प्रति नापसन्दगी बढ़ती जा रही थी,
काँग्रेस की दयनीय स्थिति देखकर उस समय उम्मीद नीतिश कुमार से उम्मीद बंधी,अपनी विचारधारा के लगे...!!
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बिहार विधानसभा में जीत के बाद यूपीए का नेतृत्व नीतीश कुमार के हाथों में आये ऐसी इच्छा भी थी,
केजरीवाल भी उम्मीद दे रहे थे नफ़रत वाली विचारधारा के ख़िलाफ़ उम्मीद थे
लेकिन "न शा" के पास सबकी एक से एक कमज़ोरी पड़ी है,
नीतीश सरेंडर, केजरीवाल दिल्ली में बन्द...!!
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सपा बसपा ठस्पा चस्पा सब गायब,
अब सबको ममता में दुर्गा दिख रही है😀
आओ नेतृत्व करो,थोड़े दिन रुक जाइये... नारी शक्ति फलाना शक्ति मायावती जयललिता भी थी,
जिसने भी झोल झाल किया है,"न शा" जब चाहेंगे इनको Tame कर लेंगे,
सोचिए आज तक सिर्फ़ 1आदमी को नहीं क़स पाए वह हैं @RahulGandhi
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राहुल गाँधी को क्यों?
अगर 0.001% कमज़ोरी पा गए होते तो आज @RahulGandhi को ये छोड़ते.?
बाकी मज़ाक उड़ाना हो,अपमानित करवाना हो, मिम्स बनवाना हो तो पप्पू जिंदाबाद,
इसलिए अगर "न शा" और संघ से मुक्ति पानी हो तो रोज नया नया नायक मत बनाओ.
पूरी ताकत से सिर्फ राहुल गाँधी को समर्थन दो...!!
इस ट्वीट के सार यही हैं कि ममता ममता, केजरी केजरी करना छोड़िए, क्योंकि यह सब मोदी-ममता-केजरी एक ही माला की मणि है इनका PR प्रमोशन कम्पनी एक है, बस समय के हिसाब से ये अपने मोहरे को आगे पीछे कर रहे हैं, अतः काँग्रेस पर भरोसा करें, जमकर एकमुश्त वोट कीजिये तो EVM फ़्रॉड भी नही होगा..
"जब चुना है उसे क़त्ल-ए-आम का हुनर देखकर,तो मायूस क्यों हो लाशों का शहर देखकर"
व्हाट्सएप्प ग्रुपों में भाजपा के समर्थक, ध्यान रखिये भाजपा के समर्थक लिखा है जनता के समर्थक नहीं तुरंत से लिख रहे हैं नेगेटिव न्यूज न डालो,मृत्यु के आंकड़े न बताओ,ऑक्सीजन की कमी के आंकड़े न बताओ... 1/2
तड़प तड़प के मरीज मर रहे हैं ये न बताओ,
केवल और केवल पॉजिटिव न्यूज डालो,
असल में इसके पीछे उनका मनोविज्ञान है कि जनता मरे तो मरे लेकिन ये न्यूज दबनी चाहिए,
मोदी की इमेज मैनेजमेंट पर कोई खरोंच नहीं आनी चाहिए उन्हें जनता के परिवार के सदस्यों को खोने की कतई चिंता नहीं है...! 1/3
इन्हें भाजपा के वोट खोने की चिंता है,
उन्हें चिंता है कि न्यूट्रल लोग जो प्रोग्रसिव लोग मीडिया द्वारा झूठ मूठ की गढ़ी गयी मोदी की विकास वाली इमेज से प्रभावित होकर भाजपा को वोट डालते थे कहीं वो छिटक न जाएं ये मोदी का मिसमेंजमेंट देखकर.
युद्धस्तर पर पूरी की पूरी ताकत जनता की... 1/4