कैसे बनायी भारत ने देश में ही कोरोना की वैक्सीन?
आइये जानते हैं वो कहानी जो है संघर्ष, दूरदृष्टि, देशभक्ति और जनसेवा का अनुकरणीय उदाहरण (अंत तक अवश्य पढ़िए, बहुत कुछ पता लगेगा)
अप्रैल 2020 में ही मोदी सरकार ने वैक्सीन के लिए टास्क फ़ोर्स का गठन कर दिया था ताकि जल्द से जल्द भारत वासियों को वैक्सीन मिल सके
5 मई 2020 को वैक्सीन टास्क फ़ोर्स की मीटिंग हो चुकी थी और भारत में ही वैक्सीन निर्माण सम्बन्धी सारी बाधाओं को हटाने का काम पूर्ण हो चुका था, कच्चे माल और जरुरी नियमों के पालन के लिए दुसरे राष्ट्रों और वैश्विक संस्थाओं से बातचीत शुरू हो चुकी थी
अप्रूवल या अन्य कोई बाधाएं वैक्सीन के रिसर्च और उत्पादन में कोई रोड़ा ना डाल सकें, उसके लिए पूरा सिस्टम दुरुस्त किया गया और वैक्सीन उत्पादक और रिसर्च करने वाली कम्पनियों की सारी परेशानियों को दूर करने के लिए मोदी ने सब कुछ सीधा अपनी ही देख रेख में ले लिया
140 करोड़ की जनसँख्या वाले इतने बड़े देश में वैक्सीन की पहुँच हर व्यक्ति को हो, इसके लिए 30 जून 2020 को ही प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति ने जनता को वैक्सीन लगाने सम्बन्धी प्रक्रिया, टेक्नोलॉजी इत्यादी पर विचार विमर्श शुरू कर दिया
इसके लिए निर्णय लिया गया कि कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिस और सेना के जवानो, अन्य फ्रंट लाइन कर्मचारी और बुजुर्गो को है, अतः उनको प्राथमिकता देते हुए टीकाकरण का प्लान बनाया जाए
इसके अलावा ये भी निर्णय लिया गया कि इस देश का कोई भी नागरिक, किसी भी राज्य में अपना टीकाकरण करवा सकता है
ये भी निर्णय किया गया कि उत्पादन से लेकर प्रत्येक भारतीय के टीकाकरण की निगरानी के लिए technology का प्रयोग किया जाएगा. CoWIN एप्प की उत्पत्ति इसी के चलते हुई
.....और याद रहे, अभी तो सिर्फ वैक्सीन पर रिसर्च ही चल रही थी, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी वैक्सीन के आने की प्रतीक्षा नहीं कर रहे थे, वो वैक्सीन हर भारतीय तक कैसे पहुंचे इसके प्लान पर काम शुरू कर चुके थे
जून 2020 का महीना और वैक्सीन के प्रोडक्शन और रेसेराच सम्बंधित साड़ी तैयारी पूरी हो चुकी थी, लेकिन अभी भी टेस्ट और ट्रायल्स का काम बाकी था. उसके बाद ही वैक्सीन देश और दुनिया को उपलब्ध हो सकती थी
जिस समय देश के वैज्ञानिक और प्रधानमंत्री, देश के नागरिको के लिए वैक्सीन बनाने के काम पर पूरी तन्मयता और लगन से जुटे हुए थे, देश का मीडिया भारतीय वैक्सीन के विरुद्ध दुष्प्रचार प्रारंभ कर चुका था
12 अगस्त 2020, नमो ने नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर COVID-19 (NEGVAC) का गठन किया
वैक्सीन को देश के हर नागरिक तक पहुंचाने के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, सप्लाई चेन के लिए पूरा विचार विमर्श हुआ और भविष्य की रूपरेखा तैयार की गयी pib.gov.in/PressReleasePa…
27 सितम्बर 2020 का दिन, वैश्विक सहयोग और भारत की वैज्ञानिक क्षमता के साथ देश और विश्व को इस महामारी से उबारने के लिए आगे की रूप रेखा पूरी तरह से तैयार थी
15 अक्टूबर 2020, थोक में वैक्सीन की खरीद, सप्लाई चेन और उसके उपकरण की खरीद और उपयोग का पूरा प्लान तैयार हो चूका था. इसके साथ ही केंद्र सरकार किस तरह से वैक्सीन बनाने वाली कम्पनियों को सहयोग आगे बढ़ाएगी, उसकी भी आगे की रूपरेखा निर्धारित हुई
17 अक्टूबर 2020 को कोल्ड स्टोरेज चेन, वितरण नेटवर्क और प्रणाली, मोनिटरिंग कार्यप्रणाली एडवांस असेसमेंट और अन्य उपकरणों की जरुरत के हिसाब से खरीद और उपयोग के लिए विचार विमर्श हुआ
28 नवम्बर 2020, प्रधानमंत्री मोदी स्वयं भारत में बनने वाली तीनों वैक्सीन के प्लांट पहुंचे और स्वयं हर तैयारी का निरीक्षण किया और जायजा लिया, उनके वहां पहुँचने से रात दिन म्हणत कर रहे हमारे वैज्ञानिको में एक नयी उत्साह का संचार हुआ
दिसंबर 2020 से जनवरी 2021, वैक्सीन और उससे सम्बंधित सप्लाई चेन और अन्य उपकरणों को विस्तार से ड्राई रन किया गया
3 जनवरी 2021 का दिन और भारत को मिली एक साथ 2 वैक्सीन. सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन
16 जनवरी 2021, विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान प्रारंभ हुआ, प्राथमिकता दि गयी स्वास्थ्यकर्मियो, पुलिस और आर्मी वालो एवं अधिक आयु के भारतीयों को
पर एक प्रश्न अभी भी रह जाता है, क्या हम बाहर से वैक्सीन खरीद कर नहीं लगा सकते थे?
आप स्वयं सोचिये, क्या 140 करोड़ भारतीयों को बाहर से अत्यंत ही महंगी वैक्सीन खरीद कर लगवाना प्रारंभ किया तो ना तो हम तेजी से टीकाकरण कर पाते और ना ही उससे होने वाले खर्च को बर्दाश्त कर पाते.
ये भी याद रखिये, भारत विश्व की सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है, और हर राष्ट्र हमको किसी ना किसी तरह बर्बाद करना चाहता है|
विदेशी वैक्सीन और ग्लोबल फार्मा माफिया तो इसी ताक में बैठा था कि बस किसी तरह भारत और भारतीयों को बर्बाद किया जाए, वो हमारे साथ वही कर सकते थे जो उन्होंने अर्जेंटीना और ब्राज़ील के साथ किया. उन्होंने उन राष्ट्रों की सरकारी प्रॉपर्टी और मिलिट्री बेस ही गिरवी रखने की कोशिश करी.
जिस देश ने इसके लिए हामी नहीं भरी, वो आज भी वैक्सीन के लिए संघर्ष कर रहा है
यहाँ पढ़िए wionews.com/world/how-pfiz…
अब सोचिये, क्या ये प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता और हमारे वैज्ञानिको के अथक परिश्रम का ही परिणाम था कि आज हमको कोई भी राष्ट्र वैक्सीन के नाम पर मजबूर नहीं कर सकता क्यूंकि उनको पता है कि भारत के पास अपनी खुद की वैक्सीन है
एक और बात, क्या आप जानते हैं, हमारे देश का विपक्ष्, मीडिया और एजेंडा फैलाने वालों का वैक्सीन और भारतीयों के टीकाकरण में क्या योगदान है?
1260 मीडिया आर्टिकल, वैक्सीन के विरुद्ध दुष्प्रचार के लिए
139 विपक्षी नेताओं ने जनता को वैक्सीन के विरुद्ध भड़काया
265 एनजीओ ने वैक्सीन के विरुद्ध आवाज़ बुलंद की
342 वैक्सीन विरोधी कार्टून छापे गए और लोगों को वैक्सीन ना लगवाने के लिए प्रेरित किया गया newsbred.com/article/from-b…
इस देश की समझदार जनता होने के नाते अब आपको सब देखना और समझना है, जय हिन्द!!
Jul'21 तक के लिए 51.6 करोड़ Covid-19 वैक्सीन प्रोक्योर कर ली गई हैं और उसके अलावा Aug'21 से Dec'21 के बीच भारत में 216 करोड़ वैक्सीन का उत्पादन होगा और करीब 200 करोड़ उपलब्ध होंगी। अर्थात Dec21 तक 251.6 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन जनता को उपलब्ध करवा दी जाएँगी
On #COVID crisis, Narendra Modi is completely exposed because he is not :
Modi is not saying publicly that as per constitution, healthcare is a state subject and ICU beds, Medicines, Ventilators, Hospitals etc were states' responsibility? Instead, he is himself trying to cover up for their failures because he wants to save Indians
Modi is not saying that Police is under control of States and proper implementation of Lockdown as well as stoppage of black marketing is also under the control of States?
Police used tear gas shells after isolated incidents of scuffle between protestors and police took place at Sanjay Gandhi Transport Nagar and protestors took over a police vehicle
ट्रैक्टर मार्च हुआ उग्र, अक्षरधाम से पहले NH 24 पर किसानों ने पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेड्स तोड़े
Dear @narendramodi@PMOIndia Please treat it as a complaint. 1. Govt says no tkt counter is open 2. People were asked to buy ticket and then allowed 3. Ideally the message coming from swamy should have come from @RailMinIndia@PiyushGoyal@PiyushGoyalOffc 4. Now Check the hindu
Whatever Drama Sonia Gandhi is doing. Indian govt Ministries have allowed it to happen. Check the images and you will know ..
Dear @narendramodi@RailMinIndia See line mentioned in point 11(c). Now railways didnt get a single rupee, state govt collected the money but abuses are for modi govt. Sonia is refunding now. Babu log duba denge sarkar ko @PiyushGoyal@PiyushGoyalOffc